क्या आप जानते हैं कि..... दुनिया का पहला काफ़िर ( जो कुरान को ना माने ) कौन है....?????
दरअसल बात ऐसी है कि..... आज मुस्लिम लगभग पूरी दुनिया में फैले हुए हैं.... और... पूरी दुनिया को ही इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए ..... काफिरों ( जो कुरान पर इमान ना लाये.. या कुरान को ना माने ) ... के खिलाफ जिहाद चला कर पूरी दुनिया कि शांति भंग किए हुए हैं...!
परन्तु .... आप यह जानकार दंग रह जाएंगे कि..... दुनिया का सबसे बड़ा ... और सबसे पहला काफिर ..... और कोई नहीं बल्कि...... इस्लाम का प्रतिपादक और तथाकथित रूप से अल्लाह का रसूल ..... मुहम्मद ही था....!
मुहम्मद ने .... अपने जीवनकाल में.... अपने व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के लिए ..... ना सिर्फ "खुदाई किताब कुरान" की खिल्लियाँ उड़ाई..... बल्कि.... कुरान के आदेशों की जम कर अवहेलना की...... और ..... मुहम्मद ने....... खुदा का रसूल होते हुए भी....... अपने जीवन काल में ..... अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए.... खुदा के आदेशों की धज्जियाँ उड़ा दी...!
ये कोई काल्पनिक बातें नहीं है..... बल्कि.... खुद कुरान और ... विभिन्न इस्लामिक धर्म ग्रंथों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि...... मुहम्मद ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से वशीभूत होकर ... किस प्रकार कुरान के खुदाई आदेशों की धज्जियाँ उड़ा दी...!
ज़रा आप भी ..... कुरान के उन सन्दर्भों का अध्धयन करें...... तथा.... इस्लाम, कुरान और मुहम्मद से सम्बंधित अपने सामान्य ज्ञान में वृद्धि करें.......
@@@ 1 -रोजे की हालत में सेक्स किया
कुरान कहता है.... -"तुम्हारे लिए रोजे की रातों में अपनी स्त्रियों के पास जाना हराम है .......... "सूरा -बकरा 2 :187
#### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन - रसूल ने रोजे की हालत में अपनी पत्नी उम्मे सलाम को चूमा और उस से शारीरिक सम्बन्ध बनाया .... . बुखारी -जिल्द 1 किताब 6 हदीस 319
उम्मे सलाम ने कहा कि ,.... रसूल रोजे से थे और मेरा महीना चल रहा था .... रसूल ने मुझे उसे एक ऊनी लिहाफ में लिटा लिया और फिर मेरे कपडे उतारवा दिए और अपने कपडे उतार दिए ....फिर, हमने मिल कर एक मिट्टी के बड़े से बर्तन Jambaa में नहाया .........बुखारी -जिल्द 3 किताब 31 हदीस 149
आयशा ने कहा कि..... रसूल रोजे की हालत में भी अपनी औरतों आलिंगन में लेकर उनको चुमते थे .और वे रोजे हालत में भी मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसते थ...... सुन्नन अबू दौउद -किताब 13 हदीस 2380
@@@ 2 -शादी में मेहर नहीं दिया
कुरान का आदेश -"और तुम अपनी औरतों को शादी के समय उनका मेहर हैसियत के मुताबिक़ दो............... "सूरा -अन निसा 4 :4
#### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन -"रसूल ने साफिया बिन्त हुयेय्य नाम की औरत से शादी की.......जिसे खैबर के युद्ध में पकड़ा गया था.. और, रसूल पहले उसके साथ तीन दिनों तक सम्भोग किया था.....बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 523
"अनस बिन मालिक ने कहा कि.......... खैबर से लौटते समय रसूल ने रास्ते में ही साफिया को अपनी पत्नी घोषित कर दिया था .....और, उसपर एक चादर डाल दी थी ....बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 524
अनस ने बिन मालिक ने कहा कि..... ,जब रसूल साफिया के साथ सम्भोग की तैयारी कर रहे थे तो ..... उस्मान ने कहा कि साफिया कुंवारी नहीं है ... और , उसकी शादी हो चुकी है .... इसीलिए कुरान के अनुसार उसकी इद्दत पूरी नहीं हुई है .... लेकिन रसूल ने उसे नहीं माना................... .मुस्लिम -किताब 8 हदीस ३३२६
@@@ 3 -अनुमति से अधिक औरतें रखीं
कुरान का आदेश -"और, इतनी औरतों के बाद अतिरिक्त औरतें रखना तुम्हारे लिए हराम है और यह जायज नहीं है कि.... तुम अपनी पत्नियों को बदल कर दूसरी औरतें ले आओ ...चाहे उनकी सुन्दरता तुम्हें कितनी भी भाये ..........सूरा -अहजाब 33 :52
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन - कुरान के इस आदेश कि खुलम खुल्ला उल्लंघन करते हुए मुहम्मद ने ....अपनी ग्यारह पत्निया और कई रखेलों के अलावा........ कई दासियों भी रख रखी थी.
@@@ 4 -अपने दोस्त की सजा माफ़ कर दी
कुरान का आदेश - व्यभिचार करने वाले पुरुष और स्त्री दोनों में से हरेक को सौ कोड़े मारो .और, अल्लाह के कानून के मामले में किसी को उन पर तरस नहीं आना चाहिए .....सूरा -अन नूर 24 :2
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन - अनस बिन मालिक ने कहा कि... मैं रसूल के पास बैठा था ......तभी लोग एक आदमी को रसूल के सामने लाये ......जिस पर व्यभिचार का आरोप था... और, रसूल उसको जानते थे ,
वह रसूल के साथ नमाज पढ़ता था ..... फिर, उसने रसूल से पूछा कीकि... आप मुझे क्या सजा डोज .... .?
इस पर रसूल ने उस से कहा .........जाओ, मैंने तेरा अपराध माफ़ कर दिया ..............बुखारी -जिल्द 8 किताब 82 हदीस 812
@@@ 5 -हज्ज के कपड़ो (इहराम ) को पहन कर शादी की
कुरान का आदेश -जिन लोगों ने हज का इरादा कर लिया है (इहराम पहमपहन लिया ) उनको हज के दिनों में विषयभोग की बातें करना जायज नहीं हैं..... सूरा -बकरा 2 :197
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन -इब्ने अबास ने कहा कि ..... रसूल उमरा (हज ) के लिए मक्का जा रहे थे ..... तभी, उनको मैमूना बिन्त से शादी का प्रस्ताव मिला ... जिसे रसूल ने तुरत कबूल कर लिया ....और, इहराम पहने हुए ही मैमूना से निकाह कर लिया ........ तबरी -जिल्द 8 हदीस 136 .
मुस्लिम -किताब 1 हदीस 1671 ,1674 और 1675 और अबू दाऊद -जिल्द 2 किताब 10 हदीस 1840
"मैमूना का पति मर गया था .इस शादी के समय रसूल कि आयु 53 साल और मैमूना की आयु 30 साल थी .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3284
बुखारी - जिल्द 5 किताब 59 हदीस 559 .और सुन्नन नसाई -जिल्द 1 हदीस 43 पेज 130
@@@ 6 -अपनी पत्नियों को तलाक दी
कुरान का आदेश -हे रसूल.... तुम्हारे लिए यह जायज नहीं है कि.... तुम अपनी पत्नियों को तलाक देकर दूसरी औरतें ले आओ ...चाहे उनकी सुन्दरता तम्हें कितनी भी भाये .... "सूरा -अहजाब 33 :52
(इसी आयत की तफ़सीर (व्याख्या ) में लिखा है ........ रसूल को अपनी पत्नियों को तलाक देना हराम था पेज 473 )
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन -इसके बावजूद मुहमद ने इन औरतों को तलाक दी थी -
I-उम्मे शरीक -इसका नाम गाज़िया बिन जाबिर था .... .जिसका एक लड़का भी था .... और, विधवा थी...... तबरी -जिल्द 9 हदीस 139
II -मुलायाका बिन दाऊद -इसने मुहम्मद से कहा था..... तुम मेरे पिता के हत्यारे हो..... इसीलिए मुहम्मद ने उसे तलाक दे दी .....तबरी जिल्द 9 हदीस 165
III -अल शनबा बिन्त अम्र -जब्मुहम्मद का पुत्र इब्राहीम मरा तो इसने कहा था कि .....अगर तुम सचमुच रसूल होते तो ,/////तुम्हारा बच्चा नहीं मरता ..... जिस पर मुहम्मद ने शनबा को मारा और उसे तलाक दे दिया .......तबरी -जिल्द 9 हदीस 136
IV -अल आलिया बिन्त जबियान- यह हमेशा बीमार रहती थी ..... इसलिए तलाक दिया ............तबरी -जिल्द 9 हदीस 138
V -अमरा बिन्त यजीद - इसे कोढ़ हो गया था ,.... इसीलिए तलाक दी .......इब्ने माजा -जिल्द 3 हदीस 2054 और तबरी -जिल्द 9 हदीस 188
VI - कुतैला बिन्त कैस- इसके भाई ने इस्लाम छोड़ दिया .....इसलिए तलाक दे दी .तबरी -........जिल्द 9 हदीस 138 और 138
VII -असमा बिन्त नौमान - इसको भी कोढ़ हो गया था ........इसलिए तलाक दिया था .........तबरी -जिल्द 39 हदीस 187
बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 181 .और बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 180
^^^^^^^ उपरोक्त विवरणों से बिल्कुल स्पष्ट है कि.... मुहम्मद कुरान.... अर्थात .... खुदा के आदेशों को जरा भी तरजीह नहीं देता था.... और... हमेशा ही उसकी अवहेलना किया करता था...!
इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि.... मुहम्मद को ये बात भली भांति मालूम थी कि.... कुरान कोई आसमानी किताब नहीं है.... ना ही उसमे अल्लाह के आदेश हैं....!
या फिर..... दुनिया का पहला और सबदे बड़ा काफिर और कोई नहीं.... बल्कि .... इस्लाम का प्रतिपादक और अल्लाह का तथाकथित रसूल मुहम्मद ही था....!
इसीलिए मुस्लिम.... गैर मुस्लिमों को काफिर बोलने के बजाए..... सबसे पहले ... अपने रसूल मुहम्मद को ही ..... सबसे पहला और बड़ा काफिर घोषित करें....... उसके बाद गैर मुस्लिमों पर उंगली उठाएं....!
जय महाकाल...!!!
नोट: 1 . इस लेख का उद्देश्य किसी कि धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना या किसी को अपमानित करना कतई नहीं है...!
2. यह लेख कुरान के प्रमाणिक हदीसों के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही लिखी गयी है.... और, कोई भी व्यक्ति ... लेख में प्रयुक्त की गयी हदीसों का मिलान कुरान की ओरिजिनल प्रति से कर सकता है...!
दरअसल बात ऐसी है कि..... आज मुस्लिम लगभग पूरी दुनिया में फैले हुए हैं.... और... पूरी दुनिया को ही इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए ..... काफिरों ( जो कुरान पर इमान ना लाये.. या कुरान को ना माने ) ... के खिलाफ जिहाद चला कर पूरी दुनिया कि शांति भंग किए हुए हैं...!
परन्तु .... आप यह जानकार दंग रह जाएंगे कि..... दुनिया का सबसे बड़ा ... और सबसे पहला काफिर ..... और कोई नहीं बल्कि...... इस्लाम का प्रतिपादक और तथाकथित रूप से अल्लाह का रसूल ..... मुहम्मद ही था....!
मुहम्मद ने .... अपने जीवनकाल में.... अपने व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के लिए ..... ना सिर्फ "खुदाई किताब कुरान" की खिल्लियाँ उड़ाई..... बल्कि.... कुरान के आदेशों की जम कर अवहेलना की...... और ..... मुहम्मद ने....... खुदा का रसूल होते हुए भी....... अपने जीवन काल में ..... अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए.... खुदा के आदेशों की धज्जियाँ उड़ा दी...!
ये कोई काल्पनिक बातें नहीं है..... बल्कि.... खुद कुरान और ... विभिन्न इस्लामिक धर्म ग्रंथों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि...... मुहम्मद ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से वशीभूत होकर ... किस प्रकार कुरान के खुदाई आदेशों की धज्जियाँ उड़ा दी...!
ज़रा आप भी ..... कुरान के उन सन्दर्भों का अध्धयन करें...... तथा.... इस्लाम, कुरान और मुहम्मद से सम्बंधित अपने सामान्य ज्ञान में वृद्धि करें.......
@@@ 1 -रोजे की हालत में सेक्स किया
कुरान कहता है.... -"तुम्हारे लिए रोजे की रातों में अपनी स्त्रियों के पास जाना हराम है .......... "सूरा -बकरा 2 :187
#### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन - रसूल ने रोजे की हालत में अपनी पत्नी उम्मे सलाम को चूमा और उस से शारीरिक सम्बन्ध बनाया .... . बुखारी -जिल्द 1 किताब 6 हदीस 319
उम्मे सलाम ने कहा कि ,.... रसूल रोजे से थे और मेरा महीना चल रहा था .... रसूल ने मुझे उसे एक ऊनी लिहाफ में लिटा लिया और फिर मेरे कपडे उतारवा दिए और अपने कपडे उतार दिए ....फिर, हमने मिल कर एक मिट्टी के बड़े से बर्तन Jambaa में नहाया .........बुखारी -जिल्द 3 किताब 31 हदीस 149
आयशा ने कहा कि..... रसूल रोजे की हालत में भी अपनी औरतों आलिंगन में लेकर उनको चुमते थे .और वे रोजे हालत में भी मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसते थ...... सुन्नन अबू दौउद -किताब 13 हदीस 2380
@@@ 2 -शादी में मेहर नहीं दिया
कुरान का आदेश -"और तुम अपनी औरतों को शादी के समय उनका मेहर हैसियत के मुताबिक़ दो............... "सूरा -अन निसा 4 :4
#### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन -"रसूल ने साफिया बिन्त हुयेय्य नाम की औरत से शादी की.......जिसे खैबर के युद्ध में पकड़ा गया था.. और, रसूल पहले उसके साथ तीन दिनों तक सम्भोग किया था.....बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 523
"अनस बिन मालिक ने कहा कि.......... खैबर से लौटते समय रसूल ने रास्ते में ही साफिया को अपनी पत्नी घोषित कर दिया था .....और, उसपर एक चादर डाल दी थी ....बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 524
अनस ने बिन मालिक ने कहा कि..... ,जब रसूल साफिया के साथ सम्भोग की तैयारी कर रहे थे तो ..... उस्मान ने कहा कि साफिया कुंवारी नहीं है ... और , उसकी शादी हो चुकी है .... इसीलिए कुरान के अनुसार उसकी इद्दत पूरी नहीं हुई है .... लेकिन रसूल ने उसे नहीं माना................... .मुस्लिम -किताब 8 हदीस ३३२६
@@@ 3 -अनुमति से अधिक औरतें रखीं
कुरान का आदेश -"और, इतनी औरतों के बाद अतिरिक्त औरतें रखना तुम्हारे लिए हराम है और यह जायज नहीं है कि.... तुम अपनी पत्नियों को बदल कर दूसरी औरतें ले आओ ...चाहे उनकी सुन्दरता तुम्हें कितनी भी भाये ..........सूरा -अहजाब 33 :52
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन - कुरान के इस आदेश कि खुलम खुल्ला उल्लंघन करते हुए मुहम्मद ने ....अपनी ग्यारह पत्निया और कई रखेलों के अलावा........ कई दासियों भी रख रखी थी.
@@@ 4 -अपने दोस्त की सजा माफ़ कर दी
कुरान का आदेश - व्यभिचार करने वाले पुरुष और स्त्री दोनों में से हरेक को सौ कोड़े मारो .और, अल्लाह के कानून के मामले में किसी को उन पर तरस नहीं आना चाहिए .....सूरा -अन नूर 24 :2
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन - अनस बिन मालिक ने कहा कि... मैं रसूल के पास बैठा था ......तभी लोग एक आदमी को रसूल के सामने लाये ......जिस पर व्यभिचार का आरोप था... और, रसूल उसको जानते थे ,
वह रसूल के साथ नमाज पढ़ता था ..... फिर, उसने रसूल से पूछा कीकि... आप मुझे क्या सजा डोज .... .?
इस पर रसूल ने उस से कहा .........जाओ, मैंने तेरा अपराध माफ़ कर दिया ..............बुखारी -जिल्द 8 किताब 82 हदीस 812
@@@ 5 -हज्ज के कपड़ो (इहराम ) को पहन कर शादी की
कुरान का आदेश -जिन लोगों ने हज का इरादा कर लिया है (इहराम पहमपहन लिया ) उनको हज के दिनों में विषयभोग की बातें करना जायज नहीं हैं..... सूरा -बकरा 2 :197
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन -इब्ने अबास ने कहा कि ..... रसूल उमरा (हज ) के लिए मक्का जा रहे थे ..... तभी, उनको मैमूना बिन्त से शादी का प्रस्ताव मिला ... जिसे रसूल ने तुरत कबूल कर लिया ....और, इहराम पहने हुए ही मैमूना से निकाह कर लिया ........ तबरी -जिल्द 8 हदीस 136 .
