H Man Singh Panwar
# एक_फर्जी_प्रेम_की_हकीकत
शाहजंहा के असली नाम खुर्रम था ,जब भी वो कोई युद्ध जीतता था तो कैद किये लोगो के सर कटवा कर कमान बनवाता था और उनके स्त्रीधन को बंदी बना लेता था उनमे से जो भी पसंद आती वो उनमे से उसे रखैल बना कर हरम में ले लेता था !शाहजहा की सात शादियां हुई थी जिसमे चौथे नंबर की बीबी थी मुमताज ! जब शाहजंहा और मुमताज की शादी हुई थी उस समय मुमताज शादीशुदा थी ,मुमताज का पति शाहजहाँ का सबसे वफादार दोस्त था !एक समारोह के दौरान जब मुमताज अपने पति के साथ शाहजंहा के महल में गयी तो शाहजंहा उस पर मोहित हो गया !इसके बाद उसने षड्यंत्र से उसके पति कि हत्या करवा दी !जिस समय मुमताज से शाहजंहा के साथ निकाह किया था उस समय मुमताज के एक औलाद भी थी जिसे शाहजंहा ने नदी में फिंकवा दिया था !शाहजंहा और मुमताज के 14 बच्चे हुवे और 14 वे बच्चे के जन्म के समय ही मुमताज की मृत्य हुई थी !हालाँकि मुमताज उसकी सभी रानियों में से खूबसूरत थी जिससे शाहजंहा अपना ज्यादातर समय मुमताज बिताता था ! सात रानियाँ होने के बावजूद शाहजंहा की 8000 रखेले भी थी !
शाहजंहा की हवस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हे की उसने उसकी और मुमताज की बेटी जंहाआरा तक भी नहीं बख्शा !जंहाआरा बेहद सुंदर थी उसे देख कर उसपर कोई भी मोहित हो जाता था इसलिए शाहजंहा ने उसे अपनी रखेल बना लिया और कभी उसकी शादी नहीं होने दी ! शाहजंहा अपनी कही इस बात को सिद्ध करता था की जब कोई माली अपने बगीचे में पेड़ लगाता हे तो उसके फल खाने का भी उसको पूरा हक हे ,उसके इस कूतर्क का उस समय तत्कालीन किसी भी इस्लामिक धर्म गुरु के पास कोई जवाब नहीं था !शाहजंहा को पता चला की जंहाआरा किसी लड़के से प्रेम करती हे तो उस लड़के को मरवा दिया इसके बाद उसने अपनी बेटी के साथ ही सभी घिनोने कर्म किए !
यदि शाहजंहा मुमताज से सच्चा प्यार करता था तो उसने उसके मरने के बाद शादियां क्यों की ? ये एक बड़ा सवाल हे ? आपको बता दू की मुमताज की मोत के बाद शाहजंहा ने उसी की छोटी बहिन के साथ शादी कर ली !शाहजंहा की कुदृष्टि हर सुंदर महिला पर रहती थी !सुंदर महिलावो को शहजहा की वासनावो का कोई अंत नहीं था !इतनी हवस रखने वाला इंसान किसी से सच्चा प्यार कैसे कर सकता हे इसका जवाब किसी के पास नहीं हे !
# एक_फर्जी_प्रेम_की_हकीकत
शाहजंहा के असली नाम खुर्रम था ,जब भी वो कोई युद्ध जीतता था तो कैद किये लोगो के सर कटवा कर कमान बनवाता था और उनके स्त्रीधन को बंदी बना लेता था उनमे से जो भी पसंद आती वो उनमे से उसे रखैल बना कर हरम में ले लेता था !शाहजहा की सात शादियां हुई थी जिसमे चौथे नंबर की बीबी थी मुमताज ! जब शाहजंहा और मुमताज की शादी हुई थी उस समय मुमताज शादीशुदा थी ,मुमताज का पति शाहजहाँ का सबसे वफादार दोस्त था !एक समारोह के दौरान जब मुमताज अपने पति के साथ शाहजंहा के महल में गयी तो शाहजंहा उस पर मोहित हो गया !इसके बाद उसने षड्यंत्र से उसके पति कि हत्या करवा दी !जिस समय मुमताज से शाहजंहा के साथ निकाह किया था उस समय मुमताज के एक औलाद भी थी जिसे शाहजंहा ने नदी में फिंकवा दिया था !शाहजंहा और मुमताज के 14 बच्चे हुवे और 14 वे बच्चे के जन्म के समय ही मुमताज की मृत्य हुई थी !हालाँकि मुमताज उसकी सभी रानियों में से खूबसूरत थी जिससे शाहजंहा अपना ज्यादातर समय मुमताज बिताता था ! सात रानियाँ होने के बावजूद शाहजंहा की 8000 रखेले भी थी !
शाहजंहा की हवस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हे की उसने उसकी और मुमताज की बेटी जंहाआरा तक भी नहीं बख्शा !जंहाआरा बेहद सुंदर थी उसे देख कर उसपर कोई भी मोहित हो जाता था इसलिए शाहजंहा ने उसे अपनी रखेल बना लिया और कभी उसकी शादी नहीं होने दी ! शाहजंहा अपनी कही इस बात को सिद्ध करता था की जब कोई माली अपने बगीचे में पेड़ लगाता हे तो उसके फल खाने का भी उसको पूरा हक हे ,उसके इस कूतर्क का उस समय तत्कालीन किसी भी इस्लामिक धर्म गुरु के पास कोई जवाब नहीं था !शाहजंहा को पता चला की जंहाआरा किसी लड़के से प्रेम करती हे तो उस लड़के को मरवा दिया इसके बाद उसने अपनी बेटी के साथ ही सभी घिनोने कर्म किए !
यदि शाहजंहा मुमताज से सच्चा प्यार करता था तो उसने उसके मरने के बाद शादियां क्यों की ? ये एक बड़ा सवाल हे ? आपको बता दू की मुमताज की मोत के बाद शाहजंहा ने उसी की छोटी बहिन के साथ शादी कर ली !शाहजंहा की कुदृष्टि हर सुंदर महिला पर रहती थी !सुंदर महिलावो को शहजहा की वासनावो का कोई अंत नहीं था !इतनी हवस रखने वाला इंसान किसी से सच्चा प्यार कैसे कर सकता हे इसका जवाब किसी के पास नहीं हे !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें