इतिहास गवाह है कि राजपूत सिर्फ अपनी मूछो के सम्मान में और राज्य की रक्षा के लिए लड़ते आये हैं
कभी अखंड भारत का सपना लेकर नही लड़े।
सबने समय समय पर दूसरे राजपूत शासको से नफरत में नोटा दबाया है।
इतिहास गवाह है कि ब्राह्मणों ने दलित समाज को हमेशा हीन भावना से देखा है ,जो भारत के अखंड होने के सपने पर एक तमाचा है।
ब्राह्मणों को अपने ज्ञान का गुरूर है और राजपूतो को अपनी ताकतों का
क्या ब्राह्मण समाज अपने ज्ञान के दम पर भारत को विश्व विजयी बना पाया है???
क्या राजपूतानी शान ने इतिहास में अखंड भारत के लिए नोटा के सिवा कुछ और दबाया है???
आज आपको आरक्षण में खोट नजर आ रहा है ,
मैं मानता हूं आरक्षण इस देश पर एक कलंक की तरह हैं
मगर क्या आरक्षण आज सवर्ण समाज को अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए एक पर्दे का कार्य नही कर रहा???
क्या आज के समय पर बेरोजगार बैठा हर सवर्ण अपनी बदत्तरी के लिए सिर्फ आरक्षण को जिम्मेदार ठहराकर अपनी कमियों को छुपाने की कोशिस नही कर रहा है???
देश में एक राजा आता है जो अखंड भारत का सपना लिये पूरे विश्व में आपकी जयकारे लगवा रहा है और आप उसे नोटा दबाने की धमकियां दे रहे हो??
क्यूं??? सिर्फ इसलिए क्योकि आप बेरोजगार हों और अपनी हर नाकामयाबी के लिए आरक्षण की आड़ ले रहे हो???
देश में एक राजा आता हैं जो अखंड भारत का सपना लिये पूरे विश्व में आपकी जयकारे लगवा रहा है और आप उसे नोटा दबाने की धमकी दे रहे हो???
क्यूं??? क्योकि उसने आपके भूतकाल का भतिभांति निरीक्षण करने के बाद दलितो का वोट एकजुट साधने की भरकस कोशिस कर ली है???
क्या हो आप??? राजपूत?????
ब्राह्मण???? बनिया???? सवर्ण????
अरे कुछ नही हो आप। मूर्ख हो आप जो बड़ी आसानी से किसी के भी झांसे में आ जाते हो।
क्या हो आप??? राजपूत??? ब्राह
मण??? बनिया???? सवर्ण?????
अरे कुछ नही हो आप। लालची हो आप जो चालीस रूपये प्याज और टमाटर के लिए अपनी खुद की सरकार गिरवा देते हो।
आप मोदी से पूछ रहे हो कि मोदी ने चार सालो में हिदू हितो के लिए क्या किया???
आप बताओ की मस्जिद तोड़ने का कलेजा रखने वाले कल्याण सिंह के लिए आपने क्या किया???
क्या ब्राह्मण समाज को नेहरू गांधी परिवार ने 2014 से पहले तक अपनी रखैल बनाकर नही रखा???
क्या राजपूत समाज ने अपनी मूंछो के खातिर इस देश की अखंडता को जूते की नोक पर नही रखा????
अरे थू है हम पर जो चालीस पचास रूपये प्याज के लिए अपना गुरूर हिंदुत्व बेचते आये हो।
अरे लानत है हम पर जो कल्याण सिंह जैसे राजपूत नेता आज गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर है।
वक्त है संभल जाओ
क्यूंकि आज देश में मोदी को हराने और हिदुत्व को तोड़ने के लिए पिछले चार साल से जो कुचक्र रचे जा रहे है ना, अगर इस बार नोटा दबा दिया तो
तुम्हारी आने वाली पीड़िया सिर्फ टोपियां पहनी दिखाई देगी ।
एक बात याद रखना , इस गफलत में मत रहना कि हस्ती मिटती नही हमारी।
क्यूंकि बंगाल, कश्मीर केरला और अफगानिस्तान के ब्राहम्ण और राजपूत भी यही गाया करते थे।
"कुछ तो बात है हम में, हस्ती मिटती नही हमारी"
अभी भी वक्त है, संभल जाओ और एक हो जाओ।
वरना
ना बंदूक की धार से
ना मुगलो की तलवार सें
हिंदू हारा है तो बस
नोटा के कुठाराघात से।
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