बुधवार, अगस्त 24, 2011

शिवसेना आरएसएस को दिग्विजय जैसे हरामी बदनाम करते है ! जबकि हिन्दू का तो उद्येश्य ही सेवा होता है

शिवसेना आरएसएस को दिग्विजय जैसे हरामी बदनाम करते है ! जबकि हिन्दू का तो उद्येश्य ही सेवा होता है

फिरोज बख्त अहमद: 
मोदी ने मुसलमानों को कुछ लाभपहुंचाया है तो उसका जिक्त्र करना भी जरूरी है। हमें चीजों को काली ऐनक से देखने की आदत सी हो गई है।लेखक के एक मित्र डॉ. प्रदीप जैन ने , जो कि हिंदी भाषा के विशेषज्ञ हैं , बताया कि गुजरात में उन्होंने मुस्लिम महिला अध्यापिकाओं की कक्षाएं ली , ंजिनमें उन्हें इन महिलाओं ने बताया कि मोदी ने उनके कच्चे - पक्के वेतन को सरकारी दरों पर टिकाया , जिसके कारण वे उनकीप्रशंसा करती हैं। 1998 में लेखक द टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए जब बाला साहब ठाकरे के साक्षात्कार के लिए उनके बंगले पर गया तो पाया कि वहांकुछ मौलाना हजरात पहले से ही बैठे हुए थे। उनकी ओर इशारा करते हुए ठाकरे जी बोले, ' मैं मुंबई में मुसलमानों के राष्ट्रीयइज्तमा ( विशाल धार्मिक सभा ) का बंदोबस्त पिछले 14 साल से करा रहा हूं। इसका खर्चा मेरी पार्टी देती है। '
एक बार कज्जाक और सऊदी हवाई जहाजों की दादरी रोड के निकट हवा में टक्कर हो गई थी और हज को जाने वाले कई सौ यात्रीशहीद हो गए थे।उस समय सर्दी का मौसम था और रातों को शिवसेना - आरएसएस के कार्यकर्ता दादरी के खेत - खलिहानों में डेराडाल कर मारे गए लोगों के रिश्तेदारों को चाय , डबलरोटी और दिलासा दे रहे थे
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7372596.cms?prtpage=1

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