गुरुवार, नवंबर 18, 2021

कुछ अच्छाइयां.. अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए, जिनका ईश्वर के सिवाय.. कोई और गवाह् ना हो...!!

 एक समय की बात है ।

मैं पैदल वापस घर आ रहा था । रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था । पास जाकर देखा, लिखा था:

कृपया पढ़ें

"इस रास्ते पर मैंने कल एक 50 का नोट गंवा दिया है ।
मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।" ...

यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई ।
पता याद रखा ।
यह उस गली के आखिरी में एक घऱ था ।
वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई ।
मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है ।
उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।

"माँ जी", मैंने कहा - "आपका खोया हुआ 50 मुझे मिला है उसे देने आया हूँ ।"

यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।

"बेटा,
अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 दे चुके हैं ।
मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, ।
ठीक से दिखाई नहीं देता ।
पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।"

बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए ।
पर एक विनती की -
' बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा ।
जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।
'मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी "माँ" ने यही कहा होगा ।
किसी ने भी नहीं फाड़ा ।
जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है,
ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा..!!
मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया ।
जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा ।
सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई ।
और मैंने भी उस कागज को फाड़ा नहीं ।
मदद के तरीके कई हैं सिर्फ कर्म करने की तीव्र इच्छा मन मॆ होनी चाहिए

कुछ नेकियाँ
और
कुछ अच्छाइयां..
अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए,
जिनका ईश्वर के सिवाय..
कोई और गवाह् ना हो...!!

रविवार, नवंबर 14, 2021

अब्दुल जन्मजात सबसे बड़ा कायर होता है

 अब्दुल जन्मजात सबसे बड़ा कायर होता है 

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फट्टू होता है
फटान होता है

इसीलिए केवल बड़ी बड़ी बातें करता है
भीड़ में हुआँ हुआँ करता है

इसलिए झूठ फैलाता रहता है
अब्दुल मरने से नही डरता है

इन्होंने एक लड़ाई संसार में नहीं जीती
भगोड़े फट्टू केवल धोखा दे सकते हैं
हारने पर माफी मांग लो ताकि
फिर से धूर्तता कर सको

🚫 हमने सद्दाम को सीवर की नाली में छुपे देखा जिसे अमेरिकी सेना ने बाल पकड़कर बाहर निकाला और फंदे से लटका कर फांसी दे दी

🚫 कर्नल गद्दाफ़ी इनका हीरो बनता फिरता था
उसको सड़क की पुलिया के पाईप में छुपे देखा

🚫ओसामा बिन लादेन को अपनी बीवियों के पीछे छिपते देखा जिसे अमेरिकी सैनिकों ने कुत्ते की मौत मारा और समुद्र में फेंक आए ..शार्क खा गई

🚫 ईदी अमीन को बुरका पहनकर महिला के वेश में भागकर सऊदी अरब में शरण लेते देखा

🚫 रोहिंग्याओं को वर्मा से शांतिप्रिय बौद्धों से भागते हुए देखा

🚫 सीरिया में ISIS लड़ाकों को बुर्के मे भागते देखा

🚫 1971 में इमरान के चाचा जरनल नियाजी को भी जान बचाने के लिए सरेंडर करते हुए देखा

🚫 93000 सैनिकों को घुटनों के बल बैठाया है भारतीय सेना ने 1971 में

और हाँ

🚫 अभी अभी उ प्र मेँ आजम खान को पाजाम गीला करता हुआ सबने देखा

🚫मुख्तार अंसारी डर के मारे व्हील चेयर पर पाजामा गीला करता रहा कि गाड़ी न पलट जाय जब उसे पंजाब से युप्पी लाया जा रहा था

🚫 जिसके बदसूरत होठों के दोनों किनारों से थूक निकल जाती है ..भचर भचर बोलने में ..वह जाकिर नाइक डर के मारे मलेशिया में छिपा बैठा है
जो कहता है हम केवल अल्लाह से डरते हैं
उसे अपने बाप की मय्यत तक में आने की हिम्मत नहीं हुई

और अब तो सभी ने ताजा ताजा देखा ही है

🚫 अफगानी फटानों को प्लेन के बाहर लटककर अपने बीबी बच्चो को तालिबान को सौंपकर भागते हुए

अब्दुल मरने से नहीं डरता
जब बोले तो उसे ये सारे नाम गिनवा देना
और कहना तुम संसार के सबसे बड़े फट्टू होते हो मियाँ..

इस्लामोफोबिया की बात तुम्हारे जैसे कायरों के मुँह से तो शोभा नहीं ही देती

तुमसे डरता ही कौन है
☺️☺️☺️☺️
जय राम जी की

गुरुवार, नवंबर 11, 2021

हमारे हिन्दू पर्वों के साथ एक विचित्र परिवर्तन हो रहा है छठ सूर्य देवता की आराधना का पर्व है

 हमारे हिन्दू पर्वों के साथ एक विचित्र परिवर्तन हो रहा है

छठ सूर्य देवता की आराधना का पर्व है
यह छठी मैया का पर्व बन गया
लोग तर्क देते हैं
षष्ठी तिथि के चलते इसे मैया मान लिया गया

चलिए ठीक है
तिथि भी पवित्र होती है
माता होती है
मान लिया

दीपावली इसलिए मनाई जानी शुरू हुई
क्योंकि प्रभु श्रीराम चौदह वर्षों बाद अयोध्या जी लौटे थे
घी के दीयों से सारी नगरी सजाई गई

धीरे से हमारी दीपावली लक्ष्मी गणेश जी की पूजा में बदल गयी
हमने नयी नयी कहानियां ढूंढ निकाली
ये तिथि महालक्ष्मी जी की पूजा का भी है

धन्वंतरी आयुर्वेद के जनक थे
उनकी तिथि धनतेरस बन गयी
च्यवनप्राश खरीदो मत खरीदो
बर्तन भांडे जरूर खरीद लेना
स्कूटर कार मोटर साइकिल किश्तों पर ही ले आना
पर ले आना जरूर

गहने भी अब फाइनेंस होने लगे हैं
सोना जरूर खरीदो धनतेरस को
पर खरीद जरूर लेना

होली में किसे याद रहता है
यह होलिका और प्रह्लाद को याद करने का दिन है

सुबह से भर पेट शराब पी कर..
फटे कपड़ों डाल लो..
सिर पर जेहादियों सी हरी गोल टोपी या नुकीली जोकर टोपी डाल के..
गली में हिलते डगमगाते चलते रहो
ताकि लोग समझ लें
कितने संस्कारी हो

और तो और होली को भी महालक्ष्मी जी को प्रसन्न करो ..पूजन करो ..नयी नयी चीजें खरीदो
ये नया कंसेप्ट भी आने वाला है

कौन लोग हैं
जो आपको अपनी संस्कृति.. अपने धर्म अपने पर्वों त्यौहारों के ..असली अर्थ से भटका रहे हैं

टी वी पर नयी नयी लच्छेदार बातों से ये बाजार वाले आपको उलझा रहे हैं

उनका छिपा एजेंडा क्या है
जानिए तो जरा..!!

आपने कभी सुना कि हालेलुइया वाले
क्रिसमस में जीसस के अलावा किसी और को पूजते हैं

आपने कभी सुना कि मुहर्रम में हाय हसन ..हाय हुसैन के अलावा वे कोई अन्य क्रियाकलाप करते हैं

आपकी होली की तिथि ..दीपावली की तिथि तक को ये शक्तियाँ.. दो दो दिन करा देती हैं
आप कंफ्यूज रहते हैं
होली कब है.. धुलेंडी कब है
वे ठहाके लगाते हैं

जागो.. पग पग पर षड्यंत्र हो रहे हैं
जागो हिन्दुओं जागो
🙏🙏🙏🙏
जय राम जी की

बुधवार, नवंबर 10, 2021

वाल्मीकि समाज का 1857 की क्रान्ति एवं भारत देश की आजादी का गौरवशाली इतिहास

 वाल्मीकि समाज का 1857 की क्रान्ति एवं भारत देश की आजादी का गौरवशाली इतिहास ---

(1) श्री मातादीन वाल्मीकि 1857 सैनिक विद्रोह के महा नायक जिन्हें मंगल पांडे से पहले बैरकपुर में फांसी दी गई।

(2) श्री गंगु वाल्मीकि 1857-58 के क्राँन्तिकारी सोरो एटा के जिन्हें कानपुर में फाँसी दी गई।

(3) श्री राम चन्द्र वाल्मीकि

(4) श्री किशन वाल्मीकि 10 मार्च1919 को दिल्ली में फाँसी दी गई।

(5)श्री सालव वाल्मीकि।

(6)श्री सेहजा वाल्मीकि। दोनों को क्रान्तिकारी घोषित कर दिल्ली में फाँसी दी गई।

(7) श्री बुध्दा

( श्री हरि राम

(9) श्री सुरेन सिह मजहबी

(10) श्री पल्ला वाल्मीकि। चारों महापुरुष 13 अप्रैल1919 अम्रतसर जलियावाला बाग हत्या काण्ड में ब्रिटिश सेना की गोलीबारी में शहीद।

(11) श्री शेरू लाल वाल्मीकि गाजियाबाद 1857 में शहीद

(12) श्री राम स्वरूप वाल्मीकि बिजनौर 1857 में शहीद।

(13) श्री रुढा वाल्मीकि 21 जुलाई 1857 में शहीद।

(14)श्री बालू वाल्मीकि 1857 में शहीद।

(15) श्री सत्तादीन ( सत्तीवा) इलाहाबाद बहुआ गाँव 31 जुलाई 1857 को फाँसी।

(16) श्री भूरा वाल्मीकि 1857 दिल्ली चाँदनी चौक पर फाँसी।

(17) श्री गनेशी वाल्मीकि दिल्ली नि0 18 नवम्बर 1857 को फाँसी दी गई।

(18)श्री मातादिन वाल्मीकि गुडगाँव हरियाणा नि0 15 दिसम्बर 1857 को फाँसी दी गई।

(19) श्री मनोरा वाल्मीकि दिल्ली नि0 22 फरवरी 1857 को फाँसी दी गई।

(20) श्री हरदन वाल्मीकि नि0 गाँव सिसौली मुजफ्फरनगर 1857 में शहीद।

(21) श्री रामजस वाल्मीकि नि0 गाँव नगलिया मुजफ्फरनगर 1857 में शहीद।

(22) श्री बारु वाल्मीकि नि0 गाँव मुण्डभर कैराना मुजफ्फरनगर 1857 में शहीद।
(23) श्री जमादार रजवार वाल्मीकि 20 सितम्बर 1857 में शहीद।
(24) श्री हीरा डोम 22 फरवरी 1857 में फांसी।

(25) श्री महावीर वाल्मीकि 1857 गोरखपुर में शहीद।

(26) श्री भोला वाल्मीकि अहीर जमीरा जिला आरा 1942 में शहीद।
(27) श्री ननकाऊ वाल्मीकि

(28) श्री कन्हैया लाल बक्सी बाजार इलाहाबाद दोनों को चोरी चोरा काण्ड में 12 अगस्त 1942 -45 मैं कारावास।

(29) श्री नरसिह देव जोधपुर राज0 स्वतन्त्रता सेनानी।

(30) श्री राम जी सर्वटे स्वतंत्रता सेनानी

(31) श्री काशी राम वाल्मीकि

(32) श्री अमीर चन्द्र। सूरतगंज फतेहपुर , बाराबंकी भारत छोडो आन्दोलन में 1942 में कारावास।

(33) श्री मातादीन नेता जी नि0 रामपुरवा कानपुर 15 अक्टूबर 1940 में कारावास।

(34) श्री सदन लाल वाल्मीकि स्वतंत्रता सेनानी।

(35) श्रीनाथु राम वाल्मीकि टीकम गढ म0प्र0 स्वतन्त्रता सेनानी।

(36) श्री राम किशन वाल्मीकि दिल्ली।
(37) कल्लु दास वाल्मीकि काम्टी ,नागपुर महाराष्ट्र।

(38) श्री मा0 राम नारायण वाल्मीकि मोतीलाल जयपुर

(39) श्री अजब सिह वाल्मीकि।

(40) श्री शुगन चन्द्र वाल्मीकि मुजफ्फनगर।

(41)श्री उल्फत सिह वाल्मीकि स्वतंत्रता सेनानी नि 0 भरई , भिण्ड , म0प्र0

"1857 की क्रान्ति एव भारतत्र देश की आजादी में वाल्मीकि वीरागनाओं का योगदान"

(1) श्रीमती महावीरी देवी जिन्होंने साथी महिलाओं के साथ मिलकर वर्छी भालों से 18 अंग्रेज सैनिकों को मारकर शहीद हो गई।

(2) श्रीमती रणवीरी वाल्मीकि 10 मई 1857 मैं शहीद।

(3) श्रीमती कमला मोहन्ती उडीसा 1943 मैं कारावास

(4) श्रीमती लाजो देवी

नोट: "लाजो देवी" सफाई कर्मचारी ने मंगल पांडेय को मेरठ छावनी में कारतूस में चर्बी मिले होने के बारे मे बताया था। जिसके बाद 1857 की क्रांति की शुरुआत हुई @लाजो@ नाम से एक पुस्तिका भी रजनी तिलक जी ने लिखी..... लाजो पर पुस्तक लिखने वाली लेखिका रजनी तिलक अब इस दुनिया में नहीं है।
जय वाल्मीकि जय श्री राम
🙏🚩🚩

साभार 🙏