*फतवा मदरसों कट्टरपंथी में गुमनाम होता मुसलमान*
मैंने भारतीय मुसलमानों को कभी कोई यूनिवर्सिटी स्कूल या कॉलेज मांगते हुए नहीं देखा और ना ही कभी वो अपने इलाके में अस्पताल के लिए आंदोलन चलाते हैं और ना ही बिजली-पानी के लिए ना ही उनसे शिक्षा प्राप्त रोजगार, सड़के, एक भी ऐसी चीज नही जो जरूरत को पूरी करती हो जिसका फायदा देश को हो हिन्दुओ को भी हो वो चीज तो मांगनी ही नही...?? खेर अब तो योगी सरकार बिन मांगे सब कुछ दे रही है पर ये मुसलमानो की नियति है। इनका विकास से कोई सरोकार नही इनको तो मौलाना मौलवियों के क़दमो पर चलना है।
उनको तो चाहिए बस...? औरतो की बर्बादी, कब्रिस्तान, मदरसा, हज सब्सिडी, बुर्का, हलाल, तीन तलाक, खाने में मीट, अनगिनत बच्चें, बड़े भाई का कुर्ता, छोटे भाई का ऊंचा पैजामा, बड़ा सा दहाड़ा, , खुली चप्पल, दर्जी की दुकान, टायर पंचर लगाने का सामान, चारपाई के नीचे थाली भर मांस, और शहादत किया स्वाभाविक मौत के बाद जन्नत की हुर्रे...?? और न जाने क्या क्या ?? तौबा तौबा।
पहले तो इनको दुसरे देशो की फ़िक्र छोड़नी चाहिए जहाँ जो हो रहा होने दे बस अपने देश से मतलब रखे। हमको क्या लेना रोहंगिया, येरुशलम, अरब, पाकिस्तान, फिलिस्तान से। अपने देश के लिए सोचे अपने देश को विकसित करे अपने देश के लिए जिये और मरे। ये सपना दिल में संजोए रखे।
और ये हालत तुम्हारी तब तक रहने वाली है जब तक तुम मौलाना मौलवियों इस्लामिक संस्थाओ कट्टर पन्थियों के बहकावे में आकर मोदी भाजपा को हराने का ख़्वाब पालते रहोगे। मोदी जी योगी जी मुस्लिमो के लिए बहुत बेहतरीन शानदार कार्य कर रहे है पर कुछ कठमुल्लों को तो विकास से ज्यादा मोदी जी योगी जी की हार जरुरी है।
अब मैं ये कहूँ की मुसलमान बिजली, पानी, सड़क और रोजगार के लिए वोट नहीं देते बल्कि वो सिर्फ बीजेपी को रोकने के लिए वोट देते है तो कुछ भी गलत नही होगा। आखिर मौलानाओं मौलवियों के हाथो की कठपुतली जो बने पड़े है।
शायद कठमुल्लों को लगता है कि बीजेपी के जीतने से इस्लाम का विस्तार रुक जाएगा और इस्लाम खतरे में आ जायेगा जबकि ये सरासर झूठ है। मोदी राज में मुसलमान सबसे ज्यादा खुश है अच्छे से जिंदगी जी रहे है कुछ सिर्फ दाढ़ी वालो को छोड़कर। उनको तो डर लगेगा और लगना भी चाहिए।
सेकुलर और कठमुल्ले मेरी पोस्ट से दूर रहे। मुल्ले यहाँ इस्लामिक स्टेट बनाये और कुछ न लिखूं मैं ऐसी गद्दार नहीं।
जय हिन्द, जय भारत
भारत माता की जय
वंदे मातरम्
*रूमाना सिद्दीक़ी भारतीय मुसलमान*
मैंने भारतीय मुसलमानों को कभी कोई यूनिवर्सिटी स्कूल या कॉलेज मांगते हुए नहीं देखा और ना ही कभी वो अपने इलाके में अस्पताल के लिए आंदोलन चलाते हैं और ना ही बिजली-पानी के लिए ना ही उनसे शिक्षा प्राप्त रोजगार, सड़के, एक भी ऐसी चीज नही जो जरूरत को पूरी करती हो जिसका फायदा देश को हो हिन्दुओ को भी हो वो चीज तो मांगनी ही नही...?? खेर अब तो योगी सरकार बिन मांगे सब कुछ दे रही है पर ये मुसलमानो की नियति है। इनका विकास से कोई सरोकार नही इनको तो मौलाना मौलवियों के क़दमो पर चलना है।
उनको तो चाहिए बस...? औरतो की बर्बादी, कब्रिस्तान, मदरसा, हज सब्सिडी, बुर्का, हलाल, तीन तलाक, खाने में मीट, अनगिनत बच्चें, बड़े भाई का कुर्ता, छोटे भाई का ऊंचा पैजामा, बड़ा सा दहाड़ा, , खुली चप्पल, दर्जी की दुकान, टायर पंचर लगाने का सामान, चारपाई के नीचे थाली भर मांस, और शहादत किया स्वाभाविक मौत के बाद जन्नत की हुर्रे...?? और न जाने क्या क्या ?? तौबा तौबा।
पहले तो इनको दुसरे देशो की फ़िक्र छोड़नी चाहिए जहाँ जो हो रहा होने दे बस अपने देश से मतलब रखे। हमको क्या लेना रोहंगिया, येरुशलम, अरब, पाकिस्तान, फिलिस्तान से। अपने देश के लिए सोचे अपने देश को विकसित करे अपने देश के लिए जिये और मरे। ये सपना दिल में संजोए रखे।
और ये हालत तुम्हारी तब तक रहने वाली है जब तक तुम मौलाना मौलवियों इस्लामिक संस्थाओ कट्टर पन्थियों के बहकावे में आकर मोदी भाजपा को हराने का ख़्वाब पालते रहोगे। मोदी जी योगी जी मुस्लिमो के लिए बहुत बेहतरीन शानदार कार्य कर रहे है पर कुछ कठमुल्लों को तो विकास से ज्यादा मोदी जी योगी जी की हार जरुरी है।
अब मैं ये कहूँ की मुसलमान बिजली, पानी, सड़क और रोजगार के लिए वोट नहीं देते बल्कि वो सिर्फ बीजेपी को रोकने के लिए वोट देते है तो कुछ भी गलत नही होगा। आखिर मौलानाओं मौलवियों के हाथो की कठपुतली जो बने पड़े है।
शायद कठमुल्लों को लगता है कि बीजेपी के जीतने से इस्लाम का विस्तार रुक जाएगा और इस्लाम खतरे में आ जायेगा जबकि ये सरासर झूठ है। मोदी राज में मुसलमान सबसे ज्यादा खुश है अच्छे से जिंदगी जी रहे है कुछ सिर्फ दाढ़ी वालो को छोड़कर। उनको तो डर लगेगा और लगना भी चाहिए।
सेकुलर और कठमुल्ले मेरी पोस्ट से दूर रहे। मुल्ले यहाँ इस्लामिक स्टेट बनाये और कुछ न लिखूं मैं ऐसी गद्दार नहीं।
जय हिन्द, जय भारत
भारत माता की जय
वंदे मातरम्
*रूमाना सिद्दीक़ी भारतीय मुसलमान*
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