बुधवार, जून 13, 2018

हाई प्रोफाइल सन्त भय्यूजी महाराज की आत्महत्या का डरावना सच

Sudhanshu Tak
हाई प्रोफाइल सन्त की आत्महत्या का डरावना सच :-
दुनिया को आध्यात्म का ज्ञान देने वाले हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु , अरबपति और बेहद रसूखदार भय्यू महाराज ने जिंदगी से हार मानते हुए कल मौत की चादर ओढ़ ली । भय्यू महाराज ने इंदौर के सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने निवास पर दाईं कनपटी पर गोली मार आत्महत्या कर ली । जी सही सुना आपने "आत्महत्या" । और इसके पीछे का डरावना सच जानेंगे तो आश्चर्य चकित रह जाएंगे।
पहले जानते है भय्यू महाराज के बारे में । मध्यप्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले भैय्यू महाराज ने अपना करियर मॉडलिंग से शुरू किया था । किसी जमाने में वे सियाराम सूटिंग के कपड़ों की मॉडलिंग करते थे । उनका असली नाम उदय सिंह देशमुख था। बाद में वे गृहस्थ सन्त बन गए।भैय्यू महाराज के भक्तों की लिस्ट में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल जैसे बड़े नाम शामिल रहे । भैय्यू महाराज तब ख़बरों में आए थे जब अन्ना हजारे अनशन पर बैठे थे और उन्होंने भैय्यू महाराज के हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था।नरेंद्र मोदी ने भी जब मुख्यमंत्री रहते सदभावना उपवास किया था, तब भी उन्होंने भय्यू महाराज के हाथों जूस पीकर अनशन समाप्त किया था । भय्यू महाराज की पहली पत्नी का नाम माधवी था जिनका पुणे में डेढ़ वर्ष पूर्व निधन हो गया था। माधवी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो फिलहाल पुणे में पढ़ाई कर रही है। भय्यू महाराज ने गत वर्ष ही दूसरी शादी डॉक्टर आयुषी से की थी।
अब जानिए कि कैसे एक बेहद रसूखदार आदमी भी घर मे पत्नी के अत्याचार से पीड़ित हो सकता है। पीड़ित भी इतना कि आत्महत्या कर ले। तो भय्यूजी महाराज को पिछले साल संदेहास्पद परिस्थितियों में शिवपुरी निवासी पीएचडी धारी डॉ. आयुषी से शादी करनी पड़ी। बेहद खूबसूरत डॉ आयुषी ने शादी के कुछ ही दिनों में भय्यू महाराज के जीवन मे भूचाल ला दिया । पहली बार घर मे आते ही नवयौवना डॉ आयुषी ने सौतेली पुत्री से जोरदार झगड़ा किया । अंजाम यह हुआ कि भय्यू महाराज के पूजन स्थल से दीपक और सामान फेंक दिया गया ।
डॉ. आयुषी इस झगड़े से ज्यादा इस बात से दुखी हुई कि उनके पति ने उनका साथ नहीं दिया। इसके बाद घर मे रोजाना बवाल होने लगे।जब जब महाराज की बेटी पुणे से इंदौर आती घर रणक्षेत्र बन जाता।
डॉ. आयुषी ने शादी के कुछ समय बाद मकान का रंगरोगन करवाया। पुताई के दौरान उन्होंने कुहू की मां व भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी की सारी तस्वीरें हटवा दीं। जब कुहू पूणे से घर आई और मां की तस्वीरें गायब देखी तो हंगामा कर दिया। डॉ. आयुषी और कुहू के बीच जमकर कहासुनी हुई। उस वक्त भी भय्यू महाराज बेटी के पक्ष में खड़े रहे। उन्होंने डॉ. आयुषी को समझाने की कोशिश की और कहा वह बेटी को कैसे डांट सकते हैं। इन दोनों घटनाओं से डॉ. आयुषी और गुस्सैल हो गई। अब वह भय्यू महाराज और उनके करीबी कर्मचारियों से भी सीधे लड़ने लगी थी। भय्यू महाराज बेटी और पत्नी के बीच फंस चुके थे। घर का हर कर्मचारी इस बात से भयभीत रहता था कि घर में किसी भी वक्त बवाल मच सकता है।
डॉ. आयुषी ने भय्यू महाराज के सामने अपने माता-पिता को साथ रखने का प्रस्ताव रख दिया। दबाव में भय्यू महाराज ने अपने घर के सामने ही बड़ा बंगला किराए पर लिया और डॉ. आयुषी के माता-पिता को ठहराया। जैसे ही कुहू को इस बारे में पता चला, उसने पिता से नाराजगी जताई। भय्यू महाराज ने बेटी को समझाने का प्रयास किया और कहा कि वह कुछ समय में सब कुछ ठीक कर देंगे। उन्होंने स्कीम-74 में 60 लाख रुपये का प्लॉट खरीद लिया है। वहां बड़ा बंगला बनाकर कुहू के साथ रहेंगे। कुहू ने उनकी बातों पर विश्वास करने से इन्कार कर दिया। भय्यू महाराज को हर वक्त यही लगता था कि पत्नी और बेटी में किसी भी वक्त हाथापाई हो सकती है। आश्रम के कर्मचारी और नौकर-नौकरानी भी गृह कलह से सहमे-सहमे रहते थे।
कल भी महाराज की बेटी कुहू करीब तीन महीने बाद इंदौर लौटी थी। गोली लगने की बात सुन वह सीधे बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंची और पिता को देखा। पिता को खून से सना देख बदहवास हो गई। दोपहर में वह गुस्से में घर (सिल्वर स्प्रिंग) पहुंची और डॉ. आयुषी की तस्वीरों को फोड़ना शुरू कर दिया। उनके साथ मौजूद कांग्रेस की महिला नेता ने उसे संभाला और कमरे में लेकर गई। मां और बेटी में मारपीट न हो, इसके लिए दोनों को अलग रखा और उनके कमरों के बाहर महिला पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा।
अभी अभी सूचना मिली है कि भय्यू महाराज की पत्नी और बेटी दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की है । आश्चर्य की बात यह है परिवार में अनेक सदस्यों के होने के बावजूद भय्यू महाराज ने अपने हस्तलिखित बयान में अपने सेवक विनायक को अपनी सारी संपत्ति का कस्टोडियन बनाने की बात कही है। जो भी हो भय्यू महाराज का जीवन दुःखद अध्याय के साथ समाप्त हो गया है।
हो सकता है कुछ वैचारिक विरोधी इसे महिलाओं के विरोध में कई गयी पोस्ट मान लेवे। लेकिन मैंने पूर्ण तथ्य रखे है।
मेरा सिर्फ इतना कहना है कि ताकत,पैसा और विचारो के अत्यधिक धनी भय्यू महाराज भी जब पारिवारिक महिलाओं के विवाद से डिप्रेशन में आ सकते है तो बाकी की क्या औकात है......
मस्त रहो व्यस्त रहो । भय्यू महाराज को विनम्र श्रद्धांजलि।
सादर
सुधांशु

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