शुक्रवार, जुलाई 20, 2012

हिन्दू धर्म एक बहती हुई नदी के समान है

हिन्दू धर्म एक बहती हुई नदी के समान है, जिसमें कई प्रकार की धाराएं आकर मिलती हैं और उसी में एकरूप होती हैं… इस बहती हुई नदी की गहराई में विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु पनपते हैं जो आपसी साहचर्य से रहते हैं…

अन्य धर्म एक ठहरे हुए पानी समान हैं, जिनमें "बदलाव" या "समयानुसार परिवर्तन" नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे धर्म (पंथ कहना अधिक सटीक होगा) एक निश्चित सीमा और नियमों में बँधे हुए तालाब समान हैं…

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इतिहास गवाह है कि बहता हुआ पानी हमेशा स्वच्छ और निर्मल होता है, जबकि ठहरा हुआ पानी थोड़ी देर से ही सही, सड़ता जरूर है…

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