मंगलवार, नवंबर 21, 2017

जाग जाओ हिंदुओं। लाल हरे सफ़ेद राक्षस सब लील रहे है

मो ने कहा पड़ोसी को लूटो, उसकी स्त्री को भोगदासी बनाओ, लूट व भोगदासियो में से बीस प्रतिशत हिस्सा मेरा। बदले में ये लो अल लाह का sanction।
और मज़हब का चोला पहने एक माफ़िया गैंग का जन्म हुआ।
१४०० साल हो गए, ना किसी शांतिदूत ने पूछा कि भगवान हारे हुए राज्य की प्रजा को लूटने की इजाज़त कैसे दे सकता है, व महिलाओं से बलात्कार की इजाज़त कैसे दे सकता है (आसमानी किताब में एक पूरी सुरा है लूट के माल व उसके बँटवारे को लेकर, व आधा दर्जन आयत है हारे हुए लोगों की महिलाओं के बलात्कार को लेकर।)
ना किसी काफ़िर ने कहा कि ऐसी घृणित किताब को भगवान की किताब मानने वाला मेरा पड़ोसी कैसे हो सकता है।
लूट और औरतो का लालच ऐसा कि मो का गैंग टिड्डी की तरह बढ़ता गया।
एक दिन भारत भी आए।
संख्या बल से जीते भी तो इतने मरें कि कभी सोचा न था।
और नगर में घुसे तो महिलाये मर चुकी होती थी, शव भी न मिलते। (मो ने शव का बलात्कार भी जायज़ बताया है।)
और धन, धन तो काफ़िर लेकर जंगलो में भाग जाते, पहाड़ों में छुप जाते।
मो का मॉडल चरमरा गया।
मो के चेलों ने tactic बदली। बोले ना लूटेंगे न बलात्कार करेंगे। जैसे हिंदू राजाओं ने राज किया राज करेंगे। टैक्स दो, नज़राना दो, व पहले जैसे ही कारोबार करो। और सूदख़ोर व मियाँ भाई की पार्ट्नरशिप का जन्म हुआ।
हिंदू elite ने ख़ुद को सुरक्षित पाया व शांतिदूतो को राज करने दिया लेकिन ग़रीब हिंदू के विरुद्ध जारी low level, random, but unceasing violence को नहीं देख पाए।
अंग्रेज़ आए। अपने साथ पादरी भी लाए। बोले धर्म बदलो। हिंदू भड़क गए व 1857 में ऐसा ठोका कि अंग्रेजो ने चुप चाप पादरियों को वापिस भेजा व शांतिदूतो की तरह ही हिंदुओं को सत्ता में भागीदार बनाया।
आया 1947. दो राक्षस महात्मा व पंडित अपने नाम के आगे लिख कर आए व हिंदू सो गए।
जाग जाओ हिंदुओं। लाल हरे सफ़ेद राक्षस सब लील रहे है
सनातन धर्म का इतना नुक़सान 700 साल में नहीं हुआ जितना पिछले 70 साल में हुआ है।
जाग जाओ हिंदुओं अब तो।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें