अब तक जो काम कांग्रेस न्यूज़ चैनेलों को पैसा देकर कराती थी ,,, अब वो मुफ्त मे कानून का डंडा मारकर करवाएगी ..
अब तक जो काम कांग्रेस न्यूज़ चैनेलों को पैसा देकर कराती थी ,,, अब वो मुफ्त मे कानून का डंडा मारकर करवाएगी ..
अब तक अगर हम सिर्फ अन्ना के आन्दोलन को छोडकर देखे तो सारे चैनल कांग्रेस के पछ मे भौकते नजर आयेंगे .. लेकिन इसके लिए काग्रेस को करोडो रूपये इस पैसे के भूखे चैनेलो को खिलाना पड़ता था .इससे मुक्ति पाने के लिए अब केंद्र की कांग्रेस सरकार एक ऐसा काला आध्यादेश की घोषणा कर दी की अब कांग्रेस के ही पैसे से पोषित टीवी चैनल अपनी कमाई खतरे मे देख अब होंहल्ल्ला मचाने लगे है ..
इससे पहले कांग्रेस ने देखा की इंटरनेट पर कांग्रेस विरोधी लोग काफी सक्रीय है और न्यू मीडिया [वेब पोर्टल , फेसबुक ,ट्विटर आदि ] को कांग्रेस सरकार ने सिकंजे मे ले लिया ..अब यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी साईट पर कांग्रेस के खिलाफ लिखेगा तो उसे अपराध माना जायेगा ..
सरकार द्वारा इस कानून मे सबसे चौकाने वाला बात ये है कि अब टीवी चैनेलो के न्यूज़ कंटेंट सरकार बनाएगी ..कोई भी चैनेल अपनी मर्जी से कोई भी समाचार या प्रोग्राम नहीं दिखा सकेगा ..
पहले न्यूज़ चैनेल खोलने के लिए लाइसेंस फ़ीस २ करोड थी जो अब बढ़ाकर २० करोड रूपये कर दिया गया है ..यानि अब अगर किसी को न्यूज़ चैनल खोलना है तो कांग्रेस के किसी नेता को पार्टनर बनाना पड़ेगा ..क्योकि इतना पैसा तो सिर्फ कांग्रेस के नेता ही खर्च कर सकते है .
न्यूज़ चैनेलो की सैटेलाइट अपलिंकिंग फ़ीस मे भी सरकार ने ३००% तक वृद्धि कर दी ..और क्षेत्रिय चैनेलो को मिलाने वाली रियायत के लिए एक कमिटी का गठन करने का एलान कर दिया ..
यानि अब सरकार द्वारा गठित कमिटी बताएगी कि किस चैनेल को रियायत दी जाये और किसको नहीं ..ताकि सारे चैनेल रियायत पाने के चक्कर मे सरकार के पक्ष मे दिन रात भोके ..सरकार ने कांग्रेस के हित मे जो न्यूज़ चनेलो के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनाये है यदि उनका कोई भी चैनेल पांच बार उलंघन करेगा तो उसका चैनेल हमेशा के लिए बंद कर दिया जायेगा ..
इतना ही नहीं यदि सरकार किसी भी रिपोर्टर या संपादक को चैनेल से निकालने या सजा देने को कहेगी तो चैनेल के मालिकों को सरकार कि बात माननी पड़ेगी .
लेकिन सबसे बड़े ताज्जुब की बात ये है कि सरकार ने मनोरंजन चैनेलों के लिए नियम मे और छूट देने जा रही है ..मनोरंजन चैनेल इतनी अश्लीलता दिखाते जा रहे है और उनका स्तर इतना गिरता जा रहा है इससे कांग्रेस और सरकार को कोई चिंता नहीं है .
सरकार ने ये जितने भी नियम कायदे न्यूज़ चैनेलो के लिए बनाये है ये विश्व के किसी भी देश मे नहीं है .. इतना ही नहीं पाकिस्तान मे भी मीडिया भारत से ज्यादा आज़ाद है .पाकिस्तान का जियो टीवी इसका जीता जगता उदाहरण है .
क्या देश सच मे आपातकाल के रास्ते पर चल पड़ा है ?? क्या इस देश मे अब सिर्फ कांग्रेस की गुंडागर्दी चलेगी ?
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