असदउद्दीन ओवैसी ने अपनी बची खुची नकाब कल खुद ही नोंच कर फेंक दी है...
कल GHMC चुनाव परिणाम आने के बाद ओवैसी ने ऐलान किया है कि उसकी पार्टी असम और केरल में चुनाव नहीं लड़ेगी. लेकिन तमिलनाडु में अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी. अब जरा सोचिए कि 18-19 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाले बिहार में जो असदउद्दीन ओवैसी गाजे बाजे के साथ चुनाव लड़ने पहुंच गया था और केवल 6-7 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाले तमिलनाडु में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का ऐलान कर रहा है. वही असदउद्दीन ओवैसी 36-37 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाले असम और 27-28 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाले केरल में चुनाव क्यों नहीं लड़ेगा.?
इस सवाल का जवाब भी असदउद्दीन ओवैसी पहले ही दे चुका है. उसने कहा है कि असम में बदरउद्दीन अजमल की AIUDF और केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML बहुत अच्छा काम कर रही है. इसलिए उनको डिस्टर्ब करने के बजाय उनके लिए प्रचार करूंगा. यही है वह महत्वपूर्ण बिंदु जिसका जिक्र अपनी कल की पोस्ट में मैंने किया है. दरअसल कट्टरपंथी साम्प्रदायिक आधार पर मुस्लिम मतदाताओं को लामबंद करने का काम ओवैसी से भी अधिक आक्रामक और जहरीली शैली में असम में AIUDF और केरल में IUML बहुत पहले से कर रही है. AIUDF असम में कांग्रेस के साथ और IUML केरल में कांग्रेस के साथ लगातार चुनावी गठबंधन करती है. ओवैसी इन दोनों दलों को डिस्टर्ब भी नहीं करना चाहता है. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
अब जरा कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों को भी जानिए...
1996 में लोकसभा में असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी का केवल एक सांसद था. उस सांसद का नाम सलाहुद्दीन ओवैसी था वो असदउद्दीन ओवैसी का बाप था.
मई 1996 में जब अटल जी की 13 दिन की सरकार गिर गयी थी उस समय असदउद्दीन ओवैसी के बाप सलाहुद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट अटल जी को नहीं बल्कि कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष को दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
इसके बाद...
1999 में जब अटल जी की सरकार केवल एक वोट से गिर गयी थी उस समय भी असदउद्दीन ओवैसी के बाप सलाहुद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट अटल जी को नहीं बल्कि कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष को ही दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
अपने बाप सलाहुद्दीन ओवैसी के राजनीति से रिटायरमेंट के बाद 2004 में असदउद्दीन ओवैसी सांसद बना. 2004 में जब अल्पमत वाली कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी तो उस समय असदउद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट कांग्रेस के पक्ष में दिया था. अटल जी के नेतृत्व वाले विपक्ष को नहीं दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
2008 में परमाणु संधि के प्रस्ताव पर असदउद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के पक्ष में दिया था. भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष को नहीं दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
2009 में जब अल्पमत वाली कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार दोबारा बनी तो उस समय भी असदउद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट कांग्रेस के पक्ष में दिया था. भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष को नहीं दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
2014 में जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो उस समय भी असदउद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट मोदी सरकार के खिलाफ़ और कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के पक्ष में दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
2019 में जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार दोबारा बनी तो उस समय भी असदउद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट मोदी सरकार के खिलाफ़ और कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के पक्ष में ही दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
तीन तलाक, धारा 370, CAA, कृषि बिल सरीखे महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी असदउद्दीन ओवैसी ने विश्वासमत पर अपना वोट मोदी सरकार के खिलाफ़ और कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के पक्ष में ही दिया था. लेकिन पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया देश को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि... असदउद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी AIMIM भाजपा की एजेंट है.😊
कांग्रेस के इशारों पर नाच रहे असदउद्दीन ओवैसी को भाजपा के एजेंट के रूप में प्रचारित कर कांग्रेस द्वारा खेले जा रहे खतरनाक खेल पर पर्दा डालने का कुकर्म कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया पिछले 6 साल से लगातार कर रही है. लेकिन अब इस खेल पर जमकर प्रहार करने का, कांग्रेस और उसकी चाटुकार लुटियनिया मीडिया के इस खतरनाक खेल का सच देश के हर नागरिक, विशेषकर हिन्दूओं तक पहुंचाने का समय आ गया है. इस काम को युद्धस्तर पर करिए.
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