सोमवार, अगस्त 29, 2011

जन गण मन का इतिहास-

जन गण मन का इतिहास-

Vibhor Gupta
सन 1911 तक भारत की राजधानी बंगाल हुआ करता था। सन 1905 में जब बंगाल विभाजन को
लेकर अंग्रेजो के खिलाफ बंग-भंग आन्दोलन के विरोध में बंगाल के लोग उठ खड़े हुए
तो अंग्रेजो ने अपने आपको बचाने के लिए के कलकत्ता से हटाकर राजधानी को दिल्ली
ले गए और 1911 में दिल्ली को राजधानी घोषित कर दिया। पूरे भारत में उस समय लोग
विद्रोह से भरे हुए थे तो अंग्रेजो ने अपने इंग्लॅण्ड के राजा को भारत आमंत्रित
किया ताकि लोग शांत हो जाये। इंग्लैंड का राजा जोर्ज पंचम 1911 में भारत में
आया। रविंद्रनाथ टैगोर पर दबाव बनाया गया कि तुम्हे एक गीत जोर्ज पंचम के
स्वागत में लिखना ही होगा।
उस समय टैगोर का परिवार अंग्रेजों के काफी नजदीक हुआ करता था, उनके परिवार के
बहुत से लोग ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे, उनके बड़े भाई
अवनींद्र नाथ टैगोर बहुत दिनों तक ईस्ट इंडिया कंपनी के कलकत्ता डिविजन के
निदेशक (Director) रहे। उनके परिवार का बहुत पैसा ईस्ट इंडिया कंपनी में लगा
हुआ था। और खुद रविन्द्र नाथ टैगोर की बहुत सहानुभूति थी अंग्रेजों के लिए।
रविंद्रनाथ टैगोर ने मन से या बेमन से जो गीत लिखा उसके बोल है "जन गण मन
अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता"। इस गीत के सारे के सारे शब्दों में अंग्रेजी
राजा जोर्ज पंचम का गुणगान है, जिसका अर्थ समझने पर पता लगेगा कि ये तो हकीक़त
में ही अंग्रेजो की खुशामद में लिखा गया था।
इस राष्ट्रगान का अर्थ कुछ इस तरह से होता है "भारत के नागरिक, भारत की जनता
अपने मन से आपको भारत का भाग्य विधाता समझती है और मानती है। हे अधिनायक
(Superhero) तुम्ही भारत के भाग्य विधाता हो। तुम्हारी जय हो ! जय हो ! जय हो !
तुम्हारे भारत आने से सभी प्रान्त पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा मतलब महारास्त्र,
द्रविड़ मतलब दक्षिण भारत, उत्कल मतलब उड़ीसा, बंगाल आदि और जितनी भी नदिया
जैसे यमुना और गंगा ये सभी हर्षित है, खुश है, प्रसन्न है , तुम्हारा नाम लेकर
ही हम जागते है और तुम्हारे नाम का आशीर्वाद चाहते है। तुम्हारी ही हम गाथा
गाते है। हे भारत के भाग्य विधाता (सुपर हीरो ) तुम्हारी जय हो जय हो जय हो। "
जोर्ज पंचम भारत आया 1911 में और उसके स्वागत में ये गीत गाया गया। जब वो
इंग्लैंड चला गया तो उसने उस जन गण मन का अंग्रेजी में अनुवाद करवाया। क्योंकि
जब भारत में उसका इस गीत से स्वागत हुआ था तब उसके समझ में नहीं आया था कि ये
गीत क्यों गाया गया और इसका अर्थ क्या है। जब अंग्रेजी अनुवाद उसने सुना तो वह
बोला कि इतना सम्मान और इतनी खुशामद तो मेरी आज तक इंग्लॅण्ड में भी किसी ने
नहीं की। वह बहुत खुश हुआ। उसने आदेश दिया कि जिसने भी ये गीत उसके (जोर्ज पंचम
के) लिए लिखा है उसे इंग्लैंड बुलाया जाये। रविन्द्र नाथ टैगोर इंग्लैंड गए।
जोर्ज पंचम उस समय नोबल पुरस्कार समिति का अध्यक्ष भी था।
उसने रविन्द्र नाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया। तो
रविन्द्र नाथ टैगोर ने इस नोबल पुरस्कार को लेने से मना कर दिया। क्यों कि
गाँधी जी ने बहुत बुरी तरह से रविन्द्रनाथ टेगोर को उनके इस गीत के लिए खूब
डांटा था। टैगोर ने कहा की आप मुझे नोबल पुरस्कार देना ही चाहते हैं तो मैंने
एक गीतांजलि नामक रचना लिखी है उस पर मुझे दे दो लेकिन इस गीत के नाम पर मत दो
और यही प्रचारित किया जाये क़ि मुझे जो नोबेल पुरस्कार दिया गया है वो गीतांजलि
नामक रचना के ऊपर दिया गया है। जोर्ज पंचम मान गया और रविन्द्र नाथ टैगोर को सन
1913 में गीतांजलि नामक रचना के ऊपर नोबल पुरस्कार दिया गया।
रविन्द्र नाथ टैगोर की ये सहानुभूति ख़त्म हुई 1919 में जब जलिया वाला कांड हुआ
और गाँधी जी ने लगभग गाली की भाषा में उनको पत्र लिखा और कहा क़ि अभी भी
तुम्हारी आँखों से अंग्रेजियत का पर्दा नहीं उतरेगा तो कब उतरेगा, तुम
अंग्रेजों के इतने चाटुकार कैसे हो गए, तुम इनके इतने समर्थक कैसे हो गए ? फिर
गाँधी जी स्वयं रविन्द्र नाथ टैगोर से मिलने गए और बहुत जोर से डाटा कि अभी तक
तुम अंग्रेजो की अंध भक्ति में डूबे हुए हो ? तब जाकर रविंद्रनाथ टैगोर की नीद
खुली। इस काण्ड का टैगोर ने विरोध किया और नोबल पुरस्कार अंग्रेजी हुकूमत को
लौटा दिया। सन 1919 से पहले जितना कुछ भी रविन्द्र नाथ टैगोर ने लिखा वो
अंग्रेजी सरकार के पक्ष में था और 1919 के बाद उनके लेख कुछ कुछ अंग्रेजो के
खिलाफ होने लगे थे।
रविन्द्र नाथ टेगोर के बहनोई, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी लन्दन में रहते थे और ICS
ऑफिसर थे। अपने बहनोई को उन्होंने एक पत्र लिखा था (ये 1919 के बाद की घटना है)
। इसमें उन्होंने लिखा है कि ये गीत 'जन गण मन' अंग्रेजो के द्वारा मुझ पर दबाव
डलवाकर लिखवाया गया है। इसके शब्दों का अर्थ अच्छा नहीं है। इस गीत को नहीं
गाया जाये तो अच्छा है। लेकिन अंत में उन्होंने लिख दिया कि इस चिठ्ठी को किसी
को नहीं दिखाए क्योंकि मैं इसे सिर्फ आप तक सीमित रखना चाहता हूँ लेकिन जब कभी
मेरी म्रत्यु हो जाये तो सबको बता दे। 7 अगस्त 1941 को रबिन्द्र नाथ टैगोर की
मृत्यु के बाद इस पत्र को सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने ये पत्र सार्वजनिक किया, और
सारे देश को ये कहा क़ि ये जन गन मन गीत न गाया जाये।
1941 तक कांग्रेस पार्टी थोड़ी उभर चुकी थी। लेकिन वह दो खेमो में बट गई। जिसमे
एक खेमे के समर्थक बाल गंगाधर तिलक थे और दुसरे खेमे में मोती लाल नेहरु थे।
मतभेद था सरकार बनाने को लेकर। मोती लाल नेहरु चाहते थे कि स्वतंत्र भारत की
सरकार अंग्रेजो के साथ कोई संयोजक सरकार (Coalition Government) बने। जबकि
गंगाधर तिलक कहते थे कि अंग्रेजो के साथ मिलकर सरकार बनाना तो भारत के लोगों को
धोखा देना है। इस मतभेद के कारण लोकमान्य तिलक कांग्रेस से निकल गए और उन्होंने
गरम दल बनाया। कोंग्रेस के दो हिस्से हो गए। एक नरम दल और एक गरम दल।
गरम दल के नेता थे लोकमान्य तिलक जैसे क्रन्तिकारी। वे हर जगह वन्दे मातरम गाया
करते थे। और नरम दल के नेता थे मोती लाल नेहरु (यहाँ मैं स्पष्ट कर दूँ कि
गांधीजी उस समय तक कांग्रेस की आजीवन सदस्यता से इस्तीफा दे चुके थे, वो किसी
तरफ नहीं थे, लेकिन गाँधी जी दोनों पक्ष के लिए आदरणीय थे क्योंकि गाँधी जी देश
के लोगों के आदरणीय थे)। लेकिन नरम दल वाले ज्यादातर अंग्रेजो के साथ रहते थे।
उनके साथ रहना, उनको सुनना, उनकी बैठकों में शामिल होना। हर समय अंग्रेजो से
समझौते में रहते थे। वन्देमातरम से अंग्रेजो को बहुत चिढ होती थी। नरम दल वाले
गरम दल को चिढाने के लिए 1911 में लिखा गया गीत "जन गण मन" गाया करते थे और गरम
दल वाले "वन्दे मातरम"।
नरम दल वाले अंग्रेजों के समर्थक थे और अंग्रेजों को ये गीत पसंद नहीं था तो
अंग्रेजों के कहने पर नरम दल वालों ने उस समय एक हवा उड़ा दी कि मुसलमानों को
वन्दे मातरम नहीं गाना चाहिए क्यों कि इसमें बुतपरस्ती (मूर्ति पूजा) है। और आप
जानते है कि मुसलमान मूर्ति पूजा के कट्टर विरोधी है। उस समय मुस्लिम लीग भी बन
गई थी जिसके प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना थे। उन्होंने भी इसका विरोध करना शुरू
कर दिया क्योंकि जिन्ना भी देखने भर को (उस समय तक) भारतीय थे मन,कर्म और वचन
से अंग्रेज ही थे उन्होंने भी अंग्रेजों के इशारे पर ये कहना शुरू किया और
मुसलमानों को वन्दे मातरम गाने से मना कर दिया। जब भारत सन 1947 में स्वतंत्र
हो गया तो जवाहर लाल नेहरु ने इसमें राजनीति कर डाली। संविधान सभा की बहस चली।
संविधान सभा के 319 में से 318 सांसद ऐसे थे जिन्होंने बंकिम बाबु द्वारा लिखित
वन्देमातरम को राष्ट्र गान स्वीकार करने पर सहमति जताई।
बस एक सांसद ने इस प्रस्ताव को नहीं माना। और उस एक सांसद का नाम था पंडित
जवाहर लाल नेहरु। उनका तर्क था कि वन्दे मातरम गीत से मुसलमानों के दिल को चोट
पहुचती है इसलिए इसे नहीं गाना चाहिए (दरअसल इस गीत से मुसलमानों को नहीं
अंग्रेजों के दिल को चोट पहुंचती थी)। अब इस झगडे का फैसला कौन करे, तो वे
पहुचे गाँधी जी के पास। गाँधी जी ने कहा कि जन गन मन के पक्ष में तो मैं भी
नहीं हूँ और तुम (नेहरु ) वन्देमातरम के पक्ष में नहीं हो तो कोई तीसरा गीत
तैयार किया जाये। तो महात्मा गाँधी ने तीसरा विकल्प झंडा गान के रूप में दिया
"विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा"। लेकिन नेहरु जी उस पर भी
तैयार नहीं हुए।
नेहरु जी का तर्क था कि झंडा गान ओर्केस्ट्रा पर नहीं बज सकता और जन गन मन
ओर्केस्ट्रा पर बज सकता है। उस समय बात नहीं बनी तो नेहरु जी ने इस मुद्दे को
गाँधी जी की मृत्यु तक टाले रखा और उनकी मृत्यु के बाद नेहरु जी ने जन गण मन को
राष्ट्र गान घोषित कर दिया और जबरदस्ती भारतीयों पर इसे थोप दिया गया जबकि इसके
जो बोल है उनका अर्थ कुछ और ही कहानी प्रस्तुत करते है, और दूसरा पक्ष नाराज न
हो इसलिए वन्दे मातरम को राष्ट्रगीत बना दिया गया लेकिन कभी गया नहीं गया।
नेहरु जी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहते थे जिससे कि अंग्रेजों के दिल को चोट
पहुंचे, मुसलमानों के वो इतने हिमायती कैसे हो सकते थे जिस आदमी ने पाकिस्तान
बनवा दिया जब कि इस देश के मुसलमान पाकिस्तान नहीं चाहते थे, जन गण मन को इस
लिए तरजीह दी गयी क्योंकि वो अंग्रेजों की भक्ति में गाया गया गीत था और
वन्देमातरम इसलिए पीछे रह गया क्योंकि इस गीत से अंगेजों को दर्द होता था।
बीबीसी ने एक सर्वे किया था। उसने पूरे संसार में जितने भी भारत के लोग रहते
थे, उनसे पुछा कि आपको दोनों में से कौन सा गीत ज्यादा पसंद है तो 99 % लोगों
ने कहा वन्देमातरम। बीबीसी के इस सर्वे से एक बात और साफ़ हुई कि दुनिया के
सबसे लोकप्रिय गीतों में दुसरे नंबर पर वन्देमातरम है। कई देश है जिनके लोगों
को इसके बोल समझ में नहीं आते है लेकिन वो कहते है कि इसमें जो लय है उससे एक
जज्बा पैदा होता है।
तो ये इतिहास है वन्दे मातरम का और जन गण मन का। अब ये आप को तय करना है कि
आपको क्या गाना है ?
इतने लम्बे पत्र को आपने धैर्यपूर्वक पढ़ा इसके लिए आपका धन्यवाद्।
जय हिंद |

फिर भी सोयेगा भारत : नित्यानंददास महंत

फिर भी सोयेगा भारत

नित्यानंददास महंत
भारत के लिए शहीद भगत सिंह,सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोज़, प्रफुल चाकी, श्यामजी कृष्ण वर्म, सदाशिव माधवराव गोल्वेलकर, डॉ. हेडगेवार, वीर सावरकर, मदम कामा, मंगल पण्डे, चंद्रशेखर आजाद यह नाम अछुत है क्या? जरा इन बातो पर भी विचार करे.

The following are some of the Government Schemes and Projects that have been named after the Nehru-Gandhi family.

Central Government Schemes :

1. Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana, Ministry of Power – A scheme “Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana” for Rural Electricity Infrastructure and Household Electrification was ...launched for the attainment of the National Common Minimum Programme of providing access to electricity to all Rural Household by 2009. Rural Electrification Corporation (REC) is the nodal agency for the scheme. Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana to be continued during the Eleventh Plan period with a capital subsidy of Rs. 28000 Crore; allocation of Rs 5500 crore for FY09.
2. Rajiv Gandhi National Drinking Water Mission (RGNDWM), Ministry of Rural Development, Annual allocation plan 2007-08 was Rs.6,400 crore and Annual allocation plan 2008-09 is Rs.7,300 crore.
3. Rajiv Gandhi National Crèche Scheme for the Children of Working Mothers, Department of Women & Child Development, Ministry of HRD, New Delhi,
Budgetary allocation 2008-09 – 91.88 crore.
Budgetary allocation 2009-10 – 91.52 crore
4. Rajiv Gandhi Udyami Mitra Yojana for benefit of NE entrepreneurs, Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises, Government of India,
Budgetary allocation 2008-9 – Rs. 2.70 crore
Budgetary allocation 2009-10 – Rs.1.12 crore
5. Indira Awas Yojana, Ministry of Rural Areas and Environment – IAY is a CSS funded on cost-sharing basis between the Centre and the States in the ratio of 75:25. In the case of UTs, the entire funds are provided by Centre. The target groups for housing under IAY are households below poverty line living in rural areas, particularly those belonging to SC/ST and freed bonded labourers.
Budgetary allocation 2008-09 – Rs. 7919.00 crores
Budgetary allocation 2009-10 – Rs.7914.70 crores
6. Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme – objective to provide social security to workers in the unorganized sector in a phased manner. Budgetary allocation in 2008-09 is Rs. 3,443 crore
7. Jawaharlal Nehru Urban Renewal Mission, Ministry of Urban Development,
Govt. of India – 7 years time frame, 50,000 cr.
Budgetary allocation for 2008 – 9 – 10447.98 crore
Budgetary allocation for 2009-10 – 10713.84 crore
8. Jawaharlal Nehru Rojgar Yojna – Ministry of Labour and Employment – A Self- employment programme for urban poor
9. Rajiv Gandhi Shramik Kalyan Yojna, Employees’ State Insurance Corporation
10. Indira Gandhi Canal Project, Funded by World Bank
11. Rajiv Gandhi Shilpi Swasthya Bima Yojana, Union Ministry of Textiles, in association with ICICI Lombard General Insurance Company Limited
12. Indira Vikas Patra

State Government Schemes:

1. Rajiv Gandhi Rehabilitation Package for Tsunami Affected Areas, Govt. of Tamil Nadu, Budgetary Allocation Rs.2347.19 crores
2. Rajiv Gandhi Social Security Scheme for poor people, Department of Revenue and Disaster... Management, Govt. of Puducherry
3. Rajiv Ratna Awas Yojna – Congress party president and United Progressive Alliance (UPA) Chairperson Sonia Gandhi had announced that the Centre would give a package of Rs.1,500-crore for providing housing facilities to the poorer sections in Delhi, thus announcing the scheme.
4. Rajiv Gandhi Prathamik Shiksha Mission , Raigarh
5. Rajiv Gandhi Shiksha Mission, Madhya Pradesh
6. Rajiv Gandhi Mission on Food Security , Madhya Pradesh
7. Rajiv Gandhi Mission on Community Health, Madhya Pradesh
8. Rajiv Gandhi Rural Housing Corporation Limited is a Government Company established by the Government of Karnataka to cater to the housing needs of the Economically and Socially weaker sections of the society. Registered in April 2000, its authorised Capital is Rs.10 crores with Rs.3 crore paid up.
9. Rajiv Gandhi Tourism Development Mission, Rajasthan
10. Rajiv Gandhi Computer Literacy Programme, Assam
11. Rajiv Gandhi Swavlamban Rojgar Yojana, Govt. of NCT of Delhi
12. Rajiv Gandhi Mobile Aids Counseling and Testing Services, Rajiv Gandhi Foundation
13. Rajiv Gandhi Vidyarthi Suraksha Yojana, Maharashtra
14. Rajiv Gandhi Mission for Water Shed Management, M.P.
15. Rajiv Gandhi Food Security Mission for Tribal Areas, MP
16. Rajiv Gandhi Home for Handicapped, Pondicherry
17. Rajiv Gandhi Breakfast Scheme, Pondicherry
18. Rajiv Gandhi Akshay Urja Divas, Punjab
19. Rajiv Gandhi Artisans Health and Life Insurance Scheme, Tamil Nadu
20. Rajiv Gandhi Zopadpatti and Nivara Prakalpa, Mumbai
21. Rajiv Arogya Sri programme , Gujrat State Govt. Scheme
22. Rajiv Gandhi Abhyudaya Yojana, AP
23. Rajiv Gandhi Computer Saksharta Mission, Jabalpur
24. Rajiv Gandhi Bridges and Roads Infrastructure Development Programme for the construction of new roads and bridges and strengthening of the existing ones in the state of Haryana
25. Rajiv Gandhi Gramin Niwara Prakalp, Maharashtra Govt.
26. Indira Gandhi Utkrishtha Chhattervritti Yojna for Post Plus Two Students, Himachal Pradesh Government Scheme, Sponsored by, Central Government
27. Indira Gandhi Women Protection Scheme, Maharashtra Govt.
28. Indira Gandhi Prathisthan, Housing and Urban Planning Department, UP Govt
29. Indira Kranthi Patham Scheme, Andhra Pradesh
30. Indira Gandhi Nahar Pariyojana, State Govt. Scheme
31. Indira Gandhi Vruddha Bhumiheen Shetmajoor Anudan Yojana, Govt. of Maharashtra
32. Indira Gandhi Nahar Project (IGNP), Jaisalmer, Govt. of Rajasthan
33. Indira Gandhi Niradhar Yojna, Govt. of Maharashtra
34. Indira Gandhi kuppam, State Govt. Welfare Scheme for Tsunami effected fishermen
35. Indira Gandhi Drinking Water Scheme-2006, Haryana Govt.
36. Indira Gandhi Niradhar Old, Landless, Destitute women farm labour Scheme,
Maharashtra Govt.
37. Indira Gandhi Women Protection Scheme , Maharashtra Govt.
38. Indira Gaon Ganga Yojana, Chattisgarh
39. Indira Sahara Yojana , Chattisgarh
40. Indira Soochna Shakti Yojana, Chattisgarh
41. Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana , HP
42. Indira Gandhi Garibi Hatao Yojana (DPIP), MP
43. Indira Gandhi super thermal power project , Haryana Govt.
44. Indira Gandhi Water Project, Haryana Govt.
45. Indira Gandhi Sagar Project , Bhandara District Gosikhurd Maharashtra
46. Indira Jeevitha Bima Pathakam, AP Govt
47. Indira Gandhi Priyadarshani Vivah Shagun Yojana, Haryana Govt.
48. Indira Mahila Yojana Scheme, Meghalaya Govt
49. Indira Gandhi Calf Rearing Scheme, Chhattisgarh Govt.
50. Indira Gandhi Priyadarshini Vivah Shagun Yojana, Haryana Govt.
51. Indira Gandhi Calf Rearing Scheme, The government of Andhra Pradesh helped most of the respondent families in acquiring female calves through this scheme.
52. Indira Gandhi Landless Agriculture Labour scheme, Maharashtra Govt.See More

Sports/Tournaments/Trophies :

1. Rajiv Gandhi Gold Cup Kabaddi Tournament
2. Rajiv Gandhi Sadbhavana Run
3. Rajiv Gandhi Federation Cup boxing championship
4. Rajiv Gandhi International tournament (football)
...5. NSCI – Rajiv Gandhi road races, New Delhi
6. Rajiv Gandhi Boat Race, Kerala
7. Rajiv Gandhi International Artistic Gymnastic Tournament
8. Rajiv Gandhi Kabbadi Meet
9. Rajiv Gandhi Memorial Roller Skating Championship
10. Rajiv Gandhi memorial marathon race, New Delhi
11. Rajiv Gandhi International Judo Championship, Chandigarh
12. Rajeev Gandhi Memorial Trophy for the Best College, Calicut
13. Rajiv Gandhi Rural Cricket Tournament, Initiated by Rahul Gandhi in Amethi
14. Rajiv Gandhi Gold Cup (U-21), football
15. Rajiv Gandhi Trophy (football)
16. Rajiv Gandhi Award for Outstanding Sportspersons
17. All Indira Rajiv Gandhi Basketball (Girls) Tournament, organized by Delhi State
18. All India Rajiv Gandhi Wrestling Gold Cup, organized by Delhi State
19. Rajiv Gandhi Memorial Jhopadpatti Football Tournament, Rajura
20. Rajiv Gandhi International Invitation Gold Cup Football Tournament, Jamshedpur
21. Rajiv Gandhi Mini Olympics, Mumbai
22. Rajiv Gandhi Beachball Kabaddi Federation
23. Rajiv Gandhi Memorial Trophy Prerana Foundation
24. International Indira Gandhi Gold Cup Tournament
25. Indira Gandhi International Hockey Tournament
26. Indira Gandhi Boat Race
27. Jawaharlal Nehru International Gold Cup Football Tournament.
28. Jawaharlal Nehru Hockey TournamentSee More

Stadium :

1. Indira Gandhi Sports Complex, Delhi
2. Indira Gandhi Indoor Stadium, New Delhi
3. Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi
4. Rajiv Gandhi Sports Stadium, Bawana
...5. Rajiv Gandhi National Football Academy, Haryana
6. Rajiv Gandhi AC Stadium, Vishakhapatnam
7. Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Pondicherry
8. Rajiv Gandhi Stadium, Nahariagun, Itanagar
9. Rajiv Gandhi Badminton Indoor Stadium, Cochin
10. Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Kadavanthra,Ernakulam
11. Rajiv Gandhi Sports Complex , Singhu
12. Rajib Gandhi Memorial Sports Complex, Guwahati
13. Rajiv Gandhi International Stadium, Hyderabad
14. Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Cochin
15. Indira Gandhi Stadium, Vijayawada, Andhra Pradesh
16. Indira Gandhi Stadium, Una, Himachal Pradesh
17. Indira Priyadarshini Stadium, Vishakhapatnam
18. Indira Gandhi Stadium, Deogarh, Rajasthan
19. Gandhi Stadium, Bolangir, Orissa

Airports/ Ports :

1. Rajiv Gandhi International Airport, New Hyderabad, A.P.
2. Rajiv Gandhi Container Terminal, Cochin
3. Indira Gandhi International Airport, New Delhi
4. Indira Gandhi Dock, Mumbai
...5. Jawaharlal Nehru Nava Sheva Port Trust, Mumbai
Total budgetary plan outlay 2008-9 - 69.92crore
Total budgetary plan outlay 2009-10 – 324 crore

Universities/Education Institutes:

1. Rajiv Gandhi Indian Institute of Management, Shilong
2. Rajiv Gandhi Institute of Aeronautics, Ranchi, Jharkhand
3. Rajiv Gandhi Technical University, Gandhi Nagar, Bhopal, M.P.
4. Rajiv Gandhi School of Intellectual Property Law, Kharagpur, Kolkata
5. Rajiv Gandhi Aviation Academy, Secundrabad
6. Rajiv Gandhi National University of Law, Patiala, Punjab
7. Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development, Tamil Nadu Ministry of Youth Affairs and Sports
Budgetary Allocation 2008-09 – 1.50 crore
Budgetary Allocation 2009-10 – 3.00 crore
8. Rajiv Gandhi Aviation Academy, Begumpet, Hyderabad, A.P
9. Rajiv Gandhi Institute of Technology, Kottayam, Kerala
10. Rajiv Gandhi College of Engineering Research & Technology, Chandrapur, Maharashtra
11. Rajiv Gandhi College of Engineering, Airoli, Navi Mumbai, Maharashtra
12. Rajiv Gandhi University, Itanagar, Arunachal Pradesh
13. Rajiv Gandhi Institute of Technology, Chola Nagar, Bangalore, Karnataka
14. Rajiv Gandhi Proudyogiki Vishwavidyalaya, Gandhi Nagar, Bhopal, M.P.
15. Rajiv Gandhi D.e.d. College, Latur, Maharashtra
16. Rajiv Gandhi College, Shahpura, Bhopal
17. Rajiv Gandhi Foundation, Rajiv Gandhi Institute for Contemporary Studies, New Delhi
18. Rajiv Gandhi Institute of Petroleum Technology, Raebareli, U.P.
19. Rajiv Gandhi Homeopathic Medical College, Bhopal, M.P.
20. Rajiv Gandhi Institute of Post Graduate Studies, East Godavari District, A.P.
21. Rajiv Gandhi College of Education, Thumkur, Karnataka
22. Rajiv Gandhi College of Veterinary & Animal Sciences, Pondicherry, Tamil Nadu
23. Rajiv Gandhi Institute of IT and Biotechnology, Bhartiya Vidhyapeeth
24. Rajiv Gandhi High School, Mumbai, Maharashtra
25. Rajiv Gandhi Group of Institutions, Satna, M.P.
26. Rajiv Gandhi College of Engineering, Sriperumbudur, Tamil Nadu
27. Rajiv Gandhi Biotechnology Centre, R.T.M., Nagpur University
28. Rajiv Gandhi Centre for Biotechnology, Thiruvananthapuram, Kerala
29. Rajiv Gandhi Mahavidyalaya, Madhya Pradesh
30. Rajiv Gandhi Post Graduate College, Allahabad, U.P.
31. Rajiv Gandhi Institute of Technology, Bangalore, Karnataka
32. Rajiv Gandhi Govt. PG Ayurvedic College, Poprola, Himachal Pradesh
33. Rajiv Gandhi College, Satna, M.P.
34. Rajiv Gandhi Academy for Aviation Technology, Thiruvananthapuram, Kerala
35. Rajiv Gandhi Madhyamic Vidyalaya, Maharashtra
36. Rajiv Gandhi Institute of Contemporary Studies, Islamabad, Pakistan
37. Rajiv Gandhi Centre for Innovation and Entrepreneurship
38. Rajiv Gandhi Industrial Training Centre, Gandhinagar
39. Rajiv Gandhi University of Knowledge Technologies, Andhra Pradesh
40. Rajiv Gandhi Institute Of Distance Education, Coimbatore, Tamil Nadu
41. Rajiv Gandhi Centre for Aquaculture , Tamil Nadu
42. Rajiv Gandhi University (Arunachal University), A.P.
43. Rajiv Gandhi Sports Medicine Centre (RGSMC), Kerela
44. Rajiv Gandhi Science Centre, Mauritus
45. Rajiv Gandhi Kala Mandir, Ponda, Goa
46. Rajiv Gandhi Vidyalaya, Mulund, Mumbai
47. Rajiv Gandhi Memorial Polytechnic, Bangalore, Karnataka
48. Rajiv Gandhi Memorial Circle Telecom Training Centre (India), Chennai
49. Rajiv Gandhi Institute of Pharmacy, Kasagod, Kerala
50. Rajiv Gandhi Memorial College Of Aeronautics, Jaipur
51. Rajiv Gandhi Memorial First Grade College, Shimoga
52. Rajiv Gandhi Memorial College of Education, Jammu & Kashmir
53. Rajiv Gandhi South Campus, Barkacha, Varanasi
54. Rajiv Gandhi Memorial Teacher’s Training College, Jharkhand
55. Rajiv Gandhi Degree College, Rajahmundry, A.P.
56. Indira Gandhi National Open University (IGNOU), New Delhi
57. Indira Gandhi Institute of Development & Research, Mumbai, Maharashtra
58. Indira Gandhi National Forest Academy, Dehradun
59. Indira Gandhi RashtriyaUran Akademi, Fursatganj Airfield, Rae Bareli, Uttar Pradesh
60. Indira Gandhi Institute of Development Research, Mumbai
61. Indira Gandhi National Tribal University, Orissa
62. Indira Gandhi B.Ed. College, Mangalore
63. Smt. Indira Gandhi College of Education, Nanded, Maharashtra
64. Indira Gandhi Balika Niketan B.ED. College, Jhunjhunu, Rajasthan
65. Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya, Raipur, Madhya Pradesh
66. Smt. Indira Gandhi College of Engineering, Navi Mumbai, Maharashtra
67. Smt. Indira Gandhi Colelge, Tiruchirappalli
68. Indira Gandhi Engineering College, Sagar, Madhya Pradesh
69. Indira Gandhi Institute of Technology, Kashmere Gate, Delhi
70. Indira Gandhi Institute of Technology, Sarang, Dist. Dhenkanal, Orissa
71. Indira Gandhi Institute of Aeronautics, Pune, Maharashtra
72. Indira Gandhi Integral Education Centre, New Delhi
73. Indira Gandhi Institute of Physical Education & Sports Sciences, Delhi University, Delhi
74. Indira Gandhi High School, Himachal
75. Indira Kala Sangit Vishwavidyalaya, Chhattisgarh
76. Indira Gandhi Medical College, Shimla
77. Jawaharlal Nehru Technological University, Kukatpally, Andhra Pradesh
78. Nehru Institute of Mountaineering, Uttarakashi
79. Pandit Jawaharlal Nehru Institute of Business Management, Vikram University
80. Jawaharlal Nehru University, New Delhi
81. Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research, Bangalore
82. Jawaharlal Nehru Technological University, Kukatpally, AP
83. Jawaharlal Nehru Engineering College in Aurangabad, Maharashtra
84. Jawaharlal Nehru Centre for advanced Scientific Research, a deemed university, Jakkur, P.O. Bangalore
85. Jawaharlal Nehru Institute of Social Studies, affiliated to Tilak Maharashtra Vidyapith (Pune, Maharashtra)
86. Jawaharlal Nehru College of Aeronautics & Applied Sciences, Coimbatore, (ESTD 1968)
87. Jawaharlal Nehru Institute of Technology, Katraj, Dhankwdi, Pune, Maharashtra
88. Kamal Kishore Kadam’s Jawaharlal Nehru Engineering College in Aurangabad, Maharashtra
89. Jawaharlal Nehru Institute of Education & Technological Research, Nanded, Maharashra
90. Jawaharlal Nehru College, Aligarh
91. Jawaharlal Nehru Technological University, Hyderabad
92. Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya, Jabalpur
93. Jawaharlal Nehru B.Ed. College, Kota, Rajasthan
94. Jawaharlal Nehru P.G. College, Bhopal
95. Jawaharlal Nehru Government Engineering College, Sundernagar, District Mandi, H.P.
96. Jawaharlal Nehru PublicSchool, Kolar Road, Bhopal
97. Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada, A.P.
98. Jawaharlal Nehru Institute of Technology, Ibrahimpatti, Andhra Pradesh

Awards:

1. Rajiv Gandhi Award for Outstanding Achievement
2. Rajiv Gandhi Shiromani Award
3. Rajiv Gandhi Shramik Awards, Delhi Labour Welfare Board
4. Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award
...5. Rajiv Gandhi Manav Seva Award
6. Rajiv Gandhi Wildlife Conservation Award
7. Rajiv Gandhi National Award Scheme for Original Book Writing on Gyan Vigyan
8. Rajiv Gandhi Khel Ratna Award
9. Rajiv Gandhi National Quality Award, Instituted by Bureau of Indian Standards in 1991
10. Rajiv Gandhi Environment Award for Clean Technology, Ministry of Environment & Forest, Govt. of India
11. RajivGandhi Travelling Scholarship
12. Rajiv Gandhi(UK) Foundation Scholarship
13. Rajiv Gandhi Film Awards (Mumbai)
14. Rajiv Gandhi Khelratna Puraskar
15. Rajiv Gandhi Parisara Prashasti, Karnataka
16. RajivGandhi Vocational Excellence Awards
17. Rajiv Gandhi Excellence award
18. Indira Gandhi Peace Prize
19. Indira Gandhi Prize for National Integration
20. Indira Gandhi Priyadarshini Award
21. Indira Priyadarshini Vrikshamitra Awards, Ministry of Environment and Forests
22. Indira Gandhi Memorial National Award forBest Environmental & Ecological
23. Indira Gandhi Paryavaran Purashkar
24. Indira Gandhi NSS Award
25. Indira Gandhi Award for National Integration
26. Indira Gandhi Official Language Award Scheme
27. Indira Gandhi Award for Best First Film
28. Indira Gandhi Rajbhasha Awards for The Town Official Language
29. Indira Gandhi Prize” for Peace, Disarmament and Development
30. Indira Gandhi Prize for Popularization of Science
31. Implementation
32. Indira Gandhi Shiromani Award
33. Indira Gandhi NSS Award/National Youth
34. Indira Gandhi Paryavaran Pushar award – search n correct
35. Indira Gandhi N.S.S Awards
36. Indira Gandhi award for social service, MP Govt.
37. Post Graduate Indira Gandhi Scholarship Scheme
38. Indira Gandhi Rajbhasha Award Scheme
39. Indira Gandhi Rajbhasha Shield Scheme
40. Indira Gandhi Vision of Wildlife Conservation Zoo, a seminar organized by Indira Gandhi National Forest Academy.
41. Jawaharlal Nehru award for International peace worth Rs 15 lakh cash given to many international figures, every year, including Yasser Arafat of Palestine Liberation Front in 1988 and U Thant in 1965.
42. Soviet Land Nehru Award, a cash prize of Rs. 20,000 given to Shyam Benegal in Dec 89, in recognition of the above film.
43. Jawaharlal Nehru Balkalyan awards of Rs.10,000 each to 10 couples by Govt. of Maharashtra (ToI-28-4-89).
44. Jawaharlal Nehru Memorial Fund, New Delhi, for Academic Achievement
45. Jawaharlal Nehru birth centenary research award for energy
46. Jawaharlal Nehru Award for International Understanding
47. Nehru Bal Samiti Bravery Awards
48. Jawaharlal Nehru Memorial Medal
49. Jawaharlal Nehru Prize” from 1998-99, to be given to organizations (preferably NGOs) for Popularization of Science.
50. Jawaharlal Nehru National Science Competition
51. Jawarharlal Nehru Student Award for research project of evolution of DNA

Scholarship / Fellowship:

1. Rajiv Gandhi Scholarship Scheme for Students with Disabilities
2. Rajiv Gandhi National Fellowship Scheme for SC/ST Candidates, Ministry of Social Justice and Empowerment
Budgetary Allocation for 2008-9 – 26.40 cror...es
Budgetary Allocation for 2009-10 – 23.70 crores
3. Rajiv Gandhi National Fellowship Scheme for ST Candidates
Budgetary Allocation for 2008-09 – 29.00 crores
Budgetary Allocation for 2009-10 – 42.00 crores
4. Rajiv Gandhi Fellowship, IGNOU
5. Rajiv Gandhi Science Talent Research Fellows
6. Rajiv Gandhi Fellowship, Ministry of Tribal Affairs
Budgetary Allocation for 2008-9 - 16.00 crores
Budgetary Allocation for 2009-10 – 22.50 crores
7. Rajiv Gandhi National Fellowship Scheme for scheduled castes and scheduled tribes candidates given by University Grants Commission
8. Rajiv Gandhi Fellowship sponsored by the Commonwealth of Learning in association with Indira Gandhi National Open University
9. Rajiv Gandhi science talent research fellowship given by Jawaharlal Nehru Centre for advanced scientific research (to promote budding scientists) done in tandem with Department of Science and Technology and Rajiv Gandhi Foundation
10. Rajiv Gandhi HUDCO Fellowships in the Habitat Sector (to promote research in the field of sustainable Habitat development) for MPhil, {PhD Students for 2 to 3 years, conferred by HUDCO
11. Indira Gandhi Memorial Fellowships check
12. Fullbright scholarship now renamed Fullbright- Jawaharlal Nehru Scholarship
13. Cambridge Nehru Scholarships, 10 in number, for research at Cambridge University, London, leading to Ph. D. for 3 years, which include fee, maintenance allowance, air travel to UK and back.
14. Scheme of Jawaharlal Nehru Fellowships for Post-graduate Studies, Govt. of India.
15. Nehru Centenary (British) Fellowships/Awards

National Parks/ Sanctuaries/ Museums :

1. Rajiv Gandhi (Nagarhole) Wildlife Sanctury, Karnataka
2. Rajiv Gandhi Wildlife Sanctury, Andhra Pradesh
3. Indira Gandhi National Park, Tamil Nadu
4. Indira Gandhi Zoological Park , New Delhi
...5. Indira Gandhi National Park, Anamalai Hills on Western Ghats
6. Indira Gandhi Zoological Park, Vishakhapatnam
7. Indira Gandhi Rashtriya Manav Sangrahalaya (IGRMS)
8. Indira Gandhi Wildlife Sanctuary, Pollachi
9. Rajiv Gandhi Health Museum
10. The Rajiv Gandhi Museum of Natural History
11. Indira Gandhi Memorial museum, New Delhi
12. Jawaharlal Nehru museum in Aurangabad, Maharashtra opened by state govt.
13. Jawaharlal Nehru memorial Gallery, London
14. Jawaharlal Nehru planetarium, Worli, Mumbai.
15. Jawaharlal Nehru National Science Exhibition for Children

Hospitals/Medical Institutions:

1. Rajiv Gandhi University of Health Science, Bangalore, Karnataka
2. Rajiv Gandhi Cancer Institute & Research Centre, Delhi
3. Rajiv Gandhi Home for Handicapped, Pondicherry
4. Shri Rajiv Gandhi college of Dental... Science & Hospital, Bangalore, Karnataka
5. Rajiv Gandhi Centre for Bio Technology, Thiruvanthapuram, Kerala
6. Rajiv Gandhi College of Nursing, Bangalore, Karnataka
7. Rajiv Gandhi Super Specialty Hospital, Raichur
8. Rajiv Gandhi Institute of Chest Diseases, Bangalore, Karnataka
9. Rajiv Gandhi Paramedical College, Jodhpur
10. Rajiv Gandhi Medical College, Thane, Mumbai
11. Rajiv Gandhi Institute of Pharmacy, Karnataka
12. Rajiv Gandhi Hospital, Goa
13. Rajiv Gandhi Mission on Community Health, Madhya Pradesh
14. Rajiv Gandhi Super Specialty Hospital, Delhi
15. Rajiv Gandhi Homoeaopathic Medical College, Chinar Park, Bhopal, M.P
16. North Eastern Indira Gandhi Regional Institute of Health & Medical Sciences , Shilong, Meghalaya
17. Indira Gandhi Medical College, Shimla
18. Indira Gandhi Institute of Child Health, Bangalore
19. Indira Gandhi Institute of Medical Sciences, Sheikhpura, Patna
20. The Indira Gandhi Paediatric Hospital, Afghanistan
21. Indira Gandhi Institute of Child Health Hospital, Dharmaram College, Bangalore
22. Indira Gandhi Institute of Child Heath, Bangalore
23. Indira Gandhi Medical College, Shimla
24. Indira Gandhi Institute of Dental Science, Kerala
25. Indira Gandhi Memorial Ayurvedic Medical College & Hospital, Bhubaneshwar
26. Indira Gandhi Government Medical College and Hospital, Nagpur
27. Indira Gandhi Eye Hospital And Research Centre, Kolkata
28. Indira Gandhi Hospital, Shimla
29. Indira Gandhi Women and Children Hospital , Bhopla
30. Indira Gandhi Gas Relief hospital, Bhopal
31. Kamla Nehru Hospital, Shimla
32. Chacha Nehru Bal Chikitsalaya
33. Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research (JIPMER), Puducherry
Budgetary Allocation 2008-09 – 127.84 crores
Budgetary Allocation 2009-10 – 117.51 crores
34. Jawaharlal Nehru Cancer Hospital and Research Centre, Bhopal
35. Jawaharlal Nehru Medical College in Raipur.
36. Nehru Homoeopathic Medical College & Hospital, New Delhi
37. Nehru, Science Centre, Worli, Mumbai
38. Jawaharlal Nehru Cancer Hospital & Research Centre, Bhopal
39. Pandit Jawaharlal Nehru Institute of Homoeopathic Medical Sciences, Maharashtra

Institutions / Chairs / Festivals:

1. Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development. (RGNIYD), Ministry of Youth and Sports
2. Rajiv Gandhi National Ground Water Training & Research Institute, Faridabad, Haryana
3. Rajiv Gandhi Food Secu...rity Mission in Tribal Areas
4. Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development
5. Rajiv Gandhi Shiksha Mission, Chhattisgarh
6. Rajiv Gandhi Chair Endowment established in 1998 to create a Chair of South Asian Economics
7. Rajiv Gandhi Project – A pilot to provide Education thru Massive Satellite Connectivity up grassroot Level
8. Rajiv Gandhi Rural Housing Corporation Limited (Government of Karnataka Enterprise)
9. Rajiv Gandhi Information and Technology Commission
10. Rajiv Gandhi Chair for Peace and Disarmament
11. Rajiv Gandhi Music Festival
12. Rajiv Gandhi Memorial Lecture
13. Rajiv Gandhi Akshay Urja Diwas
14. Rajiv Gandhi Education Foundation, Kerala
15. Rajiv Gandhi Panchayati Raj Convention
16. The Rajiv Gandhi Memorial Educational and Charitable Society, Kasagod,Kerala
17. Rajiv Gandhi Memorial trophy ekankika spardha, Prerana Foundation, Kari Road
18. Indira Gandhi National Centre for the Arts, Janpath, New Delhi
19. Indira Gandhi Panchayati Raj & Gramin Vikas Sansthan, Jaipur, Rajasthan
20. Indira Gandhi Centre for Atomic Research (IGCAR), Kalpakkam
21. Indira Gandhi Institute for Development and Research , Mumbai
22. Indira Gandhi Institute of Cardiology (IGIC), Patna
23. Indira Gandhi National Center for the Arts, New Delhi
24. Indira Gandhi National Foundation, Thiruvananthapuram, Kerala
25. Indira Gandhi Mahila Sahakari Soot Girani Ltd, Maharashtra
26. Indira Gandhi Conservation Monitoring Centre , Ministry of Environment & Forest
27. Post-Graduate Indira Gandhi Scholarship for Single Girl Child
28. Jawahar Shetkari Sahakari Sakhar Karkhana Ltd.
29. Nehru Yuva Kendra Sangathan
30. Jawaharlal Nehru Centenary celebrations
31. Postal stamps of different denominations and one Rupee coins in memory of Jawaharlal Nehru.
32. Jawaharlal Nehru Memorial Trust (U.K.) Scholarships
33. Jawaharlal Nehru Custom House Nhava Sheva, Maharashtra
34. Jawaharlal Nehru Centre for. Advanced Scientific Research, Bangalore
35. Jawaharlal Nehru Cultural Centre, Embassy of India, Moscow
36. Pandit Jawaharlal Nehru Udyog Kendra for Juveniles, Pune, Maharastra
37. Pandit Jawaharlal Nehru college of agriculture and research institute , Pondicherry

Roads/Buildings/places:

1. Rajiv Chowk, Delhi
2. Rajiv Gandhi Bhawan, Safdarjung, New Delhi
3. Rajiv Gandhi Handicrafts Bhawan, New Delhi
4. Rajiv Gandhi Park, Kalkaji, Delhi
...5. Indira Chowk, New Delhi
6. Nehru Planetarium, New Delhi
7. Nehru Yuvak Kendra, Chanakyapuri, New Delhi
8. Nehru Nagar, New Delhi
9. Nehru Place, New Delhi
10. Nehru Park, New Delhi Nehru House, BSZ Marg, New Delhi
11. Jawaharlal Nehru Government House New Delhi
12. Rajiv Gandhi Renewable Energy Park, Gurgaon, Haryana
13. Rajiv Gandhi Chowk, Andheri, Mumbai
14. Indira Gandhi Road, Mumbai
15. Indira Gandhi Nagar, Wadala, Mumbai
16. Indira Gandhi Sports Complex, Mulund, Mumbai
17. Nehru Nagar, Kurla, Mumbai
18. Jawaharlal Nehru gardens at Thane, Mumbai
19. Rajiv Gandhi Memorial Hall, Chennai
20. Jawaharlal Nehru Road, Vadapalani, Chennai, Tamilnadu
21. Rajiv Gandhi Salai (Old Mahabalipuram road named after Rajiv Gandhi)
22. Rajiv Gandhi Education City, Haryana
23. Mount Rajiv, a peak in Himalaya
24. Rajiv Gandhi IT Habitat, Goa
25. Rajiv Gandhi Nagar, Chennai
26. Rajiv Gandhi Park, Vijayawada
27. Rajiv Gandhi Nagar in Coimbatore, Tamil Nadu
28. Rajiv Gandhi Nagar, Trichy, Tamil Nadu
29. Rajiv Gandhi IT Park, Hinjewadi, Pune
30. Rajiv Gandhi Panchayat Bhav , Palanpur Banaskantha
31. Rajiv Gandhi Chandigarh Technology Park, Chandigarh
32. Rajiv Gandhi Smriti Van, Jharkhand
33. Rajiv Gandhi statue, Panaji, Goa
34. Rajiv Gandhi Road, Chittoor
35. Rajiv Gandhi Memorial at Sriperumbudur
36. Indira Gandhi Memorial Library, University of Hyderabad
37. Indira Gandhi Musical Fountains, Bangalore
38. Indira Gandhi Planetarium , Lucknow
39. Indira Gandhi Centre for Indian Culture (IGCIC), High Commission of India, Mauritus
40. Indira Gandhi Zoological Park , Eastern Ghats of India
41. Indira Gandhi Canal, Ramnagar, Jaisalmer
42. Indira Gandhi Industrial Complex, Ranipet, Vellore District
43. Indira Gandhi Park, Itanagar
44. Indira Gandhi Squiare , Pondicherry
45. Indira Gandhi Road, Willingdon Island, Cochin
46. Indira Gandhi Memorial Tulip Garden, Kashmir
47. Indira Gandhi Sagar Dam, Nagpur
48. Indira Gandhi bridge, Rameshvar, Tamil Nadu
49. Indira Gandhi Hospital, Bhiwandi Nizampur Municipal Corporation
50. Indira Gandhi memorial cultural Complex, UP Govt.
51. Indira Gandhi Sports Stadium , Rohru District, Shimla
52. Indira Gandhi Panchayati Raj Sansthan , Bhopal
53. Indira Gandhi Nagar, Rajasthan
54. Indira Nagar, Lucknow
55. Roads are named after Jawaharlal Nehru in many cities e.g. in Jaipur, Nagpur, Vile Parle, Ghatkopar, Mulund etc.
56. Nehru Nagar, Ghaziabad
57. Jawaharlal Nehru Gardens, Ambarnath
58. Jawarharlal Nehru Gardens, Panhala
59. Jawaharlal Nehru market, Jammu.
60. Jawaharlal Nehru Tunnel on the Jammu Srinagar Highway
61. Nehru Chowk, Ulhas Nagar, Maharashtra.
62. Nehru Bridge on the river Mandvi, Panaji, Goa
63. Nehru Nagar Ghaziabad
64. Jawaharlal Nehru Road, Dharmatala, Kolkata
65. Nehru Road, Guwahati
66. Jawahar Nagar, Jaipur
67. Nehru Vihar Colony, Kalyanpur, Lucknow
68. Nehru Nagar, Patna
69. Jawaharlal Nehru Street, Pondicherry
70. Nehru Bazaar, Madanapalli, Tirupathi
71. Nehru Chowk, Bilaspur. M.P
72. Nehru Street, Ponmalaipatti, Tiruchirapalli
73. Nehru Nagar, S.M. Road, Ahmedabad
74. Nehru Nagar,. Nashik Pune Road

& many more........ Ohhh God save this country. Looks like other than these 3 (Nehru-Indira-Rajiv) no one contributed to India

A daring letter by an IIT'an to Rahul Gandhi

A daring letter by an IIT'an to Rahul Gandhi. Plz read and repost.
Amogha Abbur द्वारा 24 अगस्त 2011 को 11:49 बजे पर
A REPLY LETTER WRITTEN BY:
NITIN GUPTA (RIVALDO)
B. Tech, IIT Bombay
ON Rahul Gandhi: "I feel ashamed to call myself an INDIAN after seeing
what has happened here in UP".
Dear Rahul,
YOU REALLY WANT TO FEEL ASHAMED???????
But don't be disappointed, I would give you ample reasons to feel
ashamed... You really want to feel Ashamed..?
* First Ask Pranav Mukherjee, Why isn't he giving the details of
the account holders in the Swiss Banks.
* Ask your Mother, Who is impeding the Investigation against
Hasan Ali?
* Ask her, Who got 60% Kickbacks in the 2G Scam ?
* Kalamadi is accused of a Few hundred Crores, Who Pocketed the
Rest in the Common Wealth Games?
* Ask Praful Patel what he did to the IndianAirlines? Why did
Air India let go of the Profitable Routes ?
* Why should the Tax Payer pay for the Air India losses, when
you intend to eventually DIVEST IT ANYWAY!!!
* Also, You People can't run an Airline Properly. How can we
expect you to run the Nation?
* Ask Manmohan Singh. Why/What kept him quiet for so long?
* Are Kalmadi and A Raja are Scapegoats to save Big Names like
Harshad Mehta was in the 1992 Stock Market Scandal ?
* Who let the BHOPAL GAS TRAGEDY Accusedgo Scot Free? (20,000
People died in that Tragedy)
* Who ordered the State Sponsored Massacre of SIKHS in 84?
* Please read more about, How Indira Gandhi pushed the Nation
Under Emergency in 76-77, after the HC declared her election to Lok
Sabha Void!
* WHY ONLY HIGHLIGHT THIS ARREST?
Dear Rahul, to refresh your memory, you were arrested/detained by the
FBI the BOSTON Airport in September 2001.
You were carrying with you $ 1,60,000 in Cash. You couldn't explain why
you were carrying so much Cash.
(Incidentally He was with his Columbian girlfriend Veronique Cartelli,
ALLEGEDLY, the Daughter of Drug Mafia. 9 HOURS he was kept at the
Airport. Later then freed on the intervention of the then Prime Minister
Mr. Vajpayee.. FBI filed an equivalent of an FIR in US and released him.
When FBI was asked to divulge the information, by Right/Freedom to
Information Activists about the reasons Rahul was arrested ...
FBI asked for a NO OBJECTION CERTIFICATE from Rahul Gandhi.
So Subramaniyam Swami wrote a Letter to Rahul Gandhi, " If you have
NOTHING to HIDE, Give us the Permission"
HE NEVER REPLIED!)
Why did that arrest not make Headlines Rahul? You could have gone to the
Media and told, "I am ashamed to call myself an INDIAN?".
Or is it that, you only do like to highlight Symbolic Arrests (like in
UP) and not Actual Arrests (In BOSTON)
Kindly Clarify.....In any case, you want to feel ashamed, Read Along...
YOUR MOTHER'S SO CALLED SACRIFICE OF GIVING UP PRIME MINISTERSHIP in
2004.
According to a Provision in the Citizenship Act, A Foreign National who
becomes a Citizen of India, is bounded by the same restrictions,
which an Indian would face, If he/she wereto become a Citizen of Italy.
(Condition based on principle of reciprocity)
Now Since you can't become a PM in Italy, Unless you are born there.
Likewise an Italian Citizen can't become Indian PM,
unless He/She is not born here!
Dr. SUBRAMANIYAM SWAMI (The Man who Exposed the 2G Scam) sent a letter
to the PRESIDENT OF INDIA bringing the same to his Notice.
PRESIDENT OF INDIA sent a letter to Sonia Gandhi to this effect, 3:30
PM, May 17th, 2004.
Swearing Ceremony was scheduled for 5 PM the same Day. Manmohan Singh
was brought in the Picture at the last moment to Save Face!!
Rest of the SACRIFICE DRAMA which she choreographed was an EYE WASH!!!
In fact Sonia Gandhi had sent, 340 letters, each signed by different MP
to the PRESIDENT KALAM, supporting her candidacy for PM.
One of those letters read, "I Sonia Gandhi, elected Member from Rai
Bareli, hereby propose Sonia Gandhi as Prime Minister."
So SHE was Pretty INTERESTED! Until She came to know the Facts! She
didn't make any Sacrifice, It so happens that SONIA GANDHI
couldn't have become the PM of INDIA that time.
You could be Ashamed about that Dear Rahul!! One Credential Sonia G had,
Even that was a HOAX!
THINK ABOUT YOURSELF.
You go to Harvard on Donation Quota. ( Hindujas Gave HARVARD 11 million
dollars the same year, when Rajiv Gandhi was in Power)
Then you are expelled in 3 Months/ You Dropped out in 3 Months....
(Sadly Manmohan Singh wasn't the Dean of Harvard that time, else
you might have had a chance... Too Bad, there is only one Manmohan
Singh!)
Then Why did you go about lying about being Masters in Economics from
Harvard .. before finally taking it off your Resume upon questioning
by Dr. SUBRAMANIYAM SWAMI (The Gentlemen who exposed the 2G Scam)
At St. Stephens.. You Fail the Hindi Exam. Hindi Exam!!!
And you are representing the Biggest HindiSpeaking State of the
Country?
SONIA GANDHI's EDUCATIONAL QUALIFICATIONS
Sonia G gave a sworn affidavit as a Candidate that She Studied English
at University of Cambridge
According to Cambridge University, there isno such Student EVER! Upon
a Case by Dr. Subramaniyam Swami filed against her, She subsequently
Dropped the CAMBRIDGE CREDENTIAL from her Affidavit.
Sonia Gandhi didn't even pass High School. She is just 5th class Pass!
In this sense, She shares a common Educational Background with her 2G
Partner
In Crime, Karunanidhi.
You Fake your Educational Degree, Your Mother Fakes her Educational
Degree. And then you go out saying, " We want Educated Youth into
Politics!"
WHY LIE ABOUT EDUCATIONAL CREDENTIALS?
Not that Education is a Prerequisite for being a great Leader, but then
you shouldn't have lied about your qualifications!
You could feel a little ashamed about Lying about your Educational
Qualifications. You had your reasons I know, Because in India, WE
RESPECT
EDUCATION!
But who cares about Education, When you are a Youth Icon!!
YOUTH ICON
You traveled in the Local Train for the first time at the Age of 38.
You went to some Villages as a part of Election Campaign. And You won a
Youth Icon!! ... That's why You are my Youth Icon.
For 25 Million People travel by Train Every day. You are the First
Person to win a Youth Icon for boarding a Train.
Thousands of Postmen go to remotest of Villages. None of them have yet
gotten a Youth Icon. You were neither YOUNG Nor ICONIC!
Still You became a Youth Icon beating Iconic and Younger Contenders like
RAHUL DRAVID.
SURNAME
Shakespeare said, What's in a Name?
Little did he knew, It's all in the Name, Especially the Surname!
Speaking of Surname, Sir DO YOU REALLY RESPECT GANDHI, OR IS IT JUST TO
CASH IN ON THE GOODWILL OF MAHATMA?
Because the Name on your Passport is RAULVINCI. Not RAHUL GANDHI..
May be if you wrote your Surname as Gandhi, you would have experienced,
what Gandhi feels like, LITERALLY ( Pun Intended)
You People don't seem to use Gandhi much,except when you are fighting
Elections. ( There it makes complete sense).
Imagine fighting elections by the Name Raul Vinci...
You use the name GANDHI at will and then say, " Mujhe yeh YUVRAJ shabd
Insulting lagta hai! Kyonki aaj Hindustan mein Democracy hai, aur is
shabd
ka koi matlab nahin hai! YUVRAJ, Itna hi Insulting lagta hai, to lad lo
RAUL VINCI ke Naam se!!! Jin Kisano ke saath photo khinchate ho woh bhi
isliye entertain karte hain ki GANDHI ho.. RAUL VINCI bol ke Jao... Ghar
mein nahin ghusaenge!!!
You could feel ashamed for your Double Standards.
YOUTH INTO POLITICS.
Now You want Youth to Join Politics.
I say First you Join Politics. Because you haven't Joined Politics. You
have Joined a Family Business.
First you Join Politics. Win an Election fighting as RAUL VINCI and Not
Rahul Gandhi, then come and ask the youthand the Educated Brass for
more
involvement in Politics.
Also till then, Please don't give me examples of Sachin Pilot and Milind
Deora and Naveen Jindal as youth who have joined Politics. They are not
Politicians. They Just happen to be Politicians.
Much Like Abhishek Bachchan and other Star Sons are not Actors. They
just happen to be Actors (For Obvious Reasons)
So, We would appreciate if you stop requesting the Youth to Join
Politics till you establish your credentials...
WHY WE CAN'T JOIN POLITICS!
Rahul Baba, Please understand, Your Father had a lot of money in your
Family account ( in Swiss Bank) when he died.
Ordinary Youth has to WORK FOR A LIVING. YOUR FAMILY just needs to
NETWORK FOR A LIVING
If our Father had left thousands of Crores with us, We might consider
doing the same. But we have to Work. Not just for ourselves.
But also for you. So that we can pay 30% ofour Income to the Govt.
which can then be channelized to the SwissBanks and your Personal
Accounts under
some Pseudo Names.
So Rahul, Please don't mind If the Youth doesn't Join Politics.
We are doing our best to fund your Election Campaigns and your Chopper
Trips to the Villages.
Somebody has to Earn the Money that Politicians Feed On.
NO WONDER YOU ARE NOT GANDHIs. YOU ARE SO CALLED GANDHIs!!
Air India, KG Gas Division, 2G, CWG, SWISS BANK Account Details... Hasan
Ali, KGB., FBI Arrest..
You want to feel ashamed..?
Feel Ashamed for what the First Family of Politics has been reduced
to... A Money Laundering Enterprise.
NO WONDER YOU ARE NOT GANDHI'S BY BLOOD. GANDHI is an adopted Name. For
Indira didn't marry Mahatma Gandhi's Son.
For even if you had one GENE OF GANDHI JI in your DNA. YOU WOULDN'T HAVE
BEEN PLAGUED BY SUCH 'POVERTY OF AMBITION'
(Ambition of only EARNING MONEY)
You really want to feel Ashamed?
Feel Ashamed for what you ' SO CALLED GANDHI'S' have done to MAHATMA'S
Legacy..
I so wish GANDHI JI had Copyrighted his Name!
Meanwhile, I would request Sonia Gandhi to change her name to $ONIA
GANDHI, and you could replace
the 'R' in RAHUL/RAUL by the New Rupee Symbol!!!
RAUL VINCI : I am ashamed to call myself anIndian.
Even we are ashamed to call you so!
P.S: Popular Media is either bought or blackmailed, controlled to
Manufacture Consent! My Guess is Social Media is still a Democratic
Platform.
(Now they are trying to put legislations to censor that too!!).
Meanwhile, Let's ask these questions, for we deserve some Answers.
YOURS SINCERELY
NITIN GUPTA ( RIVALDO)
B. Tech, IIT Bombay

रविवार, अगस्त 28, 2011

नित्यानंददास महंत > अनशन आन्दोलन के इन पहेलु पर गौर करे.


नित्यानंददास महंत > अनशन आन्दोलन के इन पहेलु पर गौर करे.

१. बाबा रामदेव जो अपने आप में एक ऐसे देशभक्त जो ग्नाधिमुल् यो को आगे करते हुए २ साल से भारत की वर्त्तमान स्थिति को लेकर जनचेतना जागरण अभियान चला रहे थे. जिन्होंने अपने आन्दोलन में किसी भी धर्म के व्यक्ति को मंच पर आने से नहीं रोका. वो भी तो देश हित में कार्य कर रहे थे .उस आन्दोलन को अन्नाजी ने कोई भारी समर्थन भी नहीं दिया उस राष्ट्रभक् त बाबा रामदेव को इस अनशन आन्दोलन के मंच न कोई स्थान दिया गया या प्रवचन करने का मौका. बल्कि देश के युवा धन को दारू की बोतल जेब में रखने की बात करने वाले नचनिया ओमपुरी और बिभस्त गाली जिसमे है ऐसी फिल्म डेली बेली बनानेवाले आमिरखान को मंच पर बिठाया और भाषण देने का मौका भी दिया. क्या यही चरित्र निर्माण है भारत का. ऐसा क्यों?

२. जहा बाबा रामदेव भारत देश को पूर्णतः कैसे स्वावलंबी बनाया जाय उस विषय में और देश के बेरोजगार युवा धन अवम गरीबो को रोजी मिले ऐसे कार्य कर रहे है, और आयुर्वेद के माध्यम से देश की जनता के स्वास्थ्य को लेकर जाग्रति फेला रहे है, वहा अन्नाजी की टीम में विदेशी कम्पनियो के दलाल ऐसे एन.जी.ओ. को मंच का पूर्णतः सञ्चालन सोप दिया गया. और जन लोकपाल में सब लोगो को दायरे में लाने की बात की मगर एन.जी.ओ. को कभी भी इस दायरे में नहीं लाया जायेगा ऐसा उसी मंच से कहा विदेशी कम्पनियो के दलाल एन.जी.ओ. संचालक केजरीवाल ने. तो क्या अन्नाजी का आन्दोलन विदेशी कंपनियो के हाथ में था जो भारत को दीमक की तरह खा रही है. ऐसा क्यों?

३. में सर्व धर्म का आदर अवम सम्मान करता हु. बाबा रामदेव ने भी मंच पर मुसलमान साधुओ को स्थान दिया था. मगर अन्नाजी के आन्दोलन में दो बार इफतारी की गयी. मगर हाजिर जनता के सामने जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जन्म का उत्सव मनाने की नहीं सूजी. क्यों ऐसा करने से कोई नाराज हो जाता क्या? ऐसा क्यों?

४. तिहाड़ जेल में जब बांध दे अन्नाजी तब समाज में अपनी भारी प्रतिष्टा अवम सम्मान होते हुए रातभर बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर जेल के बहार खड़े होकर अन्नाजी का समर्थन करते रहे. क्या अन्नाजी का ऐसी शख्सियतो की अवहेलना करना शोभास्पद लगता है या फिर अन्नाजी को ऐसे करते हुए रोका गया था. या फिर भारत की जनता की भावना का लगातार बहते रहनेवाले पुर के कारन अन्नाजी को अहंकार हो गया. मगर अन्नाजी के मंच से इसाई पादरी भाषण दे सकता है. ऐसा क्यों?

५. जन लोकपाल के विषय में बहुत ही गहेन अभ्यास करने वाले अन्नाजी ने एन.जी.ओ. के विषय में चुपकी क्यों साधी हुई है? अगर एन.जी.ओ. पर अन्य कायदे की तहेत काम हो सकता है तो फिर प्रधानमंत् री,संसद और सरकारी कर्मचारियो पर भी अन्य कानून से काम लिया जा सकता है. जन लोकपाल की फिर आवश्यकता क्या है ? ऐसा क्यों?

६. माफ़ करना में अन्नाजी का विरोधी नहीं हु मगर जो सत्य में समज रहा हु वोही में दिखने की कोशिश कर रहा हु.

रात को दिन कैसे कह दूं.....?? ??? by Satish Chandra Mishra


रात को दिन कैसे कह दूं.....?? ???
by Satish Chandra Mishra
वास्तविक मदारी (सरकार) का डमरू (मीडिया) जो कुछ दिनों के लिए नौसिखिये मदारियों(ट ीम अन्ना ) को उधार दिया गया था आज अपने सही मदारी के वापस आ गया. और देश की जनता को जीत के झूठे गीत सुनाने में व्यस्त हो गया है. नौसिखिये मदारियों ने भी इसके सुर में सुर मिलाने में ही भलाई समझी और जैसे तैसे अपनी जान बचाई है. आप स्वयम विचार करिए ज़रा....

अन्ना टीम द्वारा 16 अगस्त का अनशन जिन मांगों को लेकर किया गया था. उन मांगों पर आज हुए समझौते में कौन हारा कौन जीता इसका फैसला करिए.

पहली मांग थी : सरकार अपना कमजोर बिल वापस ले. नतीजा : सरकार ने बिल वापस नहीं लिया.

दूसरी मांग थी : सरकार लोकपाल बिल के दायरे में प्रधान मंत्री को लाये. नतीजा : सरकार ने आज ऐसा कोई वायदा तक नहीं किया. अन्ना को दिए गए समझौते के पत्र में भी इसका कोई जिक्र तक नहीं.

तीसरी मांग थी : लोकपाल के दायरे में सांसद भी हों : नतीजा : सरकार ने आज ऐसा कोई वायदा तक नहीं किया. अन्ना को दिए गए समझौते के पत्र में भी इसका कोई जिक्र नहीं.

चौथी मांग थी : तीस अगस्त तक बिल संसद में पास हो. नतीजा : तीस अगस्त तो दूर सरकार ने कोई समय सीमा तक नहीं तय की कि वह बिल कब तक पास करवाएगी.

पांचवीं मांग थी : बिल को स्टैंडिंग कमेटी में नहीं भेजा जाए. नतीजा : स्टैंडिंग कमिटी के पास एक के बजाय पांच बिल भेजे गए हैं.

छठी मांग थी : लोकपाल की नियुक्ति कमेटी में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो. नतीजा : सरकार ने आज ऐसा कोई वायदा तक नहीं किया. अन्ना को दिए गए समझौते के पत्र में भी इसका कोई जिक्र तक नहीं.

सातवीं मांग : जनलोकपाल बिल पर संसद में चर्चा नियम 184 के तहत करा कर उसके पक्ष और विपक्ष में बाकायदा वोटिंग करायी जाए. नतीजा : चर्चा 184 के तहत नहीं हुई, ना ही वोटिंग हुई.

उपरोक्त के अतिरिक्त तीन अन्य वह मांगें जिनका जिक्र सरकार ने अन्ना को आज दिए गए समझौते के पत्र में किया है वह हैं.

(1)सिटिज़न चार्टर लागू करना, (2)निचले तबके के सरकारी कर्मचारियो ं को लोकपाल के दायरे में लाना, (3)राज्यों में लोकायुक्तो ं कि नियुक्ति करना.

प्रणब मुखर्जी द्वारा इस संदर्भ में आज शाम संसद में दिए गए बयान(जिसे भांड न्यूज चैनल प्रस्ताव कह रहे हैं ) में स्पष्ट कहा गया कि इन तीनों मांगों के सन्दर्भ में सदन के सदस्यों की भावनाओं से अवगत कराते हुए लोकपाल बिल में संविधान कि सीमाओं के अंदर इन तीन मांगों को शामिल करने पर विचार हेतु आप (लोकसभा अध्यक्ष) इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजें.

कौन जीता..? कैसी जीत...? किसकी जीत...?

देश 8 अप्रैल को जहां खड़ा था आज टीम अन्ना द्वारा किये गए कुटिल और कायर समझौते ने देश को उसी बिंदु पर लाकर खड़ा कर दिया है.

जनता के विश्वास की सनसनीखेज सरेआम लूट को विजय के शर्मनाक शातिर नारों की आड़ में छुपाया जा रहा है.....

फैसला आप करें. मेरा तो सिर्फ यही कहना है कि रात को दिन कैसे कह दूं.....?? ???

बुधवार, अगस्त 24, 2011

गांधी वध का वास्तविक सत्य ....

Naveen Verma
गांधी वध का वास्तविक सत्य ....

ये बात अपने आप में ही एक रहस्य लेकर सिमटी रह गयी या फिर तथ्य छुपा दिए गए.....
किसी को भी मरने के 2 मूल कारण होते हैं ...
१. व्यक्तिगत - में आता है किसी निजी दुश्मनी को निकालने या धन की लूट के लिए मारना ,
२. सामजिक - कारणों में यहाँ आता है कि - किसी व्यक्ति ने अतीत में कुछ ऐसा किया हो जो आपको पसंद नहीं अथवा वो व्यक्ति भविष्य में कुछ ऐसा करने वाला हो जो आपको लगता है कि समाज के हित में नहीं है

गाँधी की हत्या के पीछे गोडसे का कोई निजी कारण नहीं था ये तो सब मानते ही हैं , गाँधी की हत्या के पीछे दूसरी सामजिक बजह थी
मो. अली जिन्ना ( पापिस्तान का काएदे आज़म) जो काठियावाड़ क्षेत्र का भाटिया राजपूत था , जिसके पिता का नाम था पुन्ना लाल ठक्कर,... उस जिन्ना ने गांधी आमंत्रित किया हुआ था पापिस्तान की यात्रा के लिए ... उसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र था...
जिन्ना ने एक मांग रखी थी कि - हमको इस पश्चिमी पापिस्तान से पूर्वी पापिस्तान जाने में समुद्री रस्ते से बहुत समय लगता है और हवाई सफर बहुत महँगा होती है ... इसलिए हमको भारत के बीचो बीच एक कारीडोर बना कर दिया जाए.... जो दिल्ली के पास से जाता हो ...जो लाहोर से ढाका तक जाता हो ... (NH - 1) जिसकी चौड़ाई कम से कम 10 मील की हो ... (10 Miles = 16 KM) , यह निश्चित था की यदि गाँधी पापिस्तान पहुँच जाते तो अपनी भलमनसाहत दिखाने के लिए यह मांग भी मान लेते ..
और 55 करोड़ के अलावा भी गांधी बहुत कुछ देना चाहते थे पापिस्तान को ...जैसे कि- टेंकों का बंटवारा , हवाई जहाज़ों का बंटवारा , युद्ध विमानों का बंटवारा , करांची को बॉम्बे के बराबर का व्यावसायिक केंद्र बनाना आदि .
इस के अलावा देश में बहुत बड़ा तबका सरदार भगत सिंह कि फांसी , चन्द्र शेखर आज़ाद की हत्या और सुभाष चन्द्र बोस के गाएब होने के पीछे भी गाँधी एवं उनके सहयोगियों को जिम्मेदार मानते थे, गोडसे ने भी गाँधी को गोली मारने के बाद यही कहा था कि - मैंने वीरे (भगत सिंह) और पंडित जी ( आज़ाद ) का बदला ले लिया
ऐसे तुष्टिकरण के चलते ही नाथू राम गोडसे को गांधी को मारने के लिए प्रेरित होना पडा....

कुरान के अनुसार विश्व दो भागों में बँटा हुआ है, एक वह जो अल्लाह की तरफ़ हैं और दूसरा वे जो शैतान की तरफ़ हैं

जमात-ए-इस् लामी के संस्थापक मौलाना मौदूदी कहते हैं कि कुरान के अनुसार विश्व दो भागों में बँटा हुआ है, एक वह जो अल्लाह की तरफ़ हैं और दूसरा वे जो शैतान की तरफ़ हैं। देशो की सीमाओं को देखने का इस्लामिक नज़रिया कहता है कि विश्व में कुल मिलाकर सिर्फ़ दो खेमे हैं, पहला दार-उल-इस् लाम (यानी मुस्लिमों द्वारा शासित) और दार-उल-हर् ब (यानी “नास्तिकों ” द्वारा शासित)। उनकी निगाह में नास्तिक का अर्थ है जो अल्लाह को नहीं मानता, क्योंकि विश्व के किसी भी धर्म के भगवानों को वे मान्यता ही नहीं देते हैं।

इस्लाम सिर्फ़ एक धर्म ही नहीं है, असल में इस्लाम एक पूजापद्धति तो है ही, लेकिन उससे भी बढ़कर यह एक समूची “व्यवस्था” के रूप में मौजूद रहता है। इस्लाम की कई शाखायें जैसे धार्मिक, न्यायिक, राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सैनिक होती हैं। इन सभी शाखाओं में सबसे ऊपर, सबसे प्रमुख और सभी के लिये बन्धनकारी होती है धार्मिक शाखा, जिसकी सलाह या निर्देश (बल्कि आदेश) सभी धर्मावलम्ब ियों को मानना बाध्यकारी होता है। किसी भी देश, प्रदेश या क्षेत्र के “इस्लामीकर ण” करने की एक प्रक्रिया है। जब भी किसी देश में मुस्लिम जनसंख्या एक विशेष अनुपात से ज्यादा हो जाती है तब वहाँ इस्लामिक आंदोलन शुरु होते हैं। शुरुआत में उस देश विशेष की राजनैतिक व्यवस्था सहिष्णु और बहु-सांस्क ृतिकवादी बनकर मुसलमानों को अपना धर्म मानने, प्रचार करने की इजाजत दे देती है, उसके बाद इस्लाम की “अन्य शाखायें” उस व्यवस्था में अपनी टाँग अड़ाने लगती हैं। इसे समझने के लिये हम कई देशों का उदाहरण देखेंगे, आईये देखते हैं कि यह सारा “खेल” कैसे होता है

जब तक मुस्लिमों की जनसंख्या किसी देश/प्रदेश /क्षेत्र में लगभग 2% के आसपास होती है, तब वे एकदम शांतिप्रिय , कानूनपसन्द अल्पसंख्यक बनकर रहते हैं और किसी को विशेष शिकायत का मौका नहीं देते, जैसे -
अमेरिका – मुस्लिम 0.6%
ऑस्ट्रेलिय ा – मुस्लिम 1.5%
कनाडा – मुस्लिम 1.9%
चीन – मुस्लिम 1.8%
इटली – मुस्लिम 1.5%
नॉर्वे – मुस्लिम 1.8%

जब मुस्लिम जनसंख्या 2% से 5% के बीच तक पहुँच जाती है, तब वे अन्य धर्मावलम्ब ियों में अपना “धर्मप्रचा र” शुरु कर देते हैं, जिनमें अक्सर समाज का निचला तबका और अन्य धर्मों से असंतुष्ट हुए लोग होते हैं, जैसे कि –
डेनमार्क – मुस्लिम 2%
जर्मनी – मुस्लिम 3.7%
ब्रिटेन – मुस्लिम 2.7%
स्पेन – मुस्लिम 4%
थाईलैण्ड – मुस्लिम 4.6%

मुस्लिम जनसंख्या के 5% से ऊपर हो जाने पर वे अपने अनुपात के हिसाब से अन्य धर्मावलम्ब ियों पर दबाव बढ़ाने लगते हैं और अपना “प्रभाव” जमाने की कोशिश करने लगते हैं। उदाहरण के लिये वे सरकारों और शॉपिंग मॉल पर “हलाल” का माँस रखने का दबाव बनाने लगते हैं, वे कहते हैं कि “हलाल” का माँस न खाने से उनकी धार्मिक मान्यतायें प्रभावित होती हैं। इस कदम से कई पश्चिमी देशों में “खाद्य वस्तुओं” के बाजार में मुस्लिमों की तगड़ी पैठ बनी। उन्होंने कई देशों के सुपरमार्के ट के मालिकों को दबाव डालकर अपने यहाँ “हलाल” का माँस रखने को बाध्य किया। दुकानदार भी “धंधे” को देखते हुए उनका कहा मान लेता है (अधिक जनसंख्या होने का “फ़ैक्टर” यहाँ से मजबूत होना शुरु हो जाता है), ऐसा जिन देशों में हो चुका वह हैं –
फ़्रांस – मुस्लिम 8%
फ़िलीपीन्स – मुस्लिम 6%
स्वीडन – मुस्लिम 5.5%
स्विटजरलैण ्ड – मुस्लिम 5.3%
नीडरलैण्ड – मुस्लिम 5.8%
त्रिनिदाद और टोबैगो – मुस्लिम 6%

इस बिन्दु पर आकर “मुस्लिम” सरकारों पर यह दबाव बनाने लगते हैं कि उन्हें उनके “क्षेत्रों ” में शरीयत कानून (इस्लामिक कानून) के मुताबिक चलने दिया जाये (क्योंकि उनका अन्तिम लक्ष्य तो यही है कि समूचा विश्व “शरीयत” कानून के हिसाब से चले)। जब मुस्लिम जनसंख्या 10% से अधिक हो जाती है तब वे उस देश/प्रदेश /राज्य/क्ष ेत्र विशेष में कानून-व्यव स्था के लिये परेशानी पैदा करना शुरु कर देते हैं, शिकायतें करना शुरु कर देते हैं, उनकी “आर्थिक परिस्थिति” का रोना लेकर बैठ जाते हैं, छोटी-छोटी बातों को सहिष्णुता से लेने की बजाय दंगे, तोड़फ़ोड़ आदि पर उतर आते हैं, चाहे वह फ़्रांस के दंगे हों, डेनमार्क का कार्टून विवाद हो, या फ़िर एम्स्टर्डम में कारों का जलाना हो, हरेक विवाद को समझबूझ, बातचीत से खत्म करने की बजाय खामख्वाह और गहरा किया जाता है, जैसे कि –
गुयाना – मुस्लिम 10%
भारत – मुस्लिम 15%
इसराइल – मुस्लिम 16%
केन्या – मुस्लिम 11%
रूस – मुस्लिम 15% (चेचन्या – मुस्लिम आबादी 70%)

जब मुस्लिम जनसंख्या 20% से ऊपर हो जाती है तब विभिन्न “सैनिक शाखायें” जेहाद के नारे लगाने लगती हैं, असहिष्णुता और धार्मिक हत्याओं का दौर शुरु हो जाता है, जैसे-
इथियोपिया – मुस्लिम 32.8%

जनसंख्या के 40% के स्तर से ऊपर पहुँच जाने पर बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याऐं, आतंकवादी कार्रवाईया ँ आदि चलाने लगते हैं, जैसे –
बोस्निया – मुस्लिम 40%
चाड – मुस्लिम 54.2%
लेबनान – मुस्लिम 59%

जब मुस्लिम जनसंख्या 60% से ऊपर हो जाती है तब अन्य धर्मावलंबि यों का “जातीय सफ़ाया” शुरु किया जाता है (उदाहरण भारत का कश्मीर), जबरिया मुस्लिम बनाना, अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोड़ना, जजिया जैसा कोई अन्य कर वसूलना आदि किया जाता है, जैसे –
अल्बानिया – मुस्लिम 70%
मलेशिया – मुस्लिम 62%
कतर – मुस्लिम 78%
सूडान – मुस्लिम 75%

