केजरीवाल के सत्ता मोह में बिखर गया हमारा आंदोलन : अन्ना
नई दिल्ली, प्रेट्र : समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने पुराने साथी अरविंद केजरीवाल को सत्ता लोभी करार देते हुए कहा है कि उनके इसी मोह के कारण भ्रष्टाचार विरोधी देशव्यापी आंदोलन बिखर गया। हजारे ने कहा है कि अरविंद की आम आदमी पार्टी (आप) भी अन्य दलों की तरह पैसे के बल पर सत्ता हासिल करने के रास्ते पर है। ऐसे में उसकी पार्टी को वोट नहीं दूंगा। 75 वर्षीय अन्ना हजारे ने गुरुवार को यहां एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सवाल जवाब के दौरान कहा, हां यह सही है कि अरविंद केजरीवाल सत्ता लोभी हो गए हैं। मेरा मानना था कि वह निस्वार्थ भाव से इस काम में लगा है, लेकिन समझ में नहीं आता कि उसके दिमाग में राजनीति में जाने की बात कहां से आ गई। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन इसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गया। एक सवाल के जवाब में कहा, स्वतंत्र भारत में पहली बार सिस्टम को बदलने के लिए आंदोलन खड़ा हुआ। लोग बाहर निकले, उन्हें उम्मीद थी इसका नतीजा निकलेगा। इसी दौरान पता नहीं उसके दिमाग में राजनीति में जाने की ब...
ात कहां से आ गई। तंत्र परिवर्तन व भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में अरविंद, स्वामी रामदेव और अन्य सभी लोगों के बीच एकता जरूरी थी पर ऐसा न होने से आंदोलन अंजाम तक नहीं पहुंच सका। हम सभी को संगठित रहने की जरूरत थी। अरविंद ने अलग रास्ता चुन लिया, रामदेव ने सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिला लिया। एक सवाल के जवाब में अन्ना ने कहा, हालांकि मेरा इरादा अरविंद की पार्टी का समर्थन करने का था, लेकिन अब ऐसा करना मुश्किल है क्योंकि वह भी पैसे के बल पर सत्ता और सत्ता के बल पर पैसे के रास्ते पर है। अन्ना ने इससे पहले कहा था कि वह अरविंद की पार्टी का समर्थन करेंगे बशर्ते वह ईमानदार प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारें। यह भी कहा था कि अगर केजरीवाल दिल्ली की चांदनी चौक सीट से केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ खड़े होंगे तो वह उनके पक्ष में चुनाव प्रचार भी करेंगे। नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर गांधीवादी नेता ने कहा, गुजरात में भी तमाम भ्रष्टाचार है। बतौर मुख्यमंत्री मोदी राज्य में लोकायुक्त बिल क्यों नहीं ला रहे हैं। हर कोई सत्ता के बल पर पैसा बना रहा है।
http://in.jagran.yahoo.com/ epaper/ #id=111756605432472618_49_2012- 12-07
नई दिल्ली, प्रेट्र : समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने पुराने साथी अरविंद केजरीवाल को सत्ता लोभी करार देते हुए कहा है कि उनके इसी मोह के कारण भ्रष्टाचार विरोधी देशव्यापी आंदोलन बिखर गया। हजारे ने कहा है कि अरविंद की आम आदमी पार्टी (आप) भी अन्य दलों की तरह पैसे के बल पर सत्ता हासिल करने के रास्ते पर है। ऐसे में उसकी पार्टी को वोट नहीं दूंगा। 75 वर्षीय अन्ना हजारे ने गुरुवार को यहां एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सवाल जवाब के दौरान कहा, हां यह सही है कि अरविंद केजरीवाल सत्ता लोभी हो गए हैं। मेरा मानना था कि वह निस्वार्थ भाव से इस काम में लगा है, लेकिन समझ में नहीं आता कि उसके दिमाग में राजनीति में जाने की बात कहां से आ गई। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन इसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गया। एक सवाल के जवाब में कहा, स्वतंत्र भारत में पहली बार सिस्टम को बदलने के लिए आंदोलन खड़ा हुआ। लोग बाहर निकले, उन्हें उम्मीद थी इसका नतीजा निकलेगा। इसी दौरान पता नहीं उसके दिमाग में राजनीति में जाने की ब...
ात कहां से आ गई। तंत्र परिवर्तन व भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में अरविंद, स्वामी रामदेव और अन्य सभी लोगों के बीच एकता जरूरी थी पर ऐसा न होने से आंदोलन अंजाम तक नहीं पहुंच सका। हम सभी को संगठित रहने की जरूरत थी। अरविंद ने अलग रास्ता चुन लिया, रामदेव ने सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिला लिया। एक सवाल के जवाब में अन्ना ने कहा, हालांकि मेरा इरादा अरविंद की पार्टी का समर्थन करने का था, लेकिन अब ऐसा करना मुश्किल है क्योंकि वह भी पैसे के बल पर सत्ता और सत्ता के बल पर पैसे के रास्ते पर है। अन्ना ने इससे पहले कहा था कि वह अरविंद की पार्टी का समर्थन करेंगे बशर्ते वह ईमानदार प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारें। यह भी कहा था कि अगर केजरीवाल दिल्ली की चांदनी चौक सीट से केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ खड़े होंगे तो वह उनके पक्ष में चुनाव प्रचार भी करेंगे। नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर गांधीवादी नेता ने कहा, गुजरात में भी तमाम भ्रष्टाचार है। बतौर मुख्यमंत्री मोदी राज्य में लोकायुक्त बिल क्यों नहीं ला रहे हैं। हर कोई सत्ता के बल पर पैसा बना रहा है।
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