आखिर ये इसाई मिशनरी क्यूँ धर्मान्तरण करवाते है ?
जानिए इसाई मिशनरियों का असली मकसद ।
When the missionaries came to Africa they had the Bible and we had the land. They said, 'Let us pray.' We closed our eyes. When we opened them we had the Bible and they had the land.
Bishop Desmond Tutu quotes
धर्मान्तरण का एक मात्र उद्देश्य आपकी प्राकर्तिक संपदा को हासिल करना है जिस का अभाव हैं इन ईषाआईओ के पास
अगर कुछ हैं तो ठण्ड और बर्फ
धर्म-परिवर्तन का असली मकसद सिर्फ सस्ते मजदुर और बड़ी फ़ौज खड़ी करना होता है ।
पाश्चिम में जो भी निर्णय लिए जाते है, उन्हें भारत में लागू करने का काम इन धर्मान्तरित लोगो द्वारा किया जाता है।
मत भूलिए की मिशनरी इन गरीब धर्मान्तरित लोगो को यूँ ही पैसे नहीं देगी ।
अगर मिशनरी संस्थाएं धर्मान्तरण पर पैसा खर्च करती है तो जाहिर सी बात है की वो इसे अलग तरीके से वसूल करेंगे ।
और इसी तरह पश्चिमी देशों का मकसद सामने आता है ।
वो चाहते है भारत को फिर से गुलाम बनाना (सीधे तौर पर नहीं बल्कि धार्मिक गुलाम बनाकर)
और फिर हमारे देश के सारे संसाधनों पर कब्ज़ा कर सके।
मौजूदा वक्त में ये काम इसाई कांग्रेस की मदद से किया जा रहा है ।
देश के मंदिरों का सोना चुराने की कोशिश भी इसी कड़ी का हिस्सा है ।
एशियाई देशों के हिन्दू और बौद्ध लोगों को साथ आना होगा ।
हमारी परम्पराएँ मिलती है, हमारी संस्कृति मिलती है |
हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख सभी को साथ आना होगा इन मिशनरियों से मुकाबला करने ।
साभार - @Ban Missionaries In India
जानिए इसाई मिशनरियों का असली मकसद ।
When the missionaries came to Africa they had the Bible and we had the land. They said, 'Let us pray.' We closed our eyes. When we opened them we had the Bible and they had the land.
Bishop Desmond Tutu quotes
धर्मान्तरण का एक मात्र उद्देश्य आपकी प्राकर्तिक संपदा को हासिल करना है जिस का अभाव हैं इन ईषाआईओ के पास
अगर कुछ हैं तो ठण्ड और बर्फ
धर्म-परिवर्तन का असली मकसद सिर्फ सस्ते मजदुर और बड़ी फ़ौज खड़ी करना होता है ।
पाश्चिम में जो भी निर्णय लिए जाते है, उन्हें भारत में लागू करने का काम इन धर्मान्तरित लोगो द्वारा किया जाता है।
मत भूलिए की मिशनरी इन गरीब धर्मान्तरित लोगो को यूँ ही पैसे नहीं देगी ।
अगर मिशनरी संस्थाएं धर्मान्तरण पर पैसा खर्च करती है तो जाहिर सी बात है की वो इसे अलग तरीके से वसूल करेंगे ।
और इसी तरह पश्चिमी देशों का मकसद सामने आता है ।
वो चाहते है भारत को फिर से गुलाम बनाना (सीधे तौर पर नहीं बल्कि धार्मिक गुलाम बनाकर)
और फिर हमारे देश के सारे संसाधनों पर कब्ज़ा कर सके।
मौजूदा वक्त में ये काम इसाई कांग्रेस की मदद से किया जा रहा है ।
देश के मंदिरों का सोना चुराने की कोशिश भी इसी कड़ी का हिस्सा है ।
एशियाई देशों के हिन्दू और बौद्ध लोगों को साथ आना होगा ।
हमारी परम्पराएँ मिलती है, हमारी संस्कृति मिलती है |
हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख सभी को साथ आना होगा इन मिशनरियों से मुकाबला करने ।
साभार - @Ban Missionaries In India
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