बुधवार, जनवरी 18, 2012

गाँधी घराने में पैदा होना ही एक बड़ा "करिश्मा " है ?

गाँधी घराने में पैदा होना ही एक बड़ा "करिश्मा " है ?

कल शाम ४-५ न्यूज चेनल्स पर एक खबर बार बार झलक रही थी की "प्रियंका गाँधी का अमेठी और बरेली का "करिश्माई" दौरा " "प्रियंका के "करिश्मे" से अमेठी -बरेली के कांग्रेस्सियो में जोश " "प्रियंका के "करिश्मे "से बरेली के कांग्रेस इच्छुको के बिच टिकट बटवारा का झगडा मिटा " "प्रियंका के पिचले "करिश्मे" से अमेठी -बरेली में १० प्रत्याशी चुनकर आये थे " " इस बार भी प्रियंका का "करिश्मा" चलेगा " "इंदिरा गाँधी का "करिश्मा" प्रियंका में झलकता है " ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला .......

इन चेनलो के ऐसी खबरों को देख में सोच में पड़ गया की प्रियंका को कब अपने बच्चे ,पति और परिवार से वक़्त मिलता है की वो "करिश्माई" काम कर सके ?सिर्फ अमेठी -बरेली में दौरा करने से लोग प्रियंका का "करिश्मा" मान लेते है क्या ? "करिश्माई" होने के लिए जनहित और जन साधारण के लिए क...ोई संघर्ष और आन्दोलन नहीं करने की जरूरत हैं क्या ?"करिश्माई" होने के लिए पूर्ण काल जनसेवा करने की जरुरत नहीं होती क्या ?या सिर्फ और सिर्फ गाँधी घराने में जन्म लेने से इन्सान "करिश्माई" बन जाता है ?भले उसने लोगो में जाकर जन उपयोगी योजनाये न चलायी हो ?कोई विधायक कार्य नहीं किया हो ?कोई अपने विशिस्ट विचार नहीं हो ?कोई संघर्ष पूर्ण आन्दोलन ना किया हो लोगो के लिए ?.....................क्या यही व्याख्या है "करिश्मा" शब्द की.....

वह "करिश्माई" प्रियंका का भाई राहुल "करिश्माई "दौरे कर रहा है उत्तर प्रदेश में , लोगो को और विपक्ष को सवाल तो कर रहा है अपने भाषणों में पर उसके सरकारों की नाकामियों का कोई जवाब नहीं दे पा रहा है क्या यही "करिश्मा" होता है ?.........भले उसके अमेठी में कोई खास सुधार नहीं हुआ हो पर उत्तर प्रदेश सुधारने की भाषा बोलता है ,क्या यही "करिश्मा" होता है ?.........अपने सरकारों के रहते भ्रष्टाचार क्यों बड़ा ,महंगाई कैसे बड़ी , नयी योजनाये क्यों नहीं चलायी इन सभी का जवाब नहीं देते बनता पर विपक्ष पार्टीयो को सवालो बड़ी लिस्ट रखता है क्या यही "करिश्मा" होता है ?........चलो ये भी ठीक हैं की विपक्ष को सवाल करे राहुल पर भ्रष्टाचार कैसे ख़तम किया जाये ,महंगाई कैसे कम की जाये ,नयी नयी योजनाये कैसे चलायी जाये इसके बारे में राहुल क्यों नहीं बोल पाता ये समज के परे है मेरे लिए या ये राहुल का "करिश्माई" पहलु होगा ?......

इन दोनों "करिश्माई " भाई बहन की माँ सोनिया गाँधी भी तो "करिश्माई" नेता है ,उसका "करिश्मा" यही है की उसने राजीव गाँधी से ब्याह रचाया ,और "करिश्माई" बच्चो को पैदा किया ,अपने "करिश्माई" नेतृत्व में पिचले ८ साल से बाहर रहकर भी "करिश्माई" सरकार चला रही है ,भले कांग्रेस की सरकारों ने "करिश्माई "काम नहीं किये हो पर सोनिया का "करिश्मा" तनिक भी कम नहीं हुआ है,चलो देखते है की सोनिया कितने दिन अपना "करिश्मा" लोगो पर बरसाती रहती है...

प्रियंका ने दो बच्चे सिर्फ अपने "करिश्मे " की ताकत से ही पैदा किये ...

आप पढने वाले सभी अब सोच में पड़ गए होंगे की क्या "करिश्मा" "करिश्मा" लगा रखा है मैने पर क्या करे जब इतने "करिश्मो" का साक्षात्कार हो रहा है की हर बात को ,हार घटना को ,हर स्तिथि को ,हर पहलु को "करिश्मा" न कहू तो क्या कहू ? भले हमारे देश में पिचले ६५ साल में कोई करिश्मा न घड़ा हो ,भले भ्रष्टाचार ,महंगाई ,आतंकवाद ,आन्दोलन करियो के साथ दुर्व्यवहार ,अनाचार जैसी "करिश्मे" चलते रहे हो फिर भी गांधियो का "करिश्मा" बरक़रार है

................इससे बड़ा और कोई "करिश्मा" नहीं हो सकता.............
क्या कोई महिला एक राष्ट्र के समाचार पत्रों में, टी वी चेनलों में सिर्फ इसलिए लगातार छाई हुई है कि उसकी नाक और बाल संवारने का ढंग उसके पप्पा की अम्मा से मिलता है.
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मीडिया की चाटुकारिता की हद कहाँ जाकर समाप्त होती है

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