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हम चटनी को सॉस कहने लगे है उस सॉस शब्द की उत्पति ही सूअर के मांस और आंतों से बनाए जाने वाले सौस ( Sause, sausage ) से हुई है
सूअर की खेती क्यूँ करते है अंग्रेज़ ?
सूअर का मांस यूरोप और चीन जैसे देशों मे अधिक लोकप्रिय है, जो अत्यादिक शीत प्रदेश है वहाँ सूअर के मांस का अधिक प्रयोग होता है ,सूअर के सिर से ‘मस्तिष्क चीज’ (head cheese) सूअर के मांस से पकौड़े जो इंगलेंड, औस्ट्रेलिया, न्यूजीलेंड और इटली मे काफी लोकप्रिय है, हमारे देश मे अच्छे ग्लेमर से भरे विज्ञापन देखकर के केएफ़सी (KFC) और मेकडोनाल्ड के तथाकथित ‘क्रिस्पी’ popcon – chicken नामक मांस के पकौड़े शाकाहारी लोग भी खाने लगे है यह माल का नहीं, विज्ञापन और कंपनी की मिलीभगत का कमाल है ।
यूरोप का सबसे सस्ता और लोकप्रिय खाना है sausage जो सूअर के मांस और आंतों से बनाया जाता है मांस को बारीक पीस करके उसे आंतों मे भरकर के भूनकर या कही कही उबाल कर खाया जाता है ।
इसके अलावा बेकन, ब्लेक पुडिंग, अतड़ियाँ का मुख्य रूप से खाद्य व्यवसाय होता है
सूअर के मांस से कुछ अम्ल का उत्पादन होता है जैसे सोडियम इनोसिनेट :-----
सोडियम इनोसिनेट : सोडियम इनोसिनेट अम्ल (E631) एक प्रकृतिक अम्ल है जो औद्योगिक रूप से सूअर के मांस या मछली मे निकाला जाता है
उत्पादन :-----
यह जलीय जीवों से उत्पन्न किया जाता है जैसे आंशिक रूप से मछली से ।
शराब बनाने मे जिस खमीर का प्रयोग होता है उससे
सूअर की चर्बी या मांस से ।
गुण : स्वाद को बढ़ाने मे, इनोसिनिक और इनोसिनेट मे ‘उमामी स्वाद’ नहीं होता लेकिन यह बाकी व्यंजन को निखारता है चाहे नमक की मात्रा हो या ना हो ।
उत्पाद : यह अम्ल कई खाद्य पदार्थो मे प्रयुक्त होता है
कई दैनिक भोज्य पदार्थो मे इसका प्रयोग होता है
12 सप्ताह से कम बच्चो को दिये जाने वाले खाद्य पदार्थो मे यह अम्ल की मात्रा बिलकुल नहीं होनी चाहिए !
बाजार मे मिलने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आलू चिप्स एवं नूडल्स मे इस अम्ल का उपयोग उत्पाद का स्वाद बढ़ाने मे होता है । नूडल्स के साथ मिलने वाले टेस्टमेकर पर कुछ लिखा नहीं होता है की उसमे कौनसा पदार्थ का उपयोग हुआ है क्या आपने इस बात को सोचा ? क्या खा रहे है आप ?
अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनीयां टूथपेस्ट बनाने मे इसका इस्तेमाल करती है
अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनीयां दाढ़ी की क्रीम बनाने मे इसका उपयोग करती है ।
इसके बिना चुइंगम बनाना मुश्किल है और वो सस्ती चुइंगम तो कभी नहीं बन सकती बिना मांस की चर्बी से बनाए गएँ E631 से ।
जानवरो से प्राप्त E631 कम लागत का होता है । अधिकतर E631 जानवरो से ही प्राप्त होता है ।
दुष्परिणाम : जिन लोगो को गठियाँ और स्वास संबंधी रोगो और अस्थमा की शिकायत है उन्हें इस अम्ल के बने पदार्थो से बचना चाहिए ।
ये लिंक है मेरे उन मॉडर्न भाई बहनों के लिए जो बड़े शौक से सैम अंकल के mcdonalds में जाते है और उनके परोसे हुए प्रोडक्ट्स खाते है, ये PDF फाइल सीधे mcdonalds की वेबसाइट पर है जिस में उनके उत्पादों में पड़ने वाली चिजो की सूचि है . ध्यान से देखिये आपको इनके अधिकतर उत्पादों में गौ मांस और गौ वंश के मांस का प्रयोग नजर आएगा .......ये पता नहीं की ये भारत के अपने स्टोर्स में ये बेचते है की नहीं ..लेकिन मैं एक बात आप सभी लोगो से पूछना चाहुगा की क्या आप किसी भी ऎसी कंपनी का उत्पाद प्रयोग करना चाहेगे जो अपने उत्पादों में गौ मांस का भरपूर प्रयोग करती है और सिधे तौर पर गौ हत्या के लिए उतरदायी है. ...जरा सोचिये क्या ऐसी कंपनी के माल को खरीद कर आप भी गौ हत्या के भागीदार नहीं बन रहे ......जरा सोचिये और समझाइए अपने बच्चो और परिवार के लोगो को ..........
http:// nutrition.mcdonalds.com/ getnutrition/ ingredientslist.pdf
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हम चटनी को सॉस कहने लगे है उस सॉस शब्द की उत्पति ही सूअर के मांस और आंतों से बनाए जाने वाले सौस ( Sause, sausage ) से हुई है
सूअर की खेती क्यूँ करते है अंग्रेज़ ?
सूअर का मांस यूरोप और चीन जैसे देशों मे अधिक लोकप्रिय है, जो अत्यादिक शीत प्रदेश है वहाँ सूअर के मांस का अधिक प्रयोग होता है ,सूअर के सिर से ‘मस्तिष्क चीज’ (head cheese) सूअर के मांस से पकौड़े जो इंगलेंड, औस्ट्रेलिया, न्यूजीलेंड और इटली मे काफी लोकप्रिय है, हमारे देश मे अच्छे ग्लेमर से भरे विज्ञापन देखकर के केएफ़सी (KFC) और मेकडोनाल्ड के तथाकथित ‘क्रिस्पी’ popcon – chicken नामक मांस के पकौड़े शाकाहारी लोग भी खाने लगे है यह माल का नहीं, विज्ञापन और कंपनी की मिलीभगत का कमाल है ।
यूरोप का सबसे सस्ता और लोकप्रिय खाना है sausage जो सूअर के मांस और आंतों से बनाया जाता है मांस को बारीक पीस करके उसे आंतों मे भरकर के भूनकर या कही कही उबाल कर खाया जाता है ।
इसके अलावा बेकन, ब्लेक पुडिंग, अतड़ियाँ का मुख्य रूप से खाद्य व्यवसाय होता है
सूअर के मांस से कुछ अम्ल का उत्पादन होता है जैसे सोडियम इनोसिनेट :-----
सोडियम इनोसिनेट : सोडियम इनोसिनेट अम्ल (E631) एक प्रकृतिक अम्ल है जो औद्योगिक रूप से सूअर के मांस या मछली मे निकाला जाता है
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यह जलीय जीवों से उत्पन्न किया जाता है जैसे आंशिक रूप से मछली से ।
शराब बनाने मे जिस खमीर का प्रयोग होता है उससे
सूअर की चर्बी या मांस से ।
गुण : स्वाद को बढ़ाने मे, इनोसिनिक और इनोसिनेट मे ‘उमामी स्वाद’ नहीं होता लेकिन यह बाकी व्यंजन को निखारता है चाहे नमक की मात्रा हो या ना हो ।
उत्पाद : यह अम्ल कई खाद्य पदार्थो मे प्रयुक्त होता है
कई दैनिक भोज्य पदार्थो मे इसका प्रयोग होता है
12 सप्ताह से कम बच्चो को दिये जाने वाले खाद्य पदार्थो मे यह अम्ल की मात्रा बिलकुल नहीं होनी चाहिए !
बाजार मे मिलने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आलू चिप्स एवं नूडल्स मे इस अम्ल का उपयोग उत्पाद का स्वाद बढ़ाने मे होता है । नूडल्स के साथ मिलने वाले टेस्टमेकर पर कुछ लिखा नहीं होता है की उसमे कौनसा पदार्थ का उपयोग हुआ है क्या आपने इस बात को सोचा ? क्या खा रहे है आप ?
अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनीयां टूथपेस्ट बनाने मे इसका इस्तेमाल करती है
अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनीयां दाढ़ी की क्रीम बनाने मे इसका उपयोग करती है ।
इसके बिना चुइंगम बनाना मुश्किल है और वो सस्ती चुइंगम तो कभी नहीं बन सकती बिना मांस की चर्बी से बनाए गएँ E631 से ।
जानवरो से प्राप्त E631 कम लागत का होता है । अधिकतर E631 जानवरो से ही प्राप्त होता है ।
दुष्परिणाम : जिन लोगो को गठियाँ और स्वास संबंधी रोगो और अस्थमा की शिकायत है उन्हें इस अम्ल के बने पदार्थो से बचना चाहिए ।
ये लिंक है मेरे उन मॉडर्न भाई बहनों के लिए जो बड़े शौक से सैम अंकल के mcdonalds में जाते है और उनके परोसे हुए प्रोडक्ट्स खाते है, ये PDF फाइल सीधे mcdonalds की वेबसाइट पर है जिस में उनके उत्पादों में पड़ने वाली चिजो की सूचि है . ध्यान से देखिये आपको इनके अधिकतर उत्पादों में गौ मांस और गौ वंश के मांस का प्रयोग नजर आएगा .......ये पता नहीं की ये भारत के अपने स्टोर्स में ये बेचते है की नहीं ..लेकिन मैं एक बात आप सभी लोगो से पूछना चाहुगा की क्या आप किसी भी ऎसी कंपनी का उत्पाद प्रयोग करना चाहेगे जो अपने उत्पादों में गौ मांस का भरपूर प्रयोग करती है और सिधे तौर पर गौ हत्या के लिए उतरदायी है. ...जरा सोचिये क्या ऐसी कंपनी के माल को खरीद कर आप भी गौ हत्या के भागीदार नहीं बन रहे ......जरा सोचिये और समझाइए अपने बच्चो और परिवार के लोगो को ..........
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