पटना।। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया ब्लॉक में महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े राम मंदिर का भूमि पूजन गुरुवार को संपन्न हो गया।
ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि केसरिया से पांच किलोमीटर दूर चकिया मार्ग पर 100 एकड़ क्षेत्र में इस मंदिर का निर्माण होगा। बहुआरा कठवलिया गांव में 200 करोड़ रुपए खर्च कर भूखंड का अधिग्रहण किया गया है। उन्होंने बताया कि विधि-विधान से बनारस से आए पांच और पटना के तीन पुरोहितों ने भूमि पूजन अनुष्ठान संपन्न कराया। इस अवसर पर मंदिर के ट्रस्टी और अन्य सदस्य मौजूद थे।
आचार्य कुणाल ने बताया कि मंदिर की वास्तुकला कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर और तमिलनाडु के मदुरै मंदिर से प्रेरित होगी। प्रस्तावित मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर होगा। इसमें 18 शिखर और 18 गर्भगृह होंगे। 2800 फुट लंबा और 1500 फुट चौड़ा होगा, जबकि इसकी ऊंचाई 270 फुट होगी। इस राम मंदिर का नाम 'विराट रामायण मंदिर' होगा और इसमें राम, सीता, लव-कुश तथा महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
मंदिर के वास्तुविद् पीयूष सोमपुरा हैं। सोमपुरा के अनुसार, मंदिर परियोजना का खर्च करीब 300 करोड़ रुपए है और सात से आठ साल की अवधि में पूरा होगा। मंदिर ट्रस्ट ने पहले विराट रामायण मंदिर का निर्माण वैशाली जिले में करने का निर्णय किया था, लेकिन विवाद के कारण इसका निर्माण अब पूर्वी चंपारण जिले में किया जा रहा है। महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित पटना का महावीर मंदिर दान और भेंट के कारण पूर्वी भारत के सबसे अधिक आय वाले मंदिरों में शुमार है। मंदिर द्वारा कल्याणकारी कार्य के तहत एक चैरिटेबल अस्पताल और स्कूल का संचालन किया जाता है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि केसरिया से पांच किलोमीटर दूर चकिया मार्ग पर 100 एकड़ क्षेत्र में इस मंदिर का निर्माण होगा। बहुआरा कठवलिया गांव में 200 करोड़ रुपए खर्च कर भूखंड का अधिग्रहण किया गया है। उन्होंने बताया कि विधि-विधान से बनारस से आए पांच और पटना के तीन पुरोहितों ने भूमि पूजन अनुष्ठान संपन्न कराया। इस अवसर पर मंदिर के ट्रस्टी और अन्य सदस्य मौजूद थे।
आचार्य कुणाल ने बताया कि मंदिर की वास्तुकला कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर और तमिलनाडु के मदुरै मंदिर से प्रेरित होगी। प्रस्तावित मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर होगा। इसमें 18 शिखर और 18 गर्भगृह होंगे। 2800 फुट लंबा और 1500 फुट चौड़ा होगा, जबकि इसकी ऊंचाई 270 फुट होगी। इस राम मंदिर का नाम 'विराट रामायण मंदिर' होगा और इसमें राम, सीता, लव-कुश तथा महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
मंदिर के वास्तुविद् पीयूष सोमपुरा हैं। सोमपुरा के अनुसार, मंदिर परियोजना का खर्च करीब 300 करोड़ रुपए है और सात से आठ साल की अवधि में पूरा होगा। मंदिर ट्रस्ट ने पहले विराट रामायण मंदिर का निर्माण वैशाली जिले में करने का निर्णय किया था, लेकिन विवाद के कारण इसका निर्माण अब पूर्वी चंपारण जिले में किया जा रहा है। महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित पटना का महावीर मंदिर दान और भेंट के कारण पूर्वी भारत के सबसे अधिक आय वाले मंदिरों में शुमार है। मंदिर द्वारा कल्याणकारी कार्य के तहत एक चैरिटेबल अस्पताल और स्कूल का संचालन किया जाता है।
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