*धर्म रक्षण सेवा राशि*
बिसाहड़ा-दादरी के अख़लाक़ के वध में अखिलेश यादव, आज़म ख़ाँ की सरकार के फँसाये हुए 18 निरपराध तरुण, मुज़फ़्फ़रनगर के इस्लामी दंगों के मुक़दमों में फँसाये गए सैकड़ों धर्मबंधु, बल्लभगढ़ के नरेश इत्यादि, रामगढ़-राँची के गौहत्यारों को रोकने के प्रयास में आजीवन कारावास से दंडित 12 वीर, मैहर में गौहत्या रोकने के समय आरोप में गिरफ़्तार 4 अत्यंत निर्धन गोंड वनवासी ..... गिनते जाइये मगर यह अनंत कथा चलती रहेगी।
धर्म के अनुरूप हम सब अपनी क्षमता से जीते हैं और धर्म का अपमान कोई करता है तो कभी-कभी समाज का पौरुष क्रोध बन कर अभिव्यक्त हो जाता है। ऐसे लगभग प्रत्येक अवसर पर यह देखने में आता है कि पौरुष व्यक्त करने वाले वीर राज्य, प्रशासन की प्रताणना झेलने के लिये अकेले पड़ जाते हैं। बरसों थाना, कचहरी के चक्कर लगाते हैं, जेल में एड़ियां रगड़ते हैं और इनका परिवार इनके पराक्रम की चपेट में बुरी तरह पिसता है। धर्म तथा राष्ट्र के लिये पौरुष व्यक्त करने वाला वीर बच्चे की फ़ीस, बीबी की रोटी, मकान का किराये के लिये जेल में रहते हुए असहाय सिसकता है।
सोशल मीडिया के कारण एक बड़ा परिवर्तन आया है कि समाज में राष्ट्र और धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। आप लिखते, बोलते, शेयर करते हैं। आपके कहे, लिखे, शेयर किये लेखों को लोग गंभीरता से लेते हैं। कृपया सोचिये कि क्या इतना पर्याप्त है ? सामान्य राष्ट्रवादी, समाज के लोग सोचते हैं कि राष्ट्र-धर्म की समस्याओं राज्य, राजनैतिक सत्ता करे। देश के पास थल सेना, नौ सेना, वायु सेना, पुलिस, BSF, CRPF, ITBP इत्यादि सभी बल मिला कर कुल सँख्या 20 लाख भी नहीं है और अराष्ट्रीय देशविरोधियों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है। राज्य के बूते यह संघर्ष संभव ही नहीं है। यह गली-मुहल्लों का संघर्ष है और इससे समाज को, राष्ट्रवादियों को ही जूझना है। अब एक प्रश्न स्वयं से पूछिए। जब तक समाज अपने वीरों के साथ खड़ा नहीं होगा, क्या वीरता का प्रसार हो पायेगा ? बिना वीरता के राष्ट्र और धर्म की समस्याओं का समाधान हो सकता है ?
क्या हमारा कर्तव्य नहीं है कि पौरुष व्यक्त करने वाले वीरों को निराश न होने दें ? इनके परिवारों की न्यूनतम चिंता करें ? मेरा प्रस्ताव है कि समाज इन्हें प्रति वीर 1 लाख रुपया तुरन्तता से दे। ऐसे हर वीर के पीड़ित परिवार तक हम पहुँचेंगे मगर यह तब ही संभव है जब आप सब साथ आयें। इन पीड़ित वीरों की सेवा में हाथ बंटाइए। सहयोग के साथ कृपया ऐसी किसी भी घटना के समय विवरण से सूचित भी करें शर्त यही है कि वीरता अभिव्यक्त हुई हो। तनिक भी मन में मत लाइयेगा कि इस कार्य में सफलता नहीं मिल सकती। दो वर्ष पहले बिसाहड़ा-दादरी के निर्दोष तरुणों के लिये आप सब ही ने लगभग एक माह में उन्नीस लाख चौंसठ हज़ार रुपये संकलित करके दिये थे। इस समय की तात्कालिक आवश्यकता तो 17 लाख से कम की ही है जिसमें अभी तक अट्ठानवे हज़ार और पांच रुपये नक़द आ चुके हैं। जिसमें खाता खोलने के समय जमा कराये गए 5,000 घटाने पर तिरानवे हज़ार और पाँच रुपये मेरे पास हैं।
स्वभाविक है कि आप सब इस पोस्ट को शेयर करेंगे। निवेदन है कि ऐसा कृपया अपने योगदान संकल्प करने के बाद ही करें। इस हेतु अपनी वार्षिक आय का 1% या किसी भी माह की आय का केवल 10% देना पर्याप्त होगा। यह राष्ट्र के लिये ज़कात का राष्ट्रवादी रूप रहेगा। आश्वस्त रहें इसमें दिये गये योगदान का एक-एक पैसा राष्ट्र, धर्म के कार्य में पूरी ईमानदारी से लगेगा। इसका कोई चैक कभी भी सैल्फ़ का नहीं कटेगा। सारा पेमेंट पारदर्शी होगा। सारा हिसाब प्रामाणिक होगा और कई गम्भीर व्यक्तियों की दृष्टि में होगा फिर भी आप या कोई भी धर्म बंधु भी कभी भी हिसाब देखने-जाँचने के लिये पधार सकते हैं। अभी हम लोग आर्थिक सेवा करने के प्रयास में हैं अगर राष्ट्र ने पर्याप्त यशस्वी किया तो पूरी न्यायिक व्यवस्था खड़ी करने का संकल्प है।
बिसाहड़ा के 18 पीड़ित तरुणों की सेवा के संकलन के समय कई मित्रों ने नाम का उल्लेख करने से विरोध किया था अतः उनका आग्रह सिर-माथे रखते हैं। नक़द प्राप्त राशि, नगर और दिनाँक पोस्ट करेंगे। इससे कोई भी अपनी दी हुई राशि की स्थिति चैक कर पाएंगे। यह आग्रह है कि इस बार राशि अधिकतम बैंक में पहुंचे। 10 हज़ार या उससे अधिक धर्म रक्षण सेवा करने वाले बंधु कृपया अपना पैन नंबर उपलब्ध कराइयेगा। अपने मित्रों, सम्बन्धियों को भी प्रेरित कीजिये। आइये राष्ट्र, धर्म के प्रति अपने दायित्व का पालन किया जाए।
तुफ़ैल चतुर्वेदी
न्याय मंच का अकाउंट विवरण इस प्रकार है।
खाते का नाम:- न्याय मंच { NYAY MUNCH }
खाता नंबर:- 4660000100035832
IFSC CODE:- PUNB0466000 { PUNB के बाद ज़ीरो है }
पंजाब नेशनल बैंक, सैक्टर-12, नॉएडा
बिसाहड़ा-दादरी के अख़लाक़ के वध में अखिलेश यादव, आज़म ख़ाँ की सरकार के फँसाये हुए 18 निरपराध तरुण, मुज़फ़्फ़रनगर के इस्लामी दंगों के मुक़दमों में फँसाये गए सैकड़ों धर्मबंधु, बल्लभगढ़ के नरेश इत्यादि, रामगढ़-राँची के गौहत्यारों को रोकने के प्रयास में आजीवन कारावास से दंडित 12 वीर, मैहर में गौहत्या रोकने के समय आरोप में गिरफ़्तार 4 अत्यंत निर्धन गोंड वनवासी ..... गिनते जाइये मगर यह अनंत कथा चलती रहेगी।
धर्म के अनुरूप हम सब अपनी क्षमता से जीते हैं और धर्म का अपमान कोई करता है तो कभी-कभी समाज का पौरुष क्रोध बन कर अभिव्यक्त हो जाता है। ऐसे लगभग प्रत्येक अवसर पर यह देखने में आता है कि पौरुष व्यक्त करने वाले वीर राज्य, प्रशासन की प्रताणना झेलने के लिये अकेले पड़ जाते हैं। बरसों थाना, कचहरी के चक्कर लगाते हैं, जेल में एड़ियां रगड़ते हैं और इनका परिवार इनके पराक्रम की चपेट में बुरी तरह पिसता है। धर्म तथा राष्ट्र के लिये पौरुष व्यक्त करने वाला वीर बच्चे की फ़ीस, बीबी की रोटी, मकान का किराये के लिये जेल में रहते हुए असहाय सिसकता है।
सोशल मीडिया के कारण एक बड़ा परिवर्तन आया है कि समाज में राष्ट्र और धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। आप लिखते, बोलते, शेयर करते हैं। आपके कहे, लिखे, शेयर किये लेखों को लोग गंभीरता से लेते हैं। कृपया सोचिये कि क्या इतना पर्याप्त है ? सामान्य राष्ट्रवादी, समाज के लोग सोचते हैं कि राष्ट्र-धर्म की समस्याओं राज्य, राजनैतिक सत्ता करे। देश के पास थल सेना, नौ सेना, वायु सेना, पुलिस, BSF, CRPF, ITBP इत्यादि सभी बल मिला कर कुल सँख्या 20 लाख भी नहीं है और अराष्ट्रीय देशविरोधियों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है। राज्य के बूते यह संघर्ष संभव ही नहीं है। यह गली-मुहल्लों का संघर्ष है और इससे समाज को, राष्ट्रवादियों को ही जूझना है। अब एक प्रश्न स्वयं से पूछिए। जब तक समाज अपने वीरों के साथ खड़ा नहीं होगा, क्या वीरता का प्रसार हो पायेगा ? बिना वीरता के राष्ट्र और धर्म की समस्याओं का समाधान हो सकता है ?
क्या हमारा कर्तव्य नहीं है कि पौरुष व्यक्त करने वाले वीरों को निराश न होने दें ? इनके परिवारों की न्यूनतम चिंता करें ? मेरा प्रस्ताव है कि समाज इन्हें प्रति वीर 1 लाख रुपया तुरन्तता से दे। ऐसे हर वीर के पीड़ित परिवार तक हम पहुँचेंगे मगर यह तब ही संभव है जब आप सब साथ आयें। इन पीड़ित वीरों की सेवा में हाथ बंटाइए। सहयोग के साथ कृपया ऐसी किसी भी घटना के समय विवरण से सूचित भी करें शर्त यही है कि वीरता अभिव्यक्त हुई हो। तनिक भी मन में मत लाइयेगा कि इस कार्य में सफलता नहीं मिल सकती। दो वर्ष पहले बिसाहड़ा-दादरी के निर्दोष तरुणों के लिये आप सब ही ने लगभग एक माह में उन्नीस लाख चौंसठ हज़ार रुपये संकलित करके दिये थे। इस समय की तात्कालिक आवश्यकता तो 17 लाख से कम की ही है जिसमें अभी तक अट्ठानवे हज़ार और पांच रुपये नक़द आ चुके हैं। जिसमें खाता खोलने के समय जमा कराये गए 5,000 घटाने पर तिरानवे हज़ार और पाँच रुपये मेरे पास हैं।
स्वभाविक है कि आप सब इस पोस्ट को शेयर करेंगे। निवेदन है कि ऐसा कृपया अपने योगदान संकल्प करने के बाद ही करें। इस हेतु अपनी वार्षिक आय का 1% या किसी भी माह की आय का केवल 10% देना पर्याप्त होगा। यह राष्ट्र के लिये ज़कात का राष्ट्रवादी रूप रहेगा। आश्वस्त रहें इसमें दिये गये योगदान का एक-एक पैसा राष्ट्र, धर्म के कार्य में पूरी ईमानदारी से लगेगा। इसका कोई चैक कभी भी सैल्फ़ का नहीं कटेगा। सारा पेमेंट पारदर्शी होगा। सारा हिसाब प्रामाणिक होगा और कई गम्भीर व्यक्तियों की दृष्टि में होगा फिर भी आप या कोई भी धर्म बंधु भी कभी भी हिसाब देखने-जाँचने के लिये पधार सकते हैं। अभी हम लोग आर्थिक सेवा करने के प्रयास में हैं अगर राष्ट्र ने पर्याप्त यशस्वी किया तो पूरी न्यायिक व्यवस्था खड़ी करने का संकल्प है।
बिसाहड़ा के 18 पीड़ित तरुणों की सेवा के संकलन के समय कई मित्रों ने नाम का उल्लेख करने से विरोध किया था अतः उनका आग्रह सिर-माथे रखते हैं। नक़द प्राप्त राशि, नगर और दिनाँक पोस्ट करेंगे। इससे कोई भी अपनी दी हुई राशि की स्थिति चैक कर पाएंगे। यह आग्रह है कि इस बार राशि अधिकतम बैंक में पहुंचे। 10 हज़ार या उससे अधिक धर्म रक्षण सेवा करने वाले बंधु कृपया अपना पैन नंबर उपलब्ध कराइयेगा। अपने मित्रों, सम्बन्धियों को भी प्रेरित कीजिये। आइये राष्ट्र, धर्म के प्रति अपने दायित्व का पालन किया जाए।
तुफ़ैल चतुर्वेदी
न्याय मंच का अकाउंट विवरण इस प्रकार है।
खाते का नाम:- न्याय मंच { NYAY MUNCH }
खाता नंबर:- 4660000100035832
IFSC CODE:- PUNB0466000 { PUNB के बाद ज़ीरो है }
पंजाब नेशनल बैंक, सैक्टर-12, नॉएडा
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