अधिकतर व्यापार नोटबन्दी ओर GST से मरा है। रियल एस्टेट तो कम से कम 10 साल के लिए गया। नोटबन्दी के बाद atm में कैश भी बराबर नही आ रहा है। इसका मतलब या तो सरकार मैनेज नही कर पा रही है या सरकार को अब ये समझ नही आ रहा है कि मार्किट में पैसे का फ्लो कैसे बनाया जाए। दरअसल, सरकार की व्यपारियो को अधिक से अधिक टेक्स के दायरे में लाने की कोशिश और डिजिटल इंडिया ने सब गड़बड़ कर दिया। इसलिए मोदी को ये पता है कि मेरे से छोटा व्यापारी दुखी है और स्वर्ण हिन्दू भी नाराज़ है। इसलिए, अब ये महोदय दलित और मुल्लो पर दांव खेल रहे हैं। इससे और गड़बड़ हो रहा है।
हम लोगों का इतना Brain wash किया गया है कि हमारे basic concepts ही गड़बड़ हो गये हैं।
हम
Gang को party कहते हैं;
गैंगतंत्र को गणतंत्र कहते हैं;
Demoncracy को Democracy कहते हैं;
हम Corporates की गुलामी को आज़ादी कहते हैं;
उनके Loot को trade कहते हैं;
उनको कौड़ियों के भाव देश की जमीन देने को हम lease कहते हैं;
उनको देश को लूटने में आर्थिक सहायता को हम share कहते हैं;
उन्हें जनता के खून पसीने की कमाई को उपलब्ध करानेवाली संस्था को हम bank कहते हैं;
उनके लिए Infrastructure खड़ा करने को हम विकास कहते हैं;
उनक
हम लोगों का इतना Brain wash किया गया है कि हमारे basic concepts ही गड़बड़ हो गये हैं।
हम
Gang को party कहते हैं;
गैंगतंत्र को गणतंत्र कहते हैं;
Demoncracy को Democracy कहते हैं;
हम Corporates की गुलामी को आज़ादी कहते हैं;
उनके Loot को trade कहते हैं;
उनको कौड़ियों के भाव देश की जमीन देने को हम lease कहते हैं;
उनको देश को लूटने में आर्थिक सहायता को हम share कहते हैं;
उन्हें जनता के खून पसीने की कमाई को उपलब्ध करानेवाली संस्था को हम bank कहते हैं;
उनके लिए Infrastructure खड़ा करने को हम विकास कहते हैं;
उनक
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