सोमवार, नवंबर 11, 2013

विदेशी अक्ल (सोनिया कांग्रेस ) BARZIL की नक़ल (अरविन्द )

विदेशी अक्ल (सोनिया कांग्रेस ) BARZIL की नक़ल (अरविन्द )

BREAKING NEWS …..>>>> ये नक़ल ब्राज़ील की >>>>>ब्राजील के "पीस रिओ" नामक इस गैर सरकारी संगठन ने देश से भ्रष्टाचार हटाने के लिए ब्राज़ील के स्वतंत्रता दिवस 7 सितम्बर २०११को इस प्रदर्शन का आयोजन किया था। करीब बीस हजार लोग हाथों में झाडू लेकर सडकों पर उतरे थे।

वास्तविकता बाद में जनता को मालूम हुई तब तक देर हो गई >>>>>>और उसके बाद जिसके विरुद इस संघठन ने आन्दोलन किया था व ही सरकार वापस सरकार में आ गई , बार्जिल की सरकार ने भी आम जनता को बेवकूफ बनाने के लिए फ़ूड सिक्यूरिटी बिल लायी थी – जनता इस दोहरे षडयंत्र को समझ नहीं पाई और वही सरकार एक बार फिर २% वोट के अन्तेर से सरकार में आ गई बार्जिल में ...

इस देश में भी ये ही दोहराने की साजिश जिसमे शामिल हे मीडिया का एक वर्ग – नकली NGO अरविन्द जेसे माओवादी उनको सपोर्ट करने की एक जमात जेसे की काटजू – सेन – आशुतोष – CNNIBN – NDTV एक पूरी जमात .... देश के युवा को समझाने की जरुरत हे ......करपया इसे शेयर करे !

१) समानता देखिये आज की कांग्रेस सरकार में और ब्राज़ील की सरकार में वहा भी CRONY कैपिटलिज्म उफान पर .....यहाँ पर भी CORNY कैपिटलिज्म (सरकार प्रायोजित भ्रष्टचार उफान )पर उसको दबाने के लिए अरविन्द जेसी एक पार्टी का उदय उसका भी चुनाव चिन्ह झाड़ू !

२) ब्राज़ील की सरकार ने भी फ़ूड सिक्यूरिटी बिल लाया एन चुनाव के पहले (जितने के बाद अस्तिव में नहीं) ......

३) सावधान वहा पर भी इन्होने जनता को उकसाने के लिए रास्ट्रीय झंडे का अपमान किया था सड़क पर रख कर उस पर झाड़ू फेरा था ....

४) ये कांग्रेस इस देश में भी तिरंगे का अपमान कराएगी ....ये मावोवादी अरविन्द – काटजू –media का एक वेर्ग इसमें साथ देगा .....

अरविन्द का चुनाव चिन्ह ...............
........झाड़ू...............पहले साफ करने की कोशिस की बाबा रामदेव को फिर कर डाला अन्ना को अब करने की तेयारी हे आम जनता को
“कांग्रेस का हाथ अब झाड़ू के साथ करेगा आम आदमी के घर का बचा कुचा माल भी साफ करेगा ये आप ”


केजरीवाल व अन्ना का सच जो आप सुनकर चौक जायेंगे। पढो और शेयर करो ताकि सबको सच्चाई का पता चले । केजरीवाल की गुरु ( उसकी के हिसाब से जो उसने एक स्पीच में कुबूल भी किया है ) वो है 'अरुणा रॉय' , जो जानीमानी ' मानव अधिकारों व माओवादी है! ताज्जुब की बात ये भी है की अरुणा रॉय सोनिया गाँधी की 'best friend ' भी है और इसकी वजह से उसे देश की NAC ( national advisory committee ) की सदस्य भी बनायीं गयी जिसकी प्रमुख सोनिया गाँधी है.

केजरीवाल अरुणा राय के पास बहुत सालो से काम करता रहा है. आप समझ सकते हे ये भी मानव अधिकारी व माओवादी हे ..आज के दिन ये तमिलनाडु के परमाणु बिजलीघर का विरोध कर रहा हे ....और देल्ही में बिजली की कमी के लिए हे न विरोधाभास , सबसे पहेले इस आदमी को बाबा रामदेव की टीम में घूसा द बहोत सारे लोगो को ये पता नहीं है की कांग्रेस और करप्शन के खिलाफ सब से पहेले आवाज़ बाबा रामदेव ने उठाई थी , न की 'अन्ना' ने. baba ramdev ने किरण बेदी पे विस्वाश करके अन्ना को देल्ही की आम सभा में परिचय कराया था,

उस वक्त baba ramdev को ये नहीं मालूम था की अन्ना जी दिग्गी के 10 साल तक मध्य प्रदेश में सलाहकार रह चुके हे .

