DonaldTrump मेरी दृष्टि मे पिछले चार दशकों में अमेरिका के राष्ट्रपति (आप #दुनिया_के_चौधरी ही पढ़िएगा) की गद्दी पर बैठने वाले सबसे #शांतिप्रिय व्यक्ति थे.
आप चौंक गए?
जी हां!! आपने ठीक पढ़ा. मेरे विचार तथ्यात्मक और तुलनात्मक हैं.. दूध का धुला कोई भी नहीं है. मेरी नजर में उन्हें "अन्धो में काना राजा" वाली कहावत पर तौलनाा भी गलत होगा !!
१. अस्सी का दशक #रोनाल्ड_रीगन का था। उनके कुकृत्यों में :
- ईरान इराक युद्ध में डबल क्रॉस करना,
- युद्द प्रेमी शासकों और डिक्टेटर देशों को शस्त्र बेचना
- यू एस एस आर के साथ एटमी शक्ति में "शस्त्र_प्रतिस्
- कंबोडिया में पैशाचिक ख्मेर रूज के शासन को छद्म रूप से समर्थन,
- दक्षिणी अमेरिकी देशों अर्जेंटीना, अल सल्वाडोर, बोलीविया, उरुग्वे, होंडुरास, इत्यादि देशों में लाखों लोगों की मौत और नरसंहार में हिस्सेदारी में उनका भी हाथ रहा. उनकी सरकार समय समय पर #तानाशाहों को मदद करती रही.
2. #जॉर्ज_हरबर्ट_बु
सिर्फ 1991 का इराक़ युद्ध अकेले उनके हाथों पर लाखों व्यक्तियों के खून से रंगा साबित करने के लिए काफी है. कम लोग जानते हैं कि वे उप राष्ट्रपति भी रहे और उससे पहले वे CIA में दशकों तक काम करने के बाद डायरेक्टर के ओहदे पर पहुंचे थे.
अपने सी. आई. ए. के दिनों में ही उनकी भूमिका दक्षिणी अमेरिका और एशियाई देशों में "अमेरिकन हितों की आड़" में लाखों लोगों की हत्या का कारण रही..
३. #बिल_क्लिंटन :
ये महोदय मोनिका लेविंस्की के कारण ज्यादा जाने जाते हैं.. यूरोप में लोग उन्हें Kosovo में हुए नरसंहार और सर्बियाई युद्ध में मारे गए लाख से अधिक व्यक्तियों को हत्या का भागीदार मानते हैं, परन्तु मेरी नजर में, उनका सबसे बड़ा अपराध अफ्रीका के इतिहास के सबसे बड़े नरसंहार का #मूक_दर्शक बने रहना था.
विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होने के बाद भी वे रवांडा के नरसंहार में तीन महीनों तक 10,00,000 लोगों को हत्या का तमाशबीन थे. अगर वे चाहते तो शुरवात में ही चौधरी बन कर संयुक्त राष्ट्र की मदद से नरसंहार को रोक सकते थे !!
4 & 5. #जॉर्ज_बुश_और_ओब
जहां एक ओर #Weapons_of_Mass
जहां एक तरफ ओबामा की वैश्विक छवि शांतिदूत के रूप में है (ध्यान रहे इस व्यक्ति को #नोबेल_शांति_पुर
अब हम अगर #डोनाल्ड_ट्रंप के राष्ट्रपति काल का अवलोकन करें तो हम पाएंगे कि जहां एक तरफ वामपंथी मीडिया उन्हें सदी का सबसे बड़ा रेसिस्ट, युद्ध को पसंद करने वाला और लंपट बताने में अपनी पूरी शक्ति लगाती रही; वहीं दूसरी तरफ:
- इसी डोनाल्ड ट्रंप ने इराक और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी कराई||
- इसी डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के तानाशाह के साथ बातचीत कर उस क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ाया||
- इसी डोनाल्ड ट्रंप में सीरिया के गृहयुद्ध में भाग लेने से इनकार किया||
- इन्होंने ही इजरायल सऊदी अरेबिया और यूएई के मध्य शांति का समझौता कराया||
- अपने सत्ता छोड़ने के कुछ हफ्तों पहले ही उन्होंने सुदान सूडान के साथ समझौता कर उन पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की||
अगर यह #कोरोना काल नहीं होता तो शायद वे इस चुनाव में नहीं हारते | कोरोना काल से पहले अमेरिकी अर्थव्यवस्था पिछले कई दशकों के सबसे मजबूत स्थिति में थी|| रोजगार व्यापार और आंतरिक से लेकर बाहरी सुरक्षा के विषयों में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकन हितों को सबसे ज्यादा तवज्जो दी||
मेरी नजर में उनका सम्मान इसलिए भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि वह पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने मीडिया की दलाली एजेंडा बाजी और आतंकवाद के मजहब की पोल खोल दी|| खुलकर इन के एजेंडा के विरुद्ध बोले और खड़े हुए|| इन्होंने ना सिर्फ कईयों बार अन्तराष्ट्रीय मंचो पर पाकिस्तान की कड़ी निंदा की बल्कि उसके आर्थिक और सामरिक मदद में कटौती भी की || खासा दबाव बनाया कि पाकिस्तान समेत अन्य आतंक समर्थक देश अपने देश में कट्टरवादी गिरोहों पर लगाम लगाएं||
राष्ट्रपति ट्रंप.... आपको इतिहास सिर्फ एक "बडबोले" राष्ट्रपति के रूप में ही याद करेगा || आज अमेरिका वामपंथियों का गढ़ बन चुका है और वामपंथी लम्पटों का लिखा इतिहास आपकी शांति के प्रयासों का कभी गुणगान नहीं करेगा...
|| शुभ कामनाये ||
~~ बाबा "African हिन्दुस्तानी"
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