*** इंदिरा गाँधी - एक अफगानी विषकन्या,
उसका पाकिस्तान प्रेम,
भारत के हिन्दुओ के दमन का षड्यंत्र ***
इंदिरा गाँधी उसके जर्मन टीचर के साथ यौन-सम्बन्ध करते हुए नंगी पकड़ी गई थी आनंद विहार में(उस समय नेहरु प्रधानमन्त्री था). ये रंडी भारत की प्रधानमन्त्री बनी. इससे पता चलता है की बाकि कांग्रेस नेताओ का कैसा चरित्र रहा होगा जो उसके साथ बैठते थे.
1970 में IBM भारत आई थी, परन्तु इंदिरा गाँधी ने हिन्दु व्यापारी परिवारों को होने वाले सम्भावित लाभो को भांप कर, उसको लात मार दी. क्युकी IBM आते ही देश की हिन्दू जनता समझदार बनती, पढती, लिखती और मुग़ल कांग्रेस की असलियत पहचान जाती. कांग्रेस ने सदैव NRIs (भारतीय) को भारत से दूर रखा.
1982 में INTEL भारत आई अपनी सेमिकंडक्टर फेक्टरी लगाने. उसको भी इंदिरा रंडी ने लात मार दी. वही INTEL को फिर चीन, कोरिया, ताइवानने बुला लिया और वो राजा बन गये सेमीकंडक्टर तकनीक के. आज भारत उसी इन्ही देशो से सभी इलेक्ट्रोनिक वस्तुए, मशीने, मशीन में लगने वाली चिप्स, हार्ड-डिस्क, मेमरी चिप इम्पोर्ट करता है.
1978 में इन्द्रप्रस्थ(दिल्ली) के रक्षा विशेषज्ञों ने कहा की पाकिस्तान परमाणु हथियार बनाने की ओर बढ़ रहा है, हमे उसको रोकना होगा इससे पहले की वो बना ले. इसपर इंदिरा ने कहा - "चुप बैठो." फिर जब कांग्रेस का दबाव बढने लगा, तो इंदिरा ने सिखों के खालिस्तानियो को समर्थन देकर उनकी मूवमेंट खड़ी कर दी, ताकि कांग्रेस का ध्यान भटक जाए. इसी खालिस्तानी मूवमेंट की आड़ में पाकिस्तान परमाणु शक्ति बन गया. जो लोग वाजपेयी को दोष देते है पाकिस्तान को परमाणु शक्ति होने के लिए, उन मूर्खो को ये नही पता की पाकिस्तान 1986 में ही परमाणु हथियार प्राप्त कर चूका था. कांग्रेस में बैठे मुस्लिमो ने सदैव पाकिस्तान को हर रूप से सहायता की है और आज भी करते है खुलकर.
इंदिरा ने भारत को सदैव पाकिस्तान के स्तर पर रखा, ताकि भारत की शक्ति कभी आगे ना बढ़े. जब तक इंदिरा भारत में रही, भारत पाकिस्तान को आज कांग्रेस फिर से पाकिस्तानियों को बोलीवुड में वीजा देकर, भारत में पाकिस्तानी FDI खोलकर फिरसे गांड मार रही है भारत की, और हिन्दू सपने देख रहे है दक्षिण-एशिया एकता के जो एक मूर्खता है.
*जो लोग कहते घूमते है की हमको अफगानी मुस्लिमो को भारत बुलाना चाहिए उनसे पारिवारिक, बोलीवुड सम्बन्ध बनाने चाहिए, उनको उपर लिखी वस्तुस्तिथि पढनी चाहिए. मुस्लिम अफगानी हो या पाकिस्तानी, जब वो एक हिन्दू-प्रदेश में पैर रखता है तो उसका उद्देश्य केवल मुस्लिमो की शक्ति बढ़ाना होता है. आमिर खान भी एक अफगानी पठान है. सबको पता है वो कितना बड़ा ******. है
उसका पाकिस्तान प्रेम,
भारत के हिन्दुओ के दमन का षड्यंत्र ***
इंदिरा गाँधी उसके जर्मन टीचर के साथ यौन-सम्बन्ध करते हुए नंगी पकड़ी गई थी आनंद विहार में(उस समय नेहरु प्रधानमन्त्री था). ये रंडी भारत की प्रधानमन्त्री बनी. इससे पता चलता है की बाकि कांग्रेस नेताओ का कैसा चरित्र रहा होगा जो उसके साथ बैठते थे.
1970 में IBM भारत आई थी, परन्तु इंदिरा गाँधी ने हिन्दु व्यापारी परिवारों को होने वाले सम्भावित लाभो को भांप कर, उसको लात मार दी. क्युकी IBM आते ही देश की हिन्दू जनता समझदार बनती, पढती, लिखती और मुग़ल कांग्रेस की असलियत पहचान जाती. कांग्रेस ने सदैव NRIs (भारतीय) को भारत से दूर रखा.
1982 में INTEL भारत आई अपनी सेमिकंडक्टर फेक्टरी लगाने. उसको भी इंदिरा रंडी ने लात मार दी. वही INTEL को फिर चीन, कोरिया, ताइवानने बुला लिया और वो राजा बन गये सेमीकंडक्टर तकनीक के. आज भारत उसी इन्ही देशो से सभी इलेक्ट्रोनिक वस्तुए, मशीने, मशीन में लगने वाली चिप्स, हार्ड-डिस्क, मेमरी चिप इम्पोर्ट करता है.
1978 में इन्द्रप्रस्थ(दिल्ली) के रक्षा विशेषज्ञों ने कहा की पाकिस्तान परमाणु हथियार बनाने की ओर बढ़ रहा है, हमे उसको रोकना होगा इससे पहले की वो बना ले. इसपर इंदिरा ने कहा - "चुप बैठो." फिर जब कांग्रेस का दबाव बढने लगा, तो इंदिरा ने सिखों के खालिस्तानियो को समर्थन देकर उनकी मूवमेंट खड़ी कर दी, ताकि कांग्रेस का ध्यान भटक जाए. इसी खालिस्तानी मूवमेंट की आड़ में पाकिस्तान परमाणु शक्ति बन गया. जो लोग वाजपेयी को दोष देते है पाकिस्तान को परमाणु शक्ति होने के लिए, उन मूर्खो को ये नही पता की पाकिस्तान 1986 में ही परमाणु हथियार प्राप्त कर चूका था. कांग्रेस में बैठे मुस्लिमो ने सदैव पाकिस्तान को हर रूप से सहायता की है और आज भी करते है खुलकर.
इंदिरा ने भारत को सदैव पाकिस्तान के स्तर पर रखा, ताकि भारत की शक्ति कभी आगे ना बढ़े. जब तक इंदिरा भारत में रही, भारत पाकिस्तान को आज कांग्रेस फिर से पाकिस्तानियों को बोलीवुड में वीजा देकर, भारत में पाकिस्तानी FDI खोलकर फिरसे गांड मार रही है भारत की, और हिन्दू सपने देख रहे है दक्षिण-एशिया एकता के जो एक मूर्खता है.
*जो लोग कहते घूमते है की हमको अफगानी मुस्लिमो को भारत बुलाना चाहिए उनसे पारिवारिक, बोलीवुड सम्बन्ध बनाने चाहिए, उनको उपर लिखी वस्तुस्तिथि पढनी चाहिए. मुस्लिम अफगानी हो या पाकिस्तानी, जब वो एक हिन्दू-प्रदेश में पैर रखता है तो उसका उद्देश्य केवल मुस्लिमो की शक्ति बढ़ाना होता है. आमिर खान भी एक अफगानी पठान है. सबको पता है वो कितना बड़ा ******. है
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