मुस्लिम -किताब 1 हदीस 1671 ,1674 और 1675 और अबू दाऊद -जिल्द 2 किताब 10 हदीस 1840
"मैमूना का पति मर गया था .इस शादी के समय रसूल कि आयु 53 साल और मैमूना की आयु 30 साल थी .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3284
बुखारी - जिल्द 5 किताब 59 हदीस 559 .और सुन्नन नसाई -जिल्द 1 हदीस 43 पेज 130
@@@ 6 -अपनी पत्नियों को तलाक दी
कुरान का आदेश -हे रसूल.... तुम्हारे लिए यह जायज नहीं है कि.... तुम अपनी पत्नियों को तलाक देकर दूसरी औरतें ले आओ ...चाहे उनकी सुन्दरता तम्हें कितनी भी भाये .... "सूरा -अहजाब 33 :52
(इसी आयत की तफ़सीर (व्याख्या ) में लिखा है ........ रसूल को अपनी पत्नियों को तलाक देना हराम था पेज 473 )
### मुहम्मद द्वारा उल्लंघन -इसके बावजूद मुहमद ने इन औरतों को तलाक दी थी -
I-उम्मे शरीक -इसका नाम गाज़िया बिन जाबिर था .... .जिसका एक लड़का भी था .... और, विधवा थी...... तबरी -जिल्द 9 हदीस 139
II -मुलायाका बिन दाऊद -इसने मुहम्मद से कहा था..... तुम मेरे पिता के हत्यारे हो..... इसीलिए मुहम्मद ने उसे तलाक दे दी .....तबरी जिल्द 9 हदीस 165
III -अल शनबा बिन्त अम्र -जब्मुहम्मद का पुत्र इब्राहीम मरा तो इसने कहा था कि .....अगर तुम सचमुच रसूल होते तो ,/////तुम्हारा बच्चा नहीं मरता ..... जिस पर मुहम्मद ने शनबा को मारा और उसे तलाक दे दिया .......तबरी -जिल्द 9 हदीस 136
IV -अल आलिया बिन्त जबियान- यह हमेशा बीमार रहती थी ..... इसलिए तलाक दिया ............तबरी -जिल्द 9 हदीस 138
V -अमरा बिन्त यजीद - इसे कोढ़ हो गया था ,.... इसीलिए तलाक दी .......इब्ने माजा -जिल्द 3 हदीस 2054 और तबरी -जिल्द 9 हदीस 188
VI - कुतैला बिन्त कैस- इसके भाई ने इस्लाम छोड़ दिया .....इसलिए तलाक दे दी .तबरी -........जिल्द 9 हदीस 138 और 138
VII -असमा बिन्त नौमान - इसको भी कोढ़ हो गया था ........इसलिए तलाक दिया था .........तबरी -जिल्द 39 हदीस 187
बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 181 .और बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 180
^^^^^^^ उपरोक्त विवरणों से बिल्कुल स्पष्ट है कि.... मुहम्मद कुरान.... अर्थात .... खुदा के आदेशों को जरा भी तरजीह नहीं देता था.... और... हमेशा ही उसकी अवहेलना किया करता था...!
इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि.... मुहम्मद को ये बात भली भांति मालूम थी कि.... कुरान कोई आसमानी किताब नहीं है.... ना ही उसमे अल्लाह के आदेश हैं....!
या फिर..... दुनिया का पहला और सबदे बड़ा काफिर और कोई नहीं.... बल्कि .... इस्लाम का प्रतिपादक और अल्लाह का तथाकथित रसूल मुहम्मद ही था....!
इसीलिए मुस्लिम.... गैर मुस्लिमों को काफिर बोलने के बजाए..... सबसे पहले ... अपने रसूल मुहम्मद को ही ..... सबसे पहला और बड़ा काफिर घोषित करें....... उसके बाद गैर मुस्लिमों पर उंगली उठाएं....!
जय महाकाल...!!!
नोट: 1 . इस लेख का उद्देश्य किसी कि धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना या किसी को अपमानित करना कतई नहीं है...!
2. यह लेख कुरान के प्रमाणिक हदीसों के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही लिखी गयी है.... और, कोई भी व्यक्ति ... लेख में प्रयुक्त की गयी हदीसों का मिलान कुरान की ओरिजिनल प्रति से कर सकता है...!
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