कृपया ध्यान दें., मूर्खों और सेक्युलरों का विशेष सहयोग अपेक्षित है.
हाँ तो साथियों... एक बात जो हमलोग हर आतंकवादी घटना के बाद सुनते हैं वो ये कि...... आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है.....!!
तो हम लोगों के मन में हमेशा ये ख्याल आता है कि... क्या सचमुच में आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी ही होते हैं और उनका कोई धर्म नहीं होता है....??
आइये हम लोग भी जरा इस पर विचार करें..
दुनिया में बहुत सारे धर्म हैं... जैसे कि ..... हिन्दू.., बौद्ध., जैन.., सिक्ख.., ईसाई.., पारसी., यहूदी.., इस्लाम वगैरह...
तो.., चाहे हम अपने दिमाग पर कितना भी जोर डालें लेकिन हमें ... कोई भी हिन्दू.., बौद्ध., जैन.., सिक्ख.., ईसाई.., पारसी., यहूदी.. वगैरह धर्म में आतंकवादी संगठन नहीं मिलता है...!!
यहाँ.., मैं कुछ मुर्ख और सेक्युलरों का जबाब भी देता चलूँ कि जब भी हिन्दू की बात आती है तो वे.... आदरणीय साध्वी प्रज्ञा के नाम पर विधवा प्रलाप शुरू कर देते हैं ......, इसीलिए मैं यहाँ उन्हें ये ज्ञान दे दूँ कि """ कानून कि नज़र में तब तक कोई भ अपराधी नहीं माना जायेगा जब तक कि उसका अपराध न्यायालय में सिद्ध नहीं हो जाता है."" तो वे मुझे बताएं कि साध्वी का अपराध किस न्यायालय ने सिद्ध किया है......??? किसी को झूठे मुकदमे में फंसा देने भर से वो अपराधी नहीं हो जाता है...!!
अब हम आते हैं सबसे खतरनाक संगठन या धर्म ""इस्लाम"" पर ...! तो.., इस बात से सभी सहमत होंगे कि..,दुनिया के सभी बड़े आतंकवादी संगठन इस्लामिक ही हैं....
और इसका एक बड़ा कारण है......!
कारण ये है कि ..... हम जिसे आतंकवाद कि संज्ञा देते हैं वो ""दरअसल आतंकवाद है ही नहीं.., वो मुस्लिमों का जेहाद अर्थात धर्म युद्ध है "".....! उन लोगों का मकसद ही लोगों को आतंकित करके सबको मुसलमान बनाने का है...., और ऐसा उन्हें उनके तथाकथित पैगम्बर मोहम्मद ( जो कि वास्तव में एक अनपढ़ था और अरब का एक निहायत ही दुश्चरित्र लुटेरा था) ने अपने मनहूस किताब कुरान में लिख रखा है....! और उसने इसे कैसे लिखा है.., जरा आप भी नज़र दौडाएं...
1 ---गैर मुसलमानों पर रौब डालो ,और उनके सर काट डालो .
काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो .और मौक़ा मिलकर सर काट दो .......सूरा अनफाल -8 :112
2 ----काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो .
"अगर काफिरों से मुकाबला हो ,तो उनकी गर्दनें काट देना ,उन्हें बुरी तरह कुचल देना .फिर उनको बंधन में जकड लेना .यदि वह फिरौती दे दें तो उनपर अहसान दिखाना,ताकि वह फिर हथियार न उठा सकें ........................सूरा मुहम्मद -47 :14
३--- -गैर मुसलमानों को घात लगा कर धोखे से मार डालना .
'मुशरिक जहां भी मिलें ,उनको क़त्ल कर देना ,उनकी घात में चुप कर बैठे रहना .जब तक वह मुसलमान नहीं होते......................... सूरा तौबा -9 :5
4 ----हरदम लड़ाई की तैयारी में लगे रहो .
"तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो.ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें .जिनके बारेमे तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं .अलाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा........................
5-----लूट का माल हलाल समझ कर खाओ .
"तुम्हें जो भी लूट में माले -गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ ,और अपने परिवार को खिलाओ ..............................
6 ---इतनी लड़ाई करो कि दुनियामे सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे .
"यहांतक लड़ते रहो ,जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये .केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे..........................स
ऊपर लिखे कुरान के आदेशों को पढ़ कर आप सहज ही समझ गए होंगे कि... आज लगभग पूरी दुनिया क्यों आतंकवाद से ग्रसित है और उसका कारण क्या है...???
तो सारे कहानी का सार ये है कि...... जो है ये बताते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है..... वे खुद को और उससे भी ज्यादा हम सब को बेवकूफ बना रहे हैं.....!!!
आतंकवाद का धर्म होता है.....और वो धर्म एक जाहिल , लुटेरे और खूनी दरिन्दे द्वारा प्रतिपादित किया गया धर्म """"इस्लाम"""" ही है....!
इसलिए अगर हमें दुनिया या देश से आतंकवाद ख़त्म करना है तो कसाब या अफज़ल गुरु को पकड़ने के बजाए...... इस्लाम को ख़त्म करें या उस पर नकेल कसें.., जैसे कि अभी फ़्रांस में कसा जा रहा है.....!!! जब जड़ ही ख़त्म हो जायेगा तो उसका पत्ता यानि कि आतंकवाद खुद ही सूख जायेगा.......!!!!
जय महाकाल....!!!!
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