शुक्रवार, अगस्त 12, 2011

अनुकरणीय है तजाकिस्तान ​का नया नियम अमन पसंद मुसलमानों के लिए

अनुकरणीय है तजाकिस्तान ​का नया नियम
अमन पसंद मुसलमानों के लिए तजाकिस्तान ​का नया नियम अनुकरणीय है . मुस्लिम बहुल तजाकिस्तान ​की सरकार ने धार्मिक उन्माद को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अट्ठारह साल से कम उम्र के युवकों को मस्जिदों में जाकर नमाज़ अदा करने पर आज से प्रतिबन्ध लगा दिया गया है.
इस बात से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि तजाक सरकार को विवश हो कर यह क़ानून बनाना पड़ा है. जब सामान्य समझाइश से काम नहीं चलता, क़ानून तभी बनाया जाता है. सरकार की सोच यह रही कि अट्ठारह वर्ष से कम उम्र के युवक धर्म के बारे में परिपक्व नहीं होते, उन्हें आसानी से बरगलाया जा सकता है और धर्म के नाम पर आतंकवाद या असामाजिक गतिविधियों ​की और धकेला जा सकता है . तजाकिस्तान ​सरकार की नियति स्पष्ट है कि वह अपने देश की युवा शक्ति को सही दिशा में ले जाने के लिए दृढ संकल्पित है.
इस्लामी दुनिया के तमाम देशों के लोगों को तजाकियों से सबक लेने की आवश्यकता है. यही बात भारत के लिए भी है कि जब मुस्लिम बहुल देश ऐसा कदम उठा सकते हैं तो भारत में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता ? Sandeep goyal

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