बुधवार, अगस्त 24, 2011

इस्लाम ही ऐसा धर्म है जो पशुओं से बहुत प्रेम करता है ! सबूत दिये है नीचे !

इस्लाम ही ऐसा धर्म है जो पशुओं से बहुत प्रेम करता है ! सबूत दिये है नीचे !

इस शीर्षक को पढ़कर लोग जरुर चौंक जायेंगे ,क्योंकि सब जानते हैं कि जब मुसलमान इंसानों और इंसानियत के परम शत्रु हैं ,तो वे पशुओं से प्रेम कैसे कर सकते हैं ?लेकिन मुसलमानों के पशुप्रेम का तात्पर्य उनका पशुओं के लिए दया और करुणा का भाव कदापि नहीं है .यह तो और ही प्रकार का प्रेम है ,जो मुस्लिम देशों में काफी समय से प्रचलित है .यद्यपि मुसलमान इस बात को छुपाते हैं

इस इस्लामी कुकर्म को "पशु मैथुन "Bestiality "कहा जाता है .कामातुर होकर मुसलमान अपने पालतू जानवरों ,जैसे बकरी ,भेड़,गधी,और ऊंटनी के साथ कुकर्म करते हैं .अरब में तो यह परम्परा के रूप में इस्लाम के पूर्व से आजतक प्रचलित है .

1 -पशु मैथुन हज का प्रमुख अंग था

الحج إلى مكة المكرمة ليست كاملة دون كلبين مع الجمل

जब तक ऊंटनी के साथ सम्भोग नहीं किया जाता ,हज्ज पूरा नहीं होता .अब्दुल्ला इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा यह अरब कि यह अरबों की रवायत है .इसमे कोई गुनाह नहीं है .सुन्नन अबू दाऊद-किताब 38 हदीस 4449

2 -अरब देशों से प्राप्त पशु मैथुन के आंकड़े -

Here are the Muslim countries and how they placed in the top five world ranking of various bestiality-related internet search terms:

Pig Sex: Pakistan (No. 1) Egypt (No. 2) Saudi Arabia (No. 3)

Donkey Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 3) Saudi Arabia (No. 4)

Dog Sex: Pakistan (No. 1) Saudi Arabia (No. 3)

Cat Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 2) Egypt (No. 3) Saudi Arabia (No. 4)

Horse Sex: Pakistan (No. 1) Turkey (No. 3)

Cow Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 2) Saudi Arabia (No. 4)

Goat Sex: Pakistan (No. 1)

Animal Sex: Pakistan (No. 1) Morocco (No. 2) Iran (No. 4) Egypt (No. 5)

Snake Sex: Pakistan (No. 1) Malaysia (No. 3) Indonesia (No. 4) Egypt (No. 5)

Monkey Sex: Pakistan (No. 1) Indonesia (No. 3) Malaysia (No. 4)

Bear Sex: Pakistan (No. 1) Saudi Arabia (No. 2)

Elephant Sex: Pakistan (No. 1) Egypt (No. 3) United Arab Emirates (No. 4) Malaysia (No. 5)

Fox Sex: Saudi Arabia (No. 1) Turkey (No. 4)


संदर्भ : http://hinduswarajyasena.blogspot.com/2011/01/blog-post.html



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