# नैतिकता
महाभारत का युद्ध अंतिम चरण में था। भीम और दुर्योधन के बीच भीषण युद्ध चल रहा था।
चूँकि दुर्योधन का शरीर गंधारी के वरदान से जंघा छोड़ सम्पूर्ण बज्र का बन चुका था। दुर्योधन हारे नही हार रहा था।
तब श्रीकृष्ण ने कहा-
भीम भैया दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करो, यहाँ।
श्रीकृष्ण के वचन सुनकर दुर्योधन जोर से चिल्लाया-
मधुसूदन ये क्या कथन कह रहे है। मल्ल युद्ध मे कमर के नीचे प्रहार युद्ध नियम के खिलाफ है।
'नैतिकता' के खिलाफ है।
श्रीकृष्ण मुस्कुराए और बोले-
वाह! दुर्योधन वाह! आज तुम्हें संकट के समय युध्द नियम और नैतिकता जैसे उच्च मापदण्ड याद आ गए।
याद करो जब एक निहत्थे बालक अभिमन्यु पर, 8-8 महारथियों ने, एक साथ शस्त्रो से प्रहार किया। जिनमें तुम भी थे।
तब कहाँ गए थे युद्ध नियम।
कहाँ थी तुम्हारी नैतिकता।
नैतिकता की दुहाई देने वाले दुर्योधन जब तुम्हारे आदेश पर पांडवो के 5 पुत्र मध्य रात्रि में सोते समय कायरो की भाँति मार दिए गए।
तब कहाँ थे युध्द नियम।
कहाँ थी नैतिकता।
इसलिए हे अनैतिकता के रथ पर सवार अनैतिक पुरुष, तुम्हारे मुख से नैतिकता की बात शोभा नही देती।
शास्त्रो में लिखा है-
क्षमा भी उसे ही किआ जाता है, जो क्षमा योग्य हो।
नैतिकता उसी के साथ कि जाती है, जो खुद उसके योग्य है।
इसलिए मंझले भैया भीम- उठाओ गदा और दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करो। इसमे किसी भी प्रकार की धर्म हानि नही होगी।
अंत मे दुर्योधन मारा गया।
कर्नाटक में भी यही प्रसंग चल रहा है- 'नैतिकता'।
अनैतिकता के रथ पर सवार कांग्रेस नैतिकता की दुहाई दे रही है। संविधान के नियम बता रही है।
तो हे कांग्रेस याद करो अटल जी सरकार, जब तुम सब दलों ने मिलकर एक वोट से गिरा दी थी। जिसमे तुम भी शामिल थे।
तब कहाँ थी नैतिकता।
जिस देवेगौड़ा के साथ तुमने गठबंधन किआ है, उनकी सरकार किस तरह गिराई थी।
तब कहाँ थी नैतिकता।
और हे कांग्रेस तुम किस संविधान के नियमो की बात करते हो। गोवा, मेघालय में खुद की बड़ी पार्टी होने की दुहाई देते हो। किन्तु हरियाणा, दिल्ली भुल जाते हो।
दिल्ली में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के वाबजूद तुमने 'आप' को समर्थन देकर सत्ता बनाई, तब कहाँ थे, नियम।
जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता, आज तक भुगत रही है।
5 साल, माफिलाल।
इसलिए हे अमित शाह गदा उठाओ और कांग्रेस की जंघा पर जोरदार प्रहार करो, जो बगावत कर रहे विधयकों के कारण अब भी नरम है।
क्योंकि कांग्रेस का शरीर jds के समर्थन से पूर्ण वज्र का बन चुका है।
अब उम्मीद यही है की कलियुगी महाभारत का परिणाम भी, द्वापर महाभारत जैसा ही हो।
साभार : राकेश गुहा...
बुधवार, मई 16, 2018
नैतिकता
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