शुक्रवार, मई 11, 2018

खतरनाक मंसूबे

Pawan Tripathi
खतरनाक मंसूबे
कश्मीर का नामी इस्लामिक चेहरा मुफ़्ती नासिर अचानक ही अपने मनसूबे जाहिर कर गया और खुलेआम 2025 तक की समय सीमा मुसलमानों को देते हुए साफ साफ बोला कि '' बस 6 साल और , अर्थात मात्र 2025 तक की बात है। कश्मीर में लड़ रही हिंदुस्तानी फौजें घुटने टेक देंगी और मुसलमानों को कश्मीर के रूप में फिर से मिलेगा एक नया आज़ाद हिन्दू विहीन मुल्क,,।
मुफ़्ती ने कहा कि 'भारत की फौजों में ज्यादा दम नही है और वो बस 2025 तक पस्त हो जाएंगी।अब कई तथाकथित सेकुलर लोगों के आदर्श मुफ़्ती ने खुल कर एलान किया कि हमने कश्मीर को पहले काफिरों अर्थात हिंदुओं से मुक्त किया है और जल्द ही इसको हिंदुस्तानी फौजों से भी मुक्त करवा लेंगे।वह यह भी बोला कि कश्मीर में अब भारत के गिने चुने दिन ही रह गए हैं।यहां ध्यान देने योग्य ये भी है कि सेना प्रमुख को गुंडा बोलने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब तक देश को तोड़ देने की बात करने वाले और खुली चुनौती देने वाले मुफ़्ती के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला है।बल्कि कई कांग्रेसी नेता तो बाकयदा उनके लिए माहौल बनाकर इन्तजार कर रहे हैं।इसी बहाने मोदी को गरिया रहे हैं।
When all these tactics of "terrorising Kashmiris" will not work, Mufti said the Indians will persuade their own people that it is futile to stay in Kashmir.
"They will make a public opinion against staying in kashmir and will leave," he said.
Mufti said that Kashmir movement was at its peak and even the professors and engineers were laying their lives for the freedom struggle.
वो खुलेआम जिन्ना के साथ खड़े हैं,
अफजल के साथ खड़े थे,
याकूब मेनन के साथ खड़े थे,
अजमल कसाब के साथ खड़े थे,
कश्मीरी पत्थरबाजों का समर्थन करते हैं,
उमर खालिद और कन्हैया कुमार का समर्थन करते है,
जिन्नाह की तस्वीर सजाते हैं और फिर भी कहते हैं हमसे देशभक्ति का सबूत नही मांगा जाए, जिन्नाह की तस्वीर निकलवा दोगे ! लेकिन इन जमीन-कब्जिया कर राष्ट्र को बांटते रहने वालो के दिलो-दिमाग से जिन्नाह की विचारधारा कैसे निकालगे?सरकार इन आस्तीन के सांपो को दूध पिलाने की बजाय इनके विषैले दांत उखाड़कर राष्ट्रवाद की बीन पर नचाइये! वरना ये भावी पीढ़ी को डँस जाएंगे। यह सब बातें प्रमाणित कर ही हैं की किसी भी इलाके की डेमोग्राफी न बिगड़ने दी जाये।वैसे अब साफ़-साफ़ सुन लो कोशिश तो तुम आठ सौ-सालो से कर रहे हो,जरूरत पड़ी तो इस बार वह सब कुछ करेंगे जो समस्या को सदा-सर्वदा के लिये खत्म करे लेकिन देश का एक इंच नहीं देंगे।

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