चलो
अब जरा आपको सुन्नी समुदाय द्वारा दुनिया भर में 2012 का आंकड़ा बता दूँ,
कि इस समुदाय ने कहाँ- कहाँ पर शांति और भाईचारे का सन्देश दिया..
बीते वर्ष में अमन पसंद इस्लामिक मुल्क के अमन पसंद नागरिकों का आपस में लड़ कर मरने का आंकड़ा :-
पाकिस्तान :- 19711.
अफगानिस्तान :- 36799.
सीरिया :- 2 लाख से अधिक.
मिस्त्र :- 4566.
लीबिया :- 19000 से अधिक.
ईरान :- 1987.
ईराक :- 4567.
इंडोनेशिया :- 1734 (2069 गैर मुस्लिम भी)
उज्ज्बेकिस्तान :- 1103.
फलिस्तीन :- 13000 से अधिक.
मलेशिया :- 2200 से अधिक.
1000 से कम मौत वाले मुल्कों का नाम बदनामी के डर से गोपनीय रखा गया है, आप समझ सकते हैं क्यों ?
और सबसे खास बात कि इन देशों में हिन्दू, RSS या बीजेपी का नाम तक मौजूद
नहीं है, जिसको ये लोग भारत में अपने 'सत्कर्मों' को छुपाने के लिए हमेशा
सारा दोष इन पर डाल देते हैं..
पर कोई बात नहीं सुन्नी मुस्लिम
अभी भी बेशर्मी से कहेंगे कि हिन्दू, RSS या बीजेपी इन देशों में नहीं है
तो क्या हुआ अमेरिका, इजरायल तो है ना, तो बस सारी बात यहीं खत्म हो गयी कि
ये लोग(सुन्नी) तो बेहद ही सीधे और भोलेभाले हैं, इनको तो इन सभी देशों
में अमेरिका, इजरायल एक चाल के तहत साफ़ कर रहा है..
नोट :- ये
आंकड़े केवल बीते साल 2012 दिसम्बर तक के हैं, इस साल के आंकड़ों को इसमें
शामिल नहीं किया गया है, पर यदि अभी तक अगस्त तक का मोटा- मोटा हिसाब लगाएँ
तो सीरिया, लीबिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इजिप्ट आदि इस्लामिक देशों में
मरने वालों की संख्या कई लाख तक पहुँचती है..
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