शुक्रवार, अगस्त 19, 2011

राष्ट्र पिता का मूल्यांकन फिर से किया जाए

राष्ट्र पिता का मूल्यांकन फिर से किया जाए ? by SHRI YASHPAL SOLANKI https://www.facebook.com/topic.php?uid=145258605504787&topic

Rameshwar Arya द्वारा 06 जुलाई 2011 को 15:12 बजे पर
--1-- क्या राष्ट्रीय पिता उसे कहते है जो किसी एक विशेष समुदाय के प्रति तुष्टिकरण की निति रखता हो,

--2-- ऐसे अहिंसा के पुजारी जिसके मंदिर मे १ महीने मे १० लाख लोग मौत के काल मे समां गए,

 --3-- अगर इसे महात्मा कहते है तो वह १० लाख लोगो की मौते नहीं होती ! उसे पता थी यह बात की एसा हो जायेगा, क्योकि वह तो महात्मा थे ना ?

--4-- भ्रह्मचर्य का सिर्फ अभ्यास कोई भला ६० साल तक करता है ? उसके प्रयोग करता हो, भ्रह्मचर्य का पालन जन्म से लागु होता है, गाँधी ने इसकी अलग ही परिभाषा लिख डाली

--5-- एसा महात्मा जो पाकिस्तान को ५५ करोड़ जेसी भरी भरकम राशी ( आज के समय मे २०,००० करोड़ ) देने के लिए अनसन पर बैठा हो,

--6-- एसा "राष्ठ्रपिता" जो जनता को सिखाये की कैसे अपनी मांगो के लिए हड़ताल करनी चाहिए, ये हाल आज भी है, लोग हड़ताले करते है रोज, बैंक की हड़ताल, शिक्षको की हड़ताले... वगेरह

--7-- एसा महात्मा जो सरकार पर मस्जिद बनवाने के लिए दबाव बनाता हो और सोमनाथ मंदिर के लिए पैसे मांगने पर उसे व्यर्थ का सरकारी खर्च मानता हो !


--8-- इस महात्मा को सिर्फ भारत के भूखे नंगो को इकठ्ठा करना आता था जिसकी कला आज के रौल विंसी, अंतोनियो, बियंका मे भी है ( राहुल गाँधी, सोनिया, प्रियंका )

--9-- कहते है की गाँधी तपती धुप मे यात्रा करते थे तो उस ज़माने मे क्या किसान घर मे छत के निचे खेती बड़ी करते थे ? , और क्या साथ मे मारुती गाड़ी रखते थे ? कम ही ऐसे थे जो गाड़ी / बेलगाडी से यात्रा करते थे

--10-- कोंग्रेस के द्वारा घोषित तथाकथित "राष्ट्रपिता" क्या भारत इतिहास के अकेले भारतीय थे जो भ्रह्मचर्य की बाते करते थे, उनके भी संताने थी और भ्रह्मचर्य का अखंड पालन करने वाले विवेकानंद क्यों नहीं राष्ट्रपिता थे ? वो तो गाँधी से १०० गुना सच्चे देश भक्त थे और दुनिया उन्हें आदर भाव देती है है इसी किताब जिसमे उनके बारे मे गलत लिखा है ? पूरी दुनिया मे उन्होंने भारत का सही मान बढाया था !

--11-- लेकिन क्या है ना की स्वामी विवेकानंद जी जैसे धर्म पुरुष से कोई सत्ता हासिल नहीं होती थी इसलिए "गाँधी" ब्रांड का सहारा लिया कोंग्रेस ने !

--12-- भारतवासियों को हमेशा दुसरे गाल पर भी खाने की सलाह देने वाले गांधीजी के कोंग्रेसी अनुयायी कितने हत्यारों ( गुरु, मदनी, कसाब आदि ) को पनाह देती है

--13-- अगर ऐसे महात्मा कहा जाता है तो नाथूराम जेसे तथाकथित "हत्यारा" जिसकी अस्थिया आज भी पुणे में पड़ी है, उसने एक दिन कहा था की "मेरी अस्थिया उस सिन्धु नदी मे बहा देना जिस दिन सिन्धु नदी भारत झंडे के तले बहने लगे ! " ऐसा भला क्यों कहा ? जब उनका मानसिक संतुलन का "टेस्ट" हुआ था तो उनका स्वास्थ्य एकदम ठीक था सामान्य मनुष्य की तरह ! फिर उनको कोंग्रेस की किताबो मे मानसिक रोगी क्यों कहा ? 

--14-- ये कोंग्रेस के द्वारा घोषित महात्मा है, जिन्होंने पुरे विश्व में अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से अपने सत्ता के तृष्णा के लिए किसी तथाकथित "महात्मा" का सहारा लिया जिसने हमेशा बोस, पटेल, भगत सिंह, उस्फफ़ उल्लाह खान, राजगुरु की नीतियों का विरोध किया और उन्हें देश द्रोही तक कह दिया 

--15-- आज समय आ गया है की नई पीढ़ी कोंग्रेसी किताबो के इतिहास से परे सच्चाई जानने का प्रयास करे, और सुनिश्चित करे की राजगुरु, भगत सिंह, अबुल कलम आजाद, उल्लाह खान, बोस, पटेल , गोडसे आदि देश भक्त थे या फिर ये तथाकथित "महात्मा" भारत के नोट पर शोभा बनने के लायक ! 

--16-- हमने जहा से इस तथाकथित राष्ट्रीय पिता के बारे मे कोंग्रेसी इतिहास से पढ़ा - सुना, और उसे राष्ट्रीय पिता का दर्जा दे दिया , वन्दे मातरम !

--17-- गांधी "जी" (?)  ने एक बार कहा था कि यदि गो-हत्या देख कर दुःख होता है तो उसके विरोध में अपनी जान दे दो लेकिन गो-हत्या करने वाले को क्षति मत पहुँचाओ.  वाह रे गाँधी वाह! मतलब गायें तो मारी हीं जाएँ और साथ में गोपालक भी मरे. तो लक्ष्य किसका सधा ? मुसलमानों को हम गाय के साथ स्वयं को भी समर्पित करें !

--18-- आजकल राहुल गांधी जैसे अज्ञानी को भीमहन बना देती है मीडिया नाम की ब्रांडिंग अजेंसी, वैसे ही गांधी को उस समय एक ब्रांडिंग अजेंसी ने ब्रांड बनाया था घर घर तक ! आप ही बताइये उस एजेंसी की मेहनत व्यर्थ जाने वाली थी क्या (क्यूंकी उस समय लोगो ज्यादा अनपढ़ थे ) यही कारण था की भगतसिंह , आजाद, बॉस जैसे लोगो के साथ पढेलिखे लोग थे ?    आज की हिन्दू जनता से यह अवश्य पूछना / सर्वे करना चाहिए की उसका राष्ट्रपिता कैसा हो ना की एक पार्टी किसी अयोग्य व्यक्ति को राष्ट्र-पिता जैसा महान दर्जा दें, हमारा राष्ट्र से मतलब भारत और भारत का राष्ट्र पिता गाँधी जेसा हो तो फिर स्वामी विवेकानंद, गौतम बुद्ध, दयानंद सरस्वती, महर्षि अरविन्द, सुभाष चन्द्र बोश, भगत सिंह, आजाद, टोपे, मंगल पांडे, वीर सावरकर ( इन्हें तो कोंग्रेस आतंकवादी कहती है ) , राज गुरु, अस्फफ़ उल्लाह खान, राणा प्रताप, शिवाजी, भामा शाह, राणा सांगा, बिस्मिल राणा कुम्भा, रामदास, तुका राम, संत कबीर, रैदास, राम कृष्ण परमहंस, राम, कृष्ण, अर्जुन, भीम, भरत, भीष्म पिता, परशुराम, युधिष्ठिर, पृथ्वी राज चौहान ( भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट जिसने मोहम्मद गौरी जेसे नीच, आतंकवादी को १४ बार परस्त किया) , हनुमानजी , राजा हर्षवर्धन ( ऐसे महान सम्राट के बारे मे शायद मेक-डोनाल्ड मे जाने वाला क्या जाने ?) , अशोक क्या सिर्फ कहानिया मात्र थी ? क्या ये सभी गाँधी से कम महान थे ... राणा सांगा अगर अहिंसा नहीं करते और आतंकवादियों को नहीं खदेड़ते तो वे राणा सांगा नहीं कहलाते, अच्छा हुआ की गाँधी जैसे "महापुरुष" ने इस मुर्दी सदी मे मुर्दे लोगो के संग अवतार लिया ! आज के ज़माने मै गाँधी को महत्व क्यों दिया जा रहा है इसका एक कारण है की ओबामा गाँधी को मानता है ( मानने का ढोंग करता है , काले अंग्रेजो को बेवकूफ बनाने के लिए )------नोट: मेरा गाँधी के साथ कोई जाती दुश्मनी नहीं है, मेरे ह्रदय मे सिर्फ हमारी हजारो साल पुरानी सभ्यता का गौरव है बस ! इसलिए मुझे घृणा है ऐसे लोगो से जो राष्ट्र-पिता शब्द का अपमान करते है और उस शब्द का मतलब नहीं समझते , और किसी एरे गेरे को राष्ट्र पिता बना देते है, मुझे आपत्ति है इस शब्द से मेरे भारत का पिता ऐसा नहीं हो सकता है !    आप को पूरा अधिकार है की आप इस तथाकथित महात्मा के बारें मे जाने इन्टरनेट पर और सच्चे साहित्य


































































AB NEECHE  KUCHH DESHDROHIYON KI PHOTO JINKI WAJAH SE BHARAT GAREEB HAI AUR BHRASHTACHAR AUR BHRASHT VYAVASTHA KE IS VATAVARAN ME JI RAHA HAI JAI HIND BHARAT MATA KI JAI HO VANDEMATRAM VANDEMATRAM VANDEMATRAM




















15 अगस्त 1947 ....  आजादी नहीं धोखा है, देश का समझौता है

आजादी नहीं धोखा है, देश का समझौता है
शासन नहीं शासक बदला है, गोरा नहीं अब काला है

15 अगस्त 1947 को देश आजाद नहीं हुआ तो हर वर्ष क्यों ख़ुशी मनाई जाती है ?
क्यों भारतवासियों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है l इस सन्दर्भ में निम्नलिखित तथ्यों को जानें .... :

1. भारत को सत्ता हस्तांतरण 14-15 अगस्त 1947 को गुप्त दस्तावेज के तहत, जो की 1999 तक प्रकाश में नहीं आने थे (50 वर्षों तक ) l

2. भारत सरकार का संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में संशोधन करने का अधिकार नहीं है l

3. संविधान के अनुच्छेद 348 के अंतर्गत उच्चतम न्यायलय, उच्च न्यायलय तथा संसद की कार्यवाही अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में होने के बजाय अंग्रेजी भाषा में होगी l

4. अप्रैल 1947 में लन्दन में उपनिवेश देश के प्रधानमंत्री अथवा अधिकारी उपस्थित हुए, यहाँ के घोषणा पात्र के खंड 3 में भारत वर्ष की इस इच्छा को निश्चयात्मक रूप में बताया है की वह ...
   क ) ज्यों का त्यों ब्रिटिश का राज समूह सदस्य बना रहेगा  तथा
   ख ) ब्रिटिश राष्ट्र समूह के देशों के स्वेच्छापूर्ण मिलाप का ब्रिटिश सम्राट को चिन्ह (प्रतीक) समझेगा, जिनमे शामिल हैं .....
           (इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, श्री लंका) ... तथा
   ग ) सम्राट को ब्रिटिश समूह का अध्यक्ष स्वीकार करेगा l

