जिन्हें आज तक आजादी का मतलब नहीं पता चला... उनके लिए दोबारा बलिदान देकर भला क्या फायदा... ??
Lovy Bhardwaj द्वारा
एक मुख्या बात
आजादी के समय जो हमारे परमवीरों ने अपनी अपनी शौर्यगाथाएं लिखीं ....
...जो वक़्त से पहले मृत्यु को प्राप्त हुए
उन सबको देख कर यमराज भी एक बार को सोचने पर मजबूर हुए होंगे की वाह.... किन शूरवीरों से पाला पड़ा है ....
......भारत में एक से बढकर एक धनाढ्य व्यक्ति है ...
उनमे से कितनो ने उन शूरवीरों के घरों में खाना पहुँचाया .....
मैंने कुछ समय पहले पढ़ा था की राम प्रसाद बिस्मिल की माँ के पास कपडे भी फटे हुए अवस्था के थे उनके अंतिम दिनों में .....
सुखदेव और राजगुरु के परिवार भुखमरी जैसी हालत से गुजरे हैं .....
अगर भगवान आज हमारे समस्त शूरवीरों को वापिस भेजते तो यह पारिवारिक अवस्था देख कर शायद उनकी आत्मा चीत्कार उठती ...
की क्या इस दिन के लिए हमने बलिदान किया था ...
किस काम की ऐसी शौर्यगाथाएं ....
बड़े बड़े लोग, धनवान.... रेस, जुए, सट्टे में पैसा लगते पाए जाते हैं .. मुफ्त की आजादी पाकर....
किसी ने आज तक उन परिवारों को आर्थिक मदद देने के बारे में सोचा तक न होगा....
23 जुलाई को परमवीर चंद्रशेखर आजाद साहब और लोकमान्य श्री बाल गंगाधर तिलक जी का जन्मदिन था .....
कहीं पर मुझे कोई बधाई सन्देश नहीं देखने को मिला...सिवाय FACEBOOK के .....
अगर यही जन्मदिवस उन रंगड़ लोगों का होता तो भी क्या यही स्थिति होती ..... उदासीन रवैया .....
आज अगर क्रांति का बिगुल बजेगा तो पहले पैसा जोड़ा जायेगा....
और उन समस्त योद्धाओं को भरपूर मदद दी जाएगी जो इस क्रांति में शामिल होंगे .....
ताकि फिर किसी देशभक्त के परिवार को ऐसे दुर्दांत दिन न देखने पड़ें ...
और अगर ऐसा न हुआ तो..... कोई जरूरत नहीं किसी प्रकार की क्रान्ति की...
जो कीड़े मकोड़ों की तरह जीते हुए मरना चाहते हैं ... उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो ....
कोई जरूरत नहीं भगत सिंह , आजाद , वीर सुभाष जैसे शूरवीर परम्वीरों को दोबारा बुलाने की.....
परमपिता परमेश्वर से यह विनती है की अबकी बार अगर भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा जाए तो भारत की भूमि पर एक भी क्रांतिकारी देशभक्त को पैदा न करें .....
जिन्हें आज तक आजादी का मतलब नहीं पता चला... उनके लिए दोबारा बलिदान देकर भला क्या फायदा... ??
जय श्री राम
जय श्री परशुराम
जय भारत जय हो
आजादी के समय जो हमारे परमवीरों ने अपनी अपनी शौर्यगाथाएं लिखीं ....
...जो वक़्त से पहले मृत्यु को प्राप्त हुए
उन सबको देख कर यमराज भी एक बार को सोचने पर मजबूर हुए होंगे की वाह.... किन शूरवीरों से पाला पड़ा है ....
......भारत में एक से बढकर एक धनाढ्य व्यक्ति है ...
उनमे से कितनो ने उन शूरवीरों के घरों में खाना पहुँचाया .....
मैंने कुछ समय पहले पढ़ा था की राम प्रसाद बिस्मिल की माँ के पास कपडे भी फटे हुए अवस्था के थे उनके अंतिम दिनों में .....
सुखदेव और राजगुरु के परिवार भुखमरी जैसी हालत से गुजरे हैं .....
अगर भगवान आज हमारे समस्त शूरवीरों को वापिस भेजते तो यह पारिवारिक अवस्था देख कर शायद उनकी आत्मा चीत्कार उठती ...
की क्या इस दिन के लिए हमने बलिदान किया था ...
किस काम की ऐसी शौर्यगाथाएं ....
बड़े बड़े लोग, धनवान.... रेस, जुए, सट्टे में पैसा लगते पाए जाते हैं .. मुफ्त की आजादी पाकर....
किसी ने आज तक उन परिवारों को आर्थिक मदद देने के बारे में सोचा तक न होगा....
23 जुलाई को परमवीर चंद्रशेखर आजाद साहब और लोकमान्य श्री बाल गंगाधर तिलक जी का जन्मदिन था .....
कहीं पर मुझे कोई बधाई सन्देश नहीं देखने को मिला...सिवाय FACEBOOK के .....
अगर यही जन्मदिवस उन रंगड़ लोगों का होता तो भी क्या यही स्थिति होती ..... उदासीन रवैया .....
आज अगर क्रांति का बिगुल बजेगा तो पहले पैसा जोड़ा जायेगा....
और उन समस्त योद्धाओं को भरपूर मदद दी जाएगी जो इस क्रांति में शामिल होंगे .....
ताकि फिर किसी देशभक्त के परिवार को ऐसे दुर्दांत दिन न देखने पड़ें ...
और अगर ऐसा न हुआ तो..... कोई जरूरत नहीं किसी प्रकार की क्रान्ति की...
जो कीड़े मकोड़ों की तरह जीते हुए मरना चाहते हैं ... उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो ....
कोई जरूरत नहीं भगत सिंह , आजाद , वीर सुभाष जैसे शूरवीर परम्वीरों को दोबारा बुलाने की.....
परमपिता परमेश्वर से यह विनती है की अबकी बार अगर भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा जाए तो भारत की भूमि पर एक भी क्रांतिकारी देशभक्त को पैदा न करें .....
जिन्हें आज तक आजादी का मतलब नहीं पता चला... उनके लिए दोबारा बलिदान देकर भला क्या फायदा... ??
जय श्री राम
जय श्री परशुराम
जय भारत जय हो
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