अनिल ठाकुर जी की पोस्ट:
मुसलमानों की जीत का रहस्य--- स्त्री व धन की लूट
मुसलमानों ने अपने सैनिकों को दो चीज की छूट दी!
उन्होंने सैनिकों को कहा कि युद्ध में जीतने के बाद वह जीते हुए राज्य की स्त्रियाँ लूट सकते हैं व जीते हुए राज्य में धन की लूट कर सकते हैं।
इससे उन सैनिकों की हिम्मत बहुत बढ़ गई।
उन्होंने कहा कि लुटे हुए धन में से एक हिस्सा टैक्स के रूप में राजा या खलीफा को देना होगा जिसे खम्स कहते हैं।
इससे मुसलमान सैनिकों की हिम्मत बहुत बढ़ गई।
उन्होंने सोचा कि लड़ाई में मर गए तो मर गए और यदि जीत गए तो जीते हुए राज्य की स्त्रियाँ भी उन्हें माले गनीमत से मिलेगी। वे उनके साथ संभोग कर सकते हैं।
संबंध बना सकते हैं।
उनको बेच सकते हैं।
उनको सेक्स स्लेव की तरह रख सकते हैं।
यह छूट बड़ी निर्णायक साबित हुई।
इसने उन्हें अपराध और व्यभिचार के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार कर दिया।
इससे पहले हिंदुस्तान में कभी भी ऐसा नहीं हुआ था कि कोई राजा या सैनिक जीते हुए राज्य के नागरिकों की स्त्रियों को उठाकर ले जाए।
हिंदुओं के इतिहास में राजा अपने पड़ोसी राज्यों से कई बार युद्ध करते थे।
परन्तु इतिहास में कहीं नहीं मिला कि कोई राजा या सैनिक जीते हुए राज्य की स्त्रियों बलात्कार करे हो।
भारत भूमि में ऐसा पहली बार हुआ जब मुसलमानों ने हिंदुओं के राज्यों को जीता तो उन्हें काफी धन व स्त्रियाँ वे इस तरह प्राप्त हुई।
भारत में औरतों के बलात्कार की परंपरा शुरू हुई।
इससे यहाँ के लोगों का मनोबल भी टूट गया।
बलात्कार की मानसिकता ऐसी होती है कि जिस स्त्री के साथ बलात्कार हुआ हो व उसके परिवार वाले उन सब का मनोबल टूट जाता है।
उनको यह नहीं समझ में आता है कि क्या करें।
मुसलमानों के आक्रमण के बाद भारत में कई स्त्रियाँ बलात्कार की शिकार हुई पड़ी थी।
युद्ध का एक दूसरा रूप भी होता है जिसे मनोवैज्ञानिक युद्ध कहते हैं।
यह दुश्मन को मानसिक रूप से हराने के लिए होता है।
हिंदू राजा भी कभी सिचुएशन को समझ नहीं पाए।
जो भी मुस्लिम राजा किसी हिंदू राजा से युद्ध करता था तो वह जीतने के बाद भी कभी हारने वाले मुसलमान राजा की स्त्रियों के साथ संबंध नहीं बनाता था और ना ही सैनिक जीते हुए राज्य की लड़कियों का बलात्कार करते थे।
मुसलमान राजा यह कहता था कि हार गया तो हार गया अगली बार फिर लड़ लूँगा।
पर जो हिंदू राजा हार जाता था उसको मुस्लिम राजा पूरी तरह बर्बाद कर देता था।
उसको पूरा लूट लेता था।
उसके राज्य की स्त्रियों के साथ बलात्कार होता था।
उसे पूरी तरह से तोड़ देता था। उसे पूरी तरह बर्बाद कर देता था।
यह युद्ध की नई परंपरा इस्लाम की खोज है।
यह जीत का मंत्र है।
हिंदूओं को शायद पता ना हो लेकिन आज भी मुसलमान इसी मानसिकता से जीते हैं कि जब हमारा मौका लगेगा तो हिंदुओं का धन और इनकी स्त्रियाँ हमारी हो जाएंगे।
यही तो है गजवा ए हिंद!
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