5. भारत की विदेश नीति तथा अर्थ नीति,  भारत के ब्रिटिश का उपनिवेश होने के कारण स्वतंत्र नहीं है अर्थात उन्हीं के अधीन है l

6. नौ-सेना के जहाज़ों पर आज भी तथाकथित भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं है l

7. जन गन मन अधिनायक जय हे ... हमारा राष्ट्र-गान नहीं है, अपितु जार्ज पंचम के भारत आगमन पर उसके स्वागत में गाया गया गान है, उपनिवेशिक प्रथाओं के कारण दबाव में इसी गीत को राष्ट्र-गान बना दिया गया ... जो की हमारी गुलामी का प्रतीक है l

8. सन 1948 में बने बर्तानिया कानून के अंतर्गत भाग 1 (1) 1948 के बर्तानिया के कानून के अनुसार हर भारतवासी बर्तानिया की रियाया है और यह कानून भारत के गणराज्य प्राप्त कर लेने के पश्चात भी लागू है l

9. यदि 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो प्रथम गवर्नर जनरल माउन्ट-बेटन को क्यों बनाया गया ??

10. 22 जून 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न शपथ ली l
"मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगा, एवं
मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सव्वा करूँगा l "

11. 14 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता विधि से भारत के दो उपनिवेश बनाए गए जिन्हें ब्रिटिश Common-Wealth की ...
धारा नं.  9 (1) - (2) - (3) तथा
धारा नं. 8 (1) - (2)
धारा नं.  339 (1)
धारा नं. 362 (1) - (3) - (5)
G - 18 के अनुच्छेद 576 और 7 के अंतर्गत ....

इन उपरोक्त कानूनों को तोडना या भंग करना भारत सरकार की सीमाशक्ति से बाहर की बात है तथा प्रत्येक भारतीय नागरिक इन धाराओं के अनुसार ब्रिटिश नागरिक अर्थात गोरी सन्तान है l

12. भारतीय संविधान की व्याख्या अनुच्छेद 147 के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट 1935 तथा indian independence act 1947 के अधीन ही की जा सकती है ... यह एक्ट ब्रिटिश सरकार ने लागू किये l

13. भारत सरकार के संविधान के अनुच्छेद नं. 366, 371, 372 एवं 392 को बदलने या रद्द करने की क्षमता भारत सरकार को नहीं है l

14. भारत सरकार के पास ऐसे ठोस प्रमाण अभी तक नहीं हैं, जिनसे नेताजी की वायुयान दुर्घटना में मृत्यु साबित होती है l
इसके उपरान्त मोहनदास गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने  ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ यह समझौता किया कि अगर नेताजी ने भारत में प्रवेश किया, तो वह गिरफ्तार ककर ब्रिटिश हुकूमत को सौंप दिया जाएगाl
बाद में ब्रिटिश सरकार के कार्यकाल के दौरान उन सभी राष्ट्रभक्तों की गिरफ्तारी और सुपुर्दगी पर मुहर लगाईं गई जिनको ब्रिटिश सरकार पकड़ नहीं पाई थी l



15. डंकल व् गैट, साम्राज्यवाद को भारत में पीछे के दरवाजों से लाने का सुलभ रास्ता बनाया है ताकि भारत की सत्ता फिर से इनके हाथों में आसानी से सौंपी जा सके l

उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है की सम्पूर्ण भारतीय जनमानस को आज तक एक धोखे में ही रखा गया है, तथाकथित नेहरु गाँधी परिवार इस सच्चाई से पूर्ण रूप से अवगत थे परन्तु सत्तालोलुभ पृवृत्ति के चलते आज तक उन्होंने भारत की जनता को अँधेरे में रखा और विश्वासघात करने में पूर्ण रूप से सफल हुए l

सवाल उठता है कि ... यह भारतीय थे या .... काले अंग्रेज ?

नहीं स्वतंत्र अब तक हम, हमे स्वतंत्र होना है
कुछ झूठे देशभक्तों ने, किये जो पाप, धोना है

सरदार भगत सिंह कि मृत्यु के पीछे अंग्रेजों के कानूनों के बहाने गुंडागर्दी एवं क्रूरता के राज्य का पर्दाफाश करना एवं भारत के नौजवानों को भारत कि पीड़ा के प्रति जागृत करना उद्देश था l

राजीव दीक्षित कि शहादत भी षड्यंत्रकारी प्रतीत होती है,  SEZ , परमाणु संधि, विदेशी बाजारों के षड्यंत्र ... आदि योजनाओं एवं कानूनी मकडजाल में फंसे भारत को जागृत करने तथा नवयुवकों को इन कार्यों के लिए आगे लाने के कारण l

यदि भगत सिंह और राजीव दीक्षित और समय तक जीवित रहते तो परिवर्तन और रहस्यों कि परत और खुल सकती थी l

भारत इतना गरीब देश है कि 100000,0000000 (1 लाख करोड़) के रोज रोज नए नए घोटाले होते हैं.... ?
क्या गरीब देश भारत से साड़ी दुनिया के लुटेरे व्यापार के नाम पर 20 लाख करोड़ रूपये प्रतिवर्ष ले जा सकते हैं ?
विदेशी बेंकों में जमा धन कितना हो सकता है ? एक अनुमान के तहत 280 लाख करोड़ कहा जाता है ?
पर यह सिर्फ SWISS बेंकों के कुछ बेंकों कि ही report है ... समस्त बेंकों कि नहीं, इसके अलावा दुनिया भर के और भी देशों में काला धन जमा करके रखा हुआ है ?

भारत के युवकों, अपनी संस्कृति को पहचानो, जिसमे शास्त्र और शस्त्र दोनों कि शिक्षा दी जाती थी l आज तुम्हारे पास न शास्त्र हैं न शस्त्र हैं  .. क्यों ?? क्या कारण हो सकते हैं ??
भारत गरीब नहीं है ... भारत सोने कि चिड़िया था ... है ... और सदैव रहेगा l तुम्हें तुम्हारे नेता, पत्रकार और प्रशासक झूठ पढ़ाते रहे हैं l
वो इतिहास पढ़ा है तुमने जो नेहरु के प्रधानमंत्री निवास में 75 दिनों तक अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और अंग्रेजों के निर्देशों पर बनाया गया l
जिसमे प्राचीन शिव मन्दिर तेजो महालय को ताज महल, ध्रुव स्तम्भ को क़ुतुब मीनार और शिव मन्दिर को जामा मस्जिद ही पढ़ाया जाता है l

सारे यूरोप - अमेरिका के लिए लूट का केंद्र बने भारत को गुलामी कि जंजीरों से मुक्त करवाने हेतु आगे आओ l
उठो.... सत्य  और धर्म की संस्थापना कि हुंकार तो भरो एक बार, विश्व के सभी देशों कि बोद्धिक संपदा बने भारत l



NEHRU exposed www.youtube.com/watch?v=_C6hlKMNH4k SONIA exposed www.youtube.com/watch?v=7ZBqj_A7V98 CONGRESS exposed www.youtube.com/watch?v=taxDSPBNprU RAHUL exposed http://video.google.com/videoplay?docid=442940047421738016




SHRI YASHPAL SOLANKI JI DWARA https://www.facebook.com/topic.php?uid=145258605504787&topic=150#!/yashmistrey यशपाल सोलंकी https://www.facebook.com/topic.php?uid=145258605504787&topic=150

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