सोमवार, दिसंबर 26, 2011

एक समय था जब स्वामी रामदेव

एक समय था जब स्वामी रामदेव जी के
सब गुण गाते थे , मीडिया भी बहुत इज्ज़त देती थी , सभी पार्टी के लोग उनके पाँव छूते थे , बड़े बड़े नेता उनके सामने हाथ जोडते थे ,
बिजनेस
पत्रिका भी गुण गाती थी , स्वामी जी का पतंजलि योगपीठ
भी शानदार है , स्वामी जी योग सिखाते रहते देश से
विदेश तक,
जीवन बहुत आराम से चलता रहता , और हाँ कुछ नेता तो माँग भी करने लगे
थे की बाबा को राष्ट्रपति बना दो ,
एम्स जैसी संस्था में उन्हें योग पर
व्याख्या देने के लिए बुलाते थे , यदि बाबा को राजनीती ही करनी होती तो सोनिया को देश
की बहु होने का आशीर्वाद दे देते , राहुल को देश का उज्जवल भविष्य
बता देते फिर क्या था कुछ
पुरस्कार या भारत रत्न ही मिल जाता, भारतीय संस्कृति का सबसे
बड़ा चेहरा बन
चुके स्वामी रामदेव जी अगर
बी.जे.पी को भारतीयता के नाम पर
ठगने
वाली पार्टी बता देते तो क्या था - कांग्रेस ,
लालू , मुलायम सब मिलके
राष्ट्रपति तो बनवा ही देते पर स्वामी जी आपने ये क्या किया ?
आपने
सत्ता को ही चुनौती दे डाली , देश की उस
बुनियादी व्यवस्था को बदलने
की बात कर
डाली जिसकी बदौलत ये लोग देश
और
संस्कृति को जड़ से मिटाने पर तुले हुए हैं, उन एम् एन
सी कम्पनियो को चुनौती दे
डाली जिनके
सामने दुनिया की कई सरकारे घुटने
टेक देती है , जो कोका कोला ओबामा की पार्टी का चुनाव
का सारा खर्चा उठाती है उसे आपने
ठंडा मतलब टोइलेट
क्लीनर बता डाला -----------ये सब
आपने
किया ताकि इस देश के लोग जहरीली चीज़ पीने
से बचे , विदेशी कम्पनियो की लूट
और विदेशी शोषण से देश
बचे अरे आपने ये क्या और किसके लिए
कर दिया 04 जून को तो आपने हद
कर
दी अपनी सारी इज्ज़त , सम्मान दाव
पे लगा दिया इस देश को बदलने के
लिए , आपने
वही गलती की औरोबिन्दो घोष ने
की ,
जो भगत सिंह ने की ,
इन सबके बावजूद जब मै किसी मुह से
सुनता हूँ की बाबा पैसे बनाने में लगे हुए है ,
राजनीती कर
रहे है तो मुझे लगता है की इश देश
की दशा और
बत्तर होनी चाहिए थी ! आखिर में स्वामी जी आप सही थे
और सही हो और हम आप के साथ हैं
कोई हो या न हो हम आप का हर
परिस्तिथि में आप के साथ हैं ये देश
गुलामी मानसिकता और दकोसले
बाजी में इतना डूब चूका है की इसको सम्पूर्ण आज़ादी और
सम्पूर्ण स्वराज्य का मतलब
ही नहीं पता और सिर्फ एक के बाद
एक गुलामी सिर्फ
गुलामी कभी मुघलों की कभी गोरे
अंग्रजों की तो कभी इन भ्रष्ट काले अंग्रेजों विदेशी कम्पनियों की ! स्वामी जी संघर्ष करो हम आप के
साथ हैं ! वन्दे मातरम भारत माता की जय हो ! ॐ यह लेख श्री अभिषेक पाण्डेय
जी द्वारा लिखा गया है इसमें मेने
अपने द्वारा बस कुछ शब्द जोडें
हैं !

Rameshwar Arya

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