शनिवार, दिसंबर 08, 2012

देश बिक गया





ये जो लिखा जा रहा है --वो सब आपके लिए और आपके बच्चों के लिए है --आज इसको आपने नहीं समझा तो आने वाला समय आपको अच्छे से समझा देगा ---
"बिक्री दो तरीके से होती है एक "होलसेल में "और दूसरी 'रीटेल में" यानी कि फुटकर तरीके से ---ये अभी सरकार द्वारा अपने "चमचों "के सहारे पास कि है जिसका "बिजनेस ५१ फीसदी रखा गया है .
अब जो होलसेल वाली बिक्री है उसको सरकार पह्के ही पास कर चुकी --यानी कि होलसेल में ऍफ़.डी.आ...
ई पहले ही आ चुका है और उसमे कोई भी प्रतिबंद नहीं कि वो कौन से राज्य में खुले और न खुले ---होलसेल में वालमार्ट --भारतीये पार्टनर "भारती " के साथ देश में अपने स्टोर खोल चुकी है ---'बेस्ट प्राइस मार्डन होलसेल " के नाम से देश भर में स्टोर खुल चुके है ---हम आपको उत्तर प्रदेश के बारे में बताते है ---
उत्तर प्रदेश में आगरा ,मेरठ ,और लखनऊ में ये भारती-वालमार्ट के स्टोर होलसेल "थोक " का व्यापार कर रहें हैं ---और अब कानपुर ,बरेली ,गाज़ियाबाद ,आदि बड़े शहरों में तैयारी चल रही है ---अभी जो इन नगरों में पुराने जमाने से थोक का व्यापार हो रहा है विशेषता मसालों ,मोटे अनाजों में ,और अन्य खाध्य पदार्थों में उसकी बिक्री में कमी आई है --आगरा ,लखनऊ और मेरठ में --फुटकर व्यापारी ही इन होलसेल के स्टोरों से समान ले सकता है ----
मान लीजिए "अशोक मसाले " कंपनी से १०० रूपये किलो के हिसाब से निकल कर होलसेल में १२० रूपये किलो बिकतें है और आप को १३५ रूपये किलो फुटकर में मिलतें है ---अब यहाँ खेल होता है इस वालमार्ट द्वारा ये दो गुना माल अशोक मसाले कंपनी से खरीदेगी -८० रूपये किलो --और बेचेगी थोक में ७५ रूपये किलो अब जो ठीक का व्यापारी जिसको माल पहले १२० में मिल रहा था उसको वही माल ७५ रूपये में मिल रहा है उसका मुनाफा ज्यादा ---सब खुश उपभोक्ता ,थोक व्यापारी ,फुटकर व्यापारी और उत्पादनकर्ता--ये सब खुश तो सरकार भी खुश देश वासी भी खुश क्या ऍफ़.डी आई --आ गयी सब कुछ सस्ता हो गया ----लो जी खेल तो शुरू हुआ है ----दो तीन बार तो ये बिक्री बट्टा होता है अब उसके बाद जब थोक व्यापारी वालमार्ट के होलसेल से मसाले खरीदने जाता है तो उससे कहा जाता है कि अब "अशोक मसाले का दाम ७५ से १०० रूपये हो गया है लेकिन ये एक और मसाला है "चुग-फा " इसका दाम है मात्र ४५ रूपये प्रति किलो और इसमें स्कीम भी है साल में ५०० किलो खरीदने पर एक "फोर्ड"कार भी मीलेगी ---
खेल शुरू होगया आप फस जाते हो क्युकी पूरे मार्केट में अशोक मसाले जो आपकी दादी के जमाने से आपके घर में आ रहा था वो अब मिल ही नहीं रहा --अब तो हर जगह "चुग-फा " मसाले ही मिल रहें है -----अब खुश हो लो --
ये तो खेल कि शुरुआत है --केवल होलसेल का चमत्कार है --अभी तो रीटेल बाकी है ---हर शहर के बरसों पुराने थोक बाजार खत्म ---"मुन्ना लाल सुख्खी लाल",मनसुख भाई ,मुनीर & संस् ,बलबीर सिंह अर्जुन सिंह और भी न जाने कितनी पुरानी फर्म बंद --...मायावती ,मुलायम सिंह ,सोनिया आदि फर्में चालूं ---ये तो थोक का हाल होना है --अब आज से रीटेल में --भी यही होना है ,बहुत सीढ़ी सी बात है जब थोक बाजार कबजा लीया तो रीटेल बाजार तो उसका ही होना है जिसका थोक में कब्ज़ा -----देश बिक गया ---इस बेफकूफी से भरे "लोकतंत्र " के कारण ---सबसे बड़ी बात कि इस बात के गवाह हम है ----क्युकी हम जिन्दा कौम है ----और ये बात सरासर गलत है कि रीटेल के स्टोर हर राज्य में नहीं खुल सकते WTO के रुल १३३ और १४६ (ऐ ) के अनुसार कोई देश जो इस संधि से बंधा हुआ है वो किसी भी विदेशी कंपनी को इस बात से प्रतिबंधित नहीं कर सकता कि वो किसी राज्य में या फिर जनसँख्या के आधार पर व्यापार करने से नहीं रोक ले .
वक्ती तौर कि बात है बस वालमार्ट को केवल इतना ही करना होगा वो अंतर-राष्ट्रिय न्यालय में एक केस दर्ज करना होगा और WTO के रुल के कारण उत्तर प्रदेश या फिर कोई प्रदेश उसको रोक नहीं पायेगा ----
देशवासियों देश बिक चुका है ----सभी थोक व्यापारियों ,परचून (फुटकर )विक्रेता से अनुरोध है अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं और सही गलत के बारे में बताएं -----
हाँ एक तरीका है ५१% भागीदारी तो तब होगी न जब ४९% का भारतीये पार्टनर मीलेगा --अब करना यही है जो ४९% का भारतीये पार्टनर हो उसके पहले से चल रहे सभी उत्पादों का बहिष्कार करें ----
जय जन जय भारत


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें