मंगलवार, अगस्त 09, 2011

नेहरु को प्रधानमंत्री बनाने में इस देश की जनता का कोई कसूर नहीं था

नेहरु को प्रधानमंत्री बनाने में इस देश की जनता का कोई कसूर नहीं था

नेहरु को प्रधानमंत्री बनाने में इस देश की जनता का कोई  कसूर नहीं था,देश की जनता नेहरुको प्रधानमन्त्री नहीं बनाना चाहती थी /यह सारी करतूत गाँधी की थी/जिस समय अंग्रेज भारत छोड़ कर जाने को तैयार हुए तो उन्होंने कहा की हम  देश छोड़ रहे है ,आप अपना प्रधानमन्त्री चुन लो/उस समय कांग्रेस की कर्यसिमिति की मीटिंग की गयी थी और यह बात रखी कि देश का प्रधानमंत्री किसे बनाया जाये

NEHRU AND GANDHI-DESTROYER OF THE NATION
उस समय सब की सलाह से यह तय हुआ कि प्रधानमंत्री का चुनाव न करके कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाये और जो राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाये उसी को देश का प्रधानमंत्री बनाया जाये/देश के प्रान्तों के कांग्रेस अध्यक्ष मतदान करेगें /जब यह मतदान हुआ तो उसमे 15कांग्रेस प्रांतीय अध्यक्षों ने मतदान किया/उन 15मतों में 13 मत सरदार पटेल को मिले थे और केवल दो मत नेहरु को/नेहरु और सरदार पटेल दो ही प्रत्याशी थे

SARDAR PATEL-PRIDE OF NATION

/इससे स्पष्ट है की देश की जनता नेहरु को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं चाहती थी/जब कुटिल नेहरु को यह बात समझ में आगई कि वोटो के आधार पर तू प्रधानमंत्री नहीं बनने वाला तो उसने गांधी को कहा की अगर में प्रधानमंत्री नहीं बनता तो में चैन से नहीं बैठने वाला/या तो मुझे प्रधानमंत्री बनाओ नहीं तो में कांग्रेस के दो टुकड़े कर दूंगा/जब दो टुकड़े होंगे तो अँगरेज़ कहेगे कि हम सत्ता किस को दे?तुम्हारे तो दो भाग हो चुके हैं/इस प्रकार सारी मेहनत बेकार हो जाएगी/तब गाँधी ने सरदार पटेल को पत्र लिखा और उसमे कहा,प्रिय भाई सरदार पटेल आप सदेव  ही मेरा सम्मान करते रहे है,आप ने हमेशा मेरी प्रत्येक बात सम्मान दिया है,मुझे आशा है पहले  की तरह आज भी मेरी बात नहीं टालेंगे/आप तो त्यागी तपस्वी व्यक्ति है ,आप बड़े से बड़ा त्याग कर सकते है/देश की जनता आप को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है परन्तु नेहरु प्रधानमंत्री बनने के लिए बड़ा लालायित है इसलिए आप अपना नाम वापस लेलो और नेहरु को प्रधानमंत्री बन जाने दो/सरदार पटेल गांधी की कुटिल चाल में आगये/क्योकि सरदार पटेल एक ईमानदार,नेतिकता से भरपूर वीर पुरुष थे लेकिन भोले भी थे,उन्होंने उसी समय गाँधी को उत्तर दिया  कि में अपना नाम वापिस लेता हूँ,आप नेहरु को ही प्रधानमंत्री बना लीजिये/इस प्रकार नेहरु के प्रधानमंत्री बनने के दो ही कारण थे एक तो गांधी की धूर्तता और दुसरा सरदार पटेल का भोलापन/ 

ब देश का बटवारा हुआ तो देश के हिन्दू अत्याधिक दुखी थे,फिर भी इस बात से प्रसन्न थे की चलो हजार वर्षों की मुसलमानों की गुलामी और उनके  के ज़ुल्म से उन्हें मुक्ति मिलेगी/देश में रात दिन मुसलमानों द्वारा किये जा रहे दंगे और खून खराबा समाप्त हो जाएगा,क्योकि पाकिस्तान बनने पर सारे मुसलमान पाकिस्तान चले जायेगे/


COW SLAUGHTER BY INDIAN MUSLIMS
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गोहत्या बंद हो जाएगी मंदिर मस्जिद के झगडे समाप्त हो जायेगे और हिन्दू यहाँ पर शान्ति से रहेगा
परन्तु देश के टुकड़े होने पर भी गाँधी की अदूरदर्शिता और जिद के कारण समस्याए ज्यो की त्यों बनी रही,और अब तो  स्थिति बद से बदतर हो गयी है/यदि किसी व्यक्ति की टांग में नासूर हो जाये और डाक्टर उसे सलाह दे की तुम अपनी टांग कटवा लो,तो तुम्हारी जान बच जाएगी,क्योकि टांग काटने पर सडन  रुक जाएगी तो वह  व्यक्ति  टांग कटवाना स्वीकार कर लेता है अपनी जान बचाने के लिए/ 


ATTACK AT PARLIAMENT
 देश की एक नहीं दोनों टाँगे कट गयी और सडन फिर भी नहीं रुकी और यह बड़ते बड़ते अब दिल तक आ पहुंची है/संसद हमारा दिल है अब तो इस पर भी हमला हो गया


FAST-GANDHI’S BLACKMAILING TOOL FOR MUSLIM’S CAUSE
गाँधी ने  देश की भलाई को ताक  पर रख केवल अपनी सनकी बुद्धि  से  देश को बर्बाद करने वाले ही निर्णय  लिए/पाकिस्तान को ५५ करोड़ रूपये देने का मसला या पाकिस्तान बनंने पर मुसलमानों को भारत  में ही रुके रहने की जिद पर गांधी का आमरण अनशन ,एक गन्दी और ओछी ब्लैकमेलिंग थी 


KILLINGS OF HINDUS BY MUSLIMS
१९४६ में सीधी कार्यवाही के नाम से नोवाखली के दंगों में हिन्दुओं  का कत्लेआम करने वाले और जिन ९४ प्रतिशत मुसलमानों ने पाकिस्तान की स्थापना के लिए वोट दिया और कहते थे की हम हिन्दुओं के साथ मिल कर नहीं रह सकते क्योकि हम अलग कौम हैं ,


FLAG OF MUSLIM LEAGUE
उन्होंने रातों रात मुस्लिम लीग का चाँद सितारों वाला हरा झंडा उतार कर तिरंगा फहरा लिया/ इन्ही उत्तर भारत के मुसलमानों ने पाकिस्तान की लड़ाई लड़ी थी/  यही मुसलमान नारा लगाते थे” हंस के लिया है पाकिस्तान लड़ के लेंगे हिन्दुस्तान”/गाँधी इन्ही मुसलमानों के हिमायती  बन  बैठे /आमरण अनशन पर डट गए  ,जिद कर

अपनी बात मनवा ली और हमेशा के लिए भारत के लिए संकट के पहाड़ खड़े  कर दिए


KILLINGS OF HINDUS
गांधी कट-मर कर और लुट कर पाकिस्तान से आने वाले हिन्दुओं के ज़ख्मों पर नमक छिडकते रहे/कुरआन की पुस्तक लेकर मन्दिरों में पड़ते रहे,परन्तु वेद या गीता लेकर कभी मस्जिद में नहीं गए/हिन्दुओं को अल्लाहो अकबर बोलने  के लिए  कहते रहे लेकिन  मुसलमानों को गायत्री मन्त्र जपने  के लिए कभी नहीं कहा/यदि मुसलमान धोखे से सौ हिन्दुओं की ह्त्या  कर  दे तो गाँधी की नज़र में यह मुसलमान का धर्म पालन था,और  सौ हिन्दुओं के बीच   बदतमीजी करने पर यदि एक मुसलमान मारा जाये तो यह हिन्दुओं का जघन्य अपराध था/गांधी की करतूते कहाँ तक  गिनाये
इस देश की अजब कहानी है,इसी गांधी दर्शन की घुट्टी आनेवाली पीढियों को पिलाई जा रही है/देश का हर नेता जानता है की जहाँ मुसलमानों की जनसंख्या बढ जाती है वही पर अलगाववाद की बात शुरू हो जाती है,अलग देश की मांग उठने लगती है/इस्लामी मतावलम्बी देश के टुकड़े करने में ही इस्लाम की सफलता मानते है


AFJAL GURU,SON IN LAW OF CONGRESS
देश के नेता इससे से भलीपांति परिचित है,फिर भी सत्ता की  सीढी  के रूप में देश के गद्दार नेता इन्ही मुसलमानों को अपने सर आँखों पर बैठाते है/हनुमान की राम भक्ति का चित्रण  हनुमान के ह्रदय में विराजमान राम जानकी के चित्र द्वारा हमने देखा है/यदि मुसलमान का कलेजा चीर कर देखो तो उसमे दो तस्वीरे दिखाई देंगी इस्लाम और पाकिस्तान हिन्दुस्तान कही नहीं दिखाई देगा,यही सचाई जिसे हम स्वीकार नहीं करना चाहते/
बिल्ली देख कर कबूतेर आँखे बंद कर लेता है इस से बिल्ली से तो नहीं बच पायेगा/बिल्ली तो उसे खा  ही जायेगी /


INDIAN SECULAR POLITICAL LEADERS
 देश के नेता  सांप से भी  अधिक देशद्रोही है अलगाव वादिओं के प्रति उनकी तुष्टिकरण की नीति और राजनीति का अपराधीकरण हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है/


SUSHMA SWARAJ AND OTHER BJP LEADERS AT RAJGHAT
साल में  दर्जनों बार इसी गांधी की  समाधि  पर फूल चढाने और माथा टेकने के नाटक की रस्म अदायगी होती है/अब तो बीजेपी ने भी यह नाटक चालू कर दिया है और समाधि पर  उपवास कर यह प्रमाणित करने की कोशिश की है की उनका भी गाँधी के सड़े गले दर्शन पर विश्वास है 


NATHU RAM GODSE
गोडसे ने अपने प्राणों की आहुति दे कर हमें इस दुरात्मा से मुक्ति दिलवाई लेकिन थोड़ी देर कर दी/अगर यही काम पहले  हो जाता तो देश बर्बादी से बच जाता/गोडसे ने अपने प्राण भी गवाए एक अच्छा कार्य करके ,लेकिन उस दुरात्मा को अमर कर दिया/कोई और स्वाभिमानी देश भारत की जगह होता     तो इस दुरात्मा पर मरनोपरांत देश द्रोह और हिन्दुओं की इरादतन ह्त्या का मुकदमा चलाता/काश गांधी जन्म लेते ही मर जाते

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