विस्फोट रोकने है तो सरकार मस्जिदों और मदरसों का नियंत्रण अपने हाथों में ले || by Yogesh Suri
विस्फोट रोकने है तो सरकार मस्जिदों और मदरसों का नियंत्रण अपने हाथों में ले ||
by Yogesh Suri
दिल्ली में बम विस्फोट की सारे देश में गूंजी गूंज एक नए विस्फोट की धमकी की गूंज में दब कर रह गई|| पुलिस और सरकार भी हमेशा की तरह जांच शुरू कर...के मरे के मुहं को देसी घी लगा कर शांत हो गई है|| मुस्लिम आंतकियो के स्केच भी जारी कर दीये गए है, पर उन्हें पकड़ने के आश्वासन के साथ समाप्त हुई सरकार की जिम्मेदारी हमेशा की तरह अखवारो की स्याही के साथ साथ ही सूखती सूखती ठन्डे बस्ते में जा लगेगी|| और एक दो दिन के बाद देश मुस्लिम आंतकियो के नए हमलो के इन्तजार में चुप चाप अपनी दिनचर्या में व्यस्त हो जाएगा|| और हो भी क्यों बम विस्फोट में कोई vip थोड़ी सिधारे है बल्कि हम और आप जैसे साधारण जन शहीद हुए है इसलिये यह विस्फोट वैसे तो कोई मायने ही नहीं रखते सरकार के लिये और सरकार की तरफ से एक पहली पंक्ति के नेता के ब्यान भी सारे देश ने पढ़े ही है||उन का कहना है की ऐसे विस्फोट तो होते ही रहते है|| ईश्वर की लाठी में आवाज नहीं होती नेता जी आज किसी और के चिराग बुझे है, किसी और के चूल्हे बुझे है और वोह कुछ और भाई शहीद हुए है जो इस बार भाई दूज में बहनों से तिलक लगवाने के लिये नहीं होंगे, कल को कोई आपका चिराग बुझेगा तो फिर आप कोई ऐसा ब्यान देना तो देश को भी पता चलेगा की आपके लिये यही अर्थ है जो आपने दुसरो के घरो के बूजे चिरागों के लिये कहे है || सरकार और सरकार की प्रशासन व्यवस्था का दिवाला निकल चूका है|| जेल में बैठे मुस्लिम आंतकी अफजल गुरु की फांसी का जवाब देने की घोषणा करने वालो ने इन विस्फोटो के माध्यम से एक नई परम्परा शुरू की है|| देश पर इस्लामिक दवाब लगातार बढाने का प्रयास किया जा रहा है, पहले तो अज्ञात लोगो द्वारा विस्फोटो की जिम्मेदारी ली जाती है और अब विस्फोटो की जिम्मेदारी लेने वालो में भी होड़ लगी है|| मैं एक बार फिर कहता हूँ की अगर सरकार हिन्दुओ के मंदिरों पर रिसीवर नियुक्त कर सकती है, तो क्या मदरसों , मस्जिदों से जारी विष वमन रोकने के लिये क्या पाकिस्तान की इजाजत लेना चाहती है ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें