शनिवार, नवंबर 19, 2011

दिग्विजय सिंह वही बोलते है जो उनसे सोनिया गाँधी या राहुल गाँधी बोलवाना चाहते है .

दिग्विजय सिंह वही बोलते है जो उनसे सोनिया गाँधी या राहुल गाँधी बोलवाना चाहते है .

जी हां , कांग्रेस पार्टी ये कह कर कि कांग्रेस का दिग्विजय सिंह के बयानों से कोई लेना देना नहीं है ये एक कांग्रेस द्वारा इस देश में एक सरासर झूठ फैलाया जा रहा है .. यदि कांग्रेस दिग्विजय के बयानों से सहमत नहीं है तो यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता जिन्होंने पार्...टी से दिग्विजय के अनर्गल बयानबाजी रोकने कि चिठ्ठी लिखी थी उनको कांग्रेस ने पार्टी से क्यों निकाल दिया ?

असल में दिग्विजय खुद नहीं बोल रहे है . क्या आज तक किसी ने कांग्रेस पार्टी में कुछ भी किसी भी विषय पर बोलने की हिम्मत की है ?? फिर कांग्रेस आखिर दिग्विजय को क्यों बर्दास्त करती है ?? सोनिया गाँधी ने बकायदा एक पत्र लिखकर सभी नेताओ को सूचित किया है कि पार्टी के अधिकृत प्रवक्ताओ के आलावा कोई भी कांग्रेस का नेता मीडिया से कोई बात नहीं करेगा .. फिर दिग्विजय सिंह क्यों कर रहे है ? क्योंकि ये सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की एक सोची समझी चाल है ..
यूपी, महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे में कांग्रेस को मुस्लिम वोट बैंक को अपने तरफ आकर्षित करने के लिए सोनिया गाँधी ने दिग्विजय सिंह को लगाया है . इसलिए दिग्विजय सिंह हिन्दुओ और संघ के खिलाफ बोले जा रहे है और पार्टी खूब खुश हो रही है कि मुस्लिम दिग्विजय सिंह के "ओरल डायरिया " से कांग्रेस के तरफ आकर्षित होगा ..

कांग्रेस पार्टी एक अनगिनत चेहरे वाले एक राक्षस के समान है . जिसमे एक चेहरा कुछ बोलेगा फिर दूसरा चेहरा वोट का फायदा या नुकसान का आकलन करके फिर कुछ और बोलेगा .फिर एक तीसरा चेहरा दोनों चेहरे के "बकवास" का आकलन करके कुछ बोलेगा .. और हर "बकवास " सिर्फ दो ही मकसद होता है वोट बैंक या भर्ष्टाचार से जनता और मीडिया का ध्यान हटा देना ..

अगर कांग्रेस ये बोलती है कि उसका दिग्विजय सिंह के "ओरल डायरिया " से कोई मतलब नहीं है तो वो इस देश को गुमराह कर रही है . यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता ने सोनिया गाँधी को चिठ्ठी लिखकर दिग्विजय सिंह पर लगाम लगाने की मांग की थी .लेकिन सोनिया गाँधी को अपने प्रिय दिग्विजय सिंह का विरोध अच्छा नहीं लगा और चिठ्ठी लिखने वाले प्रवक्ता महोदय को सोनिया ने कांग्रेस से ही निकाल दिया .. सोनिया का मकसद साफ है कि असल में दिग्विजय सोनिया के ही मुंह से बोल रहे है जो भी दिग्विजय का खिलाफत करेगा उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा ..

लेकिन ये साफ है कि कही यूपी में २०% मुस्लिम वोट के चक्कर में कांग्रेस ८० % हिन्दुओ के वोट से ही हाथ ना धो बैठे .. क्योंकि शायद ही कोई हिंदू होगा जिसका दिग्विजय के बयानों से खून ना खौलता हो . अगर अभी भी कोई ऐसा हिंदू इस देश में है जो दिग्विजय सिंह से बयानों पर खुश होता है तो फिर उसे अपने आगे की पीढ़ी के बारे में सोचना होगा ..हो सकता है की आज इस देश में हिन्दुओ का जो अपमान और हिन्दुओ को जो नीचा दिखाने का काम कांग्रेस अपने ईसाई अध्यछ सोनिया गाँधी के ईशारे पर कर रही है फिर आने वाले दिनों में यही कांग्रेस के पालतू गुंडे हिन्दुओ के घरों में घुसकर अत्याचार करेंगे ..

इसलिए इस देश के सारे हिन्दुओ को दिग्विजय सिंह के बयानों और विकिलिक्स के द्वारा राहुल गाँधी के बारे में हिन्दुओ के प्रति उनकी नफरत के खुलासे . और पी चितंबरम के बयानों से अंदाजा लगा देना चाहिए ही कि अब हम सभी हिन्दुओ को अपनी जाति , प्रान्त , और भाषा भुलाकर संगठित होना होगा ...

इस देश में हजारो मुस्लिम आतकवादी पकडे गए लेकिन चितम्बरम के कभी भी "मुस्लिम या इस्लामी " आतंकवाद शब्द का प्रयोग नहीं किया . इस देश में हजारो धमाके मुस्लिम लोगो के द्वारा किये गए लेकिन राहुल गाँधी को उसमे कोई खतरा नज़र नहीं आया .. राहुल गाँधी अमेरिका के राजदूत से कहते है कि इस देश को सबसे बड़ा खतरा हिंदू आतंकवादियो से है ..

मै कांग्रेस से पूछता हूँ कौन से हिंदू आतकवादी ?? साध्वी प्रज्ञा जिनका सात बार नार्को टेस्ट किया गया और जे जे हॉस्पिटल में मरने के लिए छोड़ दिया गया ?? आज तक सरकार दो दो चार्जशीट असीमानंद के खिलाफ दायर करती है लेकिन कानून के अनुसार सरकार को चार्जसीट दायर करने के बाद सारे सुबूतो को सार्वजनिक क्यो नहीं करती ? आखिर पांच सालो में सरकार ने कितने सुबूत हिन्दुओ को आतंकवादी साबित करने के लिए जुटाए है ?? उसे इस देश के हर हिंदू को जानने का हक है ..

और अंत में मेरा कांग्रेस और सरकार से एक सवाल है क्या यदि संसद पर और मुंबई पर कोई हिंदू हमला करता और उस हिंदू कि भी कांग्रेस सात साल तक जिन्दा रखती ?? यदि हाँ तो फिर सिर्फ २२ साल कि उम्र वाले केहर सिंह को सिर्फ ३ साल तक चले मुकदमे के बाद ही क्यो फांसी पर लटका दिया ?? क्यो धनजय सिंह की अपील सिर्फ २२ दिनों में ही ख़ारिज कर दी जाती है और उसे फांसी दे दिया जाता है जबकि जब धनंजय कुमार ने अपराध किया था तब उसकी उम्र सिर्फ १९ साल थी .. जसबिंदर सिंह "जिन्दा " और सुखबिंदर सिंह "सुच्चा " की दया याचिका पर सिर्फ ३२ दिन में ही केंद्र की कांग्रेस सरकार फैसला ले लेती है और उन्हें फांसी पर लटका दिया जाता है ..
जबकि उपर लिखे सारे मामलो में सिर्फ एक ही व्यक्ति की हत्या होती है और वो अपराध देशद्रोह की श्रेणी में भी नहीं आता है .

और हिन्दुओ के प्रति अपने नज़रियो को सोनिया गाँधी ने NAC बना कर और "सांप्रदायिक हिंसा बिल " बनाकर जग जाहिर कर दिया है की अब दंगो में सिर्फ हिंदू ही दोषी माने जायेंगे और दंगे के दौरान यदि किसी हिंदू महिला का बलात्कार होता है तो वो अपराध नहीं माना जायेगा .. और ना ही हिंदू दंगे में हुई किसी भी तरह के नुकसान के लिए मुआवजे के हक़दार होंगे ..

जागो हिंदू जागो और अपनी जाति ,भाषा , प्रान्त सब भुलाकर संगठित हो जाओ .. नहीं तो इस देश में आने वाला कल हिन्दुओ के लिए बहुत ही अन्धकारमय होने वाला है ..

जय श्री राम

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