जनसंख्या के 80% से ऊपर हो जाने के बाद तो सत्ता/शासन प्रायोजित जातीय सफ़ाई की जाती है, अन्य धर्मों के अल्पसंख्यक ों को उनके मूल नागरिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है, सभी प्रकार के हथकण्डे/हथ ियार अपनाकर जनसंख्या को 100% तक ले जाने का लक्ष्य रखा जाता है, जैसे –
बांग्लादेश – मुस्लिम 83%
मिस्त्र – मुस्लिम 90%
गाज़ा पट्टी – मुस्लिम 98%
ईरान – मुस्लिम 98%
ईराक – मुस्लिम 97%
जोर्डन – मुस्लिम 93%
मोरक्को – मुस्लिम 98%
पाकिस्तान – मुस्लिम 97%
सीरिया – मुस्लिम 90%
संयुक्त अरब अमीरात – मुस्लिम 96%

बनती कोशिश पूरी 100% जनसंख्या मुस्लिम बन जाने, यानी कि दार-ए-स्सल ाम होने की स्थिति में वहाँ सिर्फ़ मदरसे होते हैं और सिर्फ़ कुरान पढ़ाई जाती है और उसे ही अन्तिम सत्य माना जाता है, जैसे –
अफ़गानिस्ता न – मुस्लिम 100%
सऊदी अरब – मुस्लिम 100%
सोमालिया – मुस्लिम 100%
यमन – मुस्लिम 100%

दुर्भाग्य से 100% मुस्लिम जनसंख्या होने के बावजूद भी उन देशों में तथाकथित “शांति” नहीं हो पाती। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि जिन देशों में मुस्लिम जनसंख्या 8 से 10 प्रतिशत हो चुकी होती है, उन देशों में यह तबका अपने खास “मोहल्लो” में रहना शुरु कर देता है, एक “ग्रुप” बनाकर विशेष कालोनियाँ या क्षेत्र बना लिये जाते हैं, उन क्षेत्रों में अघोषित रूप से “शरीयत कानून” लागू कर दिये जाते हैं। उस देश की पुलिस या कानून-व्यवस्था उन क्षेत्रों में काम नहीं कर पाती, यहाँ तक कि देश का न्यायालयीन कानून और सामान्य सरकारी स्कूल भी उन खास इलाकों में नहीं चल पाते (ऐसा भारत के कई जिलों के कई क्षेत्रों में खुलेआम देखा जा सकता है, कई प्रशासनिक अधिकारी भी दबी जुबान से इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन “सेकुलर-देशद्रोहियों” के कारण कोई कुछ नहीं बोलता)।

आज की स्थिति में मुस्लिमों की जनसंख्या समूचे विश्व की जनसंख्या का 22-24% है, लेकिन ईसाईयों, हिन्दुओं और यहूदियों के मुकाबले उनकी जन्मदर को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस शताब्दी के अन्त से पहले ही मुस्लिम जनसंख्या विश्व की 50% हो जायेगी (यदि तब तक धरती बची तो)… भारत में कुल मुस्लिम जनसंख्या 15% के आसपास मानी जाती है, जबकि हकीकत यह है कि उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल के कई जिलों में यह आँकड़ा 40 से 50% तक पहुँच चुका है… अब देश में आगे चलकर क्या परिस्थितियाँ बनेंगी यह कोई भी (“सेकुलरों” को छोड़कर) आसानी से सोच-समझ सकता है…
(सभी सन्दर्भ और आँकड़े : डॉ पीटर हैमण्ड की पुस्तक “स्लेवरी, टेररिज़्म एण्ड इस्लाम – द हिस्टोरिकल रूट्स एण्ड कण्टेम्पररी थ्रेट तथा लियोन यूरिस – “द हज”, से साभार)

प्रस्तुति  अनाम

ग्राहक सदा से मूर्ख बनता रहा है और बनता रहेगा, ऐसा ही कुछ राहुल गाँधी के मामले में भी होने वाला है

ग्राहक सदा से मूर्ख बनता रहा है और बनता रहेगा, ऐसा ही कुछ राहुल गाँधी के मामले में भी होने वाला है


मार्केटिंग मैनेजमेण्ट के कुछ खास सिद्धान्त होते हैं, जिनके द्वारा जब किसी प्रोडक्ट की लॉंचिंग की जाती है तब उन्हें आजमाया जाता है। ऐसा ही एक प्रोडक्ट भारत की आम जनता के माथे पर थोपने की लगभग सफ़ल कोशिश हुई है। मार्केटिंग के बड़े-बड़े गुरुओं और दिग्विजय सिंह जैसे घाघ और चतुर नेताओं की देखरेख में इस प्रोडक्ट यानी राहुल गाँधी की मार्केटिंग की गई है, और की जा रही है। जब मार्केट में प्रोडक्ट उतारा जा रहा हो, (तथा उसकी गुणवत्ता पर खुद बनाने वाले को ही शक हो) तब मार्केटिंग और भी आक्रामक तरीके से की जाती है, बड़ी लागत में पैसा, श्रम और मानव संसाधन लगाया जाता है, ताकि घटिया से घटिया प्रोडक्ट भी, कम से कम लॉंचिंग के साथ कुछ समय के लिये मार्केट में जम जाये। (मार्केटिंग की इस रणनीति का एक उदाहरण हम “माय नेम इज़ खान” फ़िल्म के पहले भी देख चुके हैं, जिसके द्वारा एक घटिया फ़िल्म को शुरुआती तीन दिनों की ओपनिंग अच्छी मिली)। सरल भाषा में इसे कहें तो “बाज़ार में माहौल बनाना”, उस प्रोडक्ट के प्रति इतनी उत्सुकता पैदा कर देना कि ग्राहक के मन में उस प्रोडक्ट के प्रति लालच का भाव पैदा हो जाये। ग्राहक के चारों ओर ऐसा वातावरण तैयार करना कि उसे लगने लगे कि यदि मैंने यह प्रोडक्ट नहीं खरीदा तो मेरा जीवन बेकार है। हिन्दुस्तान लीवर हो या पेप्सी-कोक सभी बड़ी कम्पनियाँ इसी मार्केटिंग के फ़ण्डे को अपने प्रोडक्ट लॉंच करते समय अपनाती हैं। ग्राहक सदा से मूर्ख बनता रहा है और बनता रहेगा, ऐसा ही कुछ राहुल गाँधी के मामले में भी होने वाला है। 

राहुल बाबा को देश का भविष्य बताया जा रहा है, राहुल बाबा युवाओं की आशाओं का एकमात्र केन्द्र हैं, राहुल बाबा देश की तकदीर बदल देंगे, राहुल बाबा यूं हैं, राहुल बाबा त्यूं हैं… हमारे मानसिक कंगाल इलेक्ट्रानिक मीडिया का कहना है कि राहुल बाबा जब भी प्रधानमंत्री बनेंगे (या अपने माता जी की तरह न भी बनें तब भी) देश में रामराज्य आ जायेगा, अब रामराज्य का तो पता नहीं, रोम-राज्य अवश्य आ चुका है (उदाहरण – उड़ीसा के कन्धमाल में यूरोपीय यूनियन के चर्च प्रतिनिधियों का दौरा)।

जब से मनमोहन सिंह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं और राहुल बाबा ने अपनी माँ के श्रीचरणों का अनुसरण करते हुए मंत्री पद का त्याग किया है तभी से कांग्रेस के मीडिया मैनेजरों और “धृतराष्ट्र और दुर्योधन के मिलेजुले रूप” टाइप के मीडिया ने मिलकर राहुल बाबा की ऐसी छवि निर्माण करने का “नकली अभियान” चलाया है जिसमें जनता स्वतः बहती चली जा रही है। दुर्भाग्य यह है कि जैसे-जैसे राहुल की कथित लोकप्रियता बढ़ रही है, महंगाई भी उससे दोगुनी रफ़्तार से ऊपर की ओर जा रही है, गरीबी भी बढ़ रही है, बेरोज़गारी, कुपोषण, स्विस बैंकों में पैसा, काला धन, किसानों की आत्महत्या… सब कुछ बढ़ रहा है, ऐसे महान हैं हमारे राहुल बाबा उर्फ़ “युवराज” जो आज नहीं तो कल हमारी छाती पर बोझ बनकर ही रहेंगे, चाहे कुछ भी कर लो।

मजे की बात ये है कि राहुल बाबा सिर्फ़ युवाओं से मिलते हैं, और वह भी किसी विश्वविद्यालय के कैम्पस में, जहाँ लड़कियाँ उन्हें देख-देखकर, छू-छूकर हाय, उह, आउच, वाओ आदि चीखती हैं, और राहुल बाबा (बकौल सुब्रह्मण्यम स्वामी – राहुल खुद किसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई अधूरी छोड़कर भागे हैं और जिनकी शिक्षा-दीक्षा का रिकॉर्ड अभी संदेह के घेरे में है) किसी बड़े से सभागार में तमाम पढे-लिखे और उच्च समझ वाले प्रोफ़ेसरों(?) की क्लास लेते हैं। खुद को विवेकानन्द का अवतार समझते हुए वे युवाओं को देशहित की बात बताते हैं, और देशहित से उनका मतलब होता है NSUI से जुड़ना। जनसेवा या समाजसेवा (या जो कुछ भी वे कर रहे हैं) का मतलब उनके लिये कॉलेजों में जाकर हमारे टैक्स के पैसों पर पिकनिक मनाना भर है। किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर आज तक राहुल बाबा ने कोई स्पष्ट राय नहीं रखी है, उनके सामान्य ज्ञान की पोल तो सरेआम दो-चार बार खुल चुकी है, शायद इसीलिये वे चलते-चलते हवाई बातें करते हैं। वस्तुओं की कीमतों में आग लगी हो, तेलंगाना सुलग रहा हो, पर्यावरण के मुद्दे पर पचौरी चूना लगाये जा रहे हों, मंदी में लाखों नौकरियाँ जा रही हों, चीन हमारी इंच-इंच ज़मीन हड़पता जा रहा हो, उनके चहेते उमर अब्दुल्ला के शासन में थाने में रजनीश की हत्या कर दी गई हो… ऐसे हजारों मुद्दे हैं जिन पर कोई ठोस बयान, कोई कदम उठाना, अपनी मम्मी या मनमोहन अंकल से कहकर किसी नीति में बदलाव करना तो दूर रहा… “राजकुमार” फ़ोटो सेशन के लिये मिट्टी की तगारी उठाये मुस्करा रहे हैं, कैम्पसों में जाकर कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं, विदर्भ में किसान भले मर रहे हों, ये साहब दलित की झोंपड़ी में नौटंकी जारी रखे हुए हैं… और मीडिया उन्हें ऐसे “फ़ॉलो” कर रहा है मानो साक्षात महात्मा गाँधी स्वर्ग (या नर्क) से उतरकर भारत का बेड़ा पार लगाने आन खड़े हुए हैं।यदि राहुल को विश्वविद्यालय से इतना ही प्रेम है तो वे तेलंगाना के उस्मानिया विश्वविद्यालय क्यो नहीं जाते? जहाँ रोज-ब-रोज़ छात्र पुलिस द्वारा पीटे जा रहे हैं या फ़िर वे JNU कैम्पस से चलाये जा रहे वामपंथी कुचक्रों का जवाब देने उधर क्यों नहीं जाते? लेकिन राहुल बाबा जायेंगे आजमगढ़ के विश्वविद्यालय में, जहाँ उनके ज्ञान की पोल भी नहीं खुलेगी और वोटों की खेती भी लहलहायेगी। अपने पहले 5 साल के सांसद कार्यकाल में लोकसभा में सिर्फ़ एक बार मुँह खोलने वाले राजकुमार, देश की समस्याओं को कैसे और कितना समझेंगे?

कहा जाता है कि राहुल बाबा युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं? अच्छा? संवाद स्थापित करके अब तक उन्होंने युवाओं की कितनी समस्याओं को सुलझाया है? या प्रधानमंत्री बनने के बाद ही कौन सा गज़ब ढाने वाले हैं? जब उनके पिताजी कहते थे कि दिल्ली से चला हुआ एक रुपया गरीबों तक आते-आते पन्द्रह पैसा रह जाता है, तो गरीब सोचता था कि ये “सुदर्शन व्यक्ति” हमारे लिये कुछ करेंगे, लेकिन दूसरे सुदर्शन युवराज तो अब एक कदम आगे बढ़कर कहते हैं कि गरीबों तक आते-आते सिर्फ़ पाँच पैसा रह जाता है। यही बात तो जनता जानना चाहती है, कि राहुल बाबा ये बतायें कि 15 पैसे से 5 पैसे बचने तक उन्होंने क्या किया है, कितने भ्रष्टाचारियों को बेनकाब किया है? भ्रष्ट जज दिनाकरण के महाभियोग प्रस्ताव पर एक भी कांग्रेसी सांसद हस्ताक्षर नहीं करता, लेकिन राहुल बाबा ने कभी इस बारे में एक शब्द भी कहा? “नरेगा” का ढोल पीटते नहीं थकते, लेकिन क्या राजकुमार को यह पता भी है कि अरबों का घालमेल और भ्रष्टाचार इसमें चल रहा है? हाल के पंचायत चुनाव में अकेले मध्यप्रदेश में ही सरपंच का चुनाव लड़ने के लिये ग्रामीण दबंगों ने 1 करोड़ रुपये तक खर्च किये हैं (और ये हाल तब हैं जब मप्र में भाजपा की सरकार है, सोचिये कांग्रेसी राज्यों में “नरेगा” कितना कमाता होगा…), क्योंकि उन्हें पता है कि अगले पाँच साल में “नरेगा” उन्हें मालामाल कर देगा… कभी युवराज के मुँह से इस बारे में भी सुना नहीं गया। अक्सर कांग्रेसी हलकों में एक सवाल पूछा जाता है कि मुम्बई हमले के समय ठाकरे परिवार क्या कर रहा था, आप खुद ही देख लीजिये कि राहुल बाबा भी उस समय एक फ़ार्म हाउस पर पार्टी में व्यस्त थे… और वहाँ से देर सुबह लौटे थे… जबकि दिल्ली के सत्ता गलियारे में रात दस बजे ही हड़कम्प मच चुका था, लेकिन पार्टी जरूरी थी… उसे कैसे छोड़ा जा सकता था।


http://www.dailypioneer.com/138663/Partying-Rahul-raises-hackles.html

http://indiatoday.intoday.in/site/Story/21442/LATEST%20HEADLINES/Rahul+in+party+mood+soon+after+Mumbai+crisis.html

अरे राहुल भैया, आप शक्कर के दाम तक तो कम नहीं करवा सकते हो, फ़िर काहे देश भर में घूम-घूम कर गरीबों के ज़ख्मों पर नमक मल रहे हो? लेकिन यहाँ फ़िर वही मार्केटिंग का फ़ण्डा काम आता है कि प्रोडक्ट की कमियाँ ढँक कर रखो, उस प्रोडक्ट के “साइड इफ़ेक्ट” के बारे में जनता को मत बताओ, और यह काम करने के लिये टाइम्स ऑफ़ इंडिया, NDTV, द हिन्दू से लेकर तमाम बड़े-बड़े अखबारी-मीडिया-टीवी घराने (जिन्हें आजकल जनता “भाण्ड-गवैया” समझती है) लगे हुए हैं… लेकिन यह लोग एक बात भूल रहे हैं कि किसी प्रोडक्ट से अत्यधिक आशायें जगा देना भी बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि जब वह प्रोडक्ट जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता तब हालात और बिगड़ जाते हैं। यदि प्रोडक्ट कोई निर्जीव पदार्थ हो तो ज्यादा से ज्यादा उस कम्पनी को नुकसान होगा, लेकिन राहुल गाँधी नामक नकली प्रोडक्ट जब फ़ेल होगा, तब सामाजिक स्तर पर क्या-क्या और कैसा नुकसान होगा…

जाते-जाते : ईमानदारी से बताईयेगा कि उड़ीसा में चर्च के प्रतिनिधियों के दौरे वाली शर्मनाक खबर के बारे में आपने पुण्यप्रसून वाजपेयी, रवीश कुमार, किशोर अजवाणी, विनोद दुआ, पंकज पचौरी, प्रणय “जेम्स” रॉय, राजदीप सरदेसाई, दिबांग आदि जैसे तथाकथित स्टार पत्रकारों से कोई “बड़ी खबर”, या कोई “सबसे तेज़” खबर, या कोई परिचर्चा, कोई “सामना”, कोई “मुकाबला”, कोई “सीधी बात”, कोई “हम लोग” जैसा कितनी बार सुना-देखा है? मेरा दावा है कि इस मुद्दे को दरी के नीचे खिसकाने में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है, और यह ऐसा कोई पहला मामला भी नहीं है, मीडिया हमेशा से ऐसा करता रहा है, और जब कहा जाता है कि मीडिया “पैसे के भूखे लोगों का शिकारी झुण्ड” है तो कुछ लोगों को मिर्ची लग जाती है। यही मीडिया परिवार विशेष का चमचा है, सम्प्रदाय विशेष का दुश्मन है, पार्टी विशेष के प्रति प्रेम भावना से आसक्त है…

=================युवाओं से अनुरोध है कि इस लेख को अपने “राहुल भक्त” मित्रों को ट्वीट करें, ऑरकुट करें, फ़ॉरवर्ड करें… ताकि वे भी तो जान सकें कि जिस प्रोडक्ट को मार्केटिंग के जरिये उनके माथे पर ठेला जा रहा है, वह प्रोडक्ट कैसा है

संदर्भ सुरेश चिपलूंकर

इस युद्ध के बाद भारत मे धार्मिक आंदोलन का निर्माण होगा और भारत फिर से दुनिया का गुरु हो जाएगा

इस युद्ध के बाद भारत मे धार्मिक आंदोलन का निर्माण होगा और भारत फिर से दुनिया का गुरु हो जाएगा

मेरे हाथ मे एक बहुत ही बड़े दार्शनिक और भविष्यवेटा का पन्ना हाथ मे लगा था जिसमे लिखा था की
1 :::: भारत पर 2014 मे चीन और पाकिस्तान मिलकर हमला करेंगे - -
2 :::: इस युद्ध मे भारत एक विश्व विजेता के रूप मे विजयी होगा और दुनिया को दंग कर लेगा, अपनी रहस्यमयी ताकतों से । 3 :::: एक देश अपने नक्शे से ही अदराश्य हो जाएगा, भारत के साम्राज्य का विस्तार फिर से होगा ।
4 :::: भारत मे एक बहुत ही बड़ी पार्टी सबसे पुरानी अपना अस्तित्व खो देगी और पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी (कॉंग्रेस ) और एक नई पार्टी पहली बार सत्ता मे आएगी और नए भारत की गाथा लिखेंगी
5 ::::: इस युद्ध के बाद भारत मे धार्मिक आंदोलन का निर्माण होगा और भारत फिर से दुनिया का गुरु हो जाएगा !

मनमोहन का शाइनिंग "इंडिया" घोटालों का इंडिया है और इनकी कारस्तानियन ! आप भी देखें

मनमोहन का शाइनिंग "इंडिया" घोटालों का इंडिया है और इनकी कारस्तानियन ! आप भी देखें

Republic Of Scams Party

Total Scam Money (approx) Since 1992:  



Rs. 73000000000000 Cr. 
(73 Lakh Crore)

Hard to digest ? 
Just check the below given details
1992 -Harshad Mehta securities scam Rs 5,000 cr
1994 -Sugar import scam Rs 650 cr

1995 -Preferential allotment scam Rs 5,000 cr
Yugoslav Dinar scam Rs 400 cr
Meghalaya Forest scam Rs 300 cr

1996: -Fertiliser import scam Rs 1,300 cr
Urea scam Rs 133 cr
Bihar fodder scam Rs 950 cr

1997 -Sukh Ram telecom scam Rs 1,500 cr
SNC Lavalin power project scam Rs 374 cr
Bihar land scandal Rs 400 cr
C.R. Bhansali stock scam Rs 1,200 cr
1998 -Teak plantation swindle Rs 8,000 cr

2001 -UTI scam Rs 4,800 cr
Dinesh Dalmia stock scam Rs 595 cr
Ketan Parekh securities scam Rs 1,250 cr

2002 -Sanjay Agarwal Home Trade scam Rs 600 cr
2003 -Telgi stamp paper scam Rs 172 cr
2005 -IPO-Demat scam Rs 146 cr
Bihar flood relief scam Rs 17 cr
Scorpene submarine scam Rs 18,978 cr
2006 -Punjab's City Centre project scam Rs 1,500 cr,
Taj Corridor scam Rs 175 cr

2008 -Pune billionaire Hassan Ali Khan tax default Rs 50,000 cr
The Satyam scam Rs 10,000 cr
Army ration pilferage scam Rs 5,000 cr
The 2-G spectrum swindle Rs 60,000 cr
State Bank of Saurashtra scam Rs 95 cr
Illegal monies in Swiss banks, as estimated in 2008 Rs 71,00,000 cr

2009: -The Jharkhand medical equipment scam Rs 130 cr
Rice export scam Rs 2,500 cr
Orissa mine scam Rs 7,000 cr
Madhu Koda mining scam Rs 4,000 cr"

SC refuses to quash PIL against Mayawati in Taj corridor scam
Orissa mine scam could be worth more than Rs 14k cr
CORRUPTION, MONEY LAUNDERING SCAM, Koda discharged from hospital, arrest imminent
'A Cover-Up Operation':
"It's a scam involving close to Rs 60,000 crores"
Spectrum scam: How govt lost Rs 60,000 crore
 India's biggest scams 1, Ramalinga Raju, Rs. 50.4 billion
India's biggest scams 2, Harshad Mehta, Rs. 40 billion
India's biggest scams 3, Ketan Parekh, Rs. 10 billion
India's biggest scams 4, C R Bhansali, Rs. 12 billion
India's biggest scams 5, Cobbler scam
India's biggest scams 6, IPO Scam
India's biggest scams 7, Dinesh Dalmia, Rs. 5.95 billion
India's biggest scams 8, Abdul Karim Telgi, Rs. 1.71 billion
India's biggest scams 9, Virendra Rastogi, Rs. 430 million
India's biggest scams 10, The UTI Scam, Rs. 320 million
India's biggest scams 11, Uday Goyal, Rs. 2.1 billion
India's biggest scams 12, Sanjay Agarwal, Rs. 6 billion
India's biggest scams 13, Dinesh Singhania, Rs. 1.2 billion
1, Jeep Purchase (1948) :- Free India's corruption graph begins. V. K. Krishna Menon, then the Indian high commissioner to Britain, bypassed protocol to sign a deal worth Rs 80 lakh with a foreign firm for the purchase of army jeeps. The case was closed in 1955 and soon after Menon joined the Nehru cabinet.
2, Cycle Imports (1951) :- S.A. Venkataraman, then the secretary, ministry of commerce and industry, was jailed for accepting a bribe in lieu of granting a cycle import quota to a company.
3, BHU Funds (1956) :- In one of the first instances of corruption in educational institutions, Benaras Hindu University officials were accused of misappropriation of funds worth Rs 50 lakh.
4, MUNDHRA SCANDAL (1957):- It was the media that first hinted there might be a scam involving the sale of shares to LIC, Feroz Gandhi sources the confidential correspondence between the then Finance Minister T.T. Krishnamachari and his principal finance secretary, and raised a question in Parliament on the sale of 'fraudulent' shares to LIC by a Calcutta-based Marwari businessman named Haridas Mundhra. The then Prime Minister, Jawaharlal Nehru, set up a one-man commission headed by Justice M.C.Chagla to investigate the matter when it becomes evident that there was a prima facie case. Chagla concluded that Mundhra had sold fictitious shares to LIC, thereby defrauding the insurance behemoth to the tune of Rs. 1.25 crore. Mundhra was sentenced to 22 years in prison. The scam also forced the resignation of T.T.Krishnamachari.
6, Teja Loans (1960):- Shipping magnate Jayant Dharma Teja took loans worth Rs 22 crore to establish the Jayanti Shipping Company. In 1960, the authorities discovered that he was actually siphoning off money to his own account, after which Teja fled the country.
7, Kairon Scam (1963):- Pratap Singh Kairon became the first Indian chief minister to be accused of abusing his power for his own benefit and that of his sons and relatives. He quit a year later.
8, Patnaik's Own Goal (1965) :- Orissa Chief Minister Biju Patnaik was forced to resign after it was discovered that he had favoured his privately-held company Kalinga Tubes in awarding a government contract.
9, Maruti Scandal (1974) :- Well before the company was set up, former Prime Minister Indira Gandhi's name came up in the first Maruti scandal, where her son Sanjay Gandhi was favoured with a license to make passenger cars.
10, Solanki Exposé (1992) :- At the World Economic Forum, Madhavsinh Solanki, then the external affairs minister, slipped a letter to his Swiss counterpart asking their government to stop the probe into the Bofors kickbacks. Solanki resigned when India Today broke the story.
11, Kuo Oil Deal (1976):- The Indian Oil Corporation signed an Rs 2.2-crore oil contract with a non-existent firm in Hong Kong and a kickback was given. The petroleum and chemicals minister was directed to make the purchase.
12, Antulay Trust (1981) :- With the exposure of this scandal concerning A.R. Antulay, then the chief minister of Maharashtra, The Indian Express was reborn. Antulay had garnered Rs 30 crore from businesses dependent on state resources like cement and kept the money in a private trust.
13, HDW Commissions (1987) :- HDW, the German submarine maker, was blacklisted after allegations that commissions worth Rs 20 crore had been paid. In 2005, the case was finally closed, in HDW's favour.
14, Bofors Pay-Off (1987) :- A Swedish firm was accused of paying Rs 64 crore to Indian bigwigs, including Rajiv Gandhi, then the prime minister, to secure the purchase of the Bofors gun.
15, St Kitts Forgery (1989) :- An attempt was made to sully V.P. Singh's Mr Clean image by forging documents to allege that he was a beneficiary of his son Ajeya Singh's account in the First Trust Corp. at St Kitts, with a deposit of $21 million.
16, Airbus Scandal (1990) :- Indian Airlines's (IA) signing of the Rs 2,000-crore deal with Airbus instead of Boeing caused a furore following the crash of an A-320. New planes were grounded, causing IA a weekly loss of Rs 2.5 crore.
17, Securities Scam (1992) :- Harshad Mehta manipulated banks to siphon off money and invested the funds in the stock market, leading to a crash. The loss: Rs 5,000 crore.
18, Indian Bank Rip-off (1992) :- Aided by M. Gopalakrishnan, then the chairman of the Indian Bank, borrowers-mostly small corporates and exporters from the south-were lent a total of over Rs 1,300 crore, which they never paid back.
19, Sugar Import (1994) :- As food minister, Kalpnath Rai presided over the import of sugar at a price higher than that of the market, causing a loss of Rs 650 crore to the exchequer. He resigned following the allegations.
20, MS SHOES SCAM (1994) :- Anyone who war old enough in 1994 to read will remember the advertisements- tens of them intriguingly headlined: 'Who is Pawan Sachdeva?' For the record, it was the peak of the public issued-led advertising boom and the ads were created by the Delhi branch of Rediffusion. Sachdeva, the promoter of MS Shoes, allegedly used company funds to buy shares (of his own company) and rig prices, prior to a public issue. He is alleged to have colluded with officials in the Securities Exchange Board of India (SEBI) and SBI Caps, which lead-managed the issue, to dupe the public into investing in his Rs. 699-crore public-***-rights issue. Sachdeva was later acquitted
21, JMM Bribes (1995) :- Jharkhand Mukti Morcha leader Shailendra Mahato testified that he and three party members received bribes of Rs 30 lakh to bail out the P.V. Narasimha Rao government in the 1993 no-confidence motion.
22, In a Pickle (1996) :- Pickle baron Lakhubhai Pathak raised a stink when he accused former Prime Minister P.V. Narasimha Rao and godman Chandraswami of accepting a bribe of Rs 10 lakh from him for securing a paper pulp contract.
23, Telecom Scam (1996) :- Former minister of state for communication Sukh Ram was accused of causing a loss of Rs 1.6 crore to the exchequer by favouring a Hyderabad- based private firm in the purchase of telecom equipment. He, along with two others, was convicted in 2002.
24, Fodder Scam (1996) :- The accountant general's concerns about the withdrawal of excess funds by Bihar's animal husbandry department unveiled a Rs 950-crore scam involving Lalu Prasad Yadav, then the state chief minister. He resigned a year later.
25, Urea Deal (1996) :- C.S. Ramakrishnan, MD, National Fertiliser, and a group of businessmen close to the P.V. Narasimha Rao regime fleeced the government and took Rs 133 crore from the import of two lakh tonne of urea, which was never delivered.
26, Hawala Diaries (1996) :- The scandal surfaced following CBI raids on hawala operators in Delhi in 1991. But it was S.K. Jain's diaries that had heads rolling.
27, CRB SCAM (1997) :- Another scam forged by greed and discovered through accident. Chain Roop Bhansali, a smart-talking entrepreneur, created a pyramid financial empire based on high-cost financing. At its peak, his Rs. 1,000-crore financial conglomerate had in its ranks a mutual fund, a financial services company into fixed deposits, and a merchant bank. That Bhansali knew how to work the system became evident when he also managed to secure a provisional banking license. Then his luck ran out. An executive in the State Bank of India Inadvertently discovered that some interest warrants issued by Bhansali were not backed by cash. The bubble finally burst in May 1997, but by that time investors had lost over Rs. 1,000 crore. This was among the first retail scams in India and it was played out, in smaller avatars, across the country-especially in the South where financial services companies promised returns in excess of 20 per cent and decamped with the principal. Bhansali was arrested for a few weeks and released later on bail.
28, MEHTA'S SECOND COMING (1998) :- The Big Bull returned to the bourses. This time, he allegedly colluded with the promoters of BPL, Videocon International, and Sterile Industries to rig the share prices of these companies. The inevitable collapse happened sooner than planned, Harshad Mehta orchestrated a cover-up operation that included a high=jinks effort by officials of Bombay Stock Exchange to (illegally ) open the trading system in the middle of the night to set things right, but the damage had been done. SEBI finally passed its ruling on the scam in 2001, banning the three companies concerned from tapping the market-BPL, for two years. Mehta was debarred for life form dealing in Securities Appellate Tribunal (SAT) in October 2001
29, VANISHING COMPANIES SCAM (1998) :- A passing remark heard by then Finance Minister Palaniappan Chidambaram resulted in a furore over what was badly-kept secret on Dalal street. Chidambaram was told that hundreds of companies had disappeared after raising moneys form the public. An informal scrutiny revealed that perhaps over 600 companies were missing. Chidambaram ordered a probe by SEBI. The SEBI probe conducted in May 1998 revealed that while many companies are not traded on the bourses at least 80 companies that had rises Rs.330.78 crore were simply missing. Later that year, the Department of Company Affairs (DCA) was asked to probe and penalize these companies. DCA still investigating. Investigations continue to this day.
30, PLANTATION COMPANIES SCAM (1999) :- It was as innovative a swindle as any effected in the world. Savvy entrepreneurs convinced gullible investors that given the right irrigation and fertilizer inputs, teak, strawberries, and anything else that could be grown, would grow anywhere in the country. The promoters could afford to collect money from investors and not worry about retribution (or returns, for that matter). For, plantation companies fell under the purview of neither SEBI nor Reserve Bank of India. Indeed, they didn't even come under the scope of the Department decided to change things in 1999, enough investors had been gulled: 653 companies, between them, had raised Rs. 2,563 crore from investors. To date, not many investors have got their principals back, just another affirmation of the old saying about money not growing on trees.
31, Match Fixing (2000) :- Mohammed Azharuddin, till then India's cricket captain, was accused of match-fixing. He and Ajay Sharma were banned from playing, while Ajay Jadeja and Manoj Prabhakar were suspended for five years.
32, KETAN PAREKH SCAM (2001) :- Ketan Parekh's modus operandi wasn't very different from Harshad Mehta's. If Mehta used banker's receipts, then Parekh used pay orders to ramp up the prices of his favourite scrips (the K-10). Apart from money form the banking system Parekh also rerouted money from corporated like HFCL (Rs. 425 crore), and Zee (Rs. 340 crore) to good effect. He was caught when pay-orders issued by Madhavpura Mercantile Cooperative Bank bounced. Although the total amount involved in the scam was just Rs. 137 crore, the impact was far greater.
Apparently, when a bear cartel sensed Parekh was in trouble, it stepped in and leveraged a dip in the NASDAQ to bear down stock prices. The resultant slump in the markets happened soon after Finance Minister Yashwant Sinha presented what he considered his best budget ever. Under pressure from the government, SEBI investigated the scam and heads began to roll. Among them: the entire management team of BSE, including its president Anand Rathi, CSFB, First Global, and, in an indirect connection, P.S.Subramanyam, the Chairman of UTL Evidently, for the 18 months that PSS was Chairman of UTI, the Trust had mirrored the actions of the bull cartel. The result? When the market tanked, so did the NAV of its holy cow, the US-64.
33, Tehelka Sting (2001) :- Tehelka, an online news portal, used spycams to catch army officers and politicians accepting bribes, in their sting operation called Operation Westend. Investigative journalism turned another corner in the country.
34, Stockmarket Scam (2001) :- The mayhem that wiped off over Rs 1,15,000 crore in the markets in March 2001 was masterminded by the Pentafour bull Ketan Parekh. He was arrested in December 2002 and banned from acccessing the capital market for 14 years.
35, Home Trade Scam (2002) :- Under the pretext of gilt trading, Rs 600 crore was swindled from over 25 cooperative banks in Maharashtra and Gujarat by a Navi Mumbai-based brokerage firm Home Trade. Sanjay Agarwal, CEO of the firm, was arrested in May 2002.
36, Stamp Paper Scam (2003) :- The sheer magnitude of the racket was shocking-it caused a loss of Rs 30,000 crore to the exchequer. Disclosures of the mastermind behind it, Abdul Karim Telgi, implicated top police officers and bureaucrats.

37, Oil-for-Food Scandal (2005) :- K. Natwar Singh was unceremoniously dropped from the Cabinet when his name surfaced in the Volcker Report on the Iraq oil-for-food scam.
What India Could Do With Rs 73 Lakh Crore?
Build: 2.4 crore primary healthcare centres. Thats at least 3 for every village, at a cost of Rs 30 lakh each.
Build: 24.1 lakh Kendriya Vidyalayas at a cost of Rs 3.02 crore each, with two sections from Class VI to XII.

Construct: 14.6 crore low-cost houses assuming a cost of Rs 5 lakh a unit.
Set up: 2,703 coal-based power plants of 600 MW each. Each costs Rs 2,700 crore.
Supply: 12 lakh CFL bulbs. Thats enough light for each of Indias 6 lakh villages

Construct: 14.6 lakh km of two-lane highways. Thats a road around Indias perimeter 97 times over.
Clean up: 50 major rivers for the next 121 years, at Rs 1,200 crore a river every year.
Launch: 90 NREGA-style schemes, each worth roughly Rs 81,111 crore.
Announce: 121 more loan waiver schemes. All of them worth Rs 60,000 crore.
Give: Rs 56,000 to every Indian. Even better, give Rs 1.82 lakh to 40 crore Indians living BPL.

Hand out: 60.8 crore Tata Nanos to 60.8 crore people. Or four times as many laptops.
Grow the GDP: The scam money is 27% more than our GDP of Rs 53 lakh crore."
Greed, graft, politics, bribery, dirty money. Just another day in the life of a nation still rated among the most corrupt in the world. Scan the scams that have grabbed headlines, destroyed reputations and left many people poorer.

Activists of India's main opposition Bharatiya Janata Party (BJP) shout slogans and hold posters of India's Prime Minister Manmohan Singh (C), Chief of India's ruling Congress party Sonia Gandhi (R) and India's Oil Minister Murli Deora during a protest against the hike in fuel prices, in a lake in the central Indian city of Bhopal June 30, 2010. REUTERS/Raj Patidar (INDIA - Tags: CIVIL UNREST POLITICS ENERGY BUSINESS)

सर्वश्रेष्ठ जाँच संस्था” - - तहलका, टाइम्स और नेहरु डायनेस्टी टीवी (NDTV) ! धर्मांतरंण रोकने के खिलाफ एक षड्यंत्र मीडिया का

सर्वश्रेष्ठ जाँच संस्था” - - तहलका, टाइम्स और नेहरु डायनेस्टी टीवी (NDTV) ! धर्मांतरंण रोकने के खिलाफ एक षड्यंत्र मीडिया का

source:  Suresh Chiplunkarरूस में स्टालिन के ज़माने का एक किस्सा है, स्टालिन से मिलने चार ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमण्डल आया था। स्टालिन से उनकी चर्चा हुई और ग्रामीण उनके केबिन से बाहर निकल गये। स्टालिन को सिगार पीने की याद आई, उन्होंने जेबें टटोलीं… टेबल की दराज देखीं, कोट को हिला-डुलाकर देखा लेकिन उनका प्रिय सिगार उन्हें नहीं मिला। स्टालिन ने तत्काल अपनी सेक्रेटरी मारिया को बुलवाया और कहा कि अभी-अभी जो चार ग्रामीण बाहर निकले हैं उनसे मेरे सिगार के बारे में पूछताछ करो। मारिया के जाने के थोड़ी देर बाद स्टालिन को वह सिगार टेबल के नीचे पड़ा दिखाई दिया, स्टालिन ने मारिया को फ़ोन लगाया और कहा कि उन ग्रामीणों को छोड़ दो… तब मारिया बोली, “लेकिन सर, चार में से तीन लोगों ने तो स्वीकार कर लिया है कि आपका सिगार उन्होंने चुराया था और चौथा भी जल्दी ही मान जायेगा, मै “चारों” सिगार लेकर आ ही रही हूँ…”

भले ही यह किस्सा स्टालिन की तानाशाही कार्यप्रणाली के लिये हँसी-मजाक के तौर पर उपयोग होता है, लेकिन यह भारत की तथाकथित “सर्वश्रेष्ठ जाँच संस्था”(?) सीबीआई की कार्यप्रणाली से अक्षरशः मेल खाता है। जब से कांग्रेस सरकार महंगाई, स्पेक्ट्रम, कलमाडी और आदर्श जैसे मामलों के कीचड़ में धँसी है, तभी से कांग्रेस व उसके चमचों खासकर तहलका, टाइम्स और नेहरु डायनेस्टी टीवी (NDTV) में “हिन्दू आतंक”(?) को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने और हल्ला मचाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। स्वामी असीमानन्द द्वारा समझौता ब्लास्ट मामले में दिया गया “तथाकथित बयान” भी जानबूझकर लीक करवाया गया है, इसके कथित कागज़ात व सबूत “तहलका” पर प्लाण्ट करवाये गये हैं, जबकि समझौता एक्सप्रेस बम विस्फ़ोट मामले में सीबीआई पहले भी सिमी के प्रमुख कार्यकर्ता सफ़दर नागोरी से भी कबूलनामा ले चुकी है, जबकि अमेरिकी जाँच एजेंसी ने इसी मामले में डेविड हेडली की पत्नी के बयान को लेकर उसके खिलाफ़ पहले ही मामला खोल रखा है।




सीबीआई के अनुसार, सफ़दर नागोरी, कमरुद्दीन नागोरी व आमिल परवेज़ ने नार्को टेस्ट में कबूल किया था कि समझौता एक्सप्रेस में उन्होंने बम रखवाये थे और इस मामले से कर्नल पुरोहित व साध्वी प्रज्ञा का कोई लेना-देना नहीं है, जबकि सीबीआई अब कह रही है कि असीमानन्द ने रितेश्वर और सुनील जोशी के साथ मिलकर यह साजिश रची। उधर अमेरिका में डेविड हेडली की पूर्व-पत्नी फ़ैज़ा औतुल्ला ने हेडली द्वारा समझौता एक्सप्रेस में लश्कर के साथ मिलकर बम विस्फ़ोट करने की योजना का खुलासा किया है। नार्को टेस्ट में सफ़दर नागोरी ने कबूल किया है कि समझौता एक्सप्रेस में बम रखने के लिये सूटकेस कटारिया मार्केट इन्दौर से खरीदे गये थे, नागोरी ने यह भी कबूल किया है कि सिमी नेता अब्दुल रज्जाक ने समझौता एक्सप्रेस विस्फ़ोट के लिये पाकिस्तान से आर्थिक मदद प्राप्त की थी। (32 पेज की यह नार्को टेस्ट रिपोर्ट एवं फ़ोरेंसिक टीम के निष्कर्षों की पूरी कॉपी अखबार “द पायनियर” के पास उपलब्ध है) 

इसी प्रकार हेडली की मोरक्कन बीवी ने अमेरिकी जाँच एजेंसी को शिकायत की थी कि हेडली भारत की किसी एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखवाने की योजना बना रहा है, समझौता एक्सप्रेस बम विस्फ़ोट के बाद उसका शक और गहरा गया। लश्कर से हेडली के सम्बन्ध जगज़ाहिर हैं।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि भारत की “महान जाँच एजेंसी”(?) जिसने हाल ही में आरुषि हत्याकाण्ड में अपनी “स्टालिन-मारिया टाइप की योग्यता” दर्शाई है, क्या असीमानन्द के मामले में उस पर भरोसा किया जा सकता है? सफ़दर नागोरी, डेविड हेडली या असीमानन्द… किसकी बात सच मानी जाये, किसकी झूठ? सफ़दर नागोरी का नार्को टेस्ट बड़ा बयान माना जाये या असीमानन्द का मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया “कथित” बयान?

सीबीआई का न तो रिकॉर्ड साफ़-सुथरा है न ही उसकी इमेज इतनी दमदार है कि वह जनता में यह संदेश देने में कामयाब हो कि वह निष्पक्षता से जाँच करेगी ही। बोफ़ोर्स मामले में हम देख चुके हैं कि किस तरह “महारानी विक्टोरिया” ने सीबीआई की बाँहें मरोड़कर उनके चहेते क्वात्रोची को क्लीन चिट दिलवाई थी और गाहे-बगाहे केन्द्र में समर्थन लेने के लिये कभी मायावती, कभी मुलायम सिंह तो कभी जयललिता के पुराने मामलों को कब्र से निकालकर उनकी गर्दन पकड़ने का काम सीबीआई के जरिये किया जाता रहा है… इसलिये भारतीय पुलिस की स्टालिन-मारिया स्टाइल वाली पूछताछ और बयानों से किसी भी समय, किसी को भी दोषी सिद्ध किया जा सकता है…

ये बात और है कि कोर्ट में इनके लगाये-बनाये हुए केस की धज्जियाँ उड़ जाती हैं, लेकिन सुनियोजित तरीके से बयानों को अपने पालतू मीडिया में लीक करवाकर हिन्दू संगठनों को बदनाम करने का जो खेल खेला गया है, अभी तो वह कारगर दिखाई दे रहा है। अभी मामला कोर्ट में नहीं गया है, लेकिन यदि मान लो कि असीमानन्द दोषी साबित भी हो गये (जिसकी सम्भावना कम ही है) तब भी जाँच के तरीके और सफ़दर के बयानों के मद्देनज़र शक की गुंजाइश हमेशा बनी रहेगी…

जिस तरह काफ़ी समय से कांग्रेस की कोशिश रही है कि उसके “10 किलो के भ्रष्टाचार”  और भाजपा के 100 ग्राम भ्रष्टाचार को तराजू में रखकर बराबरी से तौला जाये, उसी प्रकार अब दिग्विजय सिंह जैसे लोगों के ज़रिये यह जी-तोड़ कोशिश की जा रही है कि किस प्रकार पाक प्रायोजित जेहादी आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद को एक पलड़े पर लाया जाये… चूंकि मीडिया में कांग्रेस के ज़रखरीद गुलाम भरे पड़े हैं और हिन्दुओं में भी “जयचन्द” इफ़रात में मिल जाते हैं इसलिये कांग्रेस की यह कोशिश रंग भी ला रही है। कांग्रेस ने पाकिस्तान को जानबूझकर यह कार्ड भी पकड़ा दिया है, और इसका बखूबी इस्तेमाल वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर करेगा ही। 26/11 के बाद पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर चौतरफ़ा जिस प्रकार घेरा गया था, अब “हिन्दू आतंक” के नाम पर सेकुलरों द्वारा खुद एक डाकू को ही “चोर-चोर-चोर” चिल्लाने का मौका दिया गया है।




गुलामों द्वारा दिखाई जा रही स्वामीभक्ति के चन्द नमूने भी देख लीजिये – “26/11 - संघ की साजिश” नाम की कूड़ा पुस्तक लिखने वाले अज़ीज़ बर्नी से किसी भी मीडिया हाउस ने अभी तक कोई गम्भीर सवाल-जवाब नहीं किये हैं। एक तरफ़ तो दिग्विजय सिंह बार-बार इस घटिया पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में जाते हैं, उसका “प्रचार” करते हैं और दूसरी तरफ़ ये भी कहते हैं कि मैं हेमन्त करकरे की शहादत पर सवाल नहीं उठा रहा और पाकिस्तान का हाथ तो 26/11 में है ही…। कोई उनसे यह नहीं पूछता कि यदि आपको भरोसा है कि 26/11 में पाक और लश्कर का हाथ है तो अज़ीज़ बर्नी के प्रति आपका स्नेह इतना क्यों टपक रहा है? क्या इस पुस्तक की रॉयल्टी में उनका भी हिस्सा है? उधर “तहलका” भारत के सबसे सफ़ल मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को “पोस्टर बॉय” कहता है, तहलका को शायद “वायब्रेण्ट गुजरात” की सफ़लता से चिढ़ हो गई हो, तहलका की ही एक “ईसाई” रिपोर्टर निशा सूसन थीं जिन्होंने प्रमोद मुतालिक को पिंक चड्डी भेजने का छिछोरा अभियान चलाया था, ये बात और है कि तसलीमा नसरीन पर हमला करने वाले हैदराबाद के मुल्ले को “ग्रीन चड्डी” भेजने की उनकी हिम्मत नहीं है। नेहरु डायनेस्टी टीवी (NDTV) के बारे में तो कुछ कहना बेकार ही है यह तो अपने जन्म से ही “हिन्दू-विरोधी” है।

इन गुलामों में से कितनों ने NIA द्वारा केरल में की जा रही जाँच, अब्दुल मदनी से आतंकियों से सम्बन्ध और सिमी के ट्रेनिंग कैम्पों के बारे में अपने चैनलों पर दिखाया? क्या कभी सूफ़िया मदनी द्वारा दिये गये बयान अचानक प्रेस के माध्यम से सार्वजनिक हुए हैं? नहीं। लेकिन चूंकि “हिन्दू आतंक” शब्द को कांग्रेस द्वारा “ग्लोरिफ़ाय” किया जाना है और “भोंदू युवराज” हिन्दू आतंकवाद को ज्यादा खतरनाक बता चुके हैं तो सीबीआई और मीडियाई गुलामों का यह कर्त्तव्य बनता है कि वे इसे “साबित” भी कर दिखायें… चाहे स्टालिन-मारिया तकनीक ही क्यों न अपनानी पड़े…

तात्पर्य यह कि “जयचन्दों और खरीदे हुए भाण्डों” के सहारे “हिन्दुओं को बदनाम करो”अभियान सफ़लतापूर्वक चल रहा है।
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चलते-चलते : स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती की उड़ीसा में हत्या हुई, नित्यानन्द को कर्नाटक में एक फ़र्जी वीडियो के जरिये बदनाम किया गया (वह वीडियो भी आश्रम के एक पूर्व कर्मचारी, जो ईसाई है, द्वारा ही बनाया गया है), हिन्दुओं की नाक पर बूट मलने की खातिर, कांची के शंकराचार्य को ऐन दीपावली की रात को हवालात में डाला गया और अब स्वामी असीमानन्द की बारी आई है…… क्या “गजब का संयोग”(?) है कि उक्त चारों महानुभाव मिशनरी द्वारा किये जा रहे धर्मान्तरण के खिलाफ़ कंधमाल(उड़ीसा), कर्नाटक, तमिलनाडु एवं डांग(गुजरात) में जबरदस्त अभियान चलाये हुए थे व हिन्दू जनजागरण कर रहे थे।

क्या अगला नम्बर योगी आदित्यनाथ (गोरखपुर) का होगा? इसका जवाब भोंदू युवराज या महारानी विक्टोरिया ही दे सकते हैं

sandarbh: http://blog.sureshchiplunkar.com/2011/01/hindu-terror-cbi-and-nia-india-lashkar.html?utm_source=feedburner&utm_medium=email&utm_campaign=Feed:+sureshChiplunkar+(%3F%3F%3F%3F%3F%3F+%3F%3F+%3F%3F%3F%3F%3F+%3F%3F%3F%3F%3F%3F%3F%3F+(Suresh+Chiplunkar))
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