बुधवार, सितंबर 06, 2017

मियांमार औ श्रीलंका भारत जैसे शक्तिशाली देश का मुहं चिढ़ा रहे हैं,श्रीलंका ने लिट्टे आतंकवाद को बिना किसीकी (UNO और मानवाधिकारों के ठेकेदारों) परवाह किये समाप्त कर दिया और अब मियांमार भी श्रीलंका के नक्शेकदम पर चलते हुए रोहंगिया उग्रवाद को समाप्त कर रहा है

Upendra Vishwanath
दो छोटे से देश मियांमार औ श्रीलंका भारत जैसे शक्तिशाली देश का मुहं चिढ़ा रहे हैं,श्रीलंका ने लिट्टे आतंकवाद को बिना किसीकी (UNO और मानवाधिकारों के ठेकेदारों) परवाह किये समाप्त कर दिया और अब मियांमार भी श्रीलंका के नक्शेकदम पर चलते हुए रोहंगिया उग्रवाद को समाप्त कर रहा है
और एक हम हैं की कश्मीर में अभी पैलेट गन का विकल्प ही ढूंढ रहे हैं सांपो के फन कुचलने पड़ते हैं घायल करके छोड़ने पर तो ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं
श्रीलंका में सैन्य कारवाई के दौरान एक बारह वर्ष का बच्चा सेना को मिला सेना ने उसे चाय और बिस्कुट खाने को दिया और अपने कैंप में रखा लेकिन जैसे ही ये पता लगा और पुष्टि हुई की वो लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन का बीटा है उसके सर में गोली मार कर काम तमाम कर दिया ,अगर बीमारी को जड़ से हमेशा के लिए समाप्त करना हो तो क्रूर और निर्दयी तो बनना पड़ता है
" विनय ना मानत जलधि जड़ ,गए तीन दिन बीत !"
" बोले राम सकोप तब , भय बिनु होई न प्रीत !!
" भय के बिना प्रेम नहीं होता ,शठ और अहंकारी के साथ विनय निवेदन की नीती व्यर्थ है ,कुटिल के साथ प्रेम का मार्ग व्यर्थ है ,खानदानी कंजूस को दान की महिमा बतानी व्यर्थ है और अति लोभी को वैराग्य का उपदेश वैसे ही व्यर्थ है जैसे बंजर भूमि में बीज बोना"

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