बुधवार, अगस्त 24, 2011

महिलाओ को सर्वाधिक आदर सम्मान देने वाला धर्म भी इस्लाम है: सबूत के साथ !

महिलाओ को सर्वाधिक आदर सम्मान देने वाला धर्म भी इस्लाम है: सबूत के साथ !

बलात्कार :जिहाद का हथियार



जिहाद दुनिया का सबसे घृणित कार्य और सबसे निंदनीय विचार है .लेकिन इस्लाम में इसे परम पुण्य का काम बताया गया है .जिहाद इस्लाम का अनिवार्य अंग है .मुहम्मद जिहाद से दुनिया को इस्लाम के झंडे के नीचे लाना चाहता था .मुहलामानों ने जिहाद के नाम पर देश के देश बर्बाद कर दिए .हमेशा जिहादियों के निशाने पर औरतें ही रही हैं .क्योंकि औरतें अल्लाह नी नजर में भोग की वस्तु हैं .और बलात्कार जिहाद का प्रमुख हथियार है .मुसलमानों ने औरतों से बलात्कार करके ही अपनी संख्या बढाई थी .मुहम्मद भी बलात्कारी था .मुसलमान यही परम्परा आज भी निभा रहे है .यह रसूल की सुन्नत है ,कुरान के अनुसार मुसलमानों को वही काम करना चाहिए जो मुहम्मद ने किये थे .कुरान में लिख है- 



"जो रसूल की रीति चली आ रही है और तुम उस रीति(सुन्नत )में कोई परवर्तन नहीं पाओगे "सूरा -अल फतह 48 :23 

"यह अल्लाह की रीति है यह तुम्हारे गुजर जाने के बाद भी चलती रहेगी .तुम इसमे कोई बदलाव नहीं पाओगे .सूरा -अहजाब 33 :62 

"तुम यह नहीं पाओगे कि कभी अल्लाह की रीति को बदल दिया हो ,या टाल दिया गया हो .सूरा -फातिर 33 :62 

यही कारण है कि मुसलमान अपनी दुष्टता नही छोड़ना चाहते .जिसे लोग पाप और अपराध मानते हैं ,मुसलमान उसे रसूल की सुन्नत औ अपना धर्म मानते है .और उनको हर तरह के कुकर्म करने पर शर्म की जगह गर्व होता है .बलात्कार भी एक ऐसा काम है .जो जिहादी करते है - 


1 -बलात्कार जिहादी का अधिकार है

"उकावा ने कहा की रसूल ने कहा कि जिहाद में पकड़ी गई औरतों से बलात्कार करना जिहादिओं का अधिकार है . 

बुखारी -जिल्द 1 किताब 5 हदीस 282 

"रसूल ने कहा कि अगर मुसलमान किसी गैर मुस्लिम औरत के साथ बलात्कार करते हैं ,तो इसमे उनका कोई गुनाह नहीं है .यह तो अल्लाह ने उनको अधिकार दिया है ,औ बलात्कार के समय औरत को मार मी सकते हैं" 

बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 132 

बुखारी -जिल्द 1 किताब 52 हदीस 220 


2 -जिहाद में बलात्कार जरूरी है

सईदुल खुदरी ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि सामूहिक बलात्कार करने से लोगों में इस्लाम की धाक बैठ जाती है .इसलिए जिहाद में बलात्कार करना बहुत जरूरी है .बुखारी जिल्द 6 किताब 60 हदीस 139 

3 -बलात्कार से इस्लाम मजबूत होता है

"इब्ने औंन ने कहा कि,रसूल ने कहा कि किसी मुसलमान को परेशां करना गुनाह है ,और गैर मुस्लिमों को क़त्ल करना और उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इस्लाम को आगे बढ़ाना है.बुखारी -जिल्द 8 किताब 73 हदीस 70


"रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया ,और इस्लाम को मजबूत किया .बुखारी -जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220 

"रसूल ने कहा कि ,अगर काफ़िर इस्लाम कबूल नहीं करते ,तो उनको क़त्ल करो ,लूटो ,और उनकी औरतों से बलात्कार करो .और इस तरह इस्लाम को आगे बढ़ाओ और इस्लाम को मजबूत करो.बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 464 

4 -माल के बदले बलात्कार

"रसूल ने कहा कि जो भी माले गनीमत मिले ,उस पर तुम्हारा अधिकार होगा .चाहे वह खाने का सामान हो या कुछ और .अगर कुछ नहीं मिले तो दुश्मनों कीऔरतों से बलात्कार करो ,औए दुश्मन को परास्त करो .बुखारी -जिल्द 7 किताब 65 हदीस 286 . 

(नोट -इसी हदीस के अनुसार बंगलादेश के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने बलात्कार किया था ) 

5 -बलात्कार का आदेश '

"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने अपने लोगों (जिहादियों )से कहा ,जाओ मुशरिकों पर हमला करो .और उनकी जितनी औरतें मिलें पकड़ लो ,और उनसे बलात्कार करो .इस से मुशरिकों के हौसले पस्त हो जायेंगे .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 432 

6 -माँ बेटी से एक साथ बलात्कार

"आयशा ने कहा कि .रसूल अपने लोगों के साथ मिलकर पकड़ी गई औरतों से सामूहिक बलात्कार करते थे .और उन औरतीं के साथ क्रूरता का व्यवहार करते थे .बुहारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 67 

"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने 61 औरतों से बलात्कार किया था .जिसमे सभी शामिल थे .औरतों में कई ऎसी थीं जो माँ और बेटी थीं हमने माँ के सामने बेटी से औए बेटी के सामने माँ से बलात्कार किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3371 और बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 288 

7 -बलात्कार में जल्दी नहीं करो

"अ ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,पकड़ी गयी औरतो से बलात्कार में जल्दी नहीं करो .और बलात्कार ने जितना लगे पूरा समय लगाओ " 


बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 446 . 

अब जो लोग मुसलमानों और मुहम्मद को चरित्रवान और सज्जन बताने का दवा करते हैं ,वे एक बार फिर से विचार करे, इस्लाम में अच्छाई खोजना मल-मूत्र में सुगंध खोजने कि तरह है .आप एक बार मुस्लिम ब्लोगरो द्वारा इस्लाम और मुहम्मद के बारे में लिखी हुई झूठी बातों को पढ़िए फिर दिए तथ्यों पर विचार करके फैसला कीजिये

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