रविवार, जून 16, 2013

22 करोड़ दलितों को नही पता है अम्बेडकर मौत कैसे हुर्इ ??

22 करोड़ दलितों को नही पता है अम्बेडकर मौत कैसे हुर्इ ??

अब इसको क्या बोला जाये ??

1- कॉंग्रेसी डर ?
2- कायरता ?
3- अम्बेडकर से मतलब नही केवेल अम्बेडकर के नाम पर ''आरक्षण'' चाहिये ?
4- क्या फर्क पड़ता है , कौन महनत करे ?
5- हम नव बौध है , केवेल हिन्दू को गाली देना काम है बाकी से कोई मतलब नही ?
6- हम आधे इस्लामिक है ....अम्बेडकर से कोई मतलब नही ?

लालच , मूर्खता की कलयुग में हद है.........नव बौध, कलयुग की एक ''नयी पीढी'' है ????

http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/government-doesnt-know-how-dr-ambedkar-died/articleshow/17488946.cms

भारत सरकार के पास संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मौत से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। सुनने में यह भले ही अटपटा लगे, लेकिन RTI के ज़रिए मांगी गई जानकारी में केंद्र सरकार ने यही जवाब दिया है।

RTI ऐक्ट के तहत दायर आवेदन के जवाब में केंद्र के दो मंत्रालयों और आंबेडकर प्रतिष्ठान ने अपने पास आंबेडकर की मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। एक मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी ने यह भी कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मांगी गई सूचना किस विभाग से संबद्ध है।

आरटीआई कार्यकर्ता आर एच बंसल ने राष्ट्रपति सचिवालय में आवेदन दायर कर पूछा था कि डॉ. भीमराव आंबेडकर की मौत कैसे और किस स्थान पर हुई थी? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या मृत्यु उपरांत उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया था। पोस्टमॉर्टम की स्थिति में उन्होंने रिपोर्ट की एक प्रति मांगी थी।
आवेदन में यह भी पूछा गया था कि संविधान निर्माता की मृत्यु प्राकृतिक थी या फिर हत्या। उनकी मौत किस तारीख को हुई थी, क्या किसी आयोग या समिति ने उनकी मौत की जांच की थी?

राष्ट्रपति सचिवालय ने यह आवेदन गृह मंत्रालय के पास भेज दिया जिस पर गृह मंत्रालय द्वारा आवेदक को दी गई सूचना में कहा गया है कि डॉ. अंबेडकर की मृत्यु और संबंधित पहलुओं के बारे में मांगी गई जानकारी मंत्रालय के किसी भी विभाग, प्रभाग और इकाई में उपलब्ध नहीं है ।

27 टिप्‍पणियां:

  1. अरे भाई सरकार को सब पता है कि बाबा साहब की हत्या कैसे हुयी लेकिन इसको वह जग जाहिर नहीं करना चाहते है अगर आपको जानना है कि बाबा की हत्या कैसे हुई तो प्रो.विलास खरात साहब की किताब ‘‘बाबा साहब की हत्या कब? क्यों? कैसे? की गई अब पढ़ सकते है’’

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    1. वास्तविकता यह है कि आंडबेकर को भरी संसद में भरतपुर के राजा बच्चू सिंह ने गोली मारी थी जिससे उसकी मृत्यु हुयी थी, यह घटना तब की है जब एक और ब्रिटिश दल्ला देश का प्रधानमंत्री हुआ करता था, बात कुछ ऐसी थी कि, संसद सत्र के एक दिन जब भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह संसद पहुँचेे और वहाँ पर जाकर जब वह अपनी सीट पर बैठे, तभी थोड़ी देर पश्चात आंडबेकर ने नेहरु के साथ संसद में प्रवेश किया।



      सभी ने अपनी सीट से खड़े होकर आंडबेकर और नेहरु का अभिवादन किया परन्तु एक व्यक्ति जो भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह थे, अपनी सीट पर बैठे रहे।



      यह देखकर ‘घमंड में चूर’ आंडबेकर ने नेहरु से पूछा कि यह कौन हैं, जो खड़ा नही हुआ ???



      नेहरु ने भरतपुर के राजा के रूप में उनका परिचय करवाया, यह सुनकर कि बच्चू सिंह जी भरतपुर के राजा हैं, आंडबेकर ने उन पर तीक्ष्ण कटाक्ष करते हुए कहा कि “अच्छा रजवाड़े चले गये, मगर अकड़ नहीं गयी”।



      इतना सुनते ही चौधरी बच्चू सिंह ने भरी संसद में अपनी रिवाल्वर निकाली और आंडबेकर पर ठीक पास से ही गोलियां दाग डाली, बच्चू सिंह यहीं नहीं रुके बल्कि इसके बाद उन्होंने वही रिवाल्वर नेहरु की छाती से सटाकर पूछा- मैंने कुछ गलत किया मिस्टर नेहरु ???



      डरा सहमा नेहरु : नही राजा साहब, आपने कुछ गलत नही किया।

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  2. भारत विश्व गुरु हैं तो भी नहीं पता कि संविधान निर्माता डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर की मौत कैसे हुई

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  3. भारत विश्व गुरु हैं तो भी नहीं पता नहीं चला कि संविधान निर्माता डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर की मृत्यु कैकैसे हुई

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  4. मानवता को शर्मशार कर देने वाली बात है
    क़ि जिस बाबा साहेब .ने..सम्पूर्ण देश व् समाज को न्याय दिलाने का कार्य किया आज उन्ही की मृत्यु को रहस्य बनाकर उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है....जो क़ि पुरे मानव जाती के लिये अन्याय व् प्रशाशन के लिए शर्म की बात है

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  5. मानवता को शर्मशार कर देने वाली बात है
    क़ि जिस बाबा साहेब .ने..सम्पूर्ण देश व् समाज को न्याय दिलाने का कार्य किया आज उन्ही की मृत्यु को रहस्य बनाकर उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है....जो क़ि पुरे मानव जाती के लिये अन्याय व् प्रशाशन के लिए शर्म की बात है

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  6. सबको पता है बस ये बताना नही चाहते

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  7. अगर सरकार को इस के बारे मे पता है तो वह अपनी जनता को इसकी जानकारी कियू नहीं दे देती हैं। सरकार को पता होगा की अगर इसके बार मै जनता को बात दिया तो जनता जागरूक हो जायेगी।।।।

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  8. अब तो संघ की सरकार है। क्यों नहीं बताती

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    1. सरकार ने इतिहास की किताबों में वैसे तो कई सारे तथ्य गढ़ रखे हैं कि आंडबेकर ऐसे मरा था वैसे मरा था लेकिन एक RTI याचिका लगाने पर सरकार की पूरी पोल खुल गयी

      .

      दरअसल आंडबेकर ने अपने जीवन में ऐसे ऐसे नीच कर्म किये थे उसे सामान्य मौत तो कभी मिलनी नहीं थी

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      वास्तविकता यह है कि आंडबेकर को भरी संसद में भरतपुर के राजा बच्चू सिंह ने गोली मारी थी जिससे उसकी मृत्यु हुयी थी, यह घटना तब की है जब एक और ब्रिटिश दल्ला देश का प्रधानमंत्री हुआ करता था, बात कुछ ऐसी थी कि,

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      संसद सत्र के एक दिन जब भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह संसद पहुँचेे और वहाँ पर जाकर जब वह अपनी सीट पर बैठे, तभी थोड़ी देर पश्चात आंडबेकर ने नेहरु के साथ संसद में प्रवेश किया

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      सभी ने अपनी सीट से खड़े होकर आंडबेकर और नेहरु का अभिवादन किया परन्तु एक व्यक्ति जो भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह थे, अपनी सीट पर बैठे रहे

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      यह देखकर ‘घमंड में चूर’ आंडबेकर ने नेहरु से पूछा कि यह कौन हैं, जो खड़ा नही हुआ ???

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      नेहरु ने भरतपुर के राजा के रूप में उनका परिचय करवाया, यह सुनकर कि बच्चू सिंह जी भरतपुर के राजा हैं, आंडबेकर ने उन पर तीक्ष्ण कटाक्ष करते हुए कहा कि “अच्छा ! रजवाड़े चले गये, मगर अकड़ नहीं गयी”

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      इतना सुनते ही चौधरी बच्चू सिंह ने भरी संसद में अपनी रिवाल्वर निकाली और आंडबेकर पर ठीक पास से ही गोलियां दाग डाली, बच्चू सिंह यहीं नहीं रुके बल्कि इसके बाद उन्होंने वही रिवाल्वर नेहरु की छाती से सटाकर पूछा- मैंने कुछ गलत किया मिस्टर नेहरु ???

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      डरा सहमा नेहरु : नही राजा साहब, आपने कुछ गलत नही किया

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  9. वास्तविकता यह है कि आंडबेकर को भरी संसद में भरतपुर के राजा बच्चू सिंह ने गोली मारी थी जिससे उसकी मृत्यु हुयी थी, यह घटना तब की है जब एक और ब्रिटिश दल्ला देश का प्रधानमंत्री हुआ करता था, बात कुछ ऐसी थी कि,

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  10. सरकार ने इतिहास की किताबों में वैसे तो कई सारे तथ्य गढ़ रखे हैं कि आंडबेकर ऐसे मरा था वैसे मरा था लेकिन एक RTI याचिका लगाने पर सरकार की पूरी पोल खुल गयी

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    दरअसल आंडबेकर ने अपने जीवन में ऐसे ऐसे नीच कर्म किये थे उसे सामान्य मौत तो कभी मिलनी नहीं थी

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    वास्तविकता यह है कि आंडबेकर को भरी संसद में भरतपुर के राजा बच्चू सिंह ने गोली मारी थी जिससे उसकी मृत्यु हुयी थी, यह घटना तब की है जब एक और ब्रिटिश दल्ला देश का प्रधानमंत्री हुआ करता था, बात कुछ ऐसी थी कि,

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    संसद सत्र के एक दिन जब भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह संसद पहुँचेे और वहाँ पर जाकर जब वह अपनी सीट पर बैठे, तभी थोड़ी देर पश्चात आंडबेकर ने नेहरु के साथ संसद में प्रवेश किया

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    सभी ने अपनी सीट से खड़े होकर आंडबेकर और नेहरु का अभिवादन किया परन्तु एक व्यक्ति जो भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह थे, अपनी सीट पर बैठे रहे

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    यह देखकर ‘घमंड में चूर’ आंडबेकर ने नेहरु से पूछा कि यह कौन हैं, जो खड़ा नही हुआ ???

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    नेहरु ने भरतपुर के राजा के रूप में उनका परिचय करवाया, यह सुनकर कि बच्चू सिंह जी भरतपुर के राजा हैं, आंडबेकर ने उन पर तीक्ष्ण कटाक्ष करते हुए कहा कि “अच्छा ! रजवाड़े चले गये, मगर अकड़ नहीं गयी”

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    इतना सुनते ही चौधरी बच्चू सिंह ने भरी संसद में अपनी रिवाल्वर निकाली और आंडबेकर पर ठीक पास से ही गोलियां दाग डाली, बच्चू सिंह यहीं नहीं रुके बल्कि इसके बाद उन्होंने वही रिवाल्वर नेहरु की छाती से सटाकर पूछा- मैंने कुछ गलत किया मिस्टर नेहरु ???

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    डरा सहमा नेहरु : नही राजा साहब, आपने कुछ गलत नही किया

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  11. Bhai ye real hai ambedkar ko raja bacchu Singh ne hi Mara thaa ye sabhi purane budhe bade log batate hai.

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  12. अभी तक मैंने सिर्फ डॉ आंबेडकर जी को अपने संविधान के रचयिता के बारे में सुना था लेकिन ये कभी नही पढ़ा या यूं कहें कि उनकी मौत के बारे में कभी खयाल भी नही आया कि वे कैसे मरे थे ....बीमारी से या फिर उनका मर्डर नेहरू जी के समक्ष एक गुस्साये राजा ने किया था ।

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  13. तेरी मम्मी को भी गोली मारी थी तेरे बच्चु ने हरामखोर ब्राह्मणो के मानसिक गुलाम धरती पर पैदा हुए हो या स्वर्ग में जैसा किसी ने भौंक दिया वही भौंक रहा है दिखा दी अपने अन्दर छुपी गंदी सोच जो तेरे बाप ब्राह्मणो घुसो रखी है खैर तेरी इस खोपड़ी में घुसने वाली नहीं क्यों कि इन विदेशी ब्राह्मणो की गुलामी करते करते कई हजार साल हो गए अपनें बाप से मिल लेना सब समझ जाओगे

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  14. अरे भाई साहब सब को पता कि बाबा की हत्या कैसे हुयी लेकिन सरकार इसको जगजाहिर नही करना चाहती

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