रविवार, अगस्त 18, 2013

बात आतंकी टुंडा की .....

बात आतंकी टुंडा की ..... [भाऊ तोरसेकर जी के मराठी पोस्ट का हिंदी अनुवाद]

अपनी आयु के ७० साल पूर्ण कर चूका हुआ यह आतंकी अब दौड़ भाग नहीं कर पायेगा |बढ़ती हुई आयु की वजहसे उसके सामने अनेकों शारीरिक व्याधियों का भय खड़ा है | उसके लिए होने वाला दवा पानी का खर्च बहुत बड़ा है. जिसकी अभी कोई उपयोगिता नहीं ऐसा यह खर्चीला जानवर पालने पोसने के लिए पाकिस्तान और तोयबा ने भारत के तिजोरी के भरोसे छोड़ दिया है |

अभी इस टुंडा को भारत के अंदर कोर्ट कचेहरी मुकदमे के चक्कर में डाल देने के बाद ...उसके सारी बीमारियों और सेहत का सारा खर्चा उसे पकड़ने वालों पर पड़ता है !! मतलब भारत की सरकार और मेरे आपके जैसे टैक्स भरने वालों के जिम्मे आ पड़ता है !..... उसे पकड़ने के बाद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट के सामने उसकी सारी जन्म कुंडली रखी . जिसमे उसने किये हुए पापों का सारा लेखाजोखा रखा गया | उस भयंकर पापी इंसान के पापों के देखते हुए तो लगता है के उसके ऊपर चलने वाला केस अपने अंजाम तक पहुंचते पहुंचते २० , २५ साल आराम से निकल जायेंगे. टुंडा के आयु के ७० वे साल में यह मुकदमे शुरू हो रहे है, मतलब जब तक उसके ऊपर के सारे अपराध सिद्ध होकर उसे दंड मिले ... तब तक उसके सेहत को बनाये रखने का जिम्मा भारत सरकार पे कायदे से आ जाता है ! सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाए उसे दी जायेंगी. जिनकी जान लेने के लिए उसने अपनी सारी आयु खर्च की उन्ही पीड़ित भारतीयों के माँ बाप बेटे भाई बहनों पर उसे पालने का, उसे सेहतमंद बनाये रखने का जिम्मा आ जायेगा ! इस मेहमान नवाजी के बदले वो हमें क्या देने वाला है ? वह कुछ काम नहीं करने वाला लेकिन वेतन हमारे पैसे से खाने वाला है . विचार मन में आता है की ऐसे में उसे दी जाने वाली सुविधाओ को VRS स्वेच्छा रिटायर्मेंट वेतन क्यों न कहा जाये ? और देखिये उसके अपराध सिद्ध होकर उसे सजा मिले तब तक वो ९० का हो जायेगा और उसके पहले शायद मर जायेंगा. मतलब सजा की बात नहीं है बल्कि उसकी बची हुयी उम्र के लिए उसे सुरक्षित और सुविधापूर्ण जीवन व्यतीत करने की अच्छी खासी सुविधा पाकिस्तान और तोयबा ने उसे भारत के हवाले छोड़ कर निर्माण की है . कर्मचारी सेवा से रिटायर्ड होने के बाद उसका खर्चा उसकी कंपनी उठाती है लेकिन यहाँ पर पाकिस्तान को दि हुई सेवा का खर्चा भारत उठाने वाला है !! कबाब, बिरयानी खिलाकर |

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