मंगलवार, जनवरी 10, 2012

सरकार को नहीं पता, विदेशों में कब-कहां गईं सोनिया!

नई दिल्ली।। ऐसा लगता है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं के बारे में किसी सरकारी विभाग के पास जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी के लिए दाखिल आरटीआई अनेक मंत्रालयों में घूमती रही, लेकिन अंत तक जवाब नहीं मिल सका।

राजस्थान में भीलवाड़ा के रहने वाले कैलाश कंवर ने एक आरटीआई अर्जी दाखिल कर यूपीए और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पिछले दो साल के दौरान की गई विदेश यात्राओं के बारे में जानकारी मांगी है। उन्होंने अपने आवेदन के माध्यम से हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा इलाज के लिए अमेरिका जाने की यात्रा का भी ब्योरा मांगा है। विदेश मंत्रालय को दिया गया यह आवेदन आरटीआई अधिनियम के तहत संसदीय कार्य मंत्रालय और सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कियान्वयन मंत्रालय भेज दिया गया। विदेश मंत्रालय ने आवेदन यह कहते हुए वापस कर दिया कि संसद सदस्य के तौर पर सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं पर जानकारी देने के लिहाज से संबंधित विभाग संसदीय कार्य मंत्रालय के पास है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष के नाते सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं के बारे में जानकारी से सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय संबंधित है, इसलिए आरटीआई आवेदन को जरूरी कार्रवाई के लिए आरटीआई कानून: के तहत उन्हें भेजा जाता है।

सांख्यिकी मंत्रालय ने आवेदन को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) को भेजा और कहा कि वह एनएसी के सदस्यों या यूपीए अध्यक्ष के नाते सोनिया गांधी की या़त्राओं से जुड़े किसी मामले में किसी भी समय शामिल नहीं है। एनएसी ने कहा कि उसे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। एनएसी ने आवेदन को प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया, चूंकि पीएमओ एनएसी के कामकाज में होने वाले पूरे खर्च की जानकारी रखता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने 20 अक्टूबर को दिए अपने जवाब में कहा, 'कार्यालय में मौजूद रिकॉर्ड में कोई जानकारी नहीं है।' संसदीय कार्य मंत्रालय ने भी कहा कि उसके रिकॉर्ड के अनुसार उसके पास सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है।


विकास जामनगर : सोनिया के सारे काम गुप्त है...... कहीं हमने एक गुप्तचर को तो देश की कमान नही सौपी हुई है...?? भगवान ही जाने क्या होगा इस देश का... अंदर भी प्राब्लम (सोनिया,राहुल,चिटम्बरम, कपिल, दिग्विजय, शीला-,और भी बहुत नाम हैं), बाहर (चीन, पाकिस्तान) भी प्राब्लम...

अखंड प्रताप शहडोल :आर टी आई की तहत मागी गयीकरजानकारी को सरकार कोहरहाल मे मुहैया करवानी चाहिएजीससे सरकार के प्रति लोगो का बिस्वास बरकरार रहे. ...इससे ये पता चल रहा हैं की सरकार ग़लतियो को छुपाने मे लगी हैं.

इरसाद डेल्ही : सी आई ए एजेंट रह चुकी है / इतना आसान नही क्न्हा गयी पता लगाना / ये तो पिग्गी से मिलकर यान्हा के सीक्रेट भी बेच रही हो तो कांग्रेस को फ़र्क नई पड़ेगा
कृष्णन पुणे : हमारे देश में, यकिनन प्रैस मीडियाँ अवसर वादी है| अगर किसीसे पैसे मिलते हो तो कितना भी पुराना केस हो उसे हलकरेंगे|पर कुछ अती विशिष्ट व उनके खानदान को भी स्पर्श कर जावें तो गनिमत है| वो जुलियन आसाँज़ को शायद इसकी डयूटी लगा रखी है| मालूम सब है पर मिडीयाँ अवसर कि ताक मे हैकि कब कोई विदेशी चैनल इस बात की गवाही व सबूत खोलता है|यकिनन वो ऐंडमिट बडे कैंसर हौसपिटल मे ही थी|लेकिन ऐंसी कौन सी बिमारी जिसका रहस्य अभी तक टोप सिकरैट बना है|प्रैस तो बडी पैनी नज़र से काम करता है|फिर गुप्तता क्यों?लोग भी भ्रष्टाचार के विरोध मे ये बात भूल गये|हैरानीकि बातयेहै कि इतने महंगे ईलाज का खर्च भी>भारतीय देशकि जनता का ही पैसा है |तो सच्चाई देश सामने आनी ही चाहिये कि कब, कहाँ, कैसे, विदेशी यात्रा परदिन, प्रतिदिनम् तर्क संगत रही>और जो बीच२ मॅ शोर मचता है कि स्विज़ बैंक का शह निकस पैसे को सहीदिशा रूप में क्रिया वनण करने का ईशारा व यथार्थ मेइसमें कितनी सच्चाई है|जो कुछ भी हो सब सत्य रुप में हकिकतप्रैस को समक्ष लानी है

सौर्स : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10656126.cms

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