ये
मीडिया और कांग्रेस के हकले किस 31 हज़ार टन सोने की बात कर रहे हैं??
भैय्या भारत के पास सिर्फ और सिर्फ 557 टन सोना है और सरकार इसे भी गिरवी
रखने के चक्कर में है
आज से 21 वर्ष पहले मनमोहन सिंह ने कहा था कि उदारीकरण और वैश्वीकरण के परिणाम 20साल में देखने को मिलेंगे!
परिणाम आज सामने है 1991 में 67टन सोना गिरवी रखा गया था और आज 2013 में 500टन सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई है! वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने 500 टन सोना गिरवी रखने का सुझाव दिया है !
देश को इतना कंगाल कर दिया है कि कांग्रेस सरकार 500 टन
सोना गिरवी रखेगी !ये 500 टन सोना कितने का है ?आइये देखें !
अगर 10 ग्राम सोना --------------------- 30000 (30 हजार ) रुपए का
तो 100 ग्राम सोना होगा ------------------ 300000 (3 लाख ) रूपये का
तो 1 किलो होगा ---------------------------3000000 (30 लाख) रूपये का
तो 10 किलो होगा ---------------------------30000000 (3 करोड़ ) रूपये का
तो 100 किलो होगा ------------------------300000000 (30 करोड़ ) रूपये का
तो 1000 किलो (1टन) होगा --------------3000000000 (300 करोड़ ) रूपये का
तो 10000 किलो (10 टन) होगा -----------30000000000 (3000 करोड़ ) रूपये का
तो 100000 किलो(100 टन)------------------300000000000 (30000 हजार करोड़ ) रूपये का
तो 500000 किलो (500 टन)-----------------1500000000000(1 लाख 50 हजार करोड़ ) रूपये का
500 टन सोने की कीमत 1 लाख 50 हजार करोड़ है !
और मंदमोहन सिंह का एक कोयला घोटाला 1 लाख 80 हजार करोड़ का है बाकी घोटाले अलग है !
हो रहा है भारत नीलाम !
देश की पूरी तरह वाट लगाने के बाद अब काँग्रेस की निगाह पद्मनाभ मंदिर के खजाने पर है... एक "विद्वान"(?) पत्रकार ने कयास लगाया है कि रूपए की कीमत को रोकने के लिए मंदिरों में "फालतू"(??) रखा सोना गिरवी रखा जाए, क्योंकि रिज़र्व बैंक के पास जितना सोना है, उससे संकट दूर नहीं होगा...
पता नहीं अर्थशास्त्रियों के दिमाग में कैसे-कैसे विचार, कहाँ-कहाँ से आते हैं...
यानी एक तो अर्थशास्त्री, ऊपर से IMF और वर्ल्ड बैंक से रिटायर्ड, ऊपर से चुनाव लड़ने की चिंता नहीं... तो भला अब ये पद्मनाभ मंदिर का सोना बेचें या आपके घर से सोना जबरन उठवा लें, इनका कौन कुछ बिगाड़ लेगा...
http://blogs.wsj.com/indiarealtime/2013/08/26/can-temple-gold-help-the-rupee/
(खबर वाल स्ट्रीट जर्नल के ब्लॉग में प्रकाशित हुई है)...
==============
दाभोलकर के नास्तिक शिष्य और सेकुलरिज़्म की सडांध से भरे हुए लोग इस पोस्ट पर कमेन्ट ना ही करें तो बेहतर होगा...
शुभ संध्या (है तो नहीं)... लेकिन फिर भी रख लीजिए...
.
आज से 21 वर्ष पहले मनमोहन सिंह ने कहा था कि उदारीकरण और वैश्वीकरण के परिणाम 20साल में देखने को मिलेंगे!
परिणाम आज सामने है 1991 में 67टन सोना गिरवी रखा गया था और आज 2013 में 500टन सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई है! वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने 500 टन सोना गिरवी रखने का सुझाव दिया है !
देश को इतना कंगाल कर दिया है कि कांग्रेस सरकार 500 टन
सोना गिरवी रखेगी !ये 500 टन सोना कितने का है ?आइये देखें !
अगर 10 ग्राम सोना --------------------- 30000 (30 हजार ) रुपए का
तो 100 ग्राम सोना होगा ------------------ 300000 (3 लाख ) रूपये का
तो 1 किलो होगा ---------------------------3000000 (30 लाख) रूपये का
तो 10 किलो होगा ---------------------------30000000 (3 करोड़ ) रूपये का
तो 100 किलो होगा ------------------------300000000 (30 करोड़ ) रूपये का
तो 1000 किलो (1टन) होगा --------------3000000000 (300 करोड़ ) रूपये का
तो 10000 किलो (10 टन) होगा -----------30000000000 (3000 करोड़ ) रूपये का
तो 100000 किलो(100 टन)------------------300000000000 (30000 हजार करोड़ ) रूपये का
तो 500000 किलो (500 टन)-----------------1500000000000(1 लाख 50 हजार करोड़ ) रूपये का
500 टन सोने की कीमत 1 लाख 50 हजार करोड़ है !
और मंदमोहन सिंह का एक कोयला घोटाला 1 लाख 80 हजार करोड़ का है बाकी घोटाले अलग है !
हो रहा है भारत नीलाम !
देश की पूरी तरह वाट लगाने के बाद अब काँग्रेस की निगाह पद्मनाभ मंदिर के खजाने पर है... एक "विद्वान"(?) पत्रकार ने कयास लगाया है कि रूपए की कीमत को रोकने के लिए मंदिरों में "फालतू"(??) रखा सोना गिरवी रखा जाए, क्योंकि रिज़र्व बैंक के पास जितना सोना है, उससे संकट दूर नहीं होगा...
पता नहीं अर्थशास्त्रियों के दिमाग में कैसे-कैसे विचार, कहाँ-कहाँ से आते हैं...
यानी एक तो अर्थशास्त्री, ऊपर से IMF और वर्ल्ड बैंक से रिटायर्ड, ऊपर से चुनाव लड़ने की चिंता नहीं... तो भला अब ये पद्मनाभ मंदिर का सोना बेचें या आपके घर से सोना जबरन उठवा लें, इनका कौन कुछ बिगाड़ लेगा...
http://blogs.wsj.com/indiarealtime/2013/08/26/can-temple-gold-help-the-rupee/
(खबर वाल स्ट्रीट जर्नल के ब्लॉग में प्रकाशित हुई है)...
==============
दाभोलकर के नास्तिक शिष्य और सेकुलरिज़्म की सडांध से भरे हुए लोग इस पोस्ट पर कमेन्ट ना ही करें तो बेहतर होगा...
शुभ संध्या (है तो नहीं)... लेकिन फिर भी रख लीजिए...
.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें