शुक्रवार, जुलाई 17, 2015

Vasim Afdab इस्लाम को दुनिया का सबसे अच्छा और सच्चा मजहब समझता था लेकिन

Vasim Afdab
मै एक मुसलमान था और इस्लाम को दुनिया का सबसे अच्छा और सच्चा मजहब समझता था लेकिन
1- मुझे इस धर्म की सच्चाई पर संदेह हुआ जब मैंने सूरत निसा की आयत नम्बर 24 में अल्लाह का का यह हुक्म पढ़ा, "और वे औरतें तुम पर हराम हैं जो किसी दूसरे के निकाह में हों लेकिन वे महिलाएं (आदेश) से मततसनी हैं जो युद्ध में अपने कब्जे में आईं। यह खुदा का हुक्म है। "
2- मुझे इस धर्म की सच्चाई पर संदेह हुआ जब मुझे मालूम हुआ कि इस मज़हब के पैगम्बर के आदेश पर हथियार डाल देने वाले बनो कुरेज़ा के 600 पुरुषों, यहूदी कैदियों को उनके बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं के रोने और चीख़ने की आवाज़ों के बीच उनकी आँखों के सामने एक दिन में कत्ल कर दिया गया ।
3 - मुझे इस मज़हब के पैगम्बर के सच होने पर संदेह हुआ जब वह मिस्र के राज्यपाल को इस्लाम की दावत / धमकी देता है और जवाब में मिस्र का गवर्नर, पैगम्बर को एक बहुत हसीन औरत (मारिया) ' उपहार 'में पेश करके "शांत" कर देता है। और यह "पाक " पैगंबर मारिया के हुस्न में ऐसा खो जाता है अपनी दूसरी पत्नियों के अधिकारों को भूल जाता है और उनकी "पत्नियों" की पूरी टीम को हड़ताल करनी पड़ जाती है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुरान अल्लाह "पत्नियों" की पूरी टीम को सरेआम चेतावनी देता है , क्या कुरान मुसलमानों के लिए हिदायत की किताब है या मुहम्मद के घरेलू झगड़े निपटाने की ?
4 - मुझे इस धर्म के पैगम्बर के "मोहसिन इंसानियत " होने पर शक हुआ जब यह पाया कि एक युद्ध में हज़रत सफिया के भाई, पति और पिता को उनकी आंखों के सामने हत्या कर उसी रात हज़रत सफिया के साथ पैगम्बर ने जबरन "निकाह किया।
5- मुझे इस समय इस मजहब के पैगम्बर के सच होने पर संदेह हुआ जब पाया कि आप ने अपनी 9 वर्षीय मदनी जीवन में 76 युद्ध कीं (औसत हर डेढ़ महीने के बाद एक युद्ध) और हर युद्ध लूट में इस पैगम्बर का 20 प्रतिशत हिस्सा निर्धारित होता था।
-6 मैं चौंक गया यह जानकर कि इस मजहब के पैगम्बर ने अपने मुह बोले बेटे की पत्नी से शादी कर ली और कुरानअल्लाह ने प्रमाणपत्र प्रदान करके इसे हलाल (वैध) करार दिया।
7- मुझे इस धर्म के पैगम्बर के सच होने पर संदेह हुआ जब उसने 51 साल की उम्र में अपने दोस्त की 6 वर्षीय बच्ची का हाथ अपने मित्र को खलीफा बनाने का लालच देकर अपने लिए मांग लिया।
- आश्चर्य हुई यह जानकर कि पैगम्बर ने काबलियत पर नहीं बल्कि दोस्तों की बेटियों लेकर या देकर उन्हें ख़लीफ़ा बनाया।
8 - आश्चर्य हुई यह जानकर कि "पाक नबी " एक रात में ग्यारह ग्यारह पत्नियों से 'निपटा करता
Rawalpindi, Pakistan से एक मुस्लिम की कलम से

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