नाथूराम गोडसे; देश का एक सच्चा सिपाही,देशभक्त और गांधीजी का सम्मान करने वालों में भी अग्रणी पंक्ति में
नाथूराम गोडसे क्या आतंकवादी था ? नाथूराम गोडसे क्या देशद्रोही था ? नाथूराम गोडसे क्या पेशेवर हत्यारा या अपराधी था ? नहीं नहीं नहीं-वह इनमें से कुछ भी नहीं था। नाथूराम गोडसे भी देश का एक सच्चा सिपाही था, देशभक्त था और गांधीजी का सम्मान करने वालों में भी अग्रणी पंक्ति में था।
समय बदला। जहाँ एक ओर गांधीजी पाकिस्तान को पचपन करोड़ रुपया देने के लिए हठ कर बैठे थे और अनशन पर बैठ गए थे, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना हिन्दू निर्वासितों को अनेक प्रकार की प्रताड़ना से शोषण कर रही थी, हिन्दुओं का जगह-जगह कत्लेआम कर रही थी, माँ और बहनों की अस्मतें लूटी जा रही थीं, बच्चों को जिन्दा जमीन में दबाया जा रहा था। जिस समय भारतीय सेना उस जगह पहुँचती, उसे मिलतीं जगह-जगह अस्मत लुटा चुकीं माँ-बहनें, टूटी पड़ी चूड़ियाँ चप्पलें और बच्चों के दबे होने की आवाजें। ऐसे में जब गांधी जी से अपनी हठ छोड़ने और अनशन तोड़ने की गुजारिश की जाती तो गांधी जी का सिर्फ एक ही जवाब होता-‘‘चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए, लेकिन मैं न तो अपने कदम पीछे करूँगा और न ही अनशन समाप्त करूँगा। आखिर में नाथूराम गोडसे का मन जब पाकिस्तानी अत्याचारों से ज्यादा व्यथित हो उठा तो मजबूरन उन्हें हथियार उठाना पड़ा। नाथूराम गोड़से ने इससे पहले कभी हथियार को हाथ तक नहीं लगाया था।
परन्तु ‘‘मानस के जीते सपनों को जब आग लगाई जाती है-
बाँसुरी फेंक दी जाती है, तलवार उठाई जाती है।’’
जब भी किसी हत्यारे, देशद्रोही, आतंकवादी या अपराधी को फाँसी पर लटकाया जाता है तो उससे उसकी अन्तिम इच्छा जानकर उसे पूरा करने का प्रयास किया जाता है।
नाथूराम गोडसे ने तो अपनी अन्तिम इच्छा में सिर्फ यही माँगा था-‘‘हिन्तुस्तान की सभी नदियाँ अपवित्र हो चुकी हैं, अतः मेरी अस्थियों को पवित्र सिंधु नदी में प्रवाहित कराया जाए।’’ क्या नाथूराम गोडसे की अन्तिम इच्छा कभी पूरी नहीं होगी ?
125 करोड़ भारतीयों में-है कोई माई का लाल-जो 15 नवम्बर, 1949 से रखीं नाथूराम गोडसे की अस्थियों को पवित्र सिन्धु नदी में प्रवाहित करा सके।
है कोई धर्मनिरपेक्ष नेता, अभिनेता, बुद्धिजीवी पत्रकार, विश्वविख्यात प्रसिद्ध लेखक, न्यायाधीष, राजनेता, योद्धा, धर्माचार्य, संन्यासी, सूफी-सन्त, फकीर, मौलवी-मुल्ला जो नाथूराम गोडसे की अस्थियों को पवित्र सिंधु नदी में प्रवाहित करा सके ?
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