रविवार, दिसंबर 30, 2012

हिन्दुधर्म में अंतिम संस्कार का क्या महत्व होता है ..: बलात्कार की शिकार दामिनी की मौत.

दोगली और नीच इटालियन डायन और उसके पालतू नकली सरदार को क्या मालूम की हिन्दुधर्म में अंतिम संस्कार का क्या महत्व होता है ...
हम बात दिल्ली में बलात्कार की शिकार दामिनी की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार की कर रहे हैं

हिन्दुधर्म में सोलह संस्कारो में अंतिम संस्कार की बहुत ही बड़ी महत्व है | शिवपुराण में इसे मुक्तिउत्सव का नाम दिया गया है | हिन्दुधर्म में कहा गया है की जहाँ तक सम्भव हो सके वहा तक अंतिम संस्कार अपने पैत्रिक गाँव में ही करना चाहिए क्योकि हिन्दू मान्यता के अनुसार हर इन्सान पर कई ऋण होते है उसमे से एक ऋण जन्म देने वाली धरती का होता है जो तभी मिटना है जब हमारा पार्थिव शरीर उसी जगह जलाया जाये |

हिन्दू धर्म में रिश्तेदारों और जानने वालो का भी श्मशान पर होना जरूरी है क्योकि हिन्दुधर्म ये कहता है की जब हम अपने प्रिय रिश्तेदारों के पार्थिव शरीर को जलता हुआ देखेंगे तब हमे इस नश्वर शरीर के अंतिम गत का एहसास होगा और हम सभी तरह के बुराइयो से दूर रहेंगे ..
स्वामी विवेकान्द जी ने भी कहा था "मृत्य एक उत्सव है"

लेकिन दिल्ली की बदनसीब लडकी की बदनसीबी देखिये .. उसके जिन्दा शरीर के साथ नरपिचासो ने जबरजस्ती की तो उसके पार्थिव शरीर के साथ सोनिया, शीला और मनमोहन जैसे नरपिचासो ने जबरजस्ती की .. उस लडकी के पिताजी अपनी बदनसीब बेटी का अंतिम संस्कार अपने गाँव यूपी के बलिया में गंगा नदी के तट पर अपने रिश्तेदारों की उपस्थिति में करना चाहते थे .. यहाँ तक की सभी तैयारी भी हो चुकी थी ..कुछ टीवी चैनेलो पर ये खबर भी चली की लडकी का अंतिम संस्कार उसके गाँव में होगा .. खुद मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह वहा जाने की तैयारी में बैठे थे ..

लेकिन दिल्ली में जैसे ही लडकी का शव पहुचा केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने आदेश पर उसके शव को दिल्ली पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया और गुपचुप तरीके से उसे बिना किसी हिन्दू कर्मकांड के जला दिया

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