मित्रों इतने सब के बाद भी यदि इस भ्रष्ट कांग्रेस, व एंटोनिया मायनों पर आपका विश्वास है तो भगवान् ही बचाए इस देश को
मित्रों कांग्रेस को गालियाँ बाद में देंगे पहले बात करते हैं डे ला रू की| २००५ में यह कंपनी भारत में रजिस्टर्ड हुई| यह कंपनी करंसी पेपर के अलावा पासपोर्ट, हाई सिक्योरिटी पेपर, सिक्योरिटी प्रिंट, होलोग्राम और कैश प्रोसेसिंग सोल्यूशन में भी डील करती है| इसके अलावा यह भारत में असली नकली नोटों की पहचान करने वाली मशीन भी बनाकर बेचती है| मतलब जो कंपनी नकली नोट भारत में भेज रही है वही नकली नोटों की पहचान करने वाली मशीन भी बेच रही है, तो बताइये कैसे भरोसा किया जाए इन मशीनों पर? और इसी प्रकार यह पैसा आरबीआई के पास पहुंचा, देश के बैंकों व एटीएम तक पहुंचा| और आरबीआई के गवर्नर व हमारा वित्त मंत्रालय इन सब से अनभिज्ञ रहा| संभावनाएं दो ही हैं, कि या तो हमारा वित्त मंत्रालय निहायत ही मुर्ख व नालायक है या फिर वह भी इस लूट में शामिल है| सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि डे ला रू का मालिक इटालियन रैकेट के साथ मिलकर देश में नकली नोट सप्लाई कर रहा है और पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवादियों तक नकली नोट पहुंचा रहा है| यही नोट आईएसआई के द्वारा नेपाल के रास्ते से भारत में आ रहे हैं और आतंकवादी अपनी गतिविधियों को भी इन्ही के द्वारा अंजाम दे रहे हैं| यह सब किसके इशारे पर हो रहा है आप सोच सकते हैं| हमारी जांच एजेंसियां नकली नोटों के इस व्यापार को इस लिए नहीं रोक पा रही थी क्यों कि वे पाकिस्तान, नेपाल, हांगकांग, थाईलैंड, मॉरिशस व मलेशिया आदि से आगे सोच नहीं पा रहे थे| किन्तु यूरोप में इतना कुछ घटित हो गया और आरबीआई चुप है, वित्त मंत्रालय चुप है और भारत सरकार भी चुप है| सच्चाई यही है की देश में आतंकवादी गतिविधियों में मरने वालों के खून से सोनिया, मनमोहन, चिदंबरम व प्रणव मुखर्जी के हाथ रंगे हुए हैं| वरना क्या वजह रही कि डे ला रू की धोखाधडी उजागर होने के बाद भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी केवल उसके साथ डील तोड़ने के अलावा? क्यों इसे संसद में नहीं उठाया गया? डे ला रू से डील तोड़ कर चार अन्य कंपनियों के साथ डील कर ली गयी किसी को पता क्यों नहीं चला? किससे पूछ कर यह डील की गयी? इसके लिए संसद में बहस क्यों नहीं हुई?डे ला रू का नेपाल व आईएसआई से क्या कनेक्शन है यह भी सुन लो| कंधार विमान अपहरण का मामला वैसे तो पुराना हो गया किन्तु एक व्यक्ति इस विमान में ऐसा था जिसके बारे में जानकर हैरानी हो सकती है| उसका नाम है रोबेर्तो गयोरी| यही आदमी डे ला रू कंपनी का मालिक है जिसे यह कंपनी अपने पिता से विरासत में मिली है| यह कंपनी दुनिया के ९० देशों के लिए नोट छपती है और आईएसआई के लिए भी काम करती है| इस आदमी की एक भी तस्वीर किसी के पास नहीं है| केवल एक तस्वीर है, अपहरण से छूटने के बाद उस विमान से उतरते हुए| रोबेर्तो गयोरी के पास एक ऐसा रसायन है जिसे वह अपने चेहरे पर लगा लेता है और उसके बाद कोई भी कैमरा उसकी तस्वीर नहीं उतार सकता| विमान अपहरण के समय दो दिन विमान में रहने के बाद उसका वह रसायन ख़त्म हो गया और उसकी तस्वीर कैमरा में आ गयी| उस विमान में यह आदमी दो महिलाओं के साथ यात्रा कर रहा था| दोनों महिलाओं के पास स्विट्ज़रलैंड की नागरिकता थी| स्वयं रोबेर्तो गयोरी के पास भी दो देशों की नागरिकता है, एक स्विट्ज़रलैंड व दूसरा इटली (देख लीजिये इन दो देशों का नाम तो हमेशा ही आता है)| नेपाल से उड़ान भरने के बाद जब विमान का अपहरण हुआ तो स्विट्ज़रलैंड के एक विशिष्ट दल ने भारत सरकार पर दबाव बनाना शुरू किया कि वह हमारे नागरिकों की सुरक्षा करे| इसी दल को स्विट्ज़रलैंड सरकार ने हाईजैकर्स से बातचीत करने कंधार भी भेजा| सभी यात्री विमान में घबराए हुए थे जबकि रोबेर्तो गयोरी विमान के पिछले हिस्से में बैठा आराम से अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था| उसके पास सेटेलाईट पेनड्राइव व फोन भी था| अब यह आदमी उस विमान में क्या कर रहा था, उसके पास यह सामान आतंकवादियों ने क्यों छोड़ दिया, नेपाल में ऐसा क्या था जो स्विटज़र लैंड का सबसे अमीर आदमी (जिसे दुनिया में करंसी किंग के नाम से जाना जाता है, क्यों की दुनिया में इतने बड़े लेवल पर वह करंसी निर्माण कर रहा है) वहां क्यों गया था, क्या नेपाल जाने से पहले वह भारत में भी आया था? आदि कई सवाल हैं जिनके जवाब शायद आप खुद ही जान सके हों|
मित्रों इतना सब कुछ होने के बाद भी यदि इस भ्रष्ट कांग्रेस, व एंटोनिया मायनों पर आपका विश्वास है तो भगवान् ही बचाए इस देश को| यह तो भला हो विश्व बंधू गुप्ता का जिन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर इतना बड़ा सच देश के सामने ला दिया| भगवान् उन्हें दीर्घायु प्रदान करे
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