अंत स्पर्स्ट हे की ये दिग्गी के कहने से किरण बेदी को मोहरा बना कर बाबा रामदेव के साथ आये थे , जिसका जिक्र वो या कोई भी टीवी चैनल नहीं करते हे

आप जानते हे की बाबा रामदेव पर अलग डाल बनाने के लिए कांग्रेस ने बहुत दबाब डाला था जब बाबा ramdev ने अलग दल बनाने से मना कर दिया उसके बाद ही उन पर मुकदमे चालु हुए थे! तब 'अरुणा रॉय' व सोनिया गाँधी के कहेने पर अरविन्द ने अलग दल बनाया ! एक दो साल पहेले करप्शन जो प्रेशर था (गवर्नमेंट) पर उसका 'सेफ्टी वाल्व ' का काम इस अरविन्द व अन्ना ने किया और केजरीवाल व अन्ना का दूसरा कम सुरु , पहेले वैसे ही बदनाम कांग्रेस पैर कीचड़ उछालो ताकि लोगो को पताचले की वो कांग्रेस का एजेंट है, और फिर असली मकसद , BJP व सामान्य आदमी को भी चोर साबित कर दो (१०० में से ९९ बेईमान का नारा देकर ? ) को भी कांग्रेस जैसा ही 'बदनाम' कर दोजो कांग्रेस और सोनिया गाँधी चाहती है

तथाकथित "आम आदमी" अरविँद केजरीवाल
की पार्टी के आंतरिक लोकपाल के सदस्य कौन-2
हैँ??
चलिए कोई बात नहीँ अगर
आपको ना पता हो तो मैँ बता देता हूँ।

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम
चलाने का दावा करने वाले अरविँद केजरीवाल के
2 साथियोँ अंजली दमानिया और पाकिस्तान
परस्त प्रशांत भूषण के ऊपर जब भ्रष्टाचार
का आरोप लगा तो केजरीवाल ने आंतरिक
लोकपाल बनाने की घोषणा की और बनाया भी,
लेकिन जाँच की रिपोर्ट आज तक नहीँ आई।
चलिए
जाँच रिपोर्ट छोङिए आपको आंतरिक लोकपाल के
तीनो सदस्योँ के नाम बताते हैँ।
1. ऐडमिरल रामदास

2. जस्टिस भगवानदास
3. इलीना सेन
साथियो एडमिरल रामदास वो व्यक्ति है जिसने भारत
द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने का विरोध किया था और
तब मिसाईल मैन अब्दुल कलाम जी ने इस रामदास
को जमकर लताङा था और इसका जिक्र अब्दुल कलाम ने
अपनी किताब द लुमिनस स्पार्क और इग्नाईटिड माईंडस
मेँ भी किया है।

इलीना सेन नक्सलवादियोँ के जाने-माने सहायक व हमदर्द
विनायक सेन की पत्नी है और आपको बता देँ की विनायक
सेन को छत्तीसगढ हाईकोर्ट ने देशद्रोह के आरोप मेँ
फाँसी की सजा सुनाई थी और उस आदेश के खिलाफ
सभी वामपंथी एकजुट हो गए थे और मामला अब
सुप्रीमकोर्ट मेँ विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बिनायक सेन
को कांग्रेस ने योजना आयोग का सदस्य बना दिया।
साथियो अब आप ही बताएँ की ऐसे कांग्रेसी और
देशद्रोही वामपंथी और उनके घरवाले जिस पार्टी के
आंतरिक लोकपाल होँ उनसे क्या ये आस की जा सकती है
कि वो हमेँ भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलवाएंगे....?? ???

Posted by MAGRAJ GOYAL

शनिवार, नवंबर 02, 2013

मेरा नाम मोलवी महबूब अली से पंडित महेन्द्र पाल

मै महेंद्र पाल आर्य कोलकाता के असगर मिस्त्री लेन कोलकाता३९.पश्चि
म बंगाल के राजधानी में इक पढ़े लिखे परिवार में जन्मा.परिवार के रीती रिवाज़ अनुसार पला बढ़ा.परिवारके लोग हर दिशा में काम करतेरहे. शिक्षा क्षेत्रमें मेरे फूफेरे भाई-डॉ.अबू ताहिर बोलपुर शांतिनिकेतन.में.अरबी.फारसी-विभाग अध्क्ष.रहे–अब्दुर रउफ कोलकाता के मेयर रहे.कई डॉ और वकील भी इस परिवार ने दिया-धार्मिक क्षेत्र में भी ठीक.यही गति विधि होने के कारण मुझे भी बचपन से इस्लामिक शिक्षा मिलती रही-जिसमे मै अपनी पढ़ाई कोलकाता और दिल्ली में पूरी कि .

दिल्ली में रहते मै अपने मित्र से मिलने ग्राम बरवाला जिला मेरठ {अब बागपत} में गया यहाँकि बड़ी मस्जिद खाली थी. मित्र ने सब से बात की.अब्दुल लतीफ़-हाजी फिज़ू हाजी शफी-और जितने भी कमेटी के लोग थे १२० घर उस मस्जिद से जुड़े थे- लोगोंने मेंरी पढ़ने का तरीका बोलचाल व्यवहार कुशलता को पसंद किया और इमामत करने कि बात पक्की करली. मैं लगभग तीन साल तक इमामत की-आस पास के लोगोंमे मेरी चर्चा होने लगी.मै बंगाल का रहने वाला इतनी अच्छी जान कारी रखने वाला आलिम.को पा कर गांव के लोग बेहद पसंद करने लगे .बहुत ज़ल्द पुरे जिले में-और आसपास के जिलों में भी बात खूब फैली-लोगों में चर्चा थी बंगाली जादू जानता है-पर ऐसा कुछ भी नहीं था ज़ब्की मै ही इस काम का बिरोधी था-फिरभी लोग मुझसे तावीज़ आदि बनवाने आते थे-कुछ तो अपनी दवा लेने को आते थे अदि.कुल मिलाकर सब ठीक चलरहा था. उसी ग्राम का मास्टर कृष्ण पाल सिंह जो गुरुकुल इंद्र प्रस्थ में बिज्ञान के मास्टर थे-मेरी तारीफ अपने गुरुकुल में जाकर की.स्वामी शक्तिवेश जी संचालक थे-उनहोंने मुझे मिलनेको बुलावा भेजा .

मै समय निकाल कर उनसे मिलने गया-एक रात रुका भी गुरुकुल के सभी मास्टरों से आधिकारी और पढ़ने वालों से मिला=वह गुरुकुल लालकिला से कुछ कम नहीं=उन्ही लोगों के साथ खाया–वहां नमाज़ भी पढ़ी फिर ज़ब वहां से चलने लगा तो वहां के श्री मंत्री जी ने मुझे उर्दू वाली सत्यार्थ प्रकाश नामी किताब दी-उसे लेकर मै बरवाला के लिये रवाना होगया .उसे पलटने पर कुरान कि अयातें मिली खूब मोनोयोग से पढ़ा.सवालों.को देख कर माथा ठनका.अरे कुरान पर सवाल यह कैसे संभव हुवा?कारण बचपन से अबतक कि मेरी जो तालीम थी वह यही थी.कि कुरान पर सवाल करना?किसी कि बसकी बात नहीं ?मै तो हक्का बक्का रह गया. मै अपनी पुस्तक में खूब बिस्तार से लिखा हूँ–अस्तु- मैंने इसी किताब से कुछ सवाल उठा कर २५ ज़गहजिस में दारुल इफ्ताह–फतवा देनेका अधिकार-जहाँ –जहाँ-मदरसे में है भेज दिया.७ ज़गह से उत्तर मिला आप इस लायक ही नहीं–आप गुमराह.होगये–मुर्तित होगये–आदि ज़ब ज़वाब सही नहीं मिल पाया तो १९६३ को मैंने सत्य सनातन बैदिक धर्म स्वीकार किया .उसी बरवाला ग्राम के हाई स्कूल में कई मुस्लिम मास्टर भी थे-उसी ग्राम के जाने माने-मास्टर गुलाम रसूल साहब भी थे .सब के सामने हजारों कि भीड़ में मैंने सत्य सनातन बैदिक धर्म को स्वीकार किया-पुरे परिवार के साथ .

स्वामी शक्ति वेश जी ने परिवार का नाम करण किया-मेरा नाम मोलवी महबूब अली से पंडित महेन्द्र पाल-और बेटोंका–भी इसी प्रकार नाम बदला गया.अब मुझे स्वामी जीने जनता को संबोधित करने को कहा तो मै अपने पहले भाषण में कहा कि मै धर्म नहीं बदल रहा हूँ-धर्म मानव मात्र के लिये एक ही है धर्म बदलना.संभव नहीं .धर्म ईश्वर प्रदत्त होता है जो मानव मात्र केलिये है-जैसा सूरज अपना प्रकाश प्राणी मात्र को देता है-कारण यह ईश्वर आधीन है-तो धर्म भी ईश्वर आधीन होने से उससे अलग होना मुनासिब नहीं है.मै समाज.बदल.रहा हूँ. मुस्लिम समाज अंध बिश्वासिवों का समाज है ज़हा अल्लाह को पाने के लिये मोहम्मद का पाना ज़रूरी है. वा आतिउल्लाह व अतिउर्रसुल –अर्थ इतायत करो मेरी और मेरी रसूल कि-वेद में वह बात नहीं.

अगर कोई परमात्मा को पाना चाहता है?तो किसी भी बिचोलिया किज़रूरत नहीं-वह सीधा परमात्मा को पा सकता है.शर्त है कि वह परमात्मा को जान जाए-दुनिया के लोग उसे बिना जाने ही मानते हैं-कुरान का फरमान है ज़ालिकल किताबु ला राइ बफिः–अर्थ कोई शक कि गुन्जाईश नहीं इस किताब में.

ذا لك الكتاب لا ريب فيه

मैंने कहा मै इन्सान हूँ हमारे पास अक़ल है हमे अक़ल से काम लेना है.अतःहमें देख कर मानना होगा .इस अंध बिश्वास से मै मुक्ति पाने के लिये वैदिक धर्म को अपनाया है.बाकी जिंदगी मै पढ़े लिखे लोगों के साथ गुजार.ना चाहता हूँ . सभी लोगों ने पुरे परिवार को आशीर्वाद दिया.एक सौहार्द पूर्ण वाता वरण में कार्य क्रर्म संपन्न हुआ–मास्टर कृष्ण पाल जी के घर पर प्रीती भोज कर हम सभी इन्द्रप्रस्थ गुरुकुल लौटे. मै आधिकारी बनक

शुक्रवार, नवंबर 01, 2013

इस्लामिक आतंकवाद तलवार के बल से , जबरन धर्मांतरण व ज्यादा बच्चे पैदा करने से बढ़ा है।

Anand Arya
सही मायने में देखा जाये तो इस्लामिक
आतंकवाद तलवार के बल से , जबरन
धर्मांतरण व ज्यादा बच्चे पैदा करने से
बढ़ा है। लेकिन इसमें आतंकवाद यानी बम
विस्फोट व मार-काट , तलवार की धारों ने
इस धर्म को बढ़ाने में ज्यादा मदद की है।
आज लगभग पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद
की चपेट में है। यदि पूरा विश्व इस्लामिक
आतंकवाद से बचना चाहता है तो एक बार
इस्लाम वनाम् मानवता का युद्ध
करना होगा। पूरे विश्व को इस्लाम से
लड़ना ही होगा। वर्ना एक ऐसा धर्म
जो पैचाशिकता, अशिक्षा ,
मानवता की हत्या करना सिखाता है ,
का बोलबाला हो जायेगा।
इस्लामिक आतंकवाद की शुरूआत सौदी अरब
में मुहम्मद के जन्म के (इस 570) समय
ज्यादातर लोग यहूदी (Jew) और ईसाई
(Christian) धर्मावलंबी थे , और कुछ
आदिवासियों का अलग धर्म था जो अब
लुप्तप्राय हो चुका है। वहां पर आतंक
फैला कर मुहम्मद और उसके अनुयायियों ने
जनता को मुसलमान बनाया और सउदी अरब
को तलवार के बल से इस्लामी देश
बना दिया।
तत्पश्चात सउदी अरब के मुस्लिमों ने कुरान
से प्रभावित होकर यमन , फिलिस्तीन,
इजिप्त, जोर्डन आदि यहूदी ( Judaism)
धर्मी राष्ट्रों पर जबरजस्त हमला कर
मुस्लिम देशों में बदल दिया।
यही प्रक्रिया आज इस्लामी जेहादी पूरे
विश्व में अपनाये हुये हैं। देखते-देखते पड़ोस
के उत्तरी अफ्रीका , ओमान, टर्की , ईराक
आदि ईसाई देशों में ये हमला कर मुसलमान
बनाया। इन देशों में जमकर कत्लेआम हुआ।
जो मुसलमान नही बनें उन्हें मौत के घाट
उतार दिया , उनकी मां-बहनों के साथ
सामूहिक बलात्कार किया गया। ईसाई ,
यहूदियों की संपत्तियां छीन ली गयी।
इधर , जहां कभी एक समय भारत
का भगवा लहराता था, ईरान एक
पारसी ( Zoroastrian) देश था , लेकिन
ईरान के पारसी धर्मावलंबियों के साथ
जिस जघन्यता , क्रूरता से मुसलमान
बनाया गया उसे इतिहास न कभी भूलेगा न
ही इन इस्लामिक दरिंदों को क्षमा करेगा।
आज यह विश्वास ही नही होता कि ईरान
में पारसी धर्म भी था। वहां पारसी धर्म
एकदम से लुप्त हो गया। कुछ
पारसी वहां से भाग कर गुजरात में आकर
बस गये।
अफगानिस्तान जो महाभारत काल में
गांधार के नाम से जाना जाता था,
वो भी इस्लाम की काली छाया से न बच
पाया, यहां बौद्ध ( Buddhism) धर्म
का भारी प्रभाव था। यहां पर
भी इस्लामिक जेहादियों ने भारी रक्तपात
किया, फिर इसे भी इस्लामी देश
बना दिया। बामियान की बौद्ध
की मुर्तियों को तालिबान ने तोपों से
उड़वा दिया, सारी दुनिया में जिसका
भारी विरोध हुआ मगर इस्लामिक दरिंदों के
कान पर किसी भी तरह से जूं नही रेंगी।
इसी तरह पाकिस्तान जो कभी भारत
का हिस्सा था। यहाँ पंजाब , सिंध
राज्यों में हिन्दू राजा थे
जिनकी राजशाही हिन्दू रीति-रिवाजों के
आधार पर चलता था। मगर
यहां भी इस्लामिक क्रूर पंजों ने उसे अपने
गिरफ्त में ले लिया। जो भी हिंदू राजा थे
उनकी क्रूरतम पूर्वक हत्या कर दी गयी ,
हिंदू जनता को बलपूर्वक इस्लाम स्वीकार
करवाया गया। इसी तहर हजारों साल तक
भारत में राज करने वाले मुगलों ने
करोड़ों लोगों का कत्लेआम किया ,
करोड़ों को मुसलमान बनाया, लेकिन वे
भारत को पूरी तरह इस्लामी राष्ट्र
बनाने में कामयाब नहीं हो सके, भारत के
युवा पीढि़यों को डटकर
इस्लामी जेहादियों का मुकाबला करना है
वर्ना सत्य सनातन धर्म बहुत
ही मुश्किलों में फंस जायेगा।
तत्पश्चात इस्लामिक
जेहादी समुद्री यात्राओं के
द्वारा मलेशिया और इंडोनेशिया चले जाते
हैं। वहां भी खूब मार-काट कत्लेआम
होता है। ये दोनों बौद्ध राष्ट्र आज
इस्लामी राष्ट्र बन चुके हैं। वहां के
मुसलमान हिन्दुओं की पूज्य गौमाता
की गर्दन काटकर खुले-आम सड़कों पर घूमते हैं
और कहते हैं जो गैर मुसलमान यदि इस्लाम
नही अपनायेगा उसे इसी तरह काट
डाला जायेगा।
हिन्दू भाईयों यदि अभी होश
नही संभाला तो फिर देखना अपने बांधव ,
रिश्तेदारों की हत्या अपने आंखों के सामने।
आपके इन्हीं आंखों के सामने आपकी मां, बहन ,
बेटी का बलात्कार होगा आप कुछ नही कर
पाओगे। अभी ज्यादा नही कुछ सप्ताह
पूर्व मुलायम पुत्र अखिलेश के राज में ,
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में मुसलमानों ने
एक हिन्दू दलित लड़की के साथ सामूहिक
बलात्कार किया। दलितभाई सब मिलकर
थाने में एफआईआर दर्ज कराने गये तो उन्हें
वहां से भगा दिया गया। जरा सोचें
अभी यह हाल है तो आगे क्या होगा।
आपने कश्मीर, असम और केरल में देख ही रहे
हैं, मुस्लिम जेहादी यही खेल पूरे देश में
खेलना चाह रहे हैं। यदि आप मुसलमानों और
सेकुलरों के बात पर विश्वास करेंगे तो आपके
साथ धोखा होगा।
यही स्थिति रही तो एक दिन पूरा भारत
मुगलिस्तान बन जायेगा। इसलिये
मेरा यही कहना है कि स्वयं सावधान
हो जाइये और आस-पास के
लोगों को इस्लामिक जेहाद के
प्रति सावधान करिये।

नहीं

चर्चे हैवानो की मंडी है

 सनातनसपूत कट्टरहिंदू रामसेवक भारत
चर्चे हैवानो की मंडी है
अमरीका के पादरी "एड्स' से अधिक प्रभावित चर्च द्वारा मामले को छुपाने की कोशिश आदर्श और नैतिकता की शिक्षा देने वाले पादरियों के स्वयं का आचरण कितना निम्न है इसका पर्दाफाश अमरीका के प्रसिद्ध समाचार पत्र "द केनसास सिटी स्टार' ने किया है। पत्र ने पादरियों को एक प्रश्नावली भेज कर उनके व्यवहार का सर्वेक्षण किया जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उस सर्वेक्षण के अनुसार अमरीका में आम लोगों की अपेक्षा चार गुना पादरी "एड्स' से प्रभावित हैं। "एड्स' के कारण सैकड़ों रोमन कैथोलिक पादरियों की मृत्यु भी हो चुकी है। मृत्यु प्रमाणपत्रों के परीक्षण और विशेषज्ञों के साक्षात्कारों से पता चलता है कि 1980 के दशक के मध्य से अब तक सैकड़ों पादरी "एड्स' से प्रभावित हैं। इस सम्बंध में जब अमरीका और वेटिकन के चर्च अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। केनसास सिटी-सेंट जोसेफ डायोसिस के बिशप रेमण्ड बोलैण्ड ने कहा कि "एड्स के कारण हुई मौतों से पता चलता है कि बिशप भी "मानव' थे। उनके प्रति जितना अधिक दु:ख व्यक्त करेंगे उतनी अधिक यह बात प्रदर्शित होगी कि मानव व्यवहार की कुछ कमजोरियां भी हैं। समाचार पत्र "द स्टार' ने गत वर्ष अमरीका के 46 हजार पादरियों में से तीन हजार पादरियों को एक गोपनीय प्रश्नावली भेजकर "एड्स' और अन्य सम्बंधित विषयों पर उनके उत्तर प्राप्त किए थे। लेकिन तीन हजार में से केवल 27 प्रतिशत (801) पादरियों ने ही उत्तर भेजे। प्राप्त उत्तरों के विश्लेषण से पता चला कि दस में छह पादरी किसी एक ऐसे पादरी को जानते थे जिसकी मृत्यु "एड्स' के कारण हुई, और एक तिहाई पादरी कम से कम ऐसे एक पादरी को जानते हैं जो "एड्स' का मरीज है और तीन चौथाई का कहना था कि चर्च द्वारा पादरियों को यौन शिक्षा दी जानी चाहिए। "द केनसास सिटी स्टार' के अनुसार "एड्स' के कारण मरने वाले या "एच.आई.वी.' से प्रभावित पादरियों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं है क्योंकि अनेक पादरी एकाकी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जब पादरियों के वरिष्ठ अधिकारियों से इस संदर्भ में बात की गई तो मामले को गुपचुप तरीके से दबाने की कोशिश की गई। इस सम्बंध में पत्र ने बिशप इमर्शन मूर का उल्लेख किया है। बताया गया है कि 1995 में बिशप मूर न्यूयार्क के आर्च डायोसिस को छोड़कर नेसोटा चले गए। जहां "एड्स' रोगियों के एक आश्रम में उनकी मृत्यु हुई थी। उनके मृत्यु प्रमाणपत्र में मृत्यु का कारण "प्राकृतिक' लिखा था और उनका व्यवसाय उत्पादन उद्योग का एक मजदूर बताया गया। जब एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत की तो अधिकारियों ने मृत्यु का कारण बदलकर "एड्स' लिख दिया लेकिन व्यवसाय नहीं बदला। "ह्रूमन विरोलाजी' संस्थान के चिकित्सक फारले क्लेगार्न ने बताया कि उन्होंने लगभग बीस पादरियों और पांथिक नेताओं की चिकित्सा की है जो "एड्स' से प्रभावित हैं। डा. क्लेगार्न का कहना है कि चर्च को यह स्वीकार करना चाहिए कि पादरी यौन व्यवहारों में लिप्त हैं और वे एड्स सहित अनेक यौन संक्रमित रोगों के संभाश्ववित रोगी हो सकते हैं। द ("टाइम्स आफ इंडिया' के 3 फरवरी, 2000 के अंक में प्रकाशित समाचार से अनूदित)