Naveen Verma
गांधी वध का वास्तविक सत्य ....
ये बात अपने आप में ही एक रहस्य लेकर सिमटी रह गयी या फिर तथ्य छुपा दिए गए.....
किसी को भी मरने के 2 मूल कारण होते हैं ...
१. व्यक्तिगत - में आता है किसी निजी दुश्मनी को निकालने या धन की लूट के लिए मारना ,
२. सामजिक - कारणों में यहाँ आता है कि - किसी व्यक्ति ने अतीत में कुछ ऐसा किया हो जो आपको पसंद नहीं अथवा वो व्यक्ति भविष्य में कुछ ऐसा करने वाला हो जो आपको लगता है कि समाज के हित में नहीं है
गाँधी की हत्या के पीछे गोडसे का कोई निजी कारण नहीं था ये तो सब मानते ही हैं , गाँधी की हत्या के पीछे दूसरी सामजिक बजह थी
मो. अली जिन्ना ( पापिस्तान का काएदे आज़म) जो काठियावाड़ क्षेत्र का भाटिया राजपूत था , जिसके पिता का नाम था पुन्ना लाल ठक्कर,... उस जिन्ना ने गांधी आमंत्रित किया हुआ था पापिस्तान की यात्रा के लिए ... उसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र था...
जिन्ना ने एक मांग रखी थी कि - हमको इस पश्चिमी पापिस्तान से पूर्वी पापिस्तान जाने में समुद्री रस्ते से बहुत समय लगता है और हवाई सफर बहुत महँगा होती है ... इसलिए हमको भारत के बीचो बीच एक कारीडोर बना कर दिया जाए.... जो दिल्ली के पास से जाता हो ...जो लाहोर से ढाका तक जाता हो ... (NH - 1) जिसकी चौड़ाई कम से कम 10 मील की हो ... (10 Miles = 16 KM) , यह निश्चित था की यदि गाँधी पापिस्तान पहुँच जाते तो अपनी भलमनसाहत दिखाने के लिए यह मांग भी मान लेते ..
और 55 करोड़ के अलावा भी गांधी बहुत कुछ देना चाहते थे पापिस्तान को ...जैसे कि- टेंकों का बंटवारा , हवाई जहाज़ों का बंटवारा , युद्ध विमानों का बंटवारा , करांची को बॉम्बे के बराबर का व्यावसायिक केंद्र बनाना आदि .
इस के अलावा देश में बहुत बड़ा तबका सरदार भगत सिंह कि फांसी , चन्द्र शेखर आज़ाद की हत्या और सुभाष चन्द्र बोस के गाएब होने के पीछे भी गाँधी एवं उनके सहयोगियों को जिम्मेदार मानते थे, गोडसे ने भी गाँधी को गोली मारने के बाद यही कहा था कि - मैंने वीरे (भगत सिंह) और पंडित जी ( आज़ाद ) का बदला ले लिया
ऐसे तुष्टिकरण के चलते ही नाथू राम गोडसे को गांधी को मारने के लिए प्रेरित होना पडा....
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