मंगलवार, मई 14, 2013

5000 year old Viamana craft was found in Afghanistan :

Russian Foreign Intelligence Service (SVR) report

5000 year old Viamana craft was found in Afghanistan :

अफगानिस्तान में बड़ा क्षेत्र है जहाँ US Military का केम्प है। इस क्षेत्र में कभी कभी electromagnetic shockwave यानि खतरनाक किरणें उत्पन्न होती थी जिससे मिलिट्री के कई जवान मारे गए या गायब हो गए।

इसकी तह तक पहुँचने के लिए अमेरिका 8 सील कमांडो अफगानिस्तान के उसी स्थान पार एक गुफा में गये तथा वहां उन्हें एक फंसा हुआ विमान दिखा जब वो उसेको निकालने प्रयास कर रहे थे। तभी वो अचानक गायब हो गए।

इस बारे में Russian Foreign Intelligence Service (SVR) report द्वारा 21 December 2010 को एक रिपोर्ट पेश की गयी की जिसमे बताया ये विमान द्वारा उत्पन्न एक रहस्यमयी Time Well क्षेत्र है जिसकी खतरनाक electromagnetic shockwave से ये जवान मारे गये या गायब हो गये।
इसी की वजह से कोई गुफा में नहीं जा पा रहा।

US Military scientists ने इसकी ने बताया की ये विमान ५००० हज़ार पुराना है और जब कमांडो इसे निकालने का प्रयास कर रहे थे तो ये सक्रिय हो गया जिससे इसके चारों और Time Well क्षेत्र उत्पन्न हो गया यही क्षेत्र विमान को पकडे हुए थे। इसी क्षेत्र के सक्रिय होने के बाद 8 सील कमांडो गायब हो गए।

Time Well क्षेत्र विद्युत चुम्बकीये क्षेत्र होता है जो सर्पिलाकार होता है हमारी आकाशगंगा की तरह।

Russian Foreign Intelligence ने साफ़ साफ़ बताया की ये वही विमान है जो संस्कृत रचित महाभारत में वर्णित है। और जब इसका इंजन शुरू होता है तो बड़ी मात्र में प्रकाश का उत्सर्जन होता है।

SVR report का कहना है यह क्षेत्र 5 August को फिर सक्रिय हुआ था electromagnetic shockwave यानि खतरनाक किरणें उत्पन्न हुई ये इतनी खतरनाक थी की इससे 40 सिपाही तथा trained German Shepherd dogs इसकी चपेट में आ गए।

US Army CH-47F Chinook हेलीकाप्टर जो ओसामा बिन लादेन को मरने के बाद बापस लौट रहा था ये हेलीकाप्टर इसी विमान की shockwaves चपेट में आ गया था।

http://www.wired.com/dangerroom/2011/05/aviation-geeks-scramble-to-i-d-osama-raids-mystery-copter/
http://www.youtube.com/watch?v=TOWxoyfpg9c
http://www.whatdoesitmean.com/index1510.htm

http://www.youtube.com/watch?v=qBlwhVyZxmQ

http://webcache.googleusercontent.com/search?q=cache%3Ahttp%3A%2F%2Freinep.wordpress.com%2F2011%2F10%2F09%2F5000-year-old-viamana-craft-was-found-in-afghanistan%2F

गुरुवार, मई 09, 2013

कुरान और गैर मुस्लमान

कुरान और गैर मुस्लमान

इस लेख को लिखने से मेरा किसी भी धर्म का विरोध करने का कोई उद्देश्य नही है। अपितु यह लेख इस्लाम के प्रचार के लिए है । कुरान मुसलमानों का मजहबी ग्रन्थ है.मुसलमानों के आलावा इसका ज्ञान गैर मुस्लिमों को भी होना आवश्यक है। .............................................................
मानव एकता और भाईचारे के विपरीत कुरान का मूल तत्व और लक्ष्य इस्लामी एकता व इस्लामी भाईचारा है. गैर मुसलमानों के साथ मित्रता रखना कुरान में मना है. कुरान मुसलमानों को दूसरे धर्मो के विरूद्ध शत्रुता रखने का निर्देश देती है । कुरान के अनुसार जब कभी जिहाद हो ,तब गैर मुस्लिमों को देखते ही मार डालना चाहिए।
कुरान में मुसलमानों को केवल मुसलमानों से मित्रता करने का आदेश है। सुरा ३ की आयत ११८ में लिखा है कि, "अपने (मजहब) के लोगो के अतिरिक्त किन्ही भी लोगो से मित्रता मत करो। "
लगभग यही बात सुरा ३ कि आयत २७ में भी कही गई है, "इमां वाले मुसलमानों को छोड़कर किसी भी काफिर से मित्रता न करे। "
कुरान की लगभग १५० से भी अधिक आयतें मुसलमानों को गैर मुसलमानों के प्रति भड़काती है। सन १९८४ में हिंदू महासभा के दो कार्यकर्ताओं ने कुरान की २४ आयातों का एक पत्रक छपवाया । उस पत्रक को छपवाने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया। परन्तु तुंरत ही कोर्ट ने उनको रिहा कर दिया। कोर्ट ने फ़ैसला दिया,"कुरान मजीद का आदर करते हुए इन आयतों के सूक्ष्म अध्यन से पता चलता है की ये आयते मुसलमानों को गैर मुसलमानों के प्रति द्वेषभावना भड़काती है............."उन्ही आयतों में से कुछ आयतें निम्न है................
सुरा ९ आयत ५ में लिखा है,......."फ़िर जब पवित्र महीने बीत जायें तो मुशरिकों (मूर्ती पूजक) को जहाँ कहीं पाओ कत्ल करो और उन्हें pakdo व घेरो और हर घाट की जगह उनकी ताक में बैठो। यदि वे तोबा करले ,नमाज कायम करे,और जकात दे तो उनका रास्ता छोड़ दो। निसंदेह अल्लाह बड़ा छमाशील और दया करने वाला है। "
इस आयत से साफ पता चलता है की अल्लाह और इश्वर एक नही हो सकते । अल्लाह सिर्फ़ मुसलमानों का है ,गैर मुसलमानों का वह तभी हो सकता है जब की वे मुस्लमान बन जाए। अन्यथा वह सिर्फ़ मुसलमानों को गैर मुसलमानों को मार डालने का आदेश देता है।

सुरा ९ की आयत २३ में लिखा है कि, "हे इमां वालो अपने पिता व भाइयों को अपना मित्र न बनाओ ,यदि वे इमां कि अपेक्षा कुफ्र को पसंद करें ,और तुमसे जो मित्रता का नाता जोडेगा तो ऐसे ही लोग जालिम होंगे। "
इस आयत में नव प्रवेशी मुसलमानों को साफ आदेश है कि,जब कोई व्यक्ति मुस्लमान बने तो वह अपने माता , पिता, भाई सभी से सम्बन्ध समाप्त कर ले। यही कारण है कि जो एक बार मुस्लमान बन जाता है, तब वह अपने परिवार के साथ साथ राष्ट्र से भी कट जाता है।

सुरा ४ की आयत ५६ तो मानवता की क्रूरतम मिशाल पेश करती है ..........."जिन लोगो ने हमारी आयतों से इंकार किया उन्हें हम अग्नि में झोंक देगे। जब उनकी खाले पक जाएँगी ,तो हम उन्हें दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसा-स्वादन कर लें। निसंदेह अल्लाह ने प्रभुत्वशाली तत्व दर्शाया है।"

सुरा ३२ की आयत २२ में लिखा है "और उनसे बढकर जालिम कोन होगा जिसे उसके रब की आयतों के द्वारा चेताया जाए और फ़िर भी वह उनसे मुँह फेर ले।निश्चय ही ऐसे अप्राधिओं से हमे बदला लेना है। "

सुरा ९ ,आयत १२३ में लिखा है की," हे इमां वालों ,उन काफिरों से लड़ो जो तुम्हारे आस पास है,और चाहिए कि वो तुममे शक्ति पायें।"

सुरा २ कि आयत १९३ ............"उनके विरूद्ध जब तक लड़ते रहो, जब तक मूर्ती पूजा समाप्त न हो जाए और अल्लाह का मजहब(इस्लाम) सब पर हावी न हो जाए. "

सूरा २६ आयत ९४ ..................."तो वे गुमराह (बुत व बुतपरस्त) औन्धे मुँह दोजख (नरक) की आग में डाल दिए जायंगे."

सूरा ९ ,आयत २८ ......................."हे इमां वालों (मुसलमानों) मुशरिक (मूर्ती पूजक) नापाक है। "
गैर मुसलमानों को समाप्त करने के बाद उनकी संपत्ति ,उनकी औरतों ,उनके बच्चों का क्या किया जाए ? उसके बारे में कुरान ,मुसलमानों को उसे अल्लाह का उपहार समझ कर उसका भोग करना चाहिए।
सूरा ४८ ,आयत २० में कहा गया है ,....."यह लूट अल्लाह ने दी है। "
सूरा ८, आयत ६९..........."उन अच्छी चीजो का जिन्हें तुमने युद्ध करके प्राप्त किया है,पूरा भोग करो। "
सूरा १४ ,आयत १३ ............"हम मूर्ती पूजकों को नष्ट कर देंगे और तुम्हे उनके मकानों और जमीनों पर रहने देंगे।"
मुसलमानों के लिए गैर मुस्लिमो के मकान व संपत्ति ही हलाल नही है, अपितु उनकी स्त्रिओं का भोग करने की भी पूरी इजाजत दी गई है।
सूरा ४ ,आयत २४.............."विवाहित औरतों के साथ विवाह हराम है , परन्तु युद्ध में माले-गनीमत के रूप में प्राप्त की गई औरतें तो तुम्हारी गुलाम है ,उनके साथ विवाह करना जायज है। "

अल्बुखारी की हदीस जिल्द ४ सफा ८८ में मोहम्मद ने स्वं कहा है, "मेरा गुजर लूट पर होता है । "
अल्बुखारी की हदीस जिल्द १ सफा १९९ में मोहम्मद कहता है ,."लूट मेरे लिए हलाल कर दी गई है ,मुझसे पहले पेगम्बरों के लिए यह हलाल नही थी। "
इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण मिशन पूरे विश्व को दारुल इस्लाम बनाना है। कुरान, हदीस, हिदाया, सीरतुन्नबी इस्लाम के बुनयादी ग्रन्थ है.इन सभी ग्रंथों में मुसलमानों को दूसरे धर्म वालो के साथ क्रूरतम बर्ताव करके उनके सामने सिर्फ़ इस्लाम स्वीकार करना अथवा म्रत्यु दो ही विचार रखने होते है। इस्लाम में लूट प्रसाद के रूप में वितरण की जाती है..............

शनिवार, मई 04, 2013

दुनिया में इस्लाम में ही वेश्यावृति ना सिर्फ वैध है बल्कि इसे इस्लाम में धार्मिक कार्य माना जाता है....!

क्या आप जानते हैं कि........ दुनिया में इस्लाम ही एक मात्र ऐसा धर्म है .... जहाँ वेश्यावृति ना सिर्फ वैध है बल्कि इसे इस्लाम में प्रोत्साहित भी किया जाता है और एक धार्मिक कार्य माना जाता है....!
क्या आप जानते हैं कि........ दुनिया में इस्लाम ही एक मात्र ऐसा धर्म है .... जहाँ वेश्यावृति ना सिर्फ वैध है बल्कि इसे इस्लाम में प्रोत्साहित भी किया जाता है और एक धार्मिक कार्य माना जाता है....!

इसका कारण जानने से पहले हमें इस्लाम और उसके प्रतिपादक मुहम्मद के क्रिया कलापों और उसकी मानसिकता को समझना अतिआवश्यक है...!

और, सारी कहानी का सार ये है कि.... मुहम्मद साहब कोई साधू-महात्मा तो थे नहीं ..... वे तो एक अनपढ़, जाहिल और पेशे से दुर्दांत लुटेरे थे....!

तो.... अपनी लूट -मार और तथाकथित रूप से जेहाद फ़ैलाने के सिलसिले में उन्हें और उनके गिरोह को हफ़्तों-महीनों तक घर से बाहर रहना रहना पड़ता था ( शायद यही वजह थी कि.. मौका लगते ही उन्होंने अपनी सगी और मात्र 6 साल की मासूम बेटी तक को ............... ).

खैर.... तो , उसी लूट-मार के दौरान कहीं उनके साथी बिदक ना जाएँ और उनके लूट-पाट का फलता-फूलता धंधा चौपट ना हो जाए .. इसी डर से मुहम्मद साहब ने ना सिर्फ वेश्यावृति के धंधे को बढ़ावा दिया ..बल्कि उसे एक धार्मिक और कानूनी जामा पहनाते हुए उसे ना सिर्फ कुरान में भी उल्लेखित कर दिया बल्कि उसे पुण्य का काम भी घोषित कर दिया .

आपलोगों को लग रहा होगा कि ऐसा भला कैसे हो सकता है.... लेकिन आप ये बात जान लो कि.... जहाँ मुहम्मद साहब मौजूद हों वहां कुछ भी हो सकता है (सिर्फ उलुल -जुलूल और बुरी बातें )

लीजिए .... आप भी कुरान की उन हदीसों का अध्धयन करें और अपना सामान्य ज्ञान बढाएँ ...

इस्लाम में "मुथा" और "मिस्यर" शादी शब्द ला कर वेश्यावृति को कानूनी जामा पहनाया गया है.... जिसे यात्री विवाह भी कहा जाता है..!
ये एक प्रकार से अनुबंध आधार पर अल्पावधि शादियां हैं और कुछ घंटों के लिए भी हो सकती है...!

@ इब्न मसूद ने बताया, "हम रसूल के साथ लड़ रहे थे और अपनी पत्नियों हमारे साथ नहीं थीं, तब हमने रसूल से पूछा, 'क्या हम खुद को संतुष्ट करना चाहिए....? रसूल हमें उस से मना किया और फिर वह हमें (अस्थायी) Mutha शादी की अनुमति दी. तो, हम सभी कपड़े का एक टुकड़ा की दहेज के लिए एक निश्चित समय (आमतौर पर तीन दिन) के लिए शादी कर के पत्नी बना लिए...... Al Hadis, Vol. 2, page no. 686

@ सलामा बिन अल-अक्वा कहते हैं : अल्लाह से प्रेरित होकर मैं कहता हूँ .. अगर एक आदमी और एक औरत सहमत हैं ( अस्थायी रूप से शादी के लिए) तो उनकी शादी अधिकतम तीन रातों के लिए वैध होगी, और उसके बाद अगर वे इसे जारी रखना चाहते हैं तो रखें रख सकते हैं, अन्यथा अलग होना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं....Volumn 007, Book 062, Hadith Number 053.

### मुझे तो लगता है कि जहाँ हिन्दू धर्म में स्त्रियों को सम्मान की नजर से देखा जाता है और उन्हें देवी तक की संज्ञा दी गयी है वहीँ मुहम्मद साहब ने "इस्लाम में स्रियों को" भोग-विलास की "मात्र एक वस्तु" बना रखने में कोई कोर-कसर नहीं रख छोड़ी है.

नोट: इस्लाम को छोड़कर दुनिया के सभी धर्मों में चरित्रवान रहने पर जोर दिया गया है और वेश्यावृति को पाप मानते हुए उसे एक घिनौने अपराध की संज्ञा दी गई है...!
ये लेख लोगों के सामाजिक जागरूकता में वृद्धि करने के पवित्र उद्देश्य से गया है!
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जय हिन्दू राष्ट्र !!