हिंदी-संस्कृत-अंग्रेज़ी स्रोत
हिंदी-संस्कृत-अंग्रेज़ी स्रोत (must read)
साभार-डॉ. मधुसूदन
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(१) कुछ नितान्त सरल सहज समझ में आए ऐसे शब्दों का चयन करते हुए, हिंदी (संस्कृत भी) और अंग्रेज़ी का कुछ अनुसंधान करने का प्रयास इस संक्षिप्त लेख में करने का विचार है।
फिर कुछ ऐसे शब्द चुनता हूं, जो हिंदी एवं संस्कृत में समान रूप में विद्यमान है। इतना ही नहीं, भारत की अन्य प्राकृत, देशी भाषाओं में भी जो लगभग समान रूप में ही पाए जाते हैं।
(२) पहला उद्धरण अमरिकन इतिहासकार Will Durant से,
मूल अंग्रेज़ी : मेरा हिंदी अनुवाद: (निम्न)
विल ड्युरांट: (अमरिकन इतिहासकार)
”भारत हमारे वंशगत, प्रजाति की मातृ भूमि थी,
और संस्कृत युरपकी भाषाओं की जननी:
वह हमारे दर्शन शास्त्र की जन्मदात्री थी;
अरबों द्वारा हमें प्राप्त हुए गणित (के ज्ञान) की माता,
बुद्ध द्वारा प्रसारित, इसाइ संप्रदाय के आदर्शों की भी जननी वही है।
ग्राम पंचायत की परंपरा से प्राप्त, स्वशासन और जनतंत्र की जननी भी, भारत ही है।
भारत माँ अनेकविध परंपराओं से हम सभी की माँ ही है।”
(३) सर विल्यम जोन्स (ब्रिटीश प्राच्यवेत्ता) -मेरा अनुवाद:
”संस्कृत भाषा जो कुछ भी उसकी प्राचीनता हो,
अद्भुत गठन (संरचना ) वाली,
युनानी(ग्रीक) से अधिक परिपूर्ण,
लातिनी(लॅटीन) से अधिक शब्द-समृद्ध,
और (लातिनी और युनानी) दोनों से अधिक सूक्ष्मता से,
परिष्कृत (साफ ) की गई भाषा है।”
(४) अब कुछ सरल शब्दों का अनुसंधान स्रोत ढूंढते हैं।
NAME: एक सरलतम हिंदी/संस्कृत का शब्द है ”नाम”। इसीसे प्रारंभ करता हूं। यही नाम अंग्रेज़ी में पहुंचकर नेम (Name) हो गया है। कुछ और प्रयास से यह पता लगा कि इस Name का ही कुछ सदियों पहले का स्पेल्लिंग भी Nahm (ना:म) हुआ करता था।इस नाःम की आप नामः शुद्ध संस्कृत से तुलना कर सकते हैं। यह स्पेल्लिंग मैं ने किसी पुस्तक या शोध-लेख में पढा हुआ स्मरण होता है। अब आपके ध्यान में आया होगा, शुद्ध संस्कृत का नामः (Namah), पहले नाःम (Nahm) बना, और बाद में नेम (Nemउच्चारण ) Name बना। शायद और भी कुछ बदलाव की कडियोंसे गया होने का संभव नकारा नहीं जा सकता, पर मुझे यही जंचता है।
(५) DOOR: दूसरा परिचित हिंदी-संस्कृत शब्द है ”द्वार” (दरवाज़ा)। अब अंग्रेज़ी मे यही द्वार –>डोअर बना हुआ है।मेरा अनुमान है, यह डोअर उच्चारण बनने के पहले कुछ निम्न बदलाव की कडियों से रुपांतरित हुआ होगा। द्वार –> ड्वार—>ड्वॉर–>डोअर (जो आज कल) प्रयुक्त होता है।
(६)COW: तीसरा अपना ”गौ” शब्द लेते हैं। उच्चारण प्रक्रिया को समझने में सरलता हो, इसलिए यह जानने की आवश्यकता है, कि, उच्चारण की दष्टि से क और ग दोनों का उचारण मुख-विवर के कंठ के भाग से ही आता है। यही गौ, गऊ (हिंदी) भी उच्चारित होता है। यही गऊ -गाउ और गाउ से काऊ जो आज कलका COW –स्पेल्लिंग से लिखा जाता है।
अब संक्षेप में कुछ शब्दों की परिवर्तन शृंखला देखते हैं।
वयं (संस्कृत हम अर्थ में)–>वईं (प्राकृत) —>We (अंग्रेज़ी)
यूयं (संस्कृत आप अर्थ में) —>You (यू अंग्रेज़ी)
ते (संस्कृत वे के अर्थ में) —दे- They (अंग्रेज़ी)
तत् (संस्कृत वह अर्थ में)) That (दॅट-अंग्रेज़ी)
वैसे क-ग उच्चारण और ड द त का भी ऐसे ही बदला जाता है।
(७)MEDIUM: चौथा लेते है माध्यम जैसे प्रचार माध्यम –यही माध्यम अंग्रेज़ी में Medium( मिडीयम) बना हुआ है। इस मिडियम का बहुवचन मिडीया है। तो आज कल बहु चर्चित बिका हुआ मिडीया मिडीया हम करते रहते हैं। उसके बदले हमारा शुद्ध माध्यम शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।
एक और विशेष बात ध्यान में आयी है। कुछ अंग्रेज़ी के शब्दों को ध्वन्यानुसारी रीति से पढ़कर देखिए तो आपको उसके मूल जानने में सरलता होगी। एकाध उदाहरण से यह बिंदू विषद करता हूं।
(८) CENTRE: शब्द है Center (सेंटर) इसका इंग्लिश स्पेल्लिंग Centre होता है। अब C को स और क भी पढा जा सकता है। जब हम उसका क उच्चार करते हुए बोलेंगे, तो Centre को केंट्र ही पढे़ंगे। अब सोचिए कि यह केंट्र हमारे केंद्र के निकट है या नहीं।
(९) बीच की कडियों को अनुमानित करते हुए, एक सरल सूचि प्रस्तुत करता हूं। समझने में, आप को, कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
चरित्र –> चारित्र्य –> चॅरेक्टर–> कॅरेक्टर–> Character, दंत —> डंट–> डेंट–>Dent —>Dentist, अस्थि से —> एस्टि –>Asteopath, एक –>(एकसा के अर्थ में ) —> Equal,
दौग्धार: (दूध दोहन करने वाली अर्थमें, कन्या ) –> डौग्ढर –> Daughter, मातृ–> मातर—>Mother, भ्रातृ—> भ्रातर—>Brother, विधवा—विडवा–>Widow, विधुर–>विडोर–> Widower. सुनू: —>Son, स्तभ—स्टप–>Stop, स्तब्ध —>Stopped, पथ—>Path, सुइ—> सुइंग–सोइंग–SowIng, हंत (जैसे अरिहंत)–> हंट–>Hunt, और, Hunter (शिकारी)
अक्ष–> अक्स–> Axis, अंश (एक १६ वा भाग ) –औंस –>Ounce.
आगे भी बहुत कुछ